RE: Hindi Porn Kahani अदला बदली
शिवा के दुकान से निकलके राज और शालू घर जा रहे थे।रास्ते में शालू बोली- पापा आपको रूबी कैसी लगी?
राज- अच्छी है बेटी, बहुत सुंदर और प्यारी है।
शालू- सेक्सी नहीं है?
राज- हाहा तो बदमाशी सूझ रही है?हाँ सेक्सी भी है,तुमने क्यों पूछा?
शालू ने हाथ बढ़ाकेउसके पैंट के ऊपर से लंड को पकड़ा और बोली- क्योंकि ये उसको देखके उछल रहा था।
राज हँसते हुए बोला- हट बदमाश लड़की, क्या तेरा ध्यान पूरे टाइम इसी पर रहता है, और ऐसा बोलते हुए उसकी जाँघों को दबाने लगे,और हाथ को पैंटी तक लेज़ाकर उसकी चूत को दबा दिए।
शालू- आह पापा आप तो रूबी के नाम से ही गरम हो गए।और वो हँसने लगी।
राज-जानती हो तुम पर शिवा फ़िदा हो गया है? वो तुम्हें चोदना चाहता है।
शालू हैरान होकर बोली-ये क्या बोल रहे हो आप? क्या उसने ऐसा बोला?
राज- हाँ उसने साफ़ साफ़ बोला की अगर मैं चाहूँ तो रूबी को चोद सकता हूँ पर बदले में वो तुमको चोदना माँगता है।
शालू- हे भगवान,क्या रूबी इसके लिए राज़ी होगी?
राज- शिवा ने बताया की वो ऐसी अदला बदली का खेल पहले भी खेल चुका है इसलिए रूबी को कोई ऐतराज़ नहीं होगा।
शालू- फिर आप क्या बोले?
राज- मैंने कहा की मैं शालू से बातकरके ही इसका फ़ैसला कर सकता हूँ।मैंने कहा मैं बाद में बताऊँगा।
शालू-ओह मुझे नहीं पता की क्या करना चाहिए, आप ज़्यादा समझते हो इस सब बातों को।
राज- चलो इसको बाद में देखेंगे।देखें आज की निलू की पार्टी कैसी होती है?
शालू-घर चलके इसके बारे में बात करेंगीं।
घर में आके दोनों ने सरिता का बनाया हुआ खाना खाया।सरिता की शाम को छुट्टी कर दी थी क्यूँकि शाम को पार्टी में जाना था।फिर दोनों बैठकर tv देखते हुए बातें करने लगे।राज बोला-आज पार्टी में कितने लोग होंगे वहाँ?
शालू-निलू ने अपनी बिल्डिंग में रहने वाली कुछ लड़कियों को बुलाया है ६ बजे, वो केक काटेगी उसके बाद स्नैक्स वगेरह खाके वो सब चली जाएँगीं और फिर बस हम चार ही रह जाएँगे, और हम तो डिनर भी साथ ही करेंगे।
राज-सरिता बोल रही थी कि तुमने उसको बताया है कि निलू और नेहा के पापा ने अपनी बेटियों की अदला बदली करके चूदाइ की है, क्या ये सच है?
शालू- हाँ। पापा ये सच है।
राज-कहीं आज ऐसा ही कुछ हमारे साथ भी तो नहीं होगा?
उसके बाद शालू कुछ देर चुप रही। फिर बोली-हो सकता है, पापा , अंकल आपको ऐसा पूछेंगे, फिर आप क्या बोलोगे?
राज-देखो बेटी मैं पहले भी कह चुका हूँ कि ये तुमको फ़ैसला करना है की तुम शेखर से चूदवाना चाहती हो या नहीं?
