RE: Hindi Porn Kahani अदला बदली
सुबह ६ बजे नूरी की नींद खुली तो उसने रूबी को भी उठा दिया। बाथरूम से फ़्रेश होकर नूरी बोली की चलो तुमको बाहर सैर करती हूँ। नूरी ने एक टॉपऔर घुटनो तक का लोअर पहना और रूबी ने टॉप और एक छोटू सी स्कर्ट डाल ली। नीरू बोली कि ब्रा पैंटी मत पहनना क्योंकि डैडी यहाँ किसिको ब्रा, पैंटी या चड्डी नहीं पहनने देते।
फिर वो दोनों बाहर घूमने निकल गयीं। फ़ार्म हाउस ऊँची दीवारों से घिरा था, और पेड़ों के बीच में चलने का रास्ता अलग से बना था। बहुत अच्छा लग रहा था दोनों को, और वो बातें करती जा रही थीं।
रूबी: जब नज़ीर आता है, तब तो तुम डैडी से दूर रहती होगी।
नूरी: हाँ यार तब तो बस वोहि मुझे चोदता है, जब वो कहीं अपने यार दोस्तों से मिलने जाता है तो मैंने डैडी से चूदवा लेती हूँ।
रूबी: तू कम से कम नज़ीर से तो चूदवाइ है जो जवान आदमी है, मुझे तो कई बार इच्छा होती है की किसी जवान ख़ूबसूरत मर्द से भी फडवाऊँ अपनी। पर मुझे तो बस ४६+ के अंकल या पापा ही मिलते हैं।
नूरी; क्या तू सच में किसी जवान मर्द से नहीं करवाई अब तक?
रूबी: और क्या बोल रही हूँ, सच में अब तक कोई नहीं मिला।शाप मेंतो कई लोग आते है जिनको देख कर मेरा मन उससे करवाने को करता है, पर पापा की निगाह हमेशा मुझ पर रहती है।
नूरी: अरे मस्त जवान आदमी से चूद वाने का मज़ा बहुत अलग होता है।
रूबी: तू किसी ग़ैर मर्द से करी है क्या?
नूरी: अगर मैं कहूँ हाँ तो तू जाके अपने पापा को बताएगी और वो डैडी को और बस मेरा भांडा फूट जाएगा।
रूबी:पागल समझी है क्या मुझको , मैं पापा को क्यों बताऊँगी भला ? बता ना कौन चोदा तुझे?
नूरी: अरे हैं तीन चार नौजवान, पर अगर तू सच में चूदना चाहती है, तो अभी यहाँ इंतज़ाम कर सकती हूँ।
रूबी हैरान होकर बोली: यहाँ ? कैसे?
नूरी:ये सब छोड़, बोल अभी के अभी यहीं मरवानी है क्या?
रूबी ; हाँ मरवानी है, पर है कौन?
नूरी: है एक जवान मर्द, मैं उससे कई बार मरवा चुकी हूँ।बहुत बढ़िया चोदू है।मस्त मोटा लम्बा लंड है उसका।
रूबी की सांसें तेज़ चलने लगी, वो बोली: हाँ मुझे मंज़ूर है, अगर तू ले चुकी है तो मैं भी ले लूँगी।
नूरी: हाँ एक बात, तू क्लास वग़ैरा में विश्वास तो नहीं करती ना, यानी हैसियत कैसी है बड़ा रइस है या ग़रीब?
रूबी: धत्त मुझे उससे क्या, मैंने कौन सी शादी करनी है, मुझे तो मज़ा लेना है बस।हाँ साफ़ सुथरा होना चाहिए।
नूरी: वो सब है, तो मैं बुलाती हूँ।
फिर उसने सेल से किसी को कॉल किया, और बोली: कहाँ है तू?
फिर बोली: ठीक है मेन गेट मेंताला लगाके उसी जगह पर आ जा अभी के अभी। और उसने फ़ोन काट दिया। फिर वो रूबी को लेकर एक कोने के हिस्से मेंले गयी, वहाँ बहुत घनी झड़ियाँ थीं और उसके बीच एक साफ़ जगह थी।दो मिनट के अंदर किसी के आने की आवाज़ आयी और गेट का चौक़ीदार वहाँ खड़ा था। वो अच्छालम्बा और ताक़तवर जवान मर्द था क़रीब २५ साल का,और गोरा भी था, अच्छे परिवार का लगता था,उसका नाम रमेश था।रूबी ने उसे ऊपर से नीचे तक देखा और उसका ध्यान उसके पैंट के आगे की जगह पर गया जहाँ एक बड़ा सा उभार था, जो कि बता रहा था, कि उसका विशाल लंड पूरी तरह खड़ा है।उसने नूरी को नमस्ते किया और फिर रूबी को देखने लगा।बिना ब्रा के उन दोनों के टॉप से उनके निपल्ज़ तने हुए साफ़ दिख रहे थे।
नूरी: कैसे हो रमेश भय्या?
