RE: Hindi Porn Kahani अदला बदली
वो मुसकुराता हुआ उसके गाल चूम लिया और फिर उसके होंठ चूसने लगा, कविता हैरान होकर देख रही थी की मामा भांजी क्या कर रहे हैं! तभी वीरू ने उसकी एक चुचि दबाने लगा। वो मज़े से दबवा रही थी, फिर उसके जाँघ पर भी वो हाथ फेरा, और वो सी सी कर उठी। ये देखकर प्यासी कविता की छातियाँ भी उठने बैठने लगी। वीरू ने जब देखा कि कविता भी मस्त हो रही है, तो उसने मधु को कहा कि बेटी तुम कुर्सी पर बैठ जाओ, और कविता को यहाँ बैठने दो।मधु और कविता ने जगह बदल ली और वीरू ने कविता के होंठों को चूमना चालू किया, एक मिनट के लिए झिझकने के बाद उस भरपूर जवान लड़की ने भी वीरू का साथ देना शुरू कर दिया। मधु आँखें फाड़कर इस तरह का चुम्बन देख रही थी, ऐसा लग रहा था कि दोनों एक दूसरे को चूस डालेंगे। मधु की चूतएकदम से गीली हो गई।उधर वीरू के हाथ अब कविता की ३८ साइज़ की बड़ी चुचि तक पहुँच गए थे और वो उसको मस्ती से दबा रहा था। फिर उसने कविता के कान में बोला: बेटी लंड सहलाओ ना।
कविता ने अपने हाथ उसके पैंट के ऊपर से लंड पर रखा और दबाने लगी और बोली: हाय्य्य्य्य मामाजी ये तो बहुत बड़ा है।
वीरू: बड़ा है तभी तो तुमको बड़ा मज़ा देगा, बोलो चूदवाओगी ?
कविता: आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह इसको कौन मना कर सकता है मामाजी, ये इतना मस्त है, और उसके लंड को ज़ोर से दबाने लगी।
वीरू बोला: तुम अपनी शॉप में फ़ोन करके आधे दिन की छुट्टी ले लो, फिर हम घर चलते हैं खाना खाकर और वहाँ फिर मज़ा लेंगे।क्यों मधु ठीक है ना?
वो बोली: जी जैसा आप कहें!
फिर कविता ने छुट्टी ले ली और वाइन लेकरनऔर खाने के बाद वो तीनों घर के लिए निकल पड़े।तीनों को वाइन का और चूदाइ का सुरुर था,और दोनों लड़कियों की चूतगीली हो रही थी और वीरू का लंड एकदम अकड़ गया था।
घर पहुँचकर वो तीनों सोफ़े पर बैठे।मधु ने पानी पिलाया। फिर कविता बाथरूम चली गईऔर वीरू ने मधु को गोद में बिठाकर उसको चूमने लगा।वह भी मस्ती मेंआकर उसके चुम्बन का जवाब वैसे ही देने लगी जैसे उसने कविता को देते देखा था। वीरू को लगा की वो झड़ ना जाए, उसने इस छोटी सी लड़की से इस तरह का सेक्सी रेस्पॉन्स का नहीं सोचा था।कविता बाथरूमसे आकर उनके बग़ल मेंबैठ गई और हाथ बढ़ाकर मधु की चुचि दबाने लगी। और वक हाथ वीरू के लंड पर रखकर दबाने लगी।फिर वीरू ने मधु का टॉप उतार दिया और ब्रा के ऊपर से उसकी चुचि को चूमने लगा।कविता ने उसकी ब्रा का स्ट्रैप खोल दिया और उसके संतरों के आकर के सख़्त दूध उनके सामने थे। अब एक एक दूध दोनों दबाने लगे, फिर दोनों ने एक एक दूध मुँह में ले लिया और चूसने लगे।अब मधु को सिसकारियाँ भरने लगी और आह्ह्ह्ह्ह्ह करने लगी। फिर वीरू ने कविता की भी टॉप उतार दी, और उसकी बड़ी चूचियाँ देखकर वो मस्त हो गया।अब वो उसकी चुचिभी दबाने लगा और कविता को अपनी ब्रा खोलने को बोला और वो ब्रा खोल कर अपनी बड़ी बड़ी चूचियाँ उनके सामने कर दीं। अब मामा भांजी उसकी छातियोंपर टूट पड़े,दोनों एक एक चुचि मुँह मेंलेकर चूसने लगे।अब तीनों गरम हो चुके थे।वीरू बोला: तुम दोनों वो लिंगरीपहन कर दिखाओ जो आज ली है।वो दोनों हँसते हुए अपने दूध हिलाते हुए बेडरूम में चली गईं और थोड़ी देर में सेक्सी लिंगरी मेंबाहर आयीं। उनको देखकर वीरू को लगा कि दो रंडिया आ गयीं है, ऐसी सेक्सी लग रही थी दोनों, उन्होंने अंदर के कपड़े भी उतार दिए थे, उनकी छातियों के निपल्ज़ और चूत का भाग साफ़ साफ़ दिख रहा था।