शालू मन में सोचने लगी कि वो तो उनसे चूदना ही चाहती है, वैसे भी दो दिन पहले वो शालू की चूचियाँ और चूत दबा चुके है और शालू उनका लंड चूसके वीर्य भी पी चुकी है सिनमा हॉल में।पर उसने अभी चुप रहना ही बेहतर समझा।वो बोली- चलो जब वो अवसर आएगा तब देखेंगे।फिर अचानक वो उठी, और उसने अपना टॉप उतार दिया , DIR स्कर्ट भी खोल दी, अब वो ब्रा और पैंटी में राज के सामने खड़ी थी।
राज का लंड झटका मारने लगा।फिर उसने अपनी ब्रा भी खोल दी, उसके अनार और गुलाबी आधी बनी निपल्ज़ बड़े ही आकर्षक लग रहे थे। फिर वो झुक कर अपनी पैंटी भी उतार दी, और आकर राज कि गोद में बैठ गयी।उसने अपना मुँह राज के मुँह से जोड़ दिया।और अपनी चूतको राज के पैंट के ऊपर से लंड पर रगड़ने लगी।राज ने उसकी चूचियाँ चूसनी शुरू की और उसके चूतरों को दबाने लगा।फिर जब वी गरम हो गयी, वो उसकी गोद से उतरी और उसकी पैंट का बेल्ट खोलने लगी, राज ने उसको रोका और उसको सोफ़े पर बैठा दिया और उसके सामने बैठ गया।फिर उसकी टाँगें उठाकर फैलाया और उसकी चूत में अपना मुँह डाल दिया।अब वो जीभ से उसकी छेद को चाट भी रहा थाऔर उसके दाने यानी clit को भी छेड़ रहा था।शालू ने जोश मे आकर अपना हाथ उसके सर पर रखा और उसको अपनी चूत में दबाने लगी, और ख़ुद ज़ोर से कमर उछालने लगी।वो उसकी जीभ से चूदवा रही थी और आह आह करे जा रही थी, तभी राज ने उसके निपल्ज़ को उमेठना शुरू किया, अब तो जैसे उसके शरीर में आग लग गयी।वो हाऽऽऽयय्यय पापाऽऽऽऽऽ मर्र्र्र्र्र्र्र्र गायीइइइइइइ कहके झड़ने लगी और राज ने उसकी चूत का स्वाद पानी मज़े से पी लिया।फिर वो थकके वहीं सोफ़े पर लुढ़क गयी। फिर राज उठा एर एक तौलिए से उसकी चूत पोछा और फिर सोफ़ा भी साफ़ किया और शालू का एक गाउन लाया और उसको पहनाकर वो उसको बिस्तर पर लिटा दिया।फिर बाथरूम में जाकर अपने कपड़े उतारकर नहाया और अपने खड़े लंड को ठंडे पानी की धार से शांत किया।दर असल में वो अपना वीर्य शाम की पार्टी के लिए बचाकर रखना चाहता था।उसे निलू को चोदने की प्रबल इच्छा थी, और वो उसके लिए आज अपना माल बचके रखना चाहता था।इसीलिए अभी उसने शालू को नहीं चोदा था। फिर जब वो बिस्तर पर आया तो शालू ने पूछा- पापा आज आपने मुझे चोदा क्यों नहीं? वो बोला- बस बेटी आज तुम्हारी चूत चाटने में ही बहुत मज़ा आया।तुमको मज़ा आया या नहीं? शालू अपने पापा से लिपटते हुए बोली- आप जो भी करते हो उसमें मुझे बहुत मज़ा आता है। फिर दोनों एक दूसरे की बाहों में समा गए और राज उसकी कमर और नितम्बों को सहलाने लगा, और थोड़ी देर में ही दोनों नींद की आग़ोश में समा गए।
राज और शालू सोकर उठे तो ५बज रहे थे।दोनों फ़्रेश हुए राज एक टी शर्ट और डेनिम की जींस पहनकर तय्यार हो गया।शालू ने जो नयी ड्रेस ख़रीदी थी उसको पहनने के लिए निकाली।राज बोला- अरे आज जो लिंगेरी ली हो वो पहन के तो दिखाओ।
