RE: Hindi Porn Kahani अदला बदली
शालू और निलू विस्की और वाइन ले के आयीं।राज ने निलू को दो पेग विस्की के बनाने को कहा, जो उसने बड़ी अदा से बनायी फिर वो ग्लास लेके अपने पापा को दी, शेखर ने ग्लास लेते हुए उसकी चूचियों को दबा दिया और राज को देखके आँख मारा।निलू ने बनावटी ग़ुस्सा दिखाया और फिर राज को विस्की दी शेकर बोला- व्हिस्की का नशा ज़्यादा आएगा अगर तुम इसकी चुचि दबाएगा।राज हँसकर उसकी बात को टाल गया।फिर निलू ने दो वाइन का ग्लास बनाया और शालू को भी दिया।शालू ने एक सिप लिया और बुरा सा मुँह बनाया।निलू बोली- अरे एक बार पीले फिर मज़ा आ जाएगा।
अब चारों पीने लगे। थोड़ी देर में दोनों लड़कियाँ मस्त हो गयीं और अपनी टाँगें चढ़ाकेसोफ़े पर अधलेटि सी हो गयीं।ऐसा करने से उनकी स्कर्ट ऊपर चढ़ गयीं और सामने सोफ़े पर बैठे उनके पिताओं को उनकी नंगी गोरी जाँघें और उनकी पैंटी साफ़ दिखने लगी।
शेखर राज को बोला-देखो निलू की लाल पैंटी क्या मस्त दिख रही हैं, जाके चूत कितनी फुली हुई दिख रही है।
राज बोला- उसकी चूत की फाँकें भी साफ़ दिख रही है।राज अपने खड़े लंड को मसलते हुए बोला-यार तुम्हारी बेटी मस्त माल है,तुम बहुत लकी हो।
शेखर बोला-अरे भाई तो टीम भी मज़ा ले लो ना आज उससे, मैंने कहाँ मना किया है।
राज - हाँ यार आज इसको चोदने का बहुत मन कर रहा है।तभी निलू की किसी बात पर हँसते हुए शालू भी अपनी टाँगें फैलाकर हंस रही थी।अब राज बोला- देखो अब शालू भी अपनी काली पैंटी में छुपा ख़ज़ाना दिखा रही है।
शेखर - सही है क्या का कच्चा माल है,उफ़्फ़ क्या चूत के हल्के से उभार हैं यार, ये तो बच्ची लगती है, तुम्हारा लंड ले लेती है? आह क्या मस्त मादक गोरी जाँघें है।फिर शेखर बोला-चलो इनकी जवानी का दीदार करें?
राज- हाँ यार अब रहा नहीं जाता। दोनों के लंड पूरी तरह खड़े थे और पैंट में ज़बरदस्त उभरे दिख रहे थे। फिर शेखर उठकर निलू के पास आया और उसको अपनी गोद मेंखींचकर उसके गाल और होंठ चूसने लगा।फिर उसने राज को बुलाया और इसको निलू के पास बैठने को बोला।फिर उसने निलू की एक छाती दबायी और बोला-देखो राज क्या बड़ी चुचि है, लो तुम भी दबाओ।ऐसा कहकर उसने राज का हाथ पकड़के उसकी चुचिपर रख दिया।
अब निलू की एक चुचि राज और एक शेखर दबा रहा था।शेकर बोला- कैसी लगी हमारी बेबी की चुचि?
राज-आह क्या मस्त बड़ी बड़ी है और कितनी नरम और स्पंजी है,कहते हुए थोड़ा ज़ोर से दबा दिया।
निलू - आह आऽऽह अंकल धीरे से ना।वो दोनों हँसने लगे और उसके एक एक गाल को चूमना शुरू किया।शालू मज़े से हम तीनों को मज़ा लेते देख रही थी।
फिर शेखर ने उसके स्कर्ट को ऊपर किया और उसकी पैंटी को दिखाके बोला-देखो क्या फूलि हुई चूत है और कितनी गरम जवानी है,देखो इसकी पैंटी पूरी गीली हो गई।
राज ने झुककर उसकी पैंटी को ध्यान से देखा और उसका लंड झटका मारने लगा।क्या मस्त दृश्य था।फिर उसने राज को पैंटी पर हाथ फेरने को बोला,और राज ने उसकी पैंटी को सहलाया और उसकी चूत को मुट्ठी से दबाने लगा।अब तो निलू की सिसकियाँ निकल पड़ी।
अब शेखर ने राज को बोला-मज़ा आ रहा है ना?
