RE: Hindi Porn Kahani अदला बदली
उधर श्याम के शालू के कमरे मेंजाते ही,राज किचन मेंगया और सरिता को श्याम और उसके बेटी के बारे मेंबताया और बोला:जैसे ही अभी राहुल उस कमरे मेंजाएगा तुम ज़रा खिड़की से देखना किअंदर क्या होता है, और फिर जल्दी से श्याम के आने के पहले सोफ़े पर आ कर बैठ गया, तभी श्याम भी शालू के कमरे से आकर राज के पास आ कर बैठ गया और T V देखने लगा।
थोड़ी देर बाद राहुल शालू के कमरे से बाहर आया और दूसरे कमरे मेंगया, सरिता किचन से निकलकर खिड़की के पास आकर खड़ी हो गई, और अंदर झाँकी, वहाँ उसने देखा कि राहुल अपना टी शर्ट खोल चुका था, और उसका जवान जिस्म चमक रहा था, फिर उसने अपनी पैंट खोल दी और उसका खड़ा लंड चड्डी में जैसे समा हो नहीं रहा था,सरिता की चूतमें चिटियाँ चलने लगीं, क्या मर्दाना बदन था, फिर उसने अपनी चड्डी भी खोल दी और उसका बड़ा लंड उत्तेजना से हिल रहा था, उसको शालू की पैंटी से चूत का उभार याद आ रहा था। सरिता की चूत गीली होने लगी, उसका सुंदर गोरा और बड़ा लंड देखकर।तभी रवीना तौलिए मेंबाहर आयी।
रवीना अपने भाई के लंड को देखकर मुस्करा कर बोली: हाय भाई ये क्या खोलकर हिला रहे हो? इसको क्या हो गया?
राहुल: अरे यार वो शालू हरामज़ादि जब से तू वहाँ से हटी है, अपनी पैंटी मुझे दिखा कर मेरी जानले रही है।
रवीना ने उसका लंड मुट्ठी मेंपकड़कर सहलाया और कहा: ओह तो भाई के लंड को अब एक और बहन की चूतभी चाहिए?
राहुल ने उसका तौलिया खींचकर उतार दिया और उसकी ब्रा और पैंटी में ताज़ा बदन देखकर उसने उसके मम्मे के ऊपरी हिस्से को चूमा और बोला: अरे मेरी बहना जब तुम सगी होकर मज़े से चूत देती हो तो वो तो फूफेरि बहन है।और फिर उसने उसकी पैंटी के अंदर हाथ डालके उसकी चूत को सहला दिया।
रवीना उसको धक्का देकर बोली: जाओ नहा लो मैं देखती हूँ, शालू का क्या कर सकती हूँ!
तभी राहुल बोला: अच्छा एक बात बता ये सरिता भी तो मस्त माल है ना, मुझे तो लगता है कि फूफाजी ने उसको अपने मज़े के लिए ही रखा हुआ उसको।
रवीना: हाय अब तेरी नज़र सरिता पर भी है, हे भगवान इसको अक़्ल दो , ताकि ये हर लड़की के पीछे ना पड़े।
वो हँसते हुए बाथरूम में घुस गया और रवीना भी तय्यार होने लगी।
सरिता ने सब देख ही लिया था, उसकी चूत बिलकुल गीली हो चुकी थी, और उसको अच्छा लगा किराहुल उसको भी चोदने के चक्कर में है।
फिर वो बाहर आइ और पापा के पास बैठ गई।शालू पहले से अपने पापा के पास बैठी थी,अब वो दोनों बाप बेटी एक दूसरे के सामने बैठे थे, और उनकी बेटियाँ स्कर्ट मैं से अपनी जवानी के जलवे अपने अंकल लोगों को दिखा रही थीं।सब TV देखते हुए बातें कर रहे थे।
फिर राहुल भी नहा कर आ गया और वो तीनों फिर से शालू के कमरे मेंचले गए। इस बीच श्याम भी नहा कर आया ।बाद में सरिता उन दोनों के लिए चाय लाई। इस बार उसने श्याम को अपनी जवानी का भरपूर दर्शन कराया, ख़ूब झुक कर चाय की ट्रे रखी और झुक कर ही चाय सर्व की, ताकि उसकी छातियों का वो अच्छे से चक्षु चोदन कर ले।फिर अपनी बड़ी गाँड़ भी मटका कर दिखाई जब वो राज को चाय दे रही थी। उसके जाते ही श्याम अपने लंड को दबाकर बोला: यार क्या मस्त माल है साली सरिता, मेरा तो खड़ा कर गई।यार तू तो इसको ठोकता ही होगा?
