Hindi Porn Kahani अदला बदली
10-21-2018, 11:54 AM,
#39
RE: Hindi Porn Kahani अदला बदली
कारमेंवापस जाते हुए मैंने उसका हाथ सहलाना जारी रखा, मैंने उसकी वासना भड़का दी थी, मैं नहीं चाहता था कि वो रास्ते में शांत हो जाए।
मैंने उसकी जाँघों पर हाथ रखा और बोला: बेटी,सच में नज़ीर से मुझे ऐसी उम्मीद नहीं थी कि वो तुम्हारे साथ ज़बरदस्ती करेगा।अगर लड़की ख़ुशी से मज़ा दे तो मज़ा दुगुना हो जाता है,पर ज़बरदस्ती तो करनी ही नहीं चाहिए।
फिर मैंने उसकी जाँघ को सहलाते हुए हल्के से दबाया और हाथ को ऊपर की ओर लेजाने लगा।जब मेरा हाथ उसके चूत के पास पहुँचने वाला था तो उसने मेरा हाथ पकड़ कर रोक लिया।मैंने वहाँ ही दबाना जारी रखा।
मैं फिर बोला: तुम्हारी सास की गाँड़ मैं उसकी मर्ज़ी से मारता था। और मैं ख़ूब सारा lub यानी चिकनाई इस्तेमाल करता था,जिससे उसे दर्द नहीं होता था और वो मज़े से मरवाती थी।
मैं गंदी भाषा का उपयोग उसको गरम करने के लिए कर रहा था और उसका असर भी उसपर पड़ रहा था क्योंकि उसकी साँसे फूलने लगी थीं। उसकी मस्त छातियाँ ऊपर नीचे हो रही थीं।
वो बोली:डैडी,आप इतना गंदा क्यों बोल रहे हो?
मैं बोला:अरे ये तो सचाई है,इसने मज़ा ही मज़ा है ये भी एक सच है।
वो बोली:आजतक मुझसे ऐसी बात कोई नहीं किया है,आप पहले हो जो ऐसी बातें कर रहे हैं।
उसने अपना हाथ अब मेरे हाथ के ऊपर से हटा दिया था।
मैं बोला: अच्छा,तो मैं ही पहला आदमी हूँ जो तुमसे ऐसी मस्त बातें कर रहा हूँ,और अब मैं ही पहला आदमी बनना चाहता हूँ जो तुमको चूदाइ का असली मज़ा दे दे।
ऐसा बोलते हुए मैंने साड़ी के ऊपर से उसकी चूत को पकड़ लिया और दबाने लगा। वो हड़बड़ा गयी,और मेरा हाथ हटाने की कोशिश की और बोली:हाय्य्य्य्य डैडी ये क्या कर रहे हैं? मैं आपकी बहू हूँ।
मैं बोला:तुम्हें जो मज़ा मेरा बेटा नहीं से सका वो मैं देना चाहता हूँ,और मैंने उसकी चूत को दबाना चालू रखा।
वो मेरा हाथ हटाने को बोली,और मैंने हाथ उसकी चूत से हटा लिया।उसने अपनी साड़ी ठीक की,और बोली:डैडी, ये सब अगर नज़ीर को पता चलेगा तो वो मेरी जान ले लेगा।
मैंने हाथ बढ़ाके उसकी एक चुचि अपने पंजे में भर ली और बोला: जब हम दोनों नहीं बताएँगे तो उसे कैसे पता चलेगा?
वो बोली:डैडी, कार चलाइए ध्यान से,और मेरा हाथ हटाके बोली:क्या कर रहें हैं, प्लीज़ मुझे डर लग रहा है। तभी घर आ गया और हम अंदर पहुँचे। अंदर आकर मैंने अपना उतावलापन दिखाते हुए उसको अपनी बाहों में भर लिया,उसने अपने आप को छुड़ाने की कोशिश की तो मैंने उसको छोड़ दिया।
वो बोली:डैडी,ये ग़लत हो जाएगा,मैं नज़ीर को क्या मुँह दिखाऊँगी।
मैं बोला: देखो, मैंने तुम्हें अपनी प्यास बुझाने के लिए अपनी चूत मेंऊँगली करते हुए देखा है,मैं तुम्हें ख़ुश देखना चाहता हूँ, वो ख़ुशी देना चाहता हूँ जो मेरा बेटा नहीं दे सका।
वो शर्मा गयी, और बोली:हाय, आप क्या मेरे कमरे में झाँकते रहते हैं?
मैं हँसके बोला: मेरा तो मन करता है कि हमेशा तुमको ही देखता रहूँ।और इतना प्यार करूँ कि तुम्हारा जीवन ख़ुशियों से भर दूँ।
वो भावुक होकर बोली:डैडी, क्या सच मेंआप मुझे इतना चाहते हैं?
