RE: Bollywood Sex Kahani करीना कपूर की पहली ट्रे...
शकील मन ही मन बोलता है- “हाँ, नौशक ही आया होगा…” और शकील दरवाजा खोलने के लिये बढ़ जाता है, फिर दरवाजा खोलकर, नौशक को कोच के अंदर लाता है।
नौशक जब रमेश को घायल अवस्था में बुँधा हुआ देखता है तो बोलता है- “अबे चाचा, ये चाय वाले को क्यों बाँधकर रखा है? तू क्या अब मर्दों पर भी अपनी हवस निकालने लगा?”
शकील “इसी चाय वाले की वजह से वो रंडी हाथ से गई, समझा? इसलिये इसकी ये हालत की है मैंने…”
नौशक- “क्या किया इसने, जो वो रंडी तेरे हाथ से गई?”
शकील- “बाद में बताऊँगा, बहुत लंबी कहानी है। अब काम की बात करते हैं…”
उधर रमेश बेसुध होश में फर्श पर लेटा हुआ और बाँधा हुआ था, और कुछ भी सोचने की हालत में नहीं था।
शकील नौशक को बेड पर बैठाता है, और खुद भी उसके बाजू में बैठ जाता है, और बोलता है- “अब सुन मेरा प्लान क्या है, वो?”
नौशक- “हाँ, सुनाओ?”
शकील- “वो देख रहा है ना, चाय वाला रमेश, जिसे मैंने बाँध के रखा है, हम उसी का इस्तेमाल करेंगे, उस रंडी को मनाने के लिये, समझा?”
नौशक- “क्या चाचा… अच्छा मजाक कर लेते हो। उस चुतिये के लिये वो रंडी मेरे से चुदने के लिये क्यों मानेगी?”
शकील- “उस चुतिये ने ही उस रंडी की गाण्ड बजाई है, और ये तुझे पता ही होगा। इसी बात से मैं जब गुस्सा होकर उस रंडी के सामने इस चायवाले को मारने उसकी तरफ बढ़ा तो वो रंडी मेरे बीच में आ गई, और मुझे रमेश को मारने से रोका, तो इससे ये बात तो साबित होती है कि रमेश के लिये उस रंडी के अंदर दया है। और उसी दया का हम पूरा फ़ायदा उठाएँगे…”
नौशक- “हाँ, बात में दम तो है, लेकिन कयोर नहीं हूँ कि ये प्लान काम करेगा भी या नहीं?”
शकील- “तू सिर्फ़ आम खा समझा, गुठलियाँ मैं गिन लूँगा। जब मैं उस रंडी को यहाँ कोच में लाऊँगा, तो उसके सामने सिर्फ़ तुझे रमेश को टॉर्चर करना है। देखते हैं कि उसका दिल रमेश के लिये पिघलता है क्या?”
नौशक “ओके, डन…”
शकील- “तू यहाँ कोच में रहना, और जब मैं उस रंडी को मनाकर डराकर, यहाँ लाऊँगा, तब रमेश को उसके सामने ही टॉर्चर करना, ओके?”
नौशक- “हाँ चाचा, अब सबर नहीं हो रहा, मुझे उस रंडी को अपनी बाहों में लेना है, अब तुम जल्दी जाओ, और उस मस्त माल को यहाँ ले आओ…”
ये सुनते ही शकील टी॰टी॰ई॰ युनिफ़ॉर्म में कोच से बाहर निकलता है। नौशक पूरा उत्तेजित था, और उस औरत को टॉर्चर करने के तरीके मन ही मन सोच रहा था। और उधर शकील पूरा टेंशन में था, और अपने टारगेट की ओर बढ़ रहा था।
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वही करीना भी अपने कोच में सीट पर डिप्रेशन में बैठी खिड़की से बाहर का नजारा देख रही थी। तभी अब्दुल जो करीना के बदन को भूखे कुत्ते की तरह देख रहा था, वो करीना को बोलता है- “ओ मेडमजी क्या हुआ, इतनी परेशान क्यों लग रही हैं आप?”
