RE: Hindi Porn Kahani अदला बदली
राहुल अपने बाप की हरकतों से बहुत गरम हो गया और उसने अपना लंड पैंट और चड्डी से बाहर निकाल लिया और मूठियाने लगा। राज ने उसको देखकर सोचा कि शालू सच कहती थी कि इसका लंड बहुत सुंदर है।तभी रवीना ने सरिता को राहुल की तरफ़ देखने को कहा और सरिता तो उसका गोरा लम्बा और मोटा लंड देखकर जैसे पगला गई और बोली: कितना प्यारा लंड है तुम्हारे भाई का, मुझे तो इसे प्यार करने की इच्छा हो रही है।
रवीना: तो जाओ ना जाकर चूस लो, भाई को भी मज़ा आ जाएगा।
तभी राज रवीना से बोला: अरे बेटी, इतनी दूर क्यों बैठी हो ,आओ ना हमारी गोद में बैठो और अपने मामा को प्यार करो, देखो तुम्हारे डैडी कैसे हमारी बेटी की जवानी से खेल रहे हैं। आओ तुम भी अपनी जवानी का मज़ा हमको दो।
रवीना सरिता को देखकर मुस्कुरायी और खड़ी होकर अपने मस्त चूतरों को मटकाते हुए आकर राज के खड़े लंड पर धीरे से बैठ गयी।राज ने अपनी बाहों में उसको दबोच लिया और उसके गाल और होंठ चूसने लगा।
उधर सरिता राहुल के लंड को घूर रही थी। राहुल ने हँसते हुए सरिता से कहा: अरे दीदी दूर से क्या देख रही हो, आओ ना पास से देखो और मज़ा लो इसका।
सरिता भी मुस्कुराइ और अपनी कमर मटकाते हुए आकर राहुल के पास आकर ज़मीन पर उसकी टांगों के बीच बैठ गई और अब उसका तन्नाया हुआ लंड उसकी आँखों के सामने था।
तीन जोड़ियाँ बन चुकी थीं,और हॉल में ज़बरदस्त नज़ारा था क्योंकि अब ज़बरदस्त चुदायी का माहोल बन चुका था।
राज और रवीना के होंठ जैसे चिपक हो गए थे।राज ने महसूस किया कि रवीना काफ़ी अनुभवी है चुम्बन क्रिया में। अब वो उसकी जीभ चूस रही थी।राज के हाथ भी उसकी बड़ी बड़ी चूचियों पर घूमने लगे।
उधर श्याम ने शालू की चड्डी एकतरफ को की और बड़े ग़ौर से उसकी चिकनी चूत को देखने लगा।फूली हुई चूत के बीच मेंएक लकीर सी थी और उसने अपने होंठ उसकी चूत पर रख दिए और अपनी जीभ से उसकी बीच की लकीर को छेड़ने लगा। शालू भी आह्ह्ह्ह्ह फूफा जी कहकर अपनी कमर हिलायी।
उधर सरिता भी ज़मीन में बैठकर राहुल के मस्ताने लंड को सहलायी और चमड़ी खोलकर सुपाडे को नंगा किया और उसको सूँघने लगी।फिर वह उसके सुपाडे को चूम ली और जीभ से चाटने लगी।अब राहुल भी मस्ती मेंआकर उसकी कुर्ती के ऊपर से उसकी बड़ी बड़ी चूचियाँ दबाने लगा।
सरिता बोली: आह इतना प्यारा लंड है तुम्हारा ! जी करता है खा जाऊँ इसको। ऐसा कहते हुए उसने लंड को चूसना शुरू किया। और उसके हाथ उसके बॉल्ज़ को भी सहला रहे थे।
कमरे में अब बहुत ही सेक्सी आवाज़ें आने लगी थीं। कोई आऽऽऽऽह। कोई हाय्य्यय तो कोई ह्ह्म्म्म्म्म कर रहा या रही थी।
अब राज ने रवीना को कहा: बेटी यहाँ सोफ़े मेंचुदायी का मज़ा नहीं आएगा चलो बेडरूम में चलते हैं।
रवीना: जी मामा जी चलिए। और वो खड़ी हो गयी। उसका टॉप ऊपर था और उसकी ब्रा में कसी चूचियाँ साफ़ दिख रही थीं , जिन पर राज का थूक लगा था।राज के पेंट में भी ज़बरदस्त तंबू तना हुआ था जहाँ रवीना बार बार दबा रही थी। दोनों बेडरूम की ओर चल दिए।
