RE: Bollywood Sex Kahani करीना कपूर की पहली ट्रे...
कुछ ही देर में मंगेश करीना की मोटी गाण्ड के पीछे खड़ा हो जा ता हैं, और अपने एक हाथ को थूक लगाता है, और दोनों हाथ एक दूसरे से रगड़ते हुये गरम करता है, और वहाँ करीना नीचे झुके हुये केले संतरे देख रही थी, और मंगेश करीना की गाण्ड की मोटी गोरी फांकों पर ठप्पड़ मारना शुरू करता है। ये सब इतनी जल्दी हुआ कि करीना को कुछ रिएक्ट करने का मौका ही नहीं मिला, और मंगेश 1-2-3-4 करके 4 थप्पड़ करीना की मोटी गाण्ड पर लगा देता है।
गाण्ड पर थप्पड़ों की आवाज प्लेटफार्म पर गूँज उठती हैं। इस कारण शरम और दर्द से करीना की चीख निकलती है- “अह्ह, मेरी *****…” और वो सीधी खड़ी होकर पीछे मुड़ रही होती ही है कि मंगेश वहाँ से भाग जाता है।
करीना भागते लड़के को देखकर गुस्से और दर्द से चिल्लाई- “ओह्ह… कमीना, कोई उस लड़के को पकड़ो…”
उधर जिस मर्द ने भी ये थप्पड़ कांड देखा उसका लण्ड खड़ा हो गया था। देबू तो बड़ी गौर से देख रहा था, मंगेश जब थप्पड़ मार रहा था करीना की गाण्ड पर। तब करीना की गाण्ड की फांके थप्पड़ से हिल रही थीं, ये देखकर तो देबू के मुँह से आवाज निकलती है- “आअह्ह… मंगेश ने तो उसकी गाण्ड लाल कर दी, करीम भाई…” और जैसे कुछ हुआ ही ना हो वैसे, देबू करीम के साथ उसकी रोज की फल लगाने की जगह पर बढ़ जाता है।
करीना को चीखता और पीछे उस लड़के को करीना की गाण्ड पर थप्पड़ मारते हुये जब काजी और कल्लू देख रहे थे, तब उनकी आँखें फटी की फटी रह गई थीं।
करीना जब अपनी थप्पड़ से दर्द कर रही गाण्ड पीछ मुड़कर हाथ से सहला रही होती है तब उसकी नजर पीछे आ जा रहे लोगों पर जाती है, जो अंदर ही अंदर उसे गाण्ड सहलाता देखकर हँस रहे थे। करीना उन लोगों को गुस्से से पूछती है- “वो बेशर्म बच्चा तुम लोगों में से किसका था? सीधा-सीधा बताओ नहीं तो मैं पुलिस में जाउन्गी…”
तभी टोकरी सर पर लिये देबू करीना के पास से अपनी फल बेचने की जगह पर जा रहा होता है तब वो करीना की गुस्से भरी आवाज सुन लेता है, और वो अपनी जगह पर करीना के सामने से जाते हुये बोलता है- “मेडमजी, वो मेरे साथ ही रहता है, आप इतना गुस्सा क्यों हो रही है लोगों पर?”
करीना गुस्से से देबू की तरफ देखकर बोलती है- “आपको क्या दिखा नहीं कि उस लड़के ने अभी क्या किया? अंधे हैं क्या?”
देबू अपनी जगह पर पहुँच जाता है और काजी से 3 फीट दूर अपनी केले की टोकरी अपने सामने रखकर खुद बैठते हुये बोलता है- “हाँ… देखा ना… तो क्या हुआ, वो तो एक छोटे बच्चे की शरारत थी…”
करीम जो कि देबू के पास ही बैठा था, वो धीरे से देबू के कान में बोलता है- “मरवाओगे क्या चाचा, क्या बोले जा रहे हो?”
देबू करीम की बात को अनदेखा करके करीना को बोलता है- “मंगेश ने जो किया वो देखा मैंने…”
करीना गुस्से में- “तो उसे अभी के अभी यहाँ लाइए मेरे सामने, मुझे उससे बात करनी है…”
देबू- “क्या मेडमजी, आप इतनी सी बात को कितना खींच रही हैं…”
करीना- “क्या? ये तुम्हें छोटी बात लग रही है? निहायती घटिया इंसान हो…”
देबू- “आआऽऽ ज़्यादा बोल रही है तू। तू ही तो इस से्सी साड़ी और ब्लाउज में, अपने दो बड़े-बड़े आम दिखा रही है, अपनी मोटी गाण्ड दिखा रही है, तो किसी के भी मन में तुझे छूने के लिये लालच तो आएगा ही, और मंगेश ने तो सिर्फ़ थप्पड़ मारा तेरी गाण्ड पर हाथ से, लेकिन हम होते तो कुछ और ही मार रहे होते समझी…”
और ये बात सुनकर काजी और कालू जो करीना के सामने ही थे वो अपनी हँसी कंट्रोल नहीं कर पाते और हँसने लगते हैं।
और काजी और कालू को ऐसे अपने ऊपर हँसता देखकर करीना आग बाबूला हो जाती है और कालू के ठेले को लात मारती है।
ये देखकर काजी और हँसने लगता है, और कल्लू करीना की इस हरकत से उसे घूरते हुये बोलता है- “अबे साली रन्डी, ये जो चर्बी है ना, वो अपने घर पर दिखा समझी, हरामजादी बड़े बाप की रंडी औलाद…”
करीना से ऐसे उसकी लाइफ में किसी ने भी बात नहीं की, लेकिन आज इस जगह, कुछ फलवालों ने उसको जलील किया था।
तभी दूर खड़ा रेलवे हवलदार ये चल रहा झगड़ा दूर से देखता है, और वो दौड़ते हुये उन फलवालों के पास आता है, और कहता है- “के छल्ले काय रे? कषाला मेडमजी को परेशान कर रहे हो?”
