Kamukta Kahani दामिनी
11-17-2018, 12:47 AM,
#22
RE: Kamukta Kahani दामिनी
दामिनी--12

गतान्क से आगे…………………..

भैया के मुँह में उनकी चूची थी और मम्मी उनकी पॅंट उतार रही थी ...एक झट्के में उनका शॉर्ट्स बाहर था ...और मम्मी ने उनका लौडा अपने हाथों में थाम लिया और सहलाने लगीं ..

""अया अभय ..तुम्हारा लौडा भी कितना कड़क है आज ...देखो ना कितना लंबा और मोटा होता जा रहा है मेरे हाथ में.." और मैं देख रही थी भैया का लंड उनके सहलाने से बढ़ता जा रहा था ...जैसे साँप बिल से बाहर आ रहा हो....मैं भी सिहर उठी ...

मैने भी अपनी पैंटी उतार दी और अपनी गीली चूत में उंगली करने लगी ...

दोनों पागल हो रहे थे ...मम्मी ने भैया को अचानक अपने से चिपका लिया बुरी तरह ...जैसे उनके अंदर घुस जाएँगी ..भैया ने भी उन्हें अपने हाथों से जाकड़ लिया और दोनों एक दूसरे से लिपटे एक दूसरे को चूस रहे थे ..चाट रहे थे ..चूम रहे थे ..कहीं भी ..उनके पूरे शरीर में एक दूसरे का थूक और लार लगा था ...मम्मी के मुँह में भैया जीभ डाले मम्मी की जीभ चूस रहे थे ..उनका टेस्ट उन्हें शायद और भी अच्छा लग रहा होगा ..आल्कोहॉल के मारे ..मम्मी भी आखें बंद किए चूस्वा रही थी ...

" अयाया ...हाँ मेरे राजा ...हाँ ऐसे ही चूसो ना ..और ज़ोर से ..चूसो पूरा चूस लो ना ..मैं तो तुम्हारे अंदर समा जाना चाहती हूँ ....ऊऊओ " मम्मी भैया की गोद में थी ..टाँगें फैलाए ..चूत फैलाए ...

उनकी टाँगें थरथरा रहीं थी ..भैया की गोद में ...उछल उछल कर उनको जाकड़ लेतीं चूम लेती ...अब मम्मी ने भी भैया की जीभ अपने जीभ से चाटना शुरू कर दिया ...चूसना शुरू कर दिया ..दोनों की साँसें एक हो गयीं थी ...दोनों हाँफ रहे थे ..

भैया उनको बेड के एक छोर पर ले आए ..उनकी टाँगें नीचे लटकी थी ..भैया उनके टाँगों के बीच बैठ ते हुए मम्मी की टाँगें फैला दी ...उनका चूत खुला था..उनकी फांके खूलीं थी ...गुलाबी चूत ..मखमली चूत ...भैया ने पहले उनकी चूत में हाथ फिराया...अपनी उग्लियों से हल्के से दबाया ,,मम्मी कराह उठी ..'हाई " ..उनके चूतड़ उछल पड़े ...और अपना मुँह वहाँ लगाते हुए उनकी चूत की फांकों को अपने होंठों से लगाते हुए खूब जोरों से चूसना शुरू कर दिया ....इतनी सिहरन हुई मम्मी को ..उनके चूतड़ उछल रहे थे ...उनकी टाँगें कांप रही थी ...भैया ने उनके चुतदो को हाथो से जकड़े रखा और उनकी चूत चूस्ते रहे ...उनका सारा पानी भैया चूसे जा रहे थे ....

मम्मी चिल्ला रही थी " अभय ..अभय ..हाँ हाँ चूसो चूसो ....आज तो बस मैं तुम्हारी जवानी से निहाल हो गयी ..मैं भी जवान हो गयी ..बस अब और नहीं राजा ...मुझे चोद डालो ....चोदो ..जल्दी करो ...अया ..ऊवू प्लज़्ज़्ज़ ..अपना मोटा लंड पेल दो ..." और मैने देखा भैया का लंड भी फूँफ़कार रहा था ...हीले जा रहा तहा और उस से पानी टपक रहा था ..दोनों बुरी तरह एग्ज़ाइटेड थे ...पागल थे

अब भैया खड़े हो गये ..मम्मी की टाँगों को फैला दिया और अपना तननाया लंड मम्मी की मुलायम और फूली चूत की फांकों के बीच उपर नीचे किया ....मैं भी सिहर उठी ..और मम्मी तो फिर से चूतड़ उछाल रही थी ..एक दो बार उपर नीचे करते हुए उन्होने अपने कड़क लौडे को उनकी गीली चूत में पेल दिया ..पूरे का पूरा लंड उनकी चूत में ऐसे धंसा जैसे छुरी मक्खन में....मम्मी का पूरा बदन ऐंठ गया........अकड़ गया ...उनका मुँह खूल गया मस्ती में ..."आआआआआआआआआआआह ..हाईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई ..."" कर बैठी