फिर उसके कहने पर वी अपने चूतरोंको मटका कर चल के दिखायीं। पक्की रंडिया लग रही थीं, उनके मटकते गाँड़ को देखकर वो बहुत उत्तेजित हो गया। और खड़ा होकर अपनी टी शर्ट और पैंट उतार दिया, अब उसका लंड उसकी जॉकी में बाहर आने को मरा जा रहा था। अब दोनों लड़कियाँ आकर उसके पास आकर उसको सोफ़े मेंबिठा दीं और उसकी जाँघों को सहलाते हुए उसकी चड्डी को चाटने लगीं। मधु तो कविता की नक़ल करे जा रही थी।कविता ने चड्डी चाटने के बाद उसकी इलास्टिक मेंऊँगली डालकर उसकी चड्डी को नीचे किया और हाथ से लंड को मोड़कर चड्डी उतार दी।उसका मोटा बड़ा सा लंड देखकर उसकी आँखें फटी रह गयी और वो बोली: बाप रे कितना बड़ा है मामाजी आपका? इसको मधु कैसे ले लेती है?
वीरू: अरे अब तक इसने एक बार ही लिया है, आज दूसरी बार लेगी।
अब कविता उसके बड़े बड़े लटके हुए बॉल्ज़ को चूसने और चाटने लगी, और मधु भी लंड के टोपे को चाट रही थी। फिर दोनों ने उसके लंड को एक साथ चाटना और चूसना शुरू किया। वीरू की तो मज़े से हालत ख़राब हो रही थी।फिर अचानक कविता ने उसकी जाँघें उठकर ऊपर किया और अपनी जीभ उसकी गाँड़ में डाल दी और वीरू को लगा की वो अभी ही झड़ जाएगा। वो आह्ह्ह्ह्ह करके चिल्लाया और उसी समय खड़ा हो गया और लड़कियों को बेडरूम में ले गया। वहाँ दोनों की लिंगरी उतारकर उनको नंगी करके लिटा दिया। अब वो उनके ऊपर आकर उनकी छातियाँ चूसने लगा और दबाने भी लगा। कविता की बड़े आम जैसी और मधु की संतरे जैसी छातियाँउसको मस्त कर रही थीं। अब वो नीचे आकर कविता की चूतमें मुँह डालकर उसको चाटने और चूसने लगा।इधर मधु भी उठकर उसका लंड चूस रही थी। फिर उसने कविता ओर चढ़कर उसकी चूत मेंअपना लंड एक ही धक्के में आधा घुसेड़ दिया। वो चीख़ उठी: हाह्य्ह्ह्ह्ह मरीइइइइइइइइ , पर उसने फिर एक धक्का मारा और पूरा लंड उसके अंदर कर दिया।अब कविता की छातियाँ मधु और वीरू के मुँह मेंथीं और वो मज़े से आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह करके बोली: हाय्य्य्य्य्य मामाजी चोदीये ना हाय्य्य्य्य मर जाऊँगी आऽऽऽऽऽह फट गायीइइइइइ मेरीइइइइ चूत।
अब वीरू भी मस्ती से उसको चोदनेलगा, और उसने मधु को कहा किबेटी तुम इसके मुँह में अपनी चूतऐसे रख दो जैसे इसके मुँह मेंपेशाब कर रही हो , जब वो ऐसे बैठ गयी तो कविता जीभ से उसकी चूतचोदने लगी।अब तीनों मज़े मेंथे। अब कविता मधू की चूत चूसते हुए अपने चूतरों को उछालकर चूद वा रही थी।हर धक्के पर उसकी आह निकल जाती थी। अब वीरू ने धक्कों की स्पीड बाधा दी और वो हाय्ययुउउउउ मैंगाइइइइइइइइ कहकर झड़ने लगी। उसके झड़ने के बाद वीरू ने अपना लंड निकाला और फिर मधु को लिटाकर उसकी गीली चूतमेंपेल दिया। मधु तो पहले से उत्तेजित थी अब वो मामा की चूदाइ से और मस्त हो कर जल्दी ही झड़ने लगी, और कुछ धक्कों के साथ वीरू भी झड़ गया एर उसने अपना लंड बाहर निकालकर कविता के मुँह की तरफ़ किया और कविता ने मुँह खोल दिया, और उसका वीर्य कविता के मुँह में जाने लगा और वो उसको चाट कर पीने लगी। फिर उसने मधु की तरफ़ अपनी पिचकारी की और कविता की नक़ल करते हुए उसने भी अपना मुँह खोल दिया और उसका वीर्य पीने लगी।उसे स्वाद अजीब सा लगा पर वो मुँह बिगाड़कर पी ही गईं।अपने लंड की आख़री बूँदें उसने कविता की छातियों पर गिरा दी, जिसे उसने अपनी ऊँगली से लेकर चाट लिया और मधु को भी चटा दिया।फिर वो बाथरूम मेंजाकर फ़्रेश होकर आया और लड़कियाँभी फ़्रेश होकर आयीं। अब सबने कपड़े पहने और मधु चाय बना लाई। वीरू ने पूछा: आज भी दुखा?