रमेश: ठीक हूँ जी, आप कैसी हैं,यहाँ तो रात भर ख़ूब मस्ती की होगी आप लोगों ने?
नूरी हँसते हुए बोली: अरे आते ही हैं मस्ती करने तो वही तो करेंगे ना।
अच्छा सुनो, ये रूबी है, ये आज गरम हो रही है,उसको चोद कर ठंडा कर दो।
रूबी उसको एकदम से इस तरह बात करते देखके हैरान रह गई।
रमेश: ज़रूर नूरी भाभी, पर आपका क्या, मुझे तो आप की भी चाहिये।
नूरी हँसकर बोली: अगर इसके बाद कुछ बचेगा तो मुझे दे देना।हाँ रूबी, एक बात और कहनी है, इसका वीर्य बड़ा स्वाद है, ज़रूर पीना।फिर वो रमेश से बोली: पिलाएगा ना हम दोनों को अपना रस?
रमेश: अरे ये भी कोई पूछने की बात है,आप दोनों का पेट भर दूँगा इसके रस से, कहते हुए उसने लंड को दबा दिया।
नूरी रमेश को बोली: चलो अपनी पैंट खोलो, और हमको लंड दर्शन कराओ। रमेश ने अपनी पैंट उतार दी और चड्डी से उसका उभार देखके रूबी मस्त हो गयी। फिर उसने अपनी चड्डी उतारी और अपना ८ इंचि लंड हवा में लहरा दिया।
अब नूरी बोली: चल रूबी अपना टॉप ऊपर कर दे ताकि वो तेरी मोटी चूचियों का मज़ा लेले। रूबी ने अपना टॉप ऊपर करके अपनी छातियाँ नंगी कर दीं,रमेश मस्त हो गया और आके रूबी की चूचियाँ दबाने लगा, और मुँह में लेकर चूसने लगा। नूरी बैठकर उसका लंड चूसने लगी। फिर रमेश ने स्कर्ट के नीचे से हाथ ले जाकर उसकी चूत मुट्ठीमें भर ली। रूबी गरम होकर आह्ह्ह्ह्ह करने लगी, फिर उसने दो उँगलियाँ अंदर कर दी और उसकी चूत पानी छोड़ने लगी।फिर नूरी उठकर बोली: रूबी चलो उस, पेड़ के सहारे खड़े होकर झुक जाओ, रमेश पीछे जाकर डालो अंदर।
रूबी पेड़ के सहारे आगे की ओर झुक गई और रमेश ने उसकी स्कर्ट उठाके पीछे से अपना लंड अंदर एक झटके मेंडाल दिया। रूबी की चीख़ निकल गयी,बोली: अरे धिरेएएएएए करो ना।
रमेश ने आधा लंड बाहर किया और फिर से पूरा लंड अंदर कर दिया।फिर उसने फिर रूबी की चूदाइ चालू की।अब वो भी मस्ती मेंआकर अपने चूतरों को पीछे की ओर दबाकर उसका पूरा लंड अंदर गटक रही थी। रमेश उसकी चूचींया दबाके उसको मस्त कर रहा था।अब उसने चूदाइ की स्पीड बढ़ा दी और रूबी पहली बार एक जवान मर्द से चूदाइ का मज़ा पा रही थी। अब वो मस्ती से चिल्ला रही थी: हाऽऽय्यय क्या मस्त चोद रहा है। आह्ह्ह्ह्ह्ह मजाऽऽ आऽऽऽ राह्ह्ह्ह्ह्ह्ह है। और माऽऽऽर्रेर आऽऽह चोओओओओओओओद्द्द्द्द्द्द्द साऽऽऽऽऽऽलेएएएए अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह फाऽऽऽऽड़ दे मेरीइइइइइ चूत । हाऽऽऽऽऽयय्यय मैन्न्न्न्न्न्न गाइइइइइइइइ ।