शालू हँसती हुई अपने कपड़े उतार के नंगी हो गयी और फिर उसने सेक्सी काली ब्रा और पैंटी पहनी।राज ने सोचा क्या माल दिख रही है उसका लंड कड़ा होने लगा।ब्रा में से उसके आधे दूध दिख रहे थे और पैंटी मेंसे चूत की फाँकें तक नज़र आ रही थी, और पीछे से तो उसने एक पतली सी रस्सी थी जो उसके गोल चूतरों के बीच घुसी हुई थी,और पूरा पिछवाड़ा नंगा था।उसके दूधिया गोरे रंग पर काली लिंगरी गजब ढा रही थी।राज ने आगे बढ़कर उसके नंगे चूतरों को सहलाते हुए दबाने लगा।
शालू मुस्करा के बोली- आप मुझे तय्यार होने दोगे कि नहीं।और ऐसा बोलते हुए उसने राज का लंड दबा दिया।
राज हँसते हुए उसको छोड़ दिया और बोला- चलो तय्यार हो जाओ मैं बाहर हॉल में बैठता हूँ।थोड़ी डेर बाद शालू बाहर आइ तो राज उसे देखता ही रह गया।उसके काली रंग की टॉप पहनी थी, जिसमें उसके आधे अनार दिख रहे थे।उसकी मिनी स्कर्ट से उसकी आधी से ज़्यादा जाँघें दिख रही थीं।उसने ऊँची एड़ी की सैंडल पहनी थी।वो राज को घूम कर दिखाई।राज की आह निकल गयी, उसका पिछवाड़ा बहुत सेक्सी हो गया था,सैंडल के कारण वो बाहर निकल आया था। वो फिर घूमी ,उसका भोला चेहरा,गोरा रंग,लिप्स्टिक से रंगें उसके होंठ और गले में उसकी चेनऔर कानों की सुंदर बालियाँ और पैर में झूमके, उसको बहुत सेक्सी बना रहे थे।उसने सोचा साला शेखर तो आज गया।ख़ैर। एक आह भरके वो बोला-बेबी आज ये तुम्हारा रूप पहली बार देखा,एकदम फ़िल्मी हेरोयन लग रही हो,देखो मेरा तो पूरा खड़ा हो गया।वो बोली- पापा आपका तो हमेशा खड़ा ही रहता है,उसे तो बस खड़े होने का कोई बहाना चाहिए।फिर वो हँसने लगी और राज ने भी उसके चूतरों को हल्के से दबा दिया।फिर वो गिफ़्ट निकाल कर लाई और वो दोनों करे से निलू के घर के लिए चल पड़े।रास्ते में राज ने फिर से पूछा- तो बेटी। क्या सोचा,अगर शेखर बोलेगा तो उससे चूदवओगी? शालू-जब वो बोलेंगें तब देखा जाएगा।शालू मन ही मन जानती थी कि वो तो ख़ुद शेखर से मरवाना चाहती है पर पापा को नहीं बताना चाहती थी अभी से।राज ने सोचा कि नहीं तो बोली नहीं,इसका मतलब उसको दे ही देगी।फिर वो निलू की जवानी की कल्पना करके मस्त होने लगा।
शेखर के फ़्लैट मेंपहुँचके कॉल बेल बजाने पर निलू ने दरवाज़ा खोला।वो शालू को देखते ही उससे लिपट गई।राज ने देखा कि वो भी फूलों वाली एक पतली सी टॉप पहनी थी, जिसमें से उसकी काली ब्रा दिखायी दे रही थी,उसकी मिनी स्कर्ट से उसकी भरी हुई जाँघे बहुत सेक्सी लग रही थी।उसका चेहरा भी गोरा था और लिप्स्टिक से रंगे होंठ बहुत सेक्सी लग रहे थे।फिर राज ने उसकी ओर हाथ बढ़ाया और जन्म दिन की बधाई दी,उसके नरम हाथ का स्पर्श राज को गरम कर गया।
तभी शेखर आ गया और बोला-अरे बेटी पाओं को छू के आशीर्वाद लो अंकल से।निलू झुकी तो उसका आधा दूध राज को दिखा और वहाँ से आँखें हटाने में उसको काफ़ी प्रयास करना पड़ा।फिर उसको कंधों से पकड़कर उठाकर उसको आशीर्वाद दिया,तो शेखर फिर बोला-आप मिस्टर राज ही हो ना?