भैया भी सिहर उठे थे मम्मी की चूत की अंदर के मज़े से ..मैं देख रही थी ..उनकी चूत में कितनी गर्मी लग रही होगी उनके लौडे को ..कितना सॉफ्ट महसूस हो रहा होगा ...उसके बाद भैया ने ऐसे धक्के लगाए ..हर धक्के में मम्मी " हाई ..हाईईईईईईईईईईई ...आअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ..हाँ ह्हन्न्न्न्न्न्न्न्न्न्न्न्न्न्न्न्न्न्न ...आज जवानी का मज़ा ...हाँ मेरे राजा ..मेरे अभय जवान अभय ....अयाया ..तू...तुम्हारा लौडा आज ....उूउउ ..इतना कड़ा है ....ऊह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह मेरी चूत ....उफफफफफफ्फ़ ....इतना लंबा .....इतना अंदर जा रहा है ....फाड़ डालो ...मेरे राजा ... ' की रॅट लगाती जातीं ...

भैया के धक्के ने बड़ी तेज़ी पकड़ ली ..उन्होने मम्मी की टाँगें अपने दोनो हाथों से उपर कर लिया था ...मम्मी की गान्ड और चूत दोनो सामने थे...ठप ठप ..फतच फतच ...की आवाज़ आ रही थी ..मम्मी मुँह खोले थी ...''आआआः ....उूुुउउहह ..." और साँसें उनकी तेज़ होती जातीं

.आह मेरी चूत से भी लगातार पानी रीस रहा था..मेरी पूरी हथेली चीपचीपी हो गयी थी ...

मम्मी ने एक दम से अपनी चूतड़ उछाल दी ...हवा में ...तीन चार बार ..."आआआआआआः ..ऊवू ..आभ्ााआययययी एयाया . ...अया मैं गाइिईईईईईईईईईईई " और ढीली पड गयीं ...बड़ा जोरदार ऑर्गॅज़म था उनका ... भैया भी बड़ी तेज़ी से धक्के लगाते लगाते मम्मी को बुरी तरह जाकड़ लिया ..अपना लौडा उनकी चूत में धंसाए रखा ..जड़ तक ..और उनका कमर झट्के पे झटका खा रही थी ...चूतड़ झट्के खा रहे थे ..उनका गरम लावा जैसा वीर्य मम्मी की चूत में धार मार रहा था ...मम्मी के चेहरे से समझ आ रहा था उन्हें भी कितना अच्छा लग रहा था ...उनका मुँह और , अओर ख़ूलता जाता हर झट्के के साथ ...

भैया उनके सीने से चिपक कर पड़े थे .अपनी मम्मी के सीने से ...

उस सीने से जिसने उन्हें गर्मी दी बचपन में ...और आज भी जब वे जवान हैं .....भैया के चेहरे में एक शांति थी ..जैसे उन्हें आज सब कुछ मिल गया ...उन्हें उनकी जिंदगी मिल गयी थी ,,,माँ का सीना ,,..माँ की चूत ....

और मैं भी अपनी चूत फैलाए ..आँखें बंद किए झड़ती जा रही थी ...मेरी चूत से पानी पेशाब की तरह धार मार रहा था ..मैं अंदर से बिल्कुल खाली हो गयी थी ..मैं फर्श पर निढाल हो कर बैठी थी ..टाँगें फैलाए...हाँफ रही थी मैं...

थोड़ी देर बाद मैं नॉर्मल हुई ..अंदर देखा ....उफफफफ्फ़..क्या सीन था ..मैं बस देखती रही ....मम्मी हाथ और टाँगें फैलाए लेटी थी ...बेसूध ....आँखें बंद ..... भैया उनके सीने से लगे ..अपने हाथ उनकी कमर को लपेटे ....लेटे थे ...दोनों का चेहरा शांत था ..जैसे उन्हें सब कुछ मिल गया हो ...

तभी मम्मी के बदन में कुछ हलचल हुई ...उन्होने अपनी आँखें खोलीं ...उनकी आँखें फटी की फटी रह गयी... जैसे उन्हें गहरा शॉक लगा हो ....वो एक दम से उठ बैठी ..उनका नशा अब पूरी तरह उतर चुका था .

" हे भगवान .... ये सब क्या है ....मुझे क्या हो गया ..?? अभी मेरे उपर नंगा ..?? हे भगवान मैने क्या किया..?? इतना बड़ा पाप ..?? " और फिर बार बार अपनी आँखें मल्ति..अपना सर सहलाती ..."उउफ़फ्फ़ अब आज से मैं कभी नहीं पियूँगी .." और फिर वहीं बैठ सर पकड़ रोने लगीं ..."भगवान मुझे माफ़ कर दो..ये पाप मुझ से अंजाने में हुआ है ......"

भैया मम्मी को रोता देख भौंचक्के थे ..कहाँ इतनी मस्त चुद्वा रही थी थोड़ी देर पहले और अब रो रही हैं ....