और वो चूतर हिलाके झड़ने लगी, उसने अपनी जाँघों मेंउसके मोटे लंड को भींच लिया था। वो थोड़ी देर बाद हटा तो देखा की नूरी ने अपना लोअर नीचे कर लिया था और अपनी चुचिदबा रही थी उसका टॉप भी ऊपर था और चूचियाँ नंगी थीं और दूसरा हाथ चूतमेंऊँगली कर रहा था।रमेश उसके पास अपना लंड लहराते हुए उसके पास आया और झुक कर उसकी चुचि दबाते हुए उनको चूसने लगा।फिर उसने उसकी चूतमें ऊँगली डाली और उसको गीला पाकर उसको भी पेड़ के सहारे खड़ा होने को बोला। वो झुक कर खड़ी हुई और रमेश उसके पीछे से उसकी चूतमें लंड डाल दिया और उसको बेरहमी से चोदने लगा। क़रीब २० मिनट की धुआँ धार चूदाइ के बाद वो चिल्लाकर झड़ने लगी। फिर रमेश ने अपना लंड बाहर निकालकर कहा: रूबी जी आप इसको चूसो,और फिर मैं आप दोनों को अपना रस पिलाऊँगा। रूबी ने उसके लंड को चूसना चालू किया। वो जल्दी ही झड़ने के कगार पर आ गया और फिर नूरी भी उसके लंड को साइड से चाटने लगी।अब उसने पानी छोड़ना चालू किया जो सीधे रूबी के गले मेंगया और दिर उसने लंड जो अब भी झड़ रहा था, को निकालकर नूरी के मुँह में डाल दिया और वो उसके कामरस को पीने लगी। थोड़ी देर बाद वो दोनों स्वाद लेकर उसका वीर्य चाट गयीं।फिर सबने साफ़ सफ़ाई की और कपड़े पहन लिए।फिर जाते हुए नूरी ने रमेश को १००० रुपए का एक नोट दिया।
वो ख़ुश होकर चला गया।
रूबी और नूरी बंगलेकी तरफ़ चल पड़ी।
रास्ते में नूरी ने पूछा: तो बताओ जवान मर्द से पहली चूदाइ कैसे लगी?
रबी: अरे यार बहुत मज़ा आया।मुझे तो अन्दाज़ा ही नहीं था की जवान मर्द ऐसी ज़बरदस्त चोदते हैं।
नूरी: ये तो है कि जवान जवान होते हैं और अधेड़ अधेड़।
रूबी: और उसका रस भी कितना स्वाद था, पापा का इतना स्वाद नहीं होता।
नूरी: हाँ डैडी का भी बहुत स्वाद नहीं होता, इसके स्वाद की बात ही कुछ और है।
फिर दोनों घर के अंदर घुसे।वहाँ सब चाय पी रहे थे, जो शालू ने बनाई थी।ये दोनों भी चाय पीने लगीं।
सलमान ने पूछा: सुबह की सैर पर गई थीं क्या तुम दोनों?
नूरी: जी डैडी सैर मेंबड़ा मज़ा आया। क्यों रूबी?
रबी: जी बहुत मस्त सैर थी।
और वो दोनों शरारती अन्दाज़ में मुस्करा दीं।
चाय पीते हुए सलमान बोला:तो नूरी तुम रूबीको ताजी हवा खिला लाई?