राहुल ने सरिता की कुर्ती उतार सी थी और ब्रा का हुक भी खोल दिया था। उसकी बड़ी बड़ी छातियाँ नंगी थी जिनको वो बुरी तरह से दबा रहा था। उसने भी सरिता के सर को अपने लंड से हटाया और बोला: चलो दीदी ( उसने भी सरिता को दीदी बोलना शुरू किया था ,वैसे भी वह उम्र में उससे कम से कम १० साल बड़ी ही थी )दूसरे कमरे में चलते हैं , अब मुझे आपको ज़बरदस्त चोदना है।दोनों दूसरे कमरे की तरफ़ चले गए।
अब श्याम और शालू ही हॉल में बचे थे। अब शालू की स्कर्ट और पैंटी उतर गई थी और टॉप ऊपर था जिसमें से उसके छोटी चूचियाँ बड़ी ही मादक दिख रही थी।श्याम ने उसकी टॉप एर ब्रा भी खोलकर उसको पूरा नंगा कर दिया और उसके जवान होते शरीर को मस्ती से देखने लगा। वाह क्या चिकना बदन था, कहीं एक बाल नहीं था।शायद साले साहब ने ख़ुद ही बालसाफ़ कियें है अपनी रानी बेटी के, श्याम ने सोचा। अब वो अपने कपड़े भी खोलकर नंगा हो गया । शालू के सामने उसका बड़ा सा लंड ऊपर नीचे हो रहा था।श्याम के विशाल बालों से भरे परिपक्व बदन के सामने वह एक मासूम बच्ची सी लग रही थी।दुबला शरीर छोटी गठिली छातियाँ निपल्ज़ के नाम पर अभी ताजी बनी हुई घूँडियां, पतली कमर , सपाट पेट और ग़दारायी हुई जाँघें और उनके बीच मस्त छोटी सी चूत जैसे क़यामत ढा रही थी। उसने उसको घुमाकर उसके पिछवाड़े का नज़ारा देख। उसने सोचा कि वाह क्या चिकनी पीठ है और पतली कमर के बाद दो गोल गोल छोटे मगर बहुत ही चिकने चूतर कितने प्यारे लग रहे थे।उसके लंड ने प्रीकम छोड़ दिया, जिसे शालू ने देख लिया और वो झुकी और उसके सुपाडे को चाट कर प्रीकम को चाट ली।
अब श्याम को भी अपनी भतीजी पर बहुत प्यार आया और बोला: लो बेटी, हमने तो तुम्हारी चूत चाट कर मज़ा ले लिया अब तुम मज़ा लो और सोफ़े पर बैठ गया। वो ज़मीन पर बैठकर उसके लंड को चूसने लगी।फिर थोड़ी देर बाद उसने बॉल्ज़ को चूसना और चाटना शुरू किया। श्याम मस्त हो रहा था और उसके संतरों को दबा रहा था।अब शालू ने वही किया जो अपने पापा के साथ करती थी। उसने श्याम की जाँघें उठायी और अपना मुँह नीचे की तरफ़ डाल दिया। अब उसकी जीभ बॉल्ज़ से नीचे जाकर उसकी गाँड़ के छेद को सहला रही थी।श्याम आऽऽहहहह ह्म्म्म्म्म्म करके चिल्लाया। अब वो इस मासूम सी लड़की से अपनी गाँड़ चटवाने का सुख प्राप्त करने लगा।अब वो काफ़ी गरम हो चुका था इसलिए बोला: बेटी अब रहा नहीं जा रहा, चलो चुदायी करते हैं, ठीक है ना?
शालू: जी फूफाजी, अब मेरी भी बहुत खुजा रही है, अब डाल ही दीजिए अंदर अपना मस्त लंड।
श्याम ने उसको खींचकर अपने गोद मेंबिठाया और उसकी चूतमें बैठे हुए ही अपना लंड अंदर करने को कहा। शालू ने श्याम के लंड को पकड़ा और धीरे से उस पर अपनी चूत का छेद खोलकर अपनी कमर नीचे दबाकर लंड को निगलने लगी।श्याम हैरानी से देखा रहा था कि छोटी सी दिखने वाली ये लौंडिया किसी रंडि की तरह चूत मेंलंड ले रही थी। अब आधा लंड अंदर जा चुका था, और श्याम को लग रहा था जैसे उसका लंड किसी टाइट जगह पर फँस सा गया है।
अब उसने नीचे से एक धक्का मारा और पूरा लंड अंदर घुस गया।शालू की आऽऽह्ह्ह्ह्ह निकल गई।श्याम तो मज़े से भर उठा,बोला: आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह बेटी क्या टाइट चूत है तुम्हारी।
शालू: फूफा जी आपका लंड भी बहुत अच्छा है।
