RE: Bollywood Sex Kahani करीना कपूर की पहली ट्रे...
तभी एक प्लेटफार्म के बीचोबीच कुछ फलवाले उसे पुकारते हैं- “ओह्ह… मेडमजी यहाँ, यहाँ आइए, सस्ते फल हैं…”
करीना उस आवाज की ओर सामने देखती है तो कुछ दो फलवाले प्लेटफार्म के बीचोबीच, और करीना से 100 फीट दूर थे। करीना सोचती है- “मुझे सफ़र के लिये फल भी लेने चाहिए, इतना बुला रहे हैं ये फलवाले तो यहीं से फल ले लेती हूँ, अगर फल ताजे और अच्छे हों तो?”
फलवालों को तो सिर्फ़ करीना के गोरे हरे-भरे बदन का नज़दीक से दर्शन करना था। दोनों फलवालों के, ऐसी मस्त जवानी देखकर होश उड़े हुये थे, और जैसे-जैसे करीना अपनी मांसल मस्त जांघों को और 36डी ब्रा में क़ैद बड़ी-बड़ी चुचियों को चलते वक़्त ऊपर-नीचे उछलते और हिलते और अपनी ओर बढ़ते देखकर दोनों फलवालों के लण्ड खड़े थे। सुबह का वक़्त था तो ज़्यादा भीड़ नहीं थी। करीना के जिस्म का दर्शन लेने के लिये, वो दोनों फलवालों कि उमर 54 साल के आसपास ही थी, दोनों के दोनों बेवड़े, रात होते ही सब एक साथ बैठकर किसी भी खाली जगह पे दारू पीते, तो कभी रंडियों को पैसे देकार चुफ़ाई करते।
फलवालों का बायोडाटा
1॰ केले बेचने वाला, जिसका नाम कालू है, उसकी उमर 55 साल, रंग सावला, दिखने में बदसूरत, उँचाई 5’2”, मोटा पेट, और खाशियत, खूबसूरत औरतों को देखकर उसका 10 इंच बड़ा लण्ड हर वक्त खड़ा रहता है, वो इस वक़्त सफेद फटी पुरानी धोती में हैं।
2॰ संतरे और सेब बेचने वाला काजी हैं, उसकी उमर 53 साल, रंग काला, दिखने में बदसूरत, उँचाई 5’7”, तगड़ा शरीर, और खाशियत, जब भी वो रंडी बाजार में जाता तो सब रंडियाँ डरकर चुप हो जाती हैं, क्योंकि उसके लण्ड की साइज 13” इंच है, और वो जब किसी बाजारू रंडी को चोदता तो उस रंडी के पहले से ही फटे छेदों की वाट लगा डालता अपने लण्ड की मार से।
करीना का गदराया जिस्म अपने नज़दीक आते देखकर दोनों फलवालों का मुँह खुला का खुला था, कि तभी कालू करीना को देखकर बोलता है- “अबे काजी, क्या माल है देख, जी तो कर रहा है साली का रेप ही कर दूँ…”
काजी भी करीना की तरफ देखकर बोलता है- “अगर यहाँ कोई नहीं होता तो साली को नंगा करके बलात्कर ही कर डालता यहीं…”
और उन दोनों फलवालों केो ऐसे अपनी तरफ देखता देखकर करीना जरा सी शरमा जाती है और मन ही मन बोलती है- “ओह्ह… कैसे घूर रहे हैं मुझे दोनों, लगता है मैं इस साड़ी में बहुत खूबसूरत लग रही हूँ, इसलिये ये दोनों गरीब मुझे घूर रहे हैं…” करीना उन फलवालों का ऐसे उसके बदन को घूरना लाइटली लेती है, और उसकी खूबसूरती के लिए एक कमेंट मानती है।
कुछ चलने के बाद करीना उन दोनों के ठेलों के पास पहुँच जाती है, और उन दोनों की तरफ देखकर बोलती है- “भैया, ये सब फल ताजे हैं क्या?”
ये सुनते ही दोनों फलवाले जो करीना के जिस्म को देखकर अपनी हवस भरी दुनियाँ में खोए थे, वो जाग जाते हैं, लेकिन करीना जैसी भरे हुये जिस्म की औरत को अपने नज़दीक देखकर दोनों के लण्ड पूरे खड़े थे, वो दोनों प्लेटफार्म पर नीचे बैठे अपनी फलों की टोकरियों को सभाले थे। काजी की आँखें करीना के उन्नत बड़े-बड़े दोनों दूध के टेंकर्स पे टिकी थीं और वो करीना को बोलता है- “मेडमजी, आपके संतरे बहुत ताजे हैं…”
काजी को ऐसे अपनी चुचियों को देखकर इस तरह का गंदा कमेंट मारते देखकर करीना गुस्से में बोलती है- “बेशर्म, क्या बोल रहे हो तुम?”
काजी करीना की गुस्से भरी आवाज सुनकर होश में आता है और अपनी नजर करीना की चुचियों से हटाकर ऊपर करीना के चेहरे पर करते हुये बोलता है- “मेडमजी मैंने बोला कि ये संतरे ताजे हैं, जो मैं बेच रहा हूँ यहाँ…”
करीना मन ही मन- “लगता है मैंने ही गलत सुना होगा…”
करीना- “हाँ, ठीक है…” और कालू की तरफ देखकर बोलती है- “ये केले कितने में दोगे?”
