RE: Bollywood Sex Kahani करीना कपूर की पहली ट्रे...
करीना बेहोश नौशक को इतने देर तक मारती रहती है कि जब तक की वो थक नहीं जाती। पूरे 60-70 बेल्ट के वार करीना नौशक के ऊपर करती है, और रमेश की ओर देखकर बोलती है- “थैंक यू रमेश, नहीं तो पता नहीं कि ये हरामजादे मेरे साथ और क्या-क्या कर डालते?”
रमेश एक सुंदर औरत का ऐसा चन्डी रूप देखकर पहले तो चकित था, लेकिन बीच में जब एक प्यारी सी कोमल आवाज आती है तब, वो होश में आता है और बोलता है- “हाँ… जी मेडमजी, ये तो मेरा फर्ज़ था, आपने मुझे बचाने के लिये इतना जोखिम उठाया तो ये तो मामूली बात है…”
फिर करीना बेड से उतरकर खड़ी होने की कोशिश करती है, लेकिन परखच्चे उड़ी चूत से होता दर्द करीना को ठीक से खड़ा भी नहीं होने दे रहा था। ये देखकर रमेश करीना को सहारा देने आगे आता है, और करीना की गोरी कमर को अपने एक हाथ से पकड़ लेता है, करीना को सहारा देता है, और बोलता है- “मेडमजी, आप यहीं बेड पर थोड़ी देर बैठिए, आपको जो चाहिए मैं देता हूँ।, ये दोनों कमीने 20 मिनट तक तो ऐसे ही बेहोश रहेंगे…”
करीना बेड पर बैठकर रमेश को कहती है- “जरा वो कोने में पर्स है, वो मेरे पास देना जरा, और पानी की बोतल भी देना…” रमेश का ऐसे उसे हेल्प करना करीना को पसंद आता है, इस कारण रमेश के सामने नंगी होकर भी करीना कंफर्टेबल महसूसस कर रही थी।
करीना की बात सुनते ही रमेश करीना का पर्स और साथ में पानी की बोतल लाकर दे देता है।
बोतल साइड में बेड पर रखकर पर्स खोलते हुये रमेश को करीना बोलती है- “थैंक यू रमेश…”
तभी रमेश का ध्यान करीना की शकील और नौशक की बेरहमी से लाल टमाटर की तरह हो गई चुचियों पर जाता है, और रमेश का लण्ड पूरा खड़ा हो जाता है, जिस वजह से रमेश की हाफ़-पैंट पर उभार बन गया था, जो सॉफ -सॉफ दिख रहा था।
उधर करीना पेन किल्लर की गोलियाँ पानी के साथ निगलती है, तब उसकी नजर रमेश की पैंट पर जाती है। करीना को समझ में आ जाता है कि रमेश का लण्ड खड़ा हो चुका है, लेकिन करीना उस चीज को इग्नोर करती है, क्योंकि उसे पता था, कि उस जैसी औरत को ऐसे नंगी देखकर किसी भी मर्द का लण्ड खड़ा हो सकता है। पेन किल्लर की गोलियाँ खाने के कुछ मिनट बाद ही करीना का पेन पूरी तरह बंद हो जाता है, और वो बेड से खड़ी हो जाती है। अब करीना को जरा भी पेन महसूस नहीं हो रहा था
फिर करीना अपनी इधर-उधर गिरी हुई साड़ी, पेटीकोट को देखती है, और मन ही मन बोलती है- “जो आज मेरे साथ हुआ, वो मैं कभी नहीं भूल सकती। अब अगर मैं ये गंदे हो चुके कपड़े पहनकर बाहर जाऊँ तो लोगों को कुछ ऐसा वैसा शक हो सकता है। मेरे सारे अच्छे कपड़े तो वहाँ मेरे कोच में ही है, मैं तो नहीं ला सकती, लेकिन?”
तभी करीना के दिमाग में ट्यूब जलती है और वो रमेश को देखकर बोलती है- “रमेश, मेरा एक काम करोगे?”
रमेश हड़बड़ाते हुये बोलता है- “हाँ जी, बोलिये…”
करीना- “क्या तुम मेरे कोच से मेरी पर्सनल बैग लाओगे?”