श्याम: बेटी अब ऊपर नीचे करो ना तभी तो मज़ा आएगा। ऐसा बोलते हुए उसने उसकी छातियाँ चूसने लगा। और दोनों हाथ उसके चूतरों के नीचे ले जाकर उसकी कमर की उछाल को सहारा देने लगा। अब शालू उछल रही थी लंड के ऊपर और श्याम नीचे से उसके चूतरों को ऊपर की तरफ़ दबाकर लंड को जड़ तक ठूँस रहा था। शालू चिल्लाने लगी: हाऽऽय्य्य्य्य फुउउउउउउउफ़्फ़ाऽऽजीइइइइइ बहुत मजाऽऽऽऽऽऽ आऽऽऽ रहाऽऽऽ हाइइइइइ। और चोओओओओओओओड़द्ददोओओओओओ ।
श्याम भी ह्म्म्म्म्म्म्म ह्म्म्म्म्म कर लंड उछालने लगा।
अचानक ही शालू ने श्याम को रुकने का इशारा किया और वो लंड निकालकर उठ गयी। उसकी चूत से पानी निकलकर उसकी जाँघों को भीगो रहा था, और श्याम का लंड भी कामरस से चमक रहा था।
अब वो सोफ़े के एक किनारे में जाकर घोड़ी बन गयी और पेट के बल लेटकर अपने चूतरों को हवा में उठा दी और बोली: फूफाजी अब आप चोदो।
श्याम तो मस्ती में आकर उसके पीछे खड़ा हुआ और उसके नितम्बों को दबाने लगा। फिर गोलाइयों को फैलाकर उसकी दरार में ऊँगली फेरा और उसकी भरी चिकनी गाँड़ के छेद को देखकर उसी में डालने की सोचा।फिर उसने उसकी गाँड़ को चाटा और फिर बाद में अपनी उँगलियाँ नीचे जाकर उसकी चूत में घुसा दिया ।वह पूरी पनियायी हुई चूत थी, उसने अपने लंड का सुपाड़ा उसके छेद में फ़िट किया और एक धक्के मेंही लंड अंदर पेल दिया। शालू हाऽऽऽय्यय कर उठी। उसके बाद तो श्याम जैसे पागल ही हो गया और उसने चूत फाड़ू चुदायी चालू की। पूरा कमरा फ़चफ़च और थप्प थप्प की आवाज़ों से और शालू की चीख़ों से जैसे-- हाऽऽयय्यय और जोओओओओओर्र्र्र्र से फूफ़ाज़ीइइइइइइइइ हाय्य्य्य्य फाऽऽऽऽऽड़ दोओओओओओ मर गइइइइइइइइइइइइ जीइइइइइइइइइ ।चोदो आहचोदो।
श्याम भी ह्ह्ह्ह्ह्म्म्म्म करके ज़बरदस्त चुदायी कर रहा था। अब उसके हाथ उसकी चूचियों को मसल रहे थे। वह भी मस्त होकर अब पीछे कमर हिलाकर उसका पूरा लंड अंदर निगल रही थी। अब शालू चिल्लाने लगी: हाऽऽय्यय फूफ़ाज़ीइइइइ मैं तो गइइइइइइइइइ और वो ज़ोर ज़ोर से कमर हिलाकर अपनी जाँघों को भींच ली और श्याम को लगा किउसका लंड किसी टाइट जगह मेंफँस गया है। और वो भी कमर हिलाकर झड़ने लगा।
थोड़ी देर बाद दोनों शांत हो गए।
उधर राज रवीना के साथ बेडरूम मेंपहुँचा और बोला: बेटी चलो अब कपड़े उतारो और अपनी जवानी दिखाओ हमें।
रवीना: जी मामा जी आप भी उतार दो ना अपने कपड़े । रवीना ने अपनी टॉप उतार दी और फिर जींस भी खोलकर नीचे गिरायी। पैंटी ब्रा मेंबहुत ही मादक दिख रही थी। राज ने उसको घूमने को कहा , वो हँसती हुई घूम कर अपने चूतरों को दिखाने लगी । पैंटी के ऊपर से उसके बड़े बड़े नितम्ब किसी हिजड़े का भी लंड खड़ा कर सकते थे। अब तक राज भी चड्डी मेंआ चुका था एर उसका लंड उससे आधा बाहर झाँक रहा था।और फिर वो दोनों नंगे हो गए।
राज: आह बेटी क्या जवानी है तुम्हारी, पूरी उफनती हुई। ये बड़ी बड़ी चूचियाँ , ये भरा हुआ बदन,ये गदराई हुई जवानी ये तुम्हारी भरी हुई जाँघें और ये तुम्हारी फूली हुई चूत और फिर पीछे से ये तुम्हारे बड़े बड़े गोल चूतर।सच बेटी तुम तो कामदेवी हो ।
रवीना: मामाजी आप भी ना,इतनी तारीफ़ ना करो आप। बस अब आप इस लंड का मज़ा दे दो। ये कहते हुए उसने राज का लंड पकड़ लिया ।
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