वो हँसके बोली: आज तो बस मज़ा आया मामाजी।
वीरू ने उसको गोद मेंबैठकर चूम लिया और स्कर्ट के ऊपर से उसकी जाँघें सहलाने लगा। फिर उसने कविता को पूछा: मज़ा आया?
वो भी बोली: बहुत मज़ा आया मामाजी। बहुत दिनों के बाद ऐसी मस्त चूदाइ हुई है।
वो हँसते हुए पूछा: अब तक कितने लंड खा चुकी हो तुम?
वो शर्माकर बोली: छी कैसी बातें करते हैं आप?
वो बोला: अरे मेरा मतलब है कि अब तक कितनो से चूदवाइ हो?
वो बोली: पति के अलावा ४/५ बस।
वो मुस्करा कर बोला: कौन हैं ये लोग, नाम मत बताओ पर कहाँ के हैं और जवान हैं या मेरे जैसे अधेड़?
वो बोली: आप भी पीछे पड़ गए हो। मेरे पति के दोस्त हैं दो जवान आदमी। और एक मेरा बॉस है जो कभी कभी मुझे पकड़ लेता है, वो आपकी उम्र का है।और एक है, उसके बारे में मत पूछिए।
वी बोला: अरे बताओ ना एक और कौन है? जब हम मामा भांजी लगे हुएँ हैं तो कोई भी हो क्या फ़र्क़ पड़ता है?
वो बोली: जी मेरे ससुर वो तो आपसे भी ज़्यादा उम्र के हैं।
वो बोला: ओह तभी शर्मा रही थी।एक बात बताओ जब घर में ही ससुर है चोदने के लिए, तो फिर बाहर क्यों चूदवा रही हो?
वो बोली: ससुर जी का लंड अब उतना टाइट नहीं होता, और वो ज़्यादा काम जीभ से ही करते हैं, उनका लंड भी बड़ा नहीं है, मुझे तो आपके जैसे बड़ा लंड पसंद है। इसलिए जब कुछ नहीं मिलता तो ससुरजी से चूस्वा लेती हूँ और वो बाद में थोड़ा बहुत चोदभी देते हैं।पर इनके दोनों दोस्त मस्त चूदाँइ करते हैं, वो दोनों एक साथ भी चोदते हैं।
वो बोला: इसका मतलब गाँड़ मेंभी लेती हो?
वो बोली: हाँ पर आपका इतना बड़ा नहीं ले सकती।
वो हँसते हुए बोला: अरे एक दो दिन में मधु की मैं गाँड़ मारने वाला हूँ, बेटी तुम्हारी गाँड़ का दर्द ठीक हुआ या नहीं?
मधु बोली: जी मामाजी अब ठीक है।
फिर वो कविता से बोला: चलो फिर कभी जी भर के चोदेंगे तुमको, अपने फ़ार्म हाउस मेंकिसी इतवार को, ठीक है?