राज हँसते हुए बोला: हाँ यार मस्त माल है, तू सही सोचा मैं तो इसको चोदता ही रहता हूँ।साली पक्की चुदक्कड है।
श्याम: साली की गाँड़ देखकर लगता है कि गाँड़ भी मज़े से मरवाती होगी?
राज: सही है, इसको गाँड़ मरवाने का भी बहुत शौक़ है।
श्याम: तो यार दिलवा ना इसकी चूत , बहुत मन हो रहा है।
राज: पर अभी तो बच्चे जाग रहे हैं, रात को देखेंगे।
श्याम: अरे बच्चों का क्या, वो तो बातें कर रहे हैं, मैं इसको दूसरे कमरे मेंलेज़ाकर ठोक देता हूँ।
राज: रुको मैं पूछता हूँ, उसको। और वो किचन में जाकर सरिता से बोला: क्या हुआ भाई बहन के बीच? क्या राहुल रवीना के साथ कुछ किया?
सरिता: अरे वो तो भाई बहन नाम के हैं। एक दूसरे के लंड और चूत को पकड़ रहे थे।
अब राज हैरान होकर बोला: इसका मतलब है कि रवीना बाप और भाई दोनों से चूदवा रही है। तभी मैं बोलूँ कि उसकी छातियाँ और पिछवाड़ा इतना बड़ा कैसे हो गया। अब रोज़ घर पर ही डबल डोज़ मिलेगी तो जवानी पर उफान आएगा ही ना?
सरिता: ये तो आपसे भी ज़्यादा आधुनिक लोग हैं। इसका मतलब आपकी बहन भी इसमें शामिल होगी?
राज: क्या पता? अच्छा एक बात जिसके लिए मैं तुम्हारे पास आया हूँ, वो श्याम तुम्हारी लेना चाहता है, दोगी उसको?
सरिता: आप क्या चाहते हो, मैं दूँ उसको या नहीं?
राज: देखो सरिता, मेरी नज़र तो बस अपनी भांजी पर है, मेरा बस चले तो मैं अभी उसको चोद दूँ , क्या रंडि का बदन है, साला बदन मेंआग लग गई है।
सरिता: मेरा सोचना है कि उसको अभी थोड़ा तड़पने दो, फिर बाद में देखते हैं, ऊँट किस करवट बैठता है।
राज ने पीछे से उसको पकड़के चूम लिया और बोला: ठीक है रानी जैसा तुम कहो।
राज वापस आकर श्याम को बोला: वो अभी तय्यार नहीं है, थोड़ा समय चाहती है, और बच्चों का भी सोच रही है कि कहीं बदनामी ना हो जाए।
श्याम निराश होकर बोला: क्या यार बड़ा मूड था अभी।
राज: जिज़ू ये आप जो लड़कियों के पीछे घुमते हो दीदी को पता चलेगा तो कितनी अप्सेट होंगी वो?