अब्दुल की बात सुनकर करीना अब्दुल की तरफ देखकर बोलती है- “नहीं तो, मैं ठीक हूँ, भैया…”
खूबसूरत्त औरत के मुँह से अपने लिये भैया शब्द सुनकर अब्दुल का मूड ऑफ हो जाता है, और वो बोलता है- “हाँ, ओके, कोई परेशानी हो तो मुझे बताइएगा…”
करीना- “हाँ भैया…”
तभी वहाँ शकील पहुँच जाता है, और शकील को देखकर करीना डर जाती है, और शरम से लाल हो जाती है। गोगा भी शकील को देख डर जाता है, क्योंकि गोगा डब्ल्यू॰टी॰ से सफ़र कर रहा था।
अब्दुल शकील को देख बोलता है- “क्या हुआ… साहब?”
शकील- “मुझे मेडमजी से काम था, इसलिये आया हू…”
शकील को अपने लिये आया देखकर करीना गुस्से में बोलती है- “क्यों, क्या काम हे?”
शकील करीना की तरफ देखकर बोलता है- “मुझे आपसे रमेश के बारे में बात करनी है…”
करीना समझ जाती है कि शकील उस चायवाले की बात कर रहा है, इसलिये करीना अपने गुस्से को काबू में करके बोलती है- “वो ठीक तो है ना? तुमने उसको…”
तभी शकील करीना की बात बीच में काटकर बोलता है- “आप जरा कोच से बाहर आइए, मैं यहाँ ऐसे सबके सामने नहीं बता सकता…”
करीना मन ही मन- “बेचारा रमेश, लगता है, किसी मुशीबत में फँस गया है। जब मैं मुश्किल में थी, तब अपनी जान की परवाह ना करते हुये रमेश ने मुझे इस कमीने के चुंगल से बचाया, और इस कुत्ते की मेरे सामने पोल खोल दी थी। और अब मुझे भी रमेश की हेल्प करनी चाहिए, मन तो कर रहा है इस कमीने को यहीं से फूटने के लिये कह दूँ…”
करीना- “ठीक, है, मैं बाहर आती हूँ, तुम बाहर रूको…”
करीना के बाहर आते ही, शकील करीना का हाथ पकड़ता है और उसे उसके कोच से दो कोच दूर ले जाता है।
शकील की इस हरकत से करीना भड़क जाती है और बोलती है- “बदतमीज़ बूढ़े, तुमने तब मेरे मजबूरी का फ़ायदा उठाया था ब्लैकमेल करके, लेकिन अब नहीं…” ऐसे बोलते हुये करीना शकील को थप्पड़ मारने के लिये अपना हाथ उठाती है।
लेकिन शकील करीना का हाथ पकड़ लेता है। उस समय सब सफ़र करने वाले लोग अपने-अपने कोच को पर्दे से ढक कर अंदर बैठे थे, इसलिए बाहर क्या चल रहा है, वो उन लोगों को पता नहीं था, इस चीज का फ़ायदा उठाते हुये शकील करीना का हाथ पकड़कर मरोड़ देता है।
करीना दर्द से- “अह्ह, छोड़ कमीने…”
शकील- “अब जो मैं कहने वाला हूँ वो ठीक से सुन…”
करीना- “पहले मेरा हाथ छोड़ो, आह्ह…”
शकील करीना का हाथ मरोड़ना बंद करता है और बोलता है- “साला, जब मुझे होश आया ना, तब उस कमीने चायवाले को मैंने कुत्ते की तरह मारा…”
ये सुनकर करीना गुस्से से शकील के तरफ देखने लगती है।
शकील करीना की आँखों में अपने लिये गुस्सा देखता है, और उसको समझ में आ जाता है कि उसका खेल कामयाब होगा। शकील कहता है- “ऐसे क्या गुस्से में देख रही है मुझे, बेचारे चायवाले की मैंने इतनी पिटाई की है, कि वो ठीक से चल भी नहीं पा रहा, हाहाहाहा…”
करीना अपने गुस्से को काबू नहीं कर पाती, और शकील को बोलती है- “अगर, रमेश को कुछ भी हुआ तो मैं तुम्हें जिंदा नहीं छोड़ूींगी समझे? उस बेचारे की माँ मर गई है, लेकिन ये मत समझना कि वो अकेला है, क्योंकि मैं उसके साथ हूँ, समझे…”
शकील हँसते हुये बोलता है- “अगर तुम रमेश को जिंदा देखना चाहती हो तो, अभी के अभी मेरे साथ टी॰टी॰ई॰ कोच में चलो, अगर नहीं आओगी तो रमेश कल का सूरज नहीं देख पाएगा…”
करीना मन ही मन- “हे भगवान्… मुझे उस कोच में फिर से नहीं जाना। क्या करूँ अब? मुझे रमेश की भी जान बचानी है, और अपनी भी…”
करीना- “क्यों, मैं क्यों आऊँ वहाँ?”