कविता बोली: जी मामाजी ठीक है।
फिर वीरू ने उसको ५०००₹ दिए और बोला: बेटी ये रख लो जेब ख़र्च तुम्हारे काम आएँगे। वो ख़ुश होकर रख ली, और फिर दोनों को चूमकर चली गईं। उसके जाने के बाद वीरू ने मधु को अपनी गोद में उलटा लिटाया और उसकी स्कर्ट ऊपर किया और पैंटी नीचे कर उसके चूतरोंको फैलाकर उसकी गाँड़ के छेद की जाँच किया। वो ख़ुश होकर बोला: बेटी ये तो अब बिलकुल ठीक हो गई है। फिर क्रीम लेकर उसने एक ऊँगली को अंदर बाहर करके उसके गाँड़ के छल्ले को ढीला करना चालू किया। वो क़रीब १५ मिनट तक क्रीम लगाकर उसकी गाँड़ मेंऊँगली करता रहा।अब मधु गरम हो गई थी, तो उसने उसकी चूतकी मालिश कर दी और उसकी चूतका पानी गिरा दिया।
फिर वो बोला: बेटी रात को भी मौक़ा निकालकर मैं तुम्हारी गाँड़ को ढीला करूँगा ताकि कल तुम्हारी गाँड़ मार सकूँ।
क़रीब ७ बजे उसकी बीवी शीना घर आइ, तब मधु होम वर्क कर रही थी। वीरू अपने काम मेंव्यस्त था। फिर सबने खाना खाया जो उसने होटेल से मँगवाया था।शीना ने बताया किनई नौकरानी कल से आएगी, उसका फ़ोन आया था। खाना खा कर वो सब TV देख रहे थे, तभी शीना का फ़ोन बजा,वो फ़ोन सुनकर परेशान हो गई और बाद मेंवीरू को बोली: मुझे अभी मुंबई जाना होगा क्योंकि मेरे पापा को हार्ट अटैक आया है। वीरू ने उसी समय एजेंट से बातकरके उसकी हवाई जहाज़ की टिकटकराया और उसको एयर पोर्ट छोड़कर वो रात के १२ बजे वापस आया और सीधे मधु के कमरे मेंपहुँचा। वह उसकी नयी पारदर्शी नाईटी पहन कर करवट में सो रही थी।उसनेउसके चूतरको छूते हुए सहलाया और उसने समझलिया कि उसने पैंटी नहीं पहनी थी। फिर उसने उसकी छातीको छुआ और पाया की वह बिना ब्रा के ही थी। अब वो ख़ुश होकर उसकी बग़ल में लेट गया। अब वो उसको चूमने लगा, तभी मधु की नींद टूटी और उसने आँखें खोली और सामने मामा को देखकर वो बहुत ख़ुश होकर उससे लिपट गई और उसको चूमने लगी। अब वीरू ने उसकी चुचिमसलते हुए पूछा: क्या बात है, आज ब्रा पैंटी नहीं पहनी और ये सेक्सी लिंगरी पहनी हो?
वो बोली: मैं तो आपके लिए तय्यार हुई थी और आपका रास्ता देखते हुए सो गई।
वीरू ने उसको चूमते हुए उसकी नाँयटी उठाकर उसकी नितम्बों पर हाथ फेरा और उसकी गाँड़ की दरार और चूतमेंहाथ डाल दिया। वो मस्ती से हाऽऽय्यय कर उठी। फिर उसने उसकी नाँयटी उतार दी और उसके नंगे बदन मो बहुत देर तक चूमता चाटता रहा। फिर वो बोला: बेटी चलो अब मुझे भी नंगा करो।
वो मुस्कारके उसकी क़मीज़ के बटन खोली और उसकी क़मीज़ उतार दी और उसकी बलिष्ठ छाती पर हाथ फेरकर उसके निप्पल्स को अंगूठे और ऊँगली मेंलेकर मसल दी। फिर उसने उसकी बेल्ट खोला और पैंट की जीप खोलकर पैंट भी उतार दी। अब चड्डी में उसका फूला हुआ लंड आकर्षक लग रहा था। उसने उसके लंड को चड्डी के ऊपर से ही चूमना चालू कर दिया और फिर अंदर हाथ डालकर लंड को मोड़कर चड्डी से बाहर किया और उसको सहलाते हुए चूमने लगी। फिर उसके सुपाडे को चाटने लगी।अपनी जीभ से उसके लंड के छेद को छेड़ने लगी।फिर वो मस्ती से उसका लंड चूसने लगी। वो बिस्तर पर पड़ा हुआ अपना लंड चूस्वा रहा था। फिर उसने उसको ६९ की पोज़ में आने को बोला जो उसकी समझ में नहीं आया।तब वो उसको समझाया और वो अपनी चूत उसके मुँह पर रखा और ख़ुद उसके लंड को फिर से चूसने लगी।उधर वीरू भी उसकी चूत चाटने लगा।फिर वीरू ने उसको सीधा लिटाया और उसके ऊपर आके उसकी छातियाँ चूसते हुए उसकी चूतमें अपना लंड पेल दिया और उसकी चूदाइकरने लगा।दस मिनट तक चोदनेके बाद उसने उसको उलटालिटाके उसके चूतरों को ऊपर उठाया और उसकी गाँड़ मैं ऊँगली डाला थूक लगाके।फिर वो उसकी चूतमेंलंड डालके उसकी ज़बरदस्त चूदाइ करने लगा और साथ ही एक ऊँगली भी गाँड़ मेंअंदर बाहर करने लगा।थोड़ी देर में वो उसकी छातियाँ दबाके ज़ोर ज़ोर से धक्का मारने लगा। फिर दोनों हाय्य्य्य्य्य करके झड़ने लगे।