राज मुस्करा के बोला- जी हाँ शेखर जी। फिर शेखर ने अपनी बाँह फैलाकर राज के गले मिला।और दिर उसकी नज़र शालू पर पड़ी। और उसका मुँह खुला का खुला रह गया।वो बोला-तुम शालू हो ना? आज बहुत सुंदर लग रही हो बेटी।
शालू ने भी झुककर शेखर के पाओं छुए और शेखर भी उसके मस्त दूध देखके मस्त हो गया और उसको उठाकर अपने पास खींचकर उसके गाल पे हाथ फेरके बोला- बहुत प्यारी बच्ची है।राज उसकी हरकत पर मन ही मन मुस्कुराया।फिर वो अंदर पहुँचे।हॉल को बहुत सजाया हुआ था।और कुछ लड़कियाँ आ चुकी थीं।शेखर राज को लेकर डाइनिंग टेबल की कुर्सियों पर बैठा,और शालू और निलू उन लड़कियों के पास चली गयीं।थोड़ी देर में और लड़कियाँ भी आ गयी।और फिर केक काटने का समय आ गया।हॉल में रखी टी टेबल पर रखे केक को निलू ने काटा और सबने उसको बधाइयाँ दीं और तालियाँ बजायीं।फिर शेखर ने निलू को केक खिलाया और उसने भी अपने पापा को खिलाया,और उसके पापा ने अपने से लिपटा के उसके गाल चूम लिए।फिर शालू ने भी निलू को केक खिलाया और उससे लिपट कर बधाई दी।अब राज ने भी निलू को केक दिया और वो भी राज को केक खिलाई और उससे लिपट गई,राज भी उसकी पीठ थपथपाया और उसके ब्रा के स्ट्रैप को छू कर ही ख़ुश हो गया।उसकी मोटी छातियाँ उसके चौड़ी छाती में सट गयी,और वो गुदगुदी से भर गया।फिर वो दोनों वहाँ से हटकर डाइनिंग टेबल पर आ गए।उधर लड़कियों ने धमा चौकड़ी मचानी शुरू कर दी।सिर्फ़ तीन लड़कियाँ ही निलू की उम्र की थीं,बाक़ी सब उससे छोटी थीं।
राज और शेखर आपस में बातें करने लगे।फिर शेखर बोला-वोदका चलेगी?
राज-बच्चों के सामने?
शेखर-अरे मैं लिम्का में डालके लाउँगा।फिर वो जाके दो ग्लास ले आए।अब दोनों पीने लगे और लड़कियों को मस्ती करते देखते रहे।
शेखर-सभी लड़कियाँ जब जवान होने लगती हैं,तो प्यारी लगती हैं ना?
राज-हाँ देखो ना सबकी छातियाँ निम्बू से लेकर संतरों, अनार और आम जैसी हैं।
शेखर पर भी वोदका असर कर रही थी, वो बोला- अरे इनकी जाँघों को देखो, क्या गदराइ हुई हैं।काश,इनपर हाथ फेरने को मिलता।
राज- आह क्या मस्त पिछवाड़ा है इस बेबी का?उसने एक लड़की को दिखाके कहा जो झुक कर एक बॉल खोज रही थी।उसकी पैंटी भी दिख रही थी।शेखर-यार लंड खड़ा हो गया। शराब दोनों को अब बेशर्म बना रही थी।
राज- मेरा भी खड़ा हो गया।
शेखर-देखो यार,अब हम दोनों ही जानते हैं की हम दोनों अपनी बेटियों को बीवी बनाके रखे हैं।हमारी बेटियों ने भी एक दूसरे को ये सब बता ही दिया है।
राज- हाँ यार सही कह रहे हो।पर एक बात बोलूँगा की जीवन में फिर से बहार आ गई है, जब से शालू के साथ करना चालू किया।
शेखर- हाँ यार सही कह रहे हो,जीने का मज़ा तो अब ही आ रहा है। उधर लड़कियों की मस्ती ख़त्म हुई और वो सब खा पीकर अपने घर चली गयीं।फिर राज और शेखर वहाँ से हटकर सोफ़े पर आके बैठ गए।वो दोनों भी आके सामने वाले सोफ़े में बैठ गयीं।निलू बोली-पापा थक गए हम लोग।शेखर बोला-जाओ विस्की ले आओ हमारे लिए और अपने लिए वाइन ले आओ।क्या राज, शालू वाइन पी लेती है या नहीं?
राज-अभी तक तो नहीं पी,क्यों शालू ट्राई करोगी वाइन ?
निलू-मैं ले के आती हूँ पी ही लेगी,फिर शालू को पकड़कर वो किचन में गयी।थोड़ी देर में वो और शालू वाइन और विस्की और स्नैक्स लेकर आ गयीं।
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