नूरी: हाँ सब कुछ ताज़ा खाया हमने। और उसने रमेश के वीर्य को याद करके चटकारा लिया।
फिर सबने पूल में ही नहाने का प्लान बनाया और सबसे पहले राज पूरा नंगा होकर पूल की ओर जाने लगा,उसका लंड और बॉल्ज़ चलते हुए हिल रहा था और लड़कियाँ मुस्करा रही थीं।तभी सलमान और शिवा भी नंगे होकर पूल की ओर चल दिए।उनके लंड भी लटके हुए मस्त लग रहे थे।उनके जाने के बाद लड़कियाँ भी खड़ी हो गयीं और सबने कपड़े उतार दिए और अपने मस्त दूध और चूतरों को मटकाते हुए पूल मेंपहुँची।तीनों मर्द पूल में तैर रहे थे, ये भी पानी में कूद कर तैरने लगीं। थोड़ी देर बाद सब थककर कोने में जहाँ पानी कमथा आकर खड़े हो गए। राज ने हाथ बढ़ाकर नूरी को पास किया और उसके बदन पर हाथ फेरने लगा।नूरी भी उसके मर्दाना शरीर को सहला रही थी।अब राज उसके पेट और कमर को सहलाने लगा और वो उसकी छातीसहला रही थी।फिर उसने हाथ नीचे करके उसके लंड और बॉल्ज़ को सहलाना चालू किया। राज का हाथ भी उसकी नितम्बों पर पहुँचा और वी मज़े से उनको दबाने लगा।तभी कोई राज के कंधों पर झूल गयी।उसने देखा कि वो शालू थी। उसने प्यार से अपनी जवान बेटी के गालों पर हाथ फेरा और उसको चूम लिया।वो बोली: पापा आप मेरी ओर ध्यान ही नहीं देते। वो हँसकर बोला: तुम्हारे दोनों अंकल तुम्हारे इतने दीवाने हैं कि वो तुमको छोड़ते ही नहीं।वो हँसने लगी, और राज ने उसको भी सामने खींचलिया और शालू की एक चुचि अपने मुँह में लेकर चूसने लगा और तभी नूरी ने भी उसकी दूसरी चुचि अपने मुँह में भर ली। शालू की आऽऽह्ह्ह्ह्न निकल गई।फिर नूरी बोली: अंकल आप यहाँ ऊपर दीवार पर बैठो ना। राज समझ गया कि लड़कियाँ मस्ती के मूड मेंहै, वो ऊपर बाहर आ कर पानी मेंपैर लटका कर बैठ गया। उसका लंड पूरा खड़ा था। और फिर शालू और नूरी ने उसके लंड और बॉल्ज़ को बारी बारी से चाटना और चूसना शुरू किया। थोड़ी देर बाद नूरी ने उसकी टाँगे उठाकर उसकी गाँड़ चाटनी शुरू की। राज मस्ती से भरके आऽऽहहह बेबी आहकरने लगा, उसके लंड और गाँड़ दोनों मेंजीभ और होंठ हलचल मचा रहे थे। फिर नूरी ने मस्ती से उसकी गाँड़ में एक ऊँगली डाल दी और उसके लंड और बॉलस पर हमला जारी रखा।शालू भी लंड चूसे जा रही थी। तभी शिवा आया और नूरी की चूत को पीछे से सहलाने लगा। अब वो उसकी चूतमेंअपना लंड डाल दिया और पानी मेंउसको चोदने लगा। राज ने शालू को ऊपर खींचकर अपनी गोद में ऐसे बिठाया कि उसका लंड उसकी चूत में पूरा घुस गया। वो आह्ह्ह्ह्ह पापा आह करके उसके लंड पर अपनी गाँड़ उछालने लगी।उधर नूरी को शीवा चोदे जा रहा था, और वो राज के और शालू के संगम वाली जगह पर जीभ लगाकर राज के लंड और शालू के चूत का रस चाट रही थी।सलमान तैरते हुए वापस आया और रबी जो राज को पानी के बाहर से शालू की चूदाइ देख रही थी, अपनी चूत को लाकर राज के मुँह पर दबा दी। अब राज रूबी की चूतचाटने लगा, सलमान पानी से बाहर आया और रूबी की गाँड़ में ढेर सारा थूक लगाकर उसकी गाँड़ में अपना लंड डाल दिया। सब लोग मस्ती से चूदाइ का मज़ा ले रहे थे।फिर थोड़ी देर बाद राज का लंड शालू की चूतमें झड़ने लगा और शालू भी अअअअअइ करके झड़ गयी, नूरी ने नीचे से उनका रसों का मिश्रण पी लिया। उधर शिवा भी नूरी की चूत में झड़ने लगा साथ ही नूरी भी खलास हो गई।आख़िरी में रूबी भी राज के मुँह मेंझड़ गयी और सलमान ने अपना वीर्य रूबी की गाँड़ में भर दिया।फिर सलमान ने उसको घुमाके शालू के मुँह में सामने कर दिया,और शालू मज़े से रूबी की गाँड़ से निकलता हुआ सलमान का वीर्य चाट गयी। सब तृप्त होकर पानी मेंउतरे और नहाके हॉल मेंइकट्ठा हुए।फिर सबने लड़कियों का बनाया हुआ नाश्ता किया।अब सब कपड़ों मेंथे पर किसी ने भी अंडर गर्मेंट्स नहीं पहने थे।लड़कियाँ वापस किचन में चली गयीं।
राज बोला:यार मज़ा आ गया, हमारी बच्चियाँ अब साली रंडियों को भी मात देतीं हैं चूदवाने में।
शिवा: हाँ यार आज तो मैं शालू को रूबी की गाँड़ से सलमान की मलाई खाते देख कर दंग रह गया।
सलमान: अरे मैं भी नूरी को राज और शालू का रस पिते देखकर हैरान हुआ।सच में हम इनको रंडिबनाने में सफल रहे।
और तीनो हँसने लगे।
फिर राज बोला: यार नूरी को तूने कैसे हासिल किया ये तो बताया ,पर ये नहीं बताया किउसको अपने दोस्तों से चूदनेके लिए तुमने कैसे तय्यार किया?