"मम्मी ..मम्मी क्या हुआ क्यूँ रो रही हो ..?? "

" अरे नालयक रौउँ नहीं तो और क्या करूँ ..?? अपने बेटे के सामने ..इस तरह नंगी बैठी हूँ .." और अपनी गीली चूत की ओर इशारा किया " और शायद चुद भी गयी ....इस बेशर्मी पर क्या हंसु ..?? पर हरामजादे ..तू तो होश में था ना ...मुझे रोका क्यूँ नहीं .... मम्मी की चूत देखी और पिल पड़े ...? ये भी नही सोचा मैं तेरी माँ हूँ ....." और फिर फूट फूट कर रोने लगीं...

भैया समझ गये अभी बड़ी सावधानी बरतनी पडेगि .... मामला बड़ा नाज़ुक था ....

" देखो मम्मी इसमें रोनेवाली कोई बात है ही नहीं ...तुम जानती हो मैं तुम से कितना प्यार करता हूँ ...और शायद तुम भी... तुम मुझे पापा समझ मुझ से ऐसे लिपट गयीं ..मुझे हिम्मत नहीं हुई अपने आप को छुड़ाने की .... तुम्हें जो आनंद और सूख मिल रहा था ...तुम कितनी खूश थी ...तुम पापा के साथ अपनी जवानी के दिनों में हिचकोले ले रही थी ...ऐसा मौका क्या हमेशा मिलता है ..? अगर भगवान ने तुम्हें ये दिन देखने को दिया ... ये सूख भोगने को दिया ..मैं कौन होता हूँ उसे रोकने वाला ..?? और मम्मी , हम माँ और बेटा तो बाद में हैं .. एक मर्द और औरत पहले ....."

भैया बोले जा रहे थे ..मम्मी सुनते जा रही थी ..उनका रोना बंद हो चुका था ..मैं भी दंग थी भैया की बात से ..इतनी जोरदार तरीके से वो मम्मी को कन्विन्स कर रहे थे ...

" सच बताओ मम्मी ..अपने दिल पर हाथ रख कर कहो ..क्या तुम मुझ से प्यार नहीं करती ..क्या तुम आज मुझ से सिर्फ़ इसलिए चुदि कि मैं पापा जैसा हूँ..क्या तुम ने एक बार भी मुझे अभी समझ गले नहीं लगाया ..क्या एक बार भी अपना बेटा समझ मुझे नहीं चूमा ....बोलो ना मम्मी ..बोलो ..चूप क्यूँ हो ..??? " मैं भैया की बातें सुन दंग थी..कितना ज़ोर था ..कितना प्यार था उनकी बातों में ..

थोड़ी देर तक भैया चूप रहे ..फिर उन्होने मम्मी की ठुड्डी पकड़ उनका चेहरा अपनी तरफ किया और कहा :

" अगर मोम आप को अभी भी शर्मिंदगी महसूस हो रही है ..ये समझ रही हैं के आप ने कुछ ग़लत किया है...तो ठीक है ..मैं अभी के अभी चला जाता हूँ .....मैं कभी भी अपनी मनहूस शकल नहीं दीखाऊंगा आप को ..कभी नहीं...." और वे उठ खड़े हुए ..शॉर्ट्स पहेन ली और जाने के लिए आगे बढ़े ....

मम्मी सन्न थी ..मैं शॉक्ड थी ...मेरा दिल किया अभी अंदर जाऊं और उन्हें रोक लूँ ....

तभी मम्मी उठी ..भैया को कंधे से थामते हुए अपनी ओर खींचा और दोनों गालों पर एक के बाद एक झन्नाटेदार तमाचा लगाया ...

" वाह रे वाह ....येई है दम तेरे प्यार का..? ज़रा सी मुश्किल आई नहीं के भाग खड़े हुए .... मर्द हो तुम , तुम्हें तो मुझे सहारा देना है यह मंझधार में छोड़ भाग जाना है ...??"

भैया मम्मी के तमाचे से ज़रा भी नहीं हीले ..बस यूँ खड़े रहे जैसे कुछ हुआ ही नहीं ...

" नहीं मोम ..नहीं मोम ....नो नो ....तुम ने मुझे ग़लत समझा ..मैं इसलिए नहीं जा रहा के मैं इस मुश्किल का सामना नहीं कर सकता ..तुम कहो तो मैं अभी सब के सामने कह सकता हूँ ..हाँ सारी दुनिया के सामने , के मुझे तुम से प्यार है ..हाँ ...मैं पापा को भी बोल सकता हूँ ...पर मुझे अपने से ज़्यादा आप की चिंता है मोम ..मैं नहीं चाहता मेरी वजेह आप पर कोई आँच आए ..कोई आप पर उंगली उठाए ..मैं आप से बे इंतहा प्यार करता हूँ मोम ..बे इंतहा ....."

और वे फूट फूट कर रोने लगे ....

" मोम आप ने ग़लत समझा ...मोम ..मोम ..आइ लव यू ..आइ लव यू मोम "

उनकी आँखों से लगातार आँसू टपक रहे थे ....

मैं भी रो रही थी ..मैं जानती थी भैया मुझे भी उतना ही प्यार करते हैं ....सिर्फ़ मेरी वजेह से उन्होने अभी ये बात मोम से नहीं कही ..

क्रमशः……………………..
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Kamukta Kahani दामिनी - by sexstories - 11-17-2018, 12:43 AM
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