राज-अरे यार ऐसी मस्तानी चूत देखकर पागल ही हो गया हूँ।उधर शालू की हालत ख़राब होने लगी।
फिर शेखर बोला-यार शालू अकेली बैठी है,उसपर ध्यान नहीं दे रहे हैं हम।
राज मुस्करा के बोला-आजा आओ बेबी, कहते हुए उसको अपनी गोद में बैठने का इशारा किया।शालू उठकर आयी और राज की गोद में बैठ गयी।निलू अभी भी शेखर की गोद में ही बैठी थी।फिर राज ने शालू की चुचि पर शेखर का हाथ रख दिया और बोला-देखो ये अनार कैसे हैं?
शेखर उसकी चुचि को दबाते हुए बोला-आह क्या मस्त चुचि है कितनी कड़ी है और आह अरे ये तो अभी पूरी जवान ही नहीं हुई है।
राज ने उसकी दूसरी चुचि दबानी शुरू की।अब शालू भी मस्ती में आके म्म्न्न्म्म और आह्ह्ह्ह्ह्ह करने लगी।
शेखर-आह इसके निपल्ज़ तो अभी बन रहे हैं,हाय क्या कली है क्या कच्ची जवानी है!
राज- उसके स्कर्ट को उठाके उसकी काली पैंटी को दिखाके बोला-अरे लेकिन पूरा लंड मज़े से ले लेती है,और बडे मज़े से चूदवाती है।
शालू- छी पापा आप अंकल से क्या क्या बोल रहे हो?
शेखर उसकी छाती मसलते हुए बोला-अरे राज ठीक ही तो कह रहा है।जो मज़ा चूदाइ में है वो और किसी चीज़ में कहाँ?फिर उसकी गोद से निलू हट गयी और शेखर झुकके शालू की पैंटी में झाँकने लगा।
राज का हाथ पैंटी से हटाकर अपना हाथ उसकी पैंटी पर रगड़ने लगा।शालू की चूत भी गीली हो रही थी।उसकी चूत निलू से कम फूली हुई थी।फिर शेखर ने उसकी पैंटी में हाथ डालके उसकी चूत को सहलाया और उसने एक ऊँगली डाल दी।फिर उसने ऊपर नीचे अपनी ऊँगली की और उसकी चूत में से ऊँगली निकलके राज को बोला-आह देखो तुम्हारी बेबी भी मस्ती में है।कहते हुए उसने अपनी ऊँगली चूस ली।राज शेखर को अपनी बेटी का रस चूसते हुए देख कर वो बहुत गरम हो गया।
शेखर बोला-आह क्या स्वाद रस है और क्या टाइट चूत है, शालू बेटी मुझसे चूदवाओगी ना?
शालू शर्माकर बोली-जी अंकल,अगर पापा को कोई प्रॉब्लम ना हो तो?
राज-अरे बेटी इसने प्रॉब्लम क्या है,तुम शेखर से मज़ा लो और मैं निलू से मज़ा करूँगा, ठीक है ना निलू?
निलू- जी अंकल।फिर शेखर निलू की पैंटी में हाथ डाला और उसकी चूत में दो ऊँगली डालके बाहर निकाला और एक ऊँगली को चाटा, और दूसरी ऊँगली राज को चाटने को बोला।दोनों उसकी रस की तारीफ़ करने लगे।
अब राज बोला- निलू क्या मस्त स्वाद है तुम्हारी चूत का,आज मुझसे चटवाओगी ना?
निलू- आह अंकल जी ज़रूर।
अब शेखर और राज दोनों को समझ आ गया था की दोनों अपनी जवानियाँ लुटाने को तय्यार हैं,तो उनके लंड पूरे अकड़ गए।अब शेखर बोला- चलो अब तुम दोनों यहाँखड़े हो जाओ और अपने कपड़े उतारो ताकि हम तुम्हारी जवानी को सेक्सी ब्रा पैंटी में देख सकें।
शालू और निलू दोनों खड़ी हो गयीं।पहले निलू ने अपनी टॉप उतार दी और फिर स्कर्ट के चैन को साइड से खोलके उसने स्कर्ट भी उतार दी।अब उसके बड़े बड़े बूब्ज़ ब्रा में से ग़ज़ब ढा रहे थे।और उसकी गीली पैंटी चूत की फाँकों और उभार को साफ़ साफ़ दिखा रही थी।शालू अभी भी हिचक रही थी,फिर उसके पापा ने कहा-देखो निलू ने तो उतार भी दी और तुम अभी सोच ही रही हो,बेबी अगर मज़ा लेना है तो उतार दो ना।शालू ने भी शर्माकर टॉप उतार दी और ब्रा के अंदर से उसके अनार सी ठोस चूचियाँ बहुत सेक्सी दिख रही थीं।अब शालू ने अपनी स्कर्ट भी खोलके उतार दी।और उसका गोरा खिलता यौवन देखकर शेखर तो जैसे दीवाना ही हो गया।उसने अपने पैंट के अंदर हाथ डालके अपना लंड सहलाने लगा।फिर उसने हाथ पकड़कर शालू को अपने पास खिंचा और उसके पेट को और नाभि को चूमते हुए चाटने लगा।शालू सिहर उठी।उधर निलू शालू को देखकर ख़ुश हो रही थी,उसने राज को देखा तो वो उसकी जवानी को ही देख रहा था।
फिर शेखर ने दोनों को बोला-थोड़ा फ़ैशन परेड जैसे चल के दिखाओ ना।
राज- ज़रा गाँड़ मटका मटका के चलना।
निलू अपने चूतरों को मटका के बोली- ऐसे?