करीना झट से बोलती है- “अच्छा हुआ आप यहाँ आ गये, इन बदतमीज़ लोगों को अभी यहाँ से जेल ले जाइए, इन्होंने मुझे गंदी-गंदी गालियाँ दी और, इनके एक साथी ने मुझे गलत जगह मारा…”
हवलदार पहले करीना के बदन को नीचे से ऊपर तक देखते हुये बोलता है- “मेडमजी, आपने क्या इनके खिलाफ शिकायत लिखवाई है? अगर लिखवाई है तो मैं इन लोगों को अभी पकड़ सकता हूँ…”
करीना- “नहीं लिखवाई है शिकायत…”
हवलदार- “तो फिर शिकायत लिखवाइए, फिर पोलीस इन्हें गिरफ्तार करेगी…”
करीना मन ही मन- “ये जगह तो गंदी है ही, और यहाँ के लोग भी गंदे हैं, छीछी, अब अगर शिकायत इनके खिलाफ करूँगी तो मैं बोलीवुड स्टार हूँ ये सबको पता चल ही जाएगा, और साथ ही साथ मुझे जो सिरोंन में जाना है वो भी कैंसिल हो जायेगा, इससे अच्छा है कि इन कमीनों को ठीक से देखकर याद रखती हूँ, फिर शो हो जाने के बाद इनको चक्की पीसने जेल भेज दूँगी, लेकिन मुझे अभी अपने गुस्से पर काबू रखना चाहिए…”
करीना फलवालों को गुस्से से देखकर हवलदार को बोलती है- “हाँ… मैं शिकायत लिखवाऊँगी इनके खिलाफ, लेकिन अभी मेरी ट्रेन आने वाली है तो बाद में शिकायत पुलिस स्टेशन जाकर लिखवाऊँगी, लेकिन आप जरा इन्हें समझा दीजिएगा कि औरतों से ठीक से बात करें…”
फिर करीना वहाँ से आगे दुकान पर जाकर पानी की बोतल लेकर वापपस गोगा की तरफ बढ़ती हुई मन ही मन- “कितने गंदे लोग हैं, मुझे एक कामन औरत समझकर अगर इन लोगों ने मुझसे ऐसा सलूक किया, तो मैंने अगर मेरा नकाब निकाला तो मेरे प्राइवेट अंगों को जो घूर रहे है वो तो मुझे, एवव… इससे आगे तो मुझे सोचना ही नहीं…”
तभी स्पीकर पर अनाउसमेंट होती है- “मुंबई से पटना जाने वाली ट्रेन आ चुकी है, धन्यवाद…” ऐसी अनाउसमेंट 2-3 बार आती है।
करीना मन ही मन- “हे भगवान, ट्रेन आ गई…” और करीना गोगा जहाँ बैठा था उस जगह पहुँच जाती है, लेकिन गोगा बेंच पर नहीं था, और करीना का बैग भी नहीं था वहाँ। करीना मन ही मन- “अब ये कहाँ गया मेरा बैग लेकर, ओह्ह नो…”
फिर पीछे से आवाज आती है- “अबे कमीनी, मैं तुझे कितना ढूँढ रहा था, और तुम यहाँ ऐसे खड़ी हो…”
करीना पीछे आवाज की ओर मुड़ती है तो वो गोगा था, जो उसका बैग लिये खड़ा था।
करीना गोगा को देखकर बोलती है- “उफ़फ्फ़… मैं तुम्हें ही ढूँढ रही थी गोगा…”
गोगा- “वो जाने दो, तू अब चल जल्दी, ट्रेन भी आ गई है पटना जाने वाली…” और करीना और गोगा ट्रेन की तरफ बढ़ते हैं।
करीना- “क्या तुमने टिकेट निकाला?”
गोगा- “नहीं, अब तू चुप बैठ, मैं डब्ल्यू॰टी॰ से सफ़र करूँगा, एसी एकानमी में, अगर किसी को भी पता चला कि मैं डब्ल्यू॰टी॰ से सफ़र करूँगा तो सब गड़बड़ हो जायेगी, और तूने तो साली फर्स्ट क्लास में टिकेट बुक की होगी…”
तभी ट्रेन का टी॰टी॰ई॰ जिसका नाम शकील है वो ट्रेन से बाहर आकर जो पटना जाने वाले हैं उनका टिकेट चेक कर रहा था कि तभी उसे नकाब पहने करीना दिखती है जो पटना की ट्रेन की ओर ही आ रही होती है। शकील करीना को देखते-देखते मन ही मन बोलता है- “क्या मस्त माल है, इतनी बड़ी-बड़ी चुचियाँ और इतनी से्सी फिगर तो मैं पहली बार इस रेलवे स्टेशन पर देख रहा हूँ… मजा आई गवा…”
और करीना शकील टी॰टी॰ई॰ के पास से ट्रेन में जाने ही वाली थी कि शकील ने रोक लिया और टिकेट दिखाने को कहा- “ओ मेडमजी, कहाँ जा रही हैं, अपने नौकर के साथ? यहाँ आइए और अपना टिकेट दिखाईए…”
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