शिवा: हाँ यार बता ना, क्योंकि जब हम दोनों ने बेटी और बहु बदल कर चूदाइ की थी, नूरी तेरे दो और दोस्तों से भी चूद चुकी थी, ऐसा तूने बताया था।
सलमान: हाँ यार शिवा तेरे से तो हमने बहुत बाद में अदला बदली की, नूरी इसके पहले मेरे दोस्तों से चूदवा चुकी थी।
राज: चल ना यार बता, लड़कियाँ तो बेडरूम मेंTV देख रहीं है।
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आगे की कहानी सलमान की ज़ुबानी:::
नूरी को पहली बार चोदने के बाद मैं बहुत ख़ुश था,मुझे घर में ही मस्त माल मिल गया था, इसलिए मैंने अब ऑफ़िस या इधर उधर मुँह मरना बंद कर दिया था। नूरी भी मेरे साथ अब बीवी की तरह रहती थी, और पूरी तरह चूदाइ का मज़ा लेती थी। मैंने उसकी सभी आसनो में चूदाइ कर ली थी।उसको भी मरवाने का चस्का लग गया था, और वो तीनों छेदों में मज़े से लंड ले लेती थी।जीवन मज़े से कट रहा था कि एक दिन मेरे एक पुराने दोस्त का फ़ोन आया, उसका नाम वीर्य प्रताप सिंह था, वो राज घराने से ताल्लुक़ रखता था, और बहुत पैसे वाला था,और उसके साथ मैंने कई लड़कियों को चोदा था।मैंने उसे वीरू बोलता था।
वीरू फ़ोन पर बोला: अरे यार सलामन कहाँ रहता है, आजकल? कितनी दिनों से हम दोनों ने लौंडिया नहीं चोदी।
मैं: यार आजकल काम बहुत रहता है, समय ही नहीं मिलता। मैं उसे ये नहीं बताना चाहता था कि मेरा काम तो अब घर में ही बन जा रहा है, बाहर क्यों जाऊँ?
वीरू: अरे यार मिल ना, कुछ प्रोग्राम बनाते है, बहुत दिन हो गए, हमने साथ मेंलौड़िया नहीं चोदी।
फिर उसके कहने पर हम दोनों एक रेस्तराँ में मिले और चाय पीते हुए बात करने लगे।
मैंने पूछा: घर में सब ठीक है?
वीरू: कहाँ यार, मेरी बहन और जिजे की ऐक्सिडेंट मेंमौत हो गयी, उनकी बिचारि एक ही बच्ची है। अब उसकी देखभाल मुझे और तेरी भाभी को ही करनी है,हमारा इकलौता बेटा तो अमेरिका मेंपढ़ रहा है।
मैं: ओह कितनी पुरानी बात है ये ऐक्सिडेंट वाली?
वीरू: अरे क़रीब ६ महीने हो गए, अब मधु संभाल ली है अपने आप को। पर उसको देख कर दुःख होता है।
मैं: क्या उम्र होगी उसकी ?
वीरू: क़रीब १८ की होगी,१२ थ में पढ़ती है। बड़ी प्यारी बच्ची है।
उसकी उम्र का सुनके मेरा लंड झटका दिया।
मैं: ओह तो भाभी तो उसका बहुत ख़याल रखती होगी?