फिर दोनों एक दूसरे से लिपटके सो गए।
अगले दिन वो सुबह स्कूल चली गई और तब एक नौकरानी घर पर आ गई उसकी उम्र क़रीब ४० साल की थी, वीरू ने उसको सब काम समझा दिया और उसका रहने का कमरा जो बाहर की तरफ़ था उसको दिखा दिया !फिर वो काम पर चला गया।दोपहर को जब मधु वापस आइ तो उसने एक नई नौकरानी को घर पर पाया और उसने खाना खाकर थोड़ा आराम किया। फिर अपना होम वर्क किया और सो गई। शाम को वीरू वापस आया और उन्होंने चाय पी और फिर वो एक कमरे मेंघुस गए,नौकरानी किचन में खाना बना रही थी। कमरा बंद करके वो मधु को पकड़ लिया और चूमने लगा। उसके होंठ चूसते हुए उसने मधु के शरीर पर हाथ फेरने लगा। उसके पीठ से होते हुए उसके गोल गोल चूतरों पर हाथ रखकर दबाने लगा।और फिर उसने उसकी स्कर्ट उठकर उसकी पैंटी के ऊपर से चूतरों को दबाने लगा। फिर हाथ को उसकी पैंटी के अंदर डालकर उसने उसकी गाँड़ की दरार में हाथ डालकर उसकी गाँड़ के छेद मेंऊँगली डालकर ऊपर से सहलाना शुरू किया।अब वो भी मस्ती से भरकर उसके लंड को दबाने लगी। फिर वीरू ने उसको नंगी करना चालू किया और उसकी टॉप और ब्रा खोलकर उसकी चुचि दबाके चूसने लगा। वो मस्त होकर सिसकारियाँ भरते हुए बोली: आह्ह्ह्ह्ह्ह मामाजी बहुत अच्छा लग रहा है,इइइइइइइइ म्म्म्म्म्म्म।
वो बोला: अभी तो बहुत अच्छा लगेगा जब हम तुमको मस्त कर देंगे चूतचाटके । अब उसने उसको नीचे से भी नंगा कर दिया।अब वो उसकी जाँघे फैलाए और उसकी मस्तानी चूत को एकटक देखते रहे, थोड़ी सी फूली हुई एकदम चिकनी मक्खन सी बीच से एक लकीर उसको दो भागों में बाट रही थी। उसने पूरी चूतपर हाथ फेरा और बाद में उसकी चूत की फ़ाकों को खोला और अंदर की गुलाबी झलक देखकर मस्त हो गया।अब वो अपने कपड़े खोलकर पूरा नंगा हो गया।उसका लंड अकड़कर ऊपर नीचे हो रहा था।मधु एकदम से बिस्तर से उठी, और उसके लंड को पकड़कर दबाते हुए उसको चूम ली और फिर पूरी ताक़त से चाटने लगी।लंड चूस्वाते हुए वीरू मस्त होकर उसकी चूचियाँ दबाने लगा। फिर वो उसको लिटाकर बिस्तर ओर उसके ऊपर आ गया और उसकी छाती चूसने लगा। अब फिर से मधु की आह निकलने लगी।अब वो नीचे आकर उसकी चूत को चूमने लगा और फिर उसकी फाँकों को फैलाकर उसकी गुलाबी छेद को जीभ से चोदनेलगा। अब तो मघु की हालत बहुत ख़राब हो गई थी,और वो अपनी कमर उछालकर चिल्लाने लगी: हाय्य्य्य्य् मामाआऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽ
मर्र्र्र्र्र गाइइइइइ और ऐसा चिल्लाते हुए ज़ोर ज़ोर से कमर हिलाने लगी।अब उसने उसको पेट के बल लिटाया और उसकी गाँड़ के अंदर क्रीम लगाया और एक ऊँगली गाँड़ के अंदर बाहर करने लगा। फ़ोर उसने और क्रीम लगाके अब दो ऊँगली डाल कर उँगलियों से गाँड़ चोदन करने लगा।उसका दूसरा हाथ उसकी चूतके दाने को मसल रहा था। अब मधु अपनी गाँड़ हिलाकर चूतऔर गाँड़ मेंहो रहे डबल धमाल का मज़ा लेने लगी।फिर वीरू बोला:बेटी, मज़ा आ रहा है?