राज बोला- हाँ बेबी ऐसे ही मटकाओ।
फिर निलू और शालू ब्रा और पैंटी में अपनी गाँड़ मटका के हॉल में एक सिरे से दूसरे सिरे तक चल के दिखायी।उफ़्फ़्फ क्या हाल हो गया था दोनों मर्दों का।अधनंगी जवानियाँ क्या सेक्सी लग रही थी।जब वो दोनों दो चक्कर लगा लीं,तो राज ने निलू को अपने पास बुलाया और अपनी गोद मेंबैठाके उसके होंठ चूसने लगा।शेखर भी उठा और शालू को अपनी बाहों में दबोच लिया और उसके होंठ चूसते हुए उसके पिछवाड़े को सहलाने और दबाने लगा।फिर उसने शालू की ब्रा की स्ट्रिप खोल दी और उसके ठोस अनारों को दबाने लगा और फिर मुँह में लेकर चूसने लगा।अब शालू मस्त होकर अपने हाथ को पैंट के ऊपर से उसके लंड पर रख दी और उसको दबाने लगी।फिर उसने अपने पापा को देखा, तो वो भी निलू की ब्रा उतार चुका था,और उसके बड़े बड़े छातियों को दबाते हुए उनको चूस रहा था।अब शेखर ने अपना पैंट और क़मीज़ निकाल दिया और अब वो सिर्फ़ अपनी जॉकी में था और उसका लंड आधा उसकी चड्डी में से बाहर आया था।फिर वो शालू की पैंटी भी उतार दिया और शालू को सोफ़े में बैठकर ख़ुद नीचे ज़मीन पर बैठ गया।अब उसका मुँह I चुचि ,पेट और नाभि पर घूम रहा था।फिर उसने उसकी जाँघें चूमते हुए उनको फैला दिया,और उसकी चूत में अपना मुँह डाल दिया और पहले चूमा और फिर जीभ से उसकी चूत को चाटने लगा।शालू की सिसकारियाँ निकलने लगी।वो आऽऽऽह अंकल करने लगी।
उधर राज ने भी निलू की मस्त छातियों को बहुत चूस फिर उसकी पैंटी उतार कर उसको अपनी गोद में ऐसे लिटाया कि वो आधी उसकी गोद में और आधी सोफ़े पर पड़ी थी।अब उसकी जाँघे उसकी गोद में थीं,जिनको वो चाटने लगा, फिर उनको फैलाकर चूत को देखा और फिर उसको चूमते हुए चाटने लगा।अब वो आऽऽहहह उफ़्फ़्फ़्फ चिल्लाने लगी।उधर शेखर ने शालू को उठाकर नीचे ज़मीन पर बैठाया और अपनी चड्डी खोलने को कहा।शालू ने उसकी चड्डी उतारी और अब उसका मोटा लंड उसके सामने ऊपर नीचे हो रहा था।शेखर ने उसके सर को अपने लंड की तरफ़ खिंचा और शालू का मुँह अपने आप खुल गया और उसने लंड के सुपारे को चूम लिया फिर जीभ से पूरे लंड को चाटी।अब वो उसका लंड चूस रही थी,वो सिर्फ़ आधा लंड ही मुँह में ले पा रही थी।अपने सर को ऊपर नीचे करके वो शेखर को पूरा मज़ा दे रही थी।उधर राज ने भी अपना मुँह उसकी चूत से उठाया और उसने भी निलू को नीचे बैठाया और अपना लंड चूसने को बोला।उसकी चड्डी उतारके निलू भी उसके लंड को बड़े प्यार से चूसने लगी।अब दोनों लड़कियाँ अपने बाप के सामने दूसरे का लंड चूस रही थीं।फिर शेखर ने कहा-निलू चलो अब तुम मेरा लंड चूसो और शालू तुम अपने पापा का चूसो।दोनों लड़कियों ने अपनी जगह बदली और अब अपने अपने पापा का चूसने लगीं।
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