वीरू: अरे कहाँ उसको तो किटी पार्टी से फ़ुर्सत ही नहीं रहती,उसको तो राजू ही सम्भालता है, वो हमारा अधेड़ नौकर।
मैं चौंक गया , मुझे इसका नौकर राजू कभी अच्छा नहीं लगा। वो औरतों को हमेशा बुरी नज़र से देखता था। और १८ साल की बच्ची का तो वो क्या हाल बनाएगा मैं ये सोचकर बेचैन हो गया।
मैं बोला: यार वो राजू अच्छा आदमी नहीं है, तूने इसके भरोसे मधु को छोड़ कर ठीक नहीं किया। तू ऐसा कर आज अचानक घर पहुँचकर चेक कर किसब ठीक है या नहीं।
वीरू हैरानी से बोला: यार क्या बोलता है, मुझे नहीं लगता है की वो ऐसी हिम्मत करेगा, पर तू बोल रहा है, तो चेक करना ही चाहिए।
मैं: अच्छा वो स्कूल से कितने बजे घर आती है?
वीरू: कोई १:३० बजे।
मैं बोला: और तू घर कितने बजे जाता है?
वीरू: ६ बजे शाम को और तेरी भाभी भी क़रीब उसी समय आती है।
मैं: अभी २ बजे हैं,राजू और मधु घर में अकेले हैं।तू अभी जा और देख सब ठीक है ना? कहीं वो उस बच्ची के साथ कुछ बुरा ना कर दे?
वीरू: यार तू भी चल ना, मेरे पास एक एक्स्ट्रा चाबी है, चल ना यार प्लीज़।
मैं राज़ी हो गया और हम दोनों उसके घर पहुँचे। हमने कार दूर खड़ी की और पैदल ही उसके घर पहुँचे , उसने चुपके से दरवाज़े का ताला खोला और हम अंदर पहुँचे। हाल मेंकोई नहीं था,फिर अचानक एक कमरे से कुछ सिसकियाँ की आवाज़ आयी। हम उस कमरे की तरफ़ बढ़े और हमने एक खिड़की का पर्दा हटाके अंदर झाँका, और हमारे होश उड़ गए।अंदर राजू कमर के नीचे नंगा था और उसकी गोद में मधु उलटी लेती हुई थी, उसकी स्कर्ट ऊपर उठी थी और वो कमर के नीचे नंगी थी , और वो उसके चूतरों पर ज़ोर ज़ोर से थप्पड़ मार रहा था, और उसकी गोरे चूतरों पर उसकी उँगलियोंमें लाल निशान साफ़ नज़र आ रहे थे, फिर उसने उसकी गाँड़ में एक ऊँगली सुखी ही घुसेड़ दी और वो बच्ची चीख़ उठी, तो वो चिल्लाया: बोल हरामज़ादि मेरा लंड चूसेगी कि नहीं? मधु बस रोए जा रही थी। फिर हम दोनों अंदर घुसे, हमें देखकर वी घबरा गया और भागने की कोशिश की पर वीरू ने उसे पकड़ लिया और हाल में लेज़ाकर उसकी पिटायी चालू कर दिया।मैंने देखा मधु बिस्तर पर लेटकर सिसकियाँ भर के रो रही थी।मैंने उसके आँसू पोंछे और प्यार से उसके नर्म गालों पर हाथ फेरा और बोला: बेटी क्या बहुत दर्द हो रहा है।
वो बोली: जी अंकल बहुत दुःख रहा है। तभी वीरू अंदर आया तो मैंने मधु को पेट के बल लेटने को कहा, वो उलटा लेट गयी, फिर मैंने वीरू के सामने उसकी स्कर्ट ऊपर की और उसके गोरे गोल चूतरों पर लाल निशान देखे। मैं वीरू से बोला: ज़रा कोल्ड क्रीम लाओ, उससे इसको आराम मिलेगा। वो क्रीम लाके मुझे दिया, तो मैंने उसके चूतरों पर हल्के से क्रीम लगानी शुरू की,वो आह कर रही थी। मैं बोला: बेटी, अभी अच्छा लगेगा। फिर मैंने उसके चूतरों को फैलाया और उसकी गाँड़ की जाँच की, वहाँ ख़ून की बूँदें थी, मैं बोला: देखो, उस कमीने ने कितनी बुरी तरह से इसकी गाँड़ में ऊँगली डालके कितना दर्द दिया है हमारी बच्ची को।तुमने उस कमीने को अच्छी तरह से मारा या नहीं?
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