मैं भी बोला: हाँ बेटी,तुम्हें मैं पागलों की तरह चाहता हूँ।
ये कहते हुए मैंने अपनी बाहें फैला दिया और उसकी तरफ़ आशा भरी नज़रों से देखने लगा।वो थोड़ी परेशान दिख रही थी और फ़ैसला नहीं कर पा रही थीकिमेरी बात माने या ना माने।मैंने आख़री तीर मारा और बोला: एक बार मेरी बात मान जाओ और मैं तुम्हारा जीवन ख़ुशियोंसे भर दूँगा! मैं अपने बेटे जैसा वहशी नहीं हूँ,तुमहे बहुत प्यार करूँगा।
और अचानक जैसे उसने फ़ैसला किया और दौड़ के आयी और मेरी बाहों में समा गयी।मेरा हाथ उसकी पीठ पर था,और मेर होंठ उसकी गरदन पर थे और मैंने उसका चुम्बन लेना चालू किया,गले का,फिर गालों का, फिर नाक का, फिर उसके माथे का और आख़िर मेंउसके होंठों का चुम्बन लेने लगा।वो भी मेरा साथ देने लगी,अब मेरे हाथ उसकी पीठ से नीचे आकर उसके मोटे नितम्बों पर आ गए,मैंने उसके नितम्बों को दबाना चालू किया।वो भी मेरी हरकतों से गरम हो गयी थी।फिर मैंने उसके ब्लाउस के बाहर झाँकती हुई छातियोंको चुम्बन लेने लगा। फिर मैंने उसकी छातियाँ ब्लाउस के ऊपर से दबाने लगा।वो अब मस्त होने लगी,उसकी आँखें भारी होने लगी।फिर मैंने उसे गोद में एक बच्ची की तरह उठा लिया और बेडरूम मेंलेज़ाकर बिस्तर पर लिटा दिया।
बिस्तर पर लेती हुई नूरी बहुत सेक्सी दिख रही थी, मेरी छेड़छाड़ से उसके साड़ी का पल्लू एक तरफ़ को हटा हुआ था और उसकी साड़ी आधी खुल गयी थी। ब्लाउस मेंकसे उसके मस्त कबूतर जैसे फड़फड़ा रहे थे बाहर आने को।उसका गोरा पेट बहुत सुंदर दिख रहा था और गहरी नाभि भी ऐसी दिख रही थी, जैसे वो भी लंड लेने को तैयार हो। मैंने उसको देखते हुए अपने कपड़े उतार दिए और सिर्फ़ जाँघिए में आ गया।मेरा लंड पूरा खड़ा था,और उससे बाहर आने के के लिए जैसे तड़प रहा था। नूरी की आँखें मेरे लंड के उभार को देख कर शर्म से झुक गयी।अब मैं उसके बग़ल मेंलेटकर उसको बाहों में लेकर चूमने लगा।वो भी थोड़ी देर बाद मेरा साथ देने लगी और हमारे होंठ जैसे एक दूसरे से चिपक गए थे।मेरा हाथ उसकी पीठ और नितम्बों पर था। फिर मैंने उसके ब्लाउस को खोला,उसने पूरा सहयोग दिया और ब्रा में क़ैद उसकी छातियों को देखकर मैं उनको दबाते हुए चूमने लगा। फिर ब्रा उतारकर मैंने उसकी छातियों का मर्दन करते हुए उनको चूसना शुरू किया।उसके निपल्ज़ बड़े होकर तन गए थे।मैंने उनको मसला और चूस।मैंने क़रीब १५ मिनट तक उसके दूध चूसे।वो भी मेरे सर को दबाकर छातियाँ चूस्वा रही थी,और आह्ह्ह्ह्ह्ह डैडी और हाय्य्य्य्य कर रही थी।
फिर मैंने उसकी आँखों मेंझाँकते हुए पूछा: मज़ा आया बेटी?
वो मस्ती में बोली: हाय डैडी बहुत मज़ा आया, हाय क्या चूसते हैं आप। नज़ीर तो बस चार पाँच बार इनको दबाकर एक दो किस
लेकर डालने के चक्कर मेंपड़ जाते हैं। हाय्यय ऐसा सुख तो पहली बार मिला है डैडी आप बहुत अच्छे हैं।
उसकी साड़ी उतारते हुए मै बोला: अरे ये तो ग़लत बात है, चूदाइ का मज़ा तो फ़ोरप्ले में ही आता है।और फिर मैंने उसका पेटीकोट का नाड़ा भी खोल कर उसकी पेटिकोट भी उतारने लगा।उसने अपनी कमर उठा दी ताकि मेरा काम आसान हो जाए, मैं समझ गया लौड़िया चूदवाने को एकदम तय्यार है।अब मैंने उसके नंगे पेट और नाभि को चूमा और चाटा और फिर उसकी जाँघों को भी सहलाते हुए जीभ से चाटने लगा।अब वो सिसकियाँ लेने लगीं और बोली: आह डैडी क्या कर रहें हैं आप।
मैं बोला: अपनी प्यारी बहू को मज़ा दे रहा हूँ।
वो बोली: हाय इसमें इतना मज़ा है, मुझे तो पता ही नहीं था!
फिर मैंने उसकी पैंटी को सहलाना शुरू किया और उसकी गीली चूत का पानी उसकी पैंटी को भीगा चुका था।मैंने मस्ती से कहा: देखो तुमने सु सु कर दिया है।
वो शर्माके बोली: धत्त, कुछ भी बोल रहे हैं।
फिर मैंने उसकी चूत मेंअपनी नाक रख दी पैंटी के ऊपर से और उसको सूँघने लगा।
वो बोली: छि डैडी क्या सूंघ रहे है गंदी जगह को।
मैं बोला: इसको तुम गंदी जगह बोलती हो? अरे मर्दों के लिए तो ये जन्नत का दरवाज़ा है जिसके अंदर बस मज़ा ही मज़ा है,हे कहते हुए मैंने उसकी पैंटी के इलास्टिक में उँगलिया डालके पैंटी को नीचे खींचना शुरू किया।उसने भी कमर उठाके मेरा साथ दिया, और मेरे आँखों के सामने उसकी मस्त फुद्दी थी,आहक्या मस्त फूली हुई और साफ़ चिकनी फुद्दी थी। मैंने उसपर उँगलियाँ फेरीं और वो कांप उठी। फिर मैंने उसमें अपना मुँह डाल दिया और उसको चूमने लगा। वो फिर बोली: आऽऽऽऽहहह डैडी, वहाँ क्यों चूम रहे हो, वो गंदी जगह है।
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