और कालू भी एक हाई-फ़ाई खूबसूरत औरत को अपने सामने खड़ी देखकर उसकी मांसल जांघों को घूरते हुये बोलता है- “मेडमजी, ये केले ₹40 का आधा दर्जन दूँगा…”
करीना- “क्या बेवकूफ़ बना रहे हो मुझे, मुझे पता है फलों के रेट कितने चल रहे हैं समझे, आधा दर्जन 20 रूपये में देना है तो दो नहीं तो मैं केले नहीं लूँगी यहाँ से…” कहकर करीना यहाँ अपने आपको एक स्मार्ट कामन औरत दिखाना चाहती है, जो यहाँ फल लेने आई है।
उन दोनों के यहाँ जब भी कोई औरत फल लेने आती, तो वो दोनों उस औरत को किसी ना किसी तरह सिडयूस और अब्यूस कर ही लेते। ये तो उन दोनों की खाशियत थी, तो इससे करीना जो यहाँ नकाब पहनकर पहली बार आई है तो वो कैसे इन दोनों से बचती।
कालू काजी की ओर देखता है और शैतानी स्माइल देता है फिर करीना की ओर देखकर बोलता है- “मेडमजी, केले की साइज तो देखो जरा, ठीक से देखो, अगर आप इस केले को मुँह में लेंगी तो बार-बार यहीं से केले रोज लेंगी…”
करीना कालू की बात सुनकर जरा परेशान और गुस्सा हो जाती है- “क्या बके जा रहे हो तुम?”
कालू- “मतलब आप खाकर तो देखो केला…”
करीना- “नहीं, अभी नहीं, मेरी ट्रेन है…” और करीना किसी कामन औरत की तरह केलों को देखने नीचे झुक जाती है।
और उस झुकने के कारण करीना की बड़ी-बड़ी चुचियाँ जो ब्लाउज में क़ैद थी, वो नीचे ब्लाउज में किसी बड़े आम की तरह लटक रही थी, और इन लटकती चुचियों को देखकर काजी और कालू एक दूसरे की ओर देखते हैं, और स्माइल करते हैं।
उसी वक़्त देबू और उसके शागिर्द प्लेटफार्म पे धन्धा करने आ जाते हैं। देबू ने केले की टोकरी अपने सर पर ले रखी थी, और वो जिस जगह केले बेचता था प्लेटफार्म पे उसी जगह की ओर वो अपने शागिर्द के साथ चले जा रहा था। मतलब काजी और कालू के ठेले से 3-4 फीट बाजू में ही, लेकिन जब देबू उस जगह की ओर जा रहा था, तभी उसे वही औरत दिखती है, जिसकी खुकबू और पायल की खनक से उसकी आज नींद खुली थी। वो उस औरत को काजी और कालू के ठेले पर फल लेने के लिये ऐसे नीचे झुका हुआ देखकर बोलता है- “क्या गाण्ड है, क्या माल है…”
करीम देबू की बात सुनकर बोलता है- “क्या हुआ? कहाँ है माल?”
देबू- “अरे अंधे, सामने देख…”
करीम को भी वो नजारा दिखता है और वो बोलता है- “गाण्ड तो मस्त है देबू भाई, लेकिन हाथ में नहीं आएगी अपने…”
देबू- “हाथ नहीं आई तो क्या हुआ, छेड़ तो सकते हैं ना…”
और करीम और देबू मंगेश की ओर देखकर हँसने लगते है जिसकी उम्र 12 साल है, मंगेश जो की 12 साल का नाबालिग है, तो इस कारण करीम और देबू उसे कुछ भी ऐसा वैसा करने के लिये कहते। उसी वजह से दो महीने पहले एक औरत को छेड़ने के जुर्म में मंगेश को पुलिस ने बालसुधार गृह भी भेजा था, वो नाबालिग था, इस कारण उसपर कोई कानूनी दफाएँ ज़्यादा नहीं लगती, और इसका देबू बहुत अच्छी तरह इस्तेमाल करता है।
देबू हँसते हुये बोलता है- “चल मंगेश, अब तेरा काम यहाँ से चालू होता है, इस बार काम करने पर तुझे दो केले ज़्यादा मिलेंगे…”
मंगेश- “क्या काम है काका, जल्दी बताइए…”
करीम को कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि देबू के दिमाग में चल क्या रहा है?
देबू- “मंगेश, वो तुझे गाण्ड झुकाए औरत दिख रही है ना जो फल देख रही है?”
मंगेश- “हाँ, तो?”
देबू- “उसकी गाण्ड पर 4 थप्पड़ मार के भाग आगे, फिर मैं तुझे 4 केले दूँगा, बोल मंजूर है?”
मंगेश जो कि बहुत छोटा था, तो उसे ये घिनौना काम ठीक लगा और वो बोला- “इतना सा ही काम है ना? लो अभी जाता हूँ… लेकिन बाद में केले देना भूलना मत चाचा…”
देबू अपने एक हाथ से टोकरी और दूसरे हाथ से अपना लण्ड मसलते हुये बोलता है- “अरे हाँ, नहीं भूलूँगा जा, तू अभी जा जल्दी…”
मंगेश जरा सा डर तो रहा था लेकिन अपने पेट के खातिर नीचे झुकी हुई फल देख रही करीना की तरफ जाने लगता है।
करीम- “क्या भाई, बच्चे को कुछ भी करने को बोलते हो…”
देबू- “तू चुप बैठ, और आगे क्या होता है देख…”
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