शकील बोलता है- “कितने सवाल करती हो तुम? अब से तू जितने सवाल पूछेगी उतनी रमेश की उंगलियाँ कटेंगी समझी…”
शकील की बात सुनकर करीना फ्लैशबैक में जाती है, जब रमेश ने बोला था- “आपका दूध पीकर मुझे मेरी माँ याद आ गई…” रमेश की बातें करीना के ऊपर हावी हो जाती हैं, और करीना की ममता जाग जाती है। एक बोलीवुड एक्ट्रेस एक लो-क्लास लड़के को अपने बेटे के समान महसूस कर रही थी।
करीना मन ही मन- “नहीं, मैं कुछ नहीं होने दूँगी रमेश तुम्हें, मैं तुम्हें मुशीबत से निकालूंगी। थैंक गोड… मैंने अपने साथ मिर्च का स्प्रे ले लिया है, अगर शकील ने मेरे साथ कुछ भी गलत हरकत करने की कोशिश की तो मैं उसपर मिर्च का स्प्रे छिड़क कर, वहाँ से रमेश को लेकर अपने कोच में आ जाउन्गी, हाँ ये ठीक है…”
करीना अपने आपको सभालती है, अपने डर और गुस्से को काबू में करके बोलती है- “हाँ ठीक है, लेकिन आप आगे जाओ, मैं पीछे-पीछे आ जाउन्गी…”
ये सुनकर शकील के मन में लड्डू फूटता है और वो बोलता है- “अभी चल मेरे साथ…”
करीना मौके की नजाकत को समझ लेती है और शकील से प्यार से बात करने लगती है- “अंकल, मैं आ जाउन्गी, आप आगे बढ़िए…”
शकील- “ठीक है, लेकिन अगर कोई भी चालबाजी की तो रमेश की जान खतरे में आ जाएगी समझी?”
करीना- “हाँ…” और करीना अपने कोच की तरफ बढ़ती है, और कोच में जाकर अपने पर्स को चेक करती है।
गोगा करीना की तरफ देखकर बोलता है- “क्या हुआ, वो शकील क्या बोला?”
गोगा को कोई ऐसा वैसा शक ना हो इसलिये करीना बोलती है- “तुम्हारे डब्ल्यू॰टी॰ के बारे में बोल रहा था वो…”
गोगा- “लेकिन टी॰टी॰ई॰ तो कोई रमेश के बारे में बोल रहा था ना?”
करीना- “वो तो एक बहाना था, किसी को पता ना चले इसलिये…”
गोगा- “ओह्ह मेडमजी, प्लीज़्ज़ि मामले को रफ़ा - दफ़ा कर दीजिएगा, प्लीज़्ज़ि…”
करीना पर्स लेकर कोच से बाहर जाते वक़्त बोलती है- “हाँ गोगा, तुम टेंशन मत लो…” और करीना कोच से बाहर निकलकर टी॰टी॰ई॰ कोच की तरफ बढ़ जाती है।
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