श्याम: अरे हम दोनों में अच्छी अंडर्स्टैंडिंग है, इन सब बातों का हम ओर कोई असर नहीं पड़ता।
राज हैरानी का नाटक करके बोला: यार कमाल है, इस सब चक्करों में तो लोगों के तलाक़ तक हो जाते हैं।
श्याम: अरे हम सबको इनसे कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता क्योंकि हमारा परिवार खुले विचारों का है।
राज: ओह, ऐसा क्या,मैं समझा नहीं।
श्याम टालते हुए बोला: चलो बाद में बताऊँगा, अभी सबको कहीं घुमा लाते हैं, ये घूमने ही तो आए हैं।
फिर सब लाल क़िला क़ुतुब मीनार वग़ैरह घूमने निकल गए। दोपहर को थक कर वापस आए और सरिता का बनाया खाना खा कर सब सो गए। शाम को चार बजे श्याम उठकर हॉल में आया और TV देखने लगा, तभी सरिता आइ और पूछी कि चाय लाऊँ क्या?
श्याम ने उसको घूरते हुए हाँ कर दिया।
वो चाय लाई और श्याम को देने लगी तो श्याम ने कप को टेबल पर रखा और उसको खींचकर अपनी गोद में बैठाकर उसको चूमने लगा। वो छुड़वाने की कोशिश करने लगी, पर उसने उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए और अपने हाथ उसकी छातियों पर रखकर दबाने लगा।
तभी दरवाज़ा खुला और शालू बाहर आइ। उसने फूफाजी की और सरिता की हाथापाई देख ली और शर्मा कर वापस भाग गई।
अब उसने सरिता को छोड़ दिया और वो भी किचन में चली गई।
फिर शालू थोड़ी देर मेंबाहर आइ और किचन की तरफ़ जाने लगी, तभी श्याम ने कहा: शालू बेटा ज़रा इधर आओ।
शालू झिझकती ही उसके पास आइ और बोली: जी फूफाजी ?
श्याम: बेटा, जो तुमने देखा प्लीज़ किसी को नहीं बताना, असल में ये सरिता है ही इतनी सुंदर किमुझसे रहा नहीं गया और मैंने ये हरकत कर दी, तुम किसी को बताओगी तो नहीं ना?
वो बोली: ठीक है फूफाजी मैं किसी को बताऊँगी नहीं।
श्याम ने उसके हाथ को अपने हाथ मैं लेकर सहलाते हुए कहा: तुम बहुत प्यारी बच्ची हो, और फिर उसके गाल को चूम लिया।तुम मुझे बहुत अच्छी लगती हो बेबी!
शालू अबतक पक्की चुदक्कड बन चुकी थी, वो समझे गई की फूफाजी उसपर भी फ़िदा हैं। ये सोचकर उसके निपल्ज़ भी कड़े हो गए।
वो बोली: जी आप भी अच्छे है पर आप सरिता से ज़बरदस्ती क्यूँ कर रहे थे?
वो बोला: अरे नहीं बेटा वो ज़बरदस्ती नहींथा वो तो प्यार था, वो रात को मेरे कमरे में आने को तय्यार हो गई है।फिर श्याम ने उसके पेट पर हाथ फेरते हुए कहा: देखो तुम्हारा पेट कितना चिकना है, और तुम्हारी नाभि भी कितनी गहरी है, और वो झुक कर उसके पेट को चूमने लगा और नाभि के अंदर जीभ डालकर चाटने लगा। शालू हाय्य्य्य्य कर उठी, और बोली: आइई क्या कर रहे है आप? बहुत गुदगुदी हो रही है।
श्याम: अरे सच, अच्छा बताओ यहाँ भी गुदगुदी हो रही है क्या?उसने उसकी स्कर्ट के नीचे हाथ डालकर उसकी पैंटी के ऊपर से चूतको मुट्ठी में भरकर बोला था।
शालू: हाय्य्य्य्य फूफाजी, आप तो सच में बिलकुल गंदे हो, भला वहाँ भी कोई छुता है क्या, आह्ह्ह्ह्ह हटायिये हाथ वहाँ से।
श्याम हँसते हुए बोला: चलो हटा दिया, पर सच बोलो, मज़ा आया ना?
शालू शर्माकर भाग गई। श्याम सोचने लगा कि जल्दी ही ये भी पट जाएगी, उसे क्या पता था किजिसको वो बच्ची समझ रहा था वो तो खेली खायी है और अब तक पापा का और उसके दोस्तों का लंड निगल चुकी है।
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