रमेश- “हाँ क्यों नहीं? लेकिन आपके बैग का क्या रंग है?”
करीना- “लाल रंग की है…”
रमेश- “ठीक है, अभी जाता हूँ, अप तब तक जल्दी से फ्रेश हो जाइए…” ऐसा बोलकर रमेश कोच से बाहर करीना के कोच की ओर जाता है।
जैसे ही रमेश कोच से बाहर जाता है, करीना टी॰टी॰ कोच का दरवाजा बंद करके फ्रेश होने के लिये बाथरूम में चली जाती है।
वहाँ रमेश करीना के कोच के पास पहुँच जाता है, दिन के 3:30 बज गए हैं, जब रमेश कोच के अंदर चला जाता है, तब वहाँ सिर्फ़ समीर ही था, जो की सोया हुआ था, और गागा, संदेश, अब्दुल कोच से बाहर ट्रेन के एग्जिट डोर पर सिगरेट फूँक रहे थे।
रमेश जैसे ही कोच के अंदर जाता है, और यहाँ वहाँ करीना का रेड बैग ढूँढने में लग जाता है, तभी उसकी नजर बेंच के नीचे जाती है, और एक रेड बैग रमेश को नजर आती है, और वो बैग बेंच के नीचे से निकालता है, और रेड बैग हाथ में पकड़कर मन ही मन बोलता है- “चलो आख़िर मिल ही गई उस रंडी की बैग…” और रमेश कोच से बाहर निकलते हुये, टी॰टी॰ कोच की तरफ करीना को बैग देने के लिये बढ़ता है।
और दूसरी तरफ गागा, संदेश और अब्दुल सिगरेट फूँकते हुये, मजाक मस्ती कर रहे थे। अब्दुल गागा की खिल्ली उड़ाते हुये बोलता है- “लंगूर को मिला अगूर, साला हमारा ही लक नहीं जो ऐसी मस्त आइटम हमें भी कभी मिले…”
गागा हँसते हुये बोलता है- “अबे साले, इसके लिये सालों की तपस्या लगती है, तब जाकर ऐसा माल मिलता है…”
तभी संदेश बोलता है- “अरे कमीने उस औरत का, याने तेरी उस रिश्तेदार का नाम क्या है?”
अब्दुल- “हाँ हाँ, बता साले नाम क्या है उसका? और उसका बदन तो माशाल्लाह बड़ा ही खूबसूरत है, लेकिन हर वक्त ढका हुआ चेहरा भी उतना ही खूबसूरत है क्या?”
गागा- “अबे कमीनों, उसका नाम सोनिया है… और वो दिखने में परी जैसी है…” गागा करीना की असली पहचान छुपाना चाहता है, इसलिए गागा संदेश और अब्दुल से झूठ बोलता है, कि करीना का नाम सोनिया है। ऐसे ही वो तीनों गासिप करते रहे।
उधर रमेश करीना का पर्सनल बैग लेकर टी॰टी॰ कोच में पहुँच जाता है… और टी॰टी॰ कोच के बंद दरवाजे पर ठक-ठक करता है।
बाथरूम में नहा रही करीना दरवाजे पर से आती आवाज सुन लेती है, शावर बंद करके करीना बाथरूम में रखे हुये तौलिया से अपना गोरा बदन पोंछते हुये मन ही मन बोलती है- “लगता है, रमेश बैग लेकर आ गया, अब मुझे अपना नकाब फिर से पहन लेना चाहिए…”
करीना वो लाल नकाब फिर से पहन लेती है, और बाथरूम का दरवाजा खोलकर कोच के दरवाजे की तरफ बढ़ती है, जो उसने अंदर से लाक किया था। करीना अपने गोरे बदन पर तौलिया लपेट लेती है, और कुछ सेकेंड में करीना चलकर कोच के एग्जिट डोर के नज़दीक पहुँच जाती है, और कोच का दरवाजा जरा सा खोलती है, क्योंकि बाहर लोगों की चहल-पहल चल रही थी।
करीना रमेश के हाथ में अपना पर्सनल बैग देखती है और बोलती है- “थैंक यू सो मच रमेश, वो बैग दो जल्दी, वो दोनों