वो बोली: हाय्य्य्य्य मामा जीइइइइइइइ क़याऽऽऽ पूछ रहे हैं आऽऽहहह मस्त लग रहा है।और वो कमर हिलाने लगी।
वीरू: बेटी, आज गाँड़ मारने का बड़ा मन है, बोलो मरवाओगी?
मधु: हाऽऽयय्यय मामा जीइइइइइओओ आप्प्प्प्प्प भी ना, आपका इतना बड़ा मेरी छोटे से छेद मैंने कैसे जाएगा? मेरी फट जाएगी?
वीरू बोला: अरे बेटी मेरा क्या इतना बड़ा?
मधु: आह्ह्ह्ह्ह्ह मामा जीइइइइइइइ आपका वो मतलब लंड और क्या?
वीरू: आह्ह्ह्ह्ह बेटी जब तुम लंड बोलती हो ना तो कान में सीटी बजती है। और वो मज़े से उसकी चूतऔर गाँड़ के मज़े ले रहा था।
वीरू फिर बोला: बेटी, बहुत धीरे से और प्यार से मरूँगा तेरी गाँड़। बोल मरवाएगी?
मधु: जी अच्छा, जो आपका दिल करे आऽऽहहहह कर लीजिए हाय्य्य्य्य।
वीरू: बेटी साफ़ साफ़ बोलो कि क्या करूँ?
मधु: आऽऽह्ह्ह्ह्ह आऽऽऽऽऽपप्प मेरी गाऽऽऽऽऽऽऽंड़ मार लिजीएएएएएए।
वीरू ख़ुश होकर उसके चूतरों को चूमने लगा और फिर फिर उसकी गाँड़ मेंभी जीभ डालके चाटने लगा। फिर उसने ढेर सारी क्रीम लगाके उसकी गाँड़ पर अपना सुपाड़ा रखा और हल्के से अंदर दबाया।गाँड़ के छल्ले में सुपाड़ा अटक गया। फिर उसने कहा: बेटी छेद को बाहर की तरफ़ फैलाओतुम तो डरके सिकोड़ रही हो। ऐसे मेंतुमको दर्द होगा।मधु ने गाँड़ बाहर की तरफ़ फैलायी और अब उसका सुपाड़ा हल्के से धक्के से उसकी गाँड़ के छल्ले को फाड़ते हुए उसके अंदर चला गया। अब मधु की चीख़ निकल गई।वीरू ने रुक कर उसकी छाती को दबाया और उसके निपल्ज़ दबाए।अब उसने देखा कि मधु का दर्द कम हो गया है, तो उसने एक धक्का और लगाया और उसका आधा लंड अंदर हो गया। अब तो मधु बिलबिलागई दर्द से और चिल्लाई: आह्ह्ह्ह्ह्ह मामा जीइइइइइइइ निकलोओओओओओ मैं मर जाऊँगीइइइइइइइइ हाय्य्य्य्य्य।
वीरू ने अब एक आख़री धक्का मारा और अपना पूरा लंड उसकी गाँड़ मेंठूँस दिया। अब मधु को लगा किउसकी जान ही निकल जाएगी।वो अब रोने लगी, उसे लगा कि जैसे जलती हुई रॉडउसकी गाँड़ मेंघुस गई है।वीरू रुका और उसकी चूतके दाने को मसलते हुए उसकी छाती भी दबा रहा था। थोड़ी देर बाद उसकी गाँड़ का दर्द कम हुआ, और वो चुप होकर बोली: मामाजी बहुत दर्द हुआ था।
वीरू: अब कैसा है दर्द है तुम्हारी गाँड़ में,मेरी प्यारी बेटी?
मधु: आऽऽहहह अब थोड़ा ठीक है आहहहह ।
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