RE: Bollywood Sex Kahani करीना कपूर की पहली ट्रे...
गोगा- “यार पता नहीं… वो टी॰टी॰ई॰ आया था, लेकिन में तब नशे में था, वो मुझसे डब्ल्यू॰टी॰ की पूछताछ कर रहा था, और उसके बाद क्या हुआ मुझे पता नहीं? मेरा सिर भी दुख रहा है, मैं जरा बाहर देखने जाता हूँ, कि वो कहा गई है?” ऐसा बोलते हुये गोगा कोच से बाहर निकलता है, और करीना को ढूँढने में लग जाता है, क्योंकि आख़िरकार करीना उसके लिये एक सोने के अंडे देने वाली मुर्गी थी।
गोगा करीना को ढूँढने के लिये सभी कोचों में ताक-झाँक करके, बीच में से नम्बर 12 की बोगी की तरफ बढ़ रहा था, और आगे बढ़ते-बढ़ते दोनों बगल की कोचों को देख रहा था, तभी पीछे से आवाज आती है- “गोगा…” और वो आवाज करीना की थी जो, धीरे-धीरे अपने कोच की तरफ बढ़ रही थी।
गोगा उस आवाज की तरफ मुड़कर देखता है, तो उसे नकाब पहनी हुई करीना, दिखती है। करीना को सभल-सभलकर आगे बढ़ते देखकर गोगा जरा असमंजस में पड़ जाता है, और आगे करीना की तरफ बढ़ता है, और करीना के नज़दीक जाकर बोलता है- “क्या हुआ मेडमजी, इतना सभल-सभल कर क्यों चल रही है आप?”
करीना अपने दुख और दर्द को छिपाते हुये बोलती है- “क्योंकि वो जरा मेरा पाँव, चलते वक़्त लचक गया था, इसलिये जरा दुख रहा है…”
गोगा- “क्या मेडमजी आप भी ना… आगे से सभाल कर चलियेगा…” ये बोलते हुये गोगा करीना के साथ कोच में जाने के लिये बढ़ता है जहाँ अब्दुल, समीर संदेश, बैठे हैं।
उधर दूसरी तरफ शकील टेंशन में था, कि कैसे वो नौशक का उस रंडी के साथ टांका भिड़ा दे? रमेश बेहोश नीचे फर्श पर गिरा था, और शकील, पूरा टेंशन में बेड पर बैठा था। अगर उसने नौशक का उस औरत के साथ टांका नहीं भिड़ाया तो नौशक उसका सारा काला चिट्ठा खोल देगा, और इसका शकील को डर था। उसे कैसे भी करके नौशक की सेटिंग लगवानी ही थी। लेकिन शकील को ये समझ में नहीं आ रहा था कि जो रंडी उसे धमकी देकर गई है, उसे वो मनाए कैसे? और पहले जैसे वो ब्लैकमेल कर भी नहीं सकता, क्योंकि उसकी पोल तो कब की रमेश ने खोल दी थी।
तभी शकील के दिमाग में एक ईडडया आता है, और शकील मन ही मन बोलता है- “साला, मेरी चुदाई के प्लान की इसी कमीने ने वाट लगाई है, अब साला यही कमीना मेरा प्लान कामयाब करेगा, क्योंकि, जब मैं इसे मारने के लिए आगे बढ़ा था तो वो साली रंडी बीच में आ गई थी, और मुझे इस रमेश को मारने से रोका था। मतलब उस रंडी के दिल में रमेश के लिये हमदर्दी है, वो भी उसकी ठुकाई के बाद… मतलब कुछ तो लोचा है? अब मैं इस रमेश को चारे की तरह इस्तेमाल करूँगा, देखता हूँ वो मछली फँसती है क्या?” ऐसा सोचते हुये शकील पिटाई से बेहोश पड़े रमेश के हाथ पैर बाँध देता है, और उसे कोच में कोने में लेटा देता है, फिर शकील नौशक को फ़ोन करता है- “ट्रिंग ट्रिंग ट्रिंग ट्रिंग…”
और वहाँ नौशक फ़ोन की रिंग सुनकर जाग जाता है, और खीसे में से मोबाइल निकालता है, और शकील का नम्बर देखकर फ़ोन उठाता है- “हाँ, शकील चाचा बोलो? मैंने जो तुझे बोला था, वो काम हुआ?”
शकील- “अभी तक तो नहीं, लेकिन हो जाएगा, उसी के बारे में बोलने के लिये फ़ोन किया है…”
नौशक- “तुम्हें पता है ना कि अगर मेरा काम तुमने नहीं किया तो तुम्हारा क्या अंजाम होगा?”
शकील डरते हुये बोलता है- “हाँ नौशक, क्यों बात-बात पे डराते हो, मैंने बोला है ना कि तुम्हारी सेटिंग उस रंडी के साथ लगवा दूँगा, तो क्यों इतना गुस्सा हो रहे हो?”
नौशक- “हाँ… ठीक है, लेकिन जो काम बताया है, वो जल्दी करो, क्योंकि स्वामी और हरी को मैंने दारू दे देकर बेहोश कर दिया है, उनके होश में आने से पहले मुझे सब कुछ उस रंडी के साथ करना है, समझे?”
शकील टेंशन में बोलता है- “हाँ समझ गया, अब क्या बूढ़े की जान लोगे? तुम यहाँ अभी के अभी मेरे कोच में आ जाओ, बाकी का प्लान मैं तुम्हें यहाँ मेरे कोच में बताऊँगा, आ जाओ…”
नौशक- “हाँ, ठीक है चाचा, मैं एक मिनट में आया…” ये बोलकर नौशक स्वामी और हरी को बेहोशी की हालत में छोड़कर अपने कोच से बाहर निकलता है, और शकील के कोच की तरफ उत्तेजना में बढ़ता है।
शकील भी फ़ोन रखकर, खुद बेड पर टेंशन में बैठ जाता है।
दूसरी तरफ करीना ने पेन-किल्लर की गोलियाँ खा ली, अब करीना को सूजी हुई गाण्ड के छेड़ का दर्द महसूस नहीं हो रहा था, अब करीना अपने आपको कंफर्टेबल महसूस कर रही थी।
आगे की सीट पर बैठा हुआ अब्दुल करीना के बिना ब्रा के ब्लाउज में क़ैद चूचे देख-देखकर, बीच-बीच में अपना लण्ड मसल रहा था। समीर और संदेश की भी दारू अब उतर चुकी थी, अब वो दोनों अब्दुल के साथ नीचे सीट पर बैठे थे और मोबाइल पर चेटिंग में बिजी थे।
उधर वहाँ गोगा, अपने सफ़र के बाद की प्लानिंग मन ही मन सोचकर तैयार कर रहा था।
करीना खिड़की के बाहर देखते हुये मन ही मन- “बेचारा रमेश, मुझे बचाने के खातिर उसने अपनी जान मुशीबत में डाल दी, पता नहीं उस बूढ़े ने रमेश के साथ अब क्या किया होगा?”
और वहाँ टी॰टी॰ई॰ कोच में रमेश को होश आ चुका था, अपने आपको बुँधा हुआ पाकर वो जरा डर जाता है, और छूटने की कोशिश करता है। बेड पर बैठे शकील की नजर रमेश की तरफ जाती है, रमेश को छटपटाता देखकर शकील बोलता है- “क्या बे साले, इतना क्यों छटपटा रहा है। अब अच्छे बच्चे की तरह, शांत लेटा रह, समझा? नहीं तो तेरा यहीं ट्रेन में मर्डर कर दूँगा…”
रमेश छूटने की कोशिश करते हुये बोलता है- “चाचा, माफ़ कर दो प्लीज़्ज़ि, छोड़ दो मुझे…” ये कहकर रमेश रोने लगता है।
शकील- “अबे कमीने, जिस प्लान पर तुमने पानी देरा था ना… अब उसी प्लान को मैं तेरा इस्तेमाल करके पूरा करूँगा समझा, गान्डू…”
तभी दरवाजे पर कोई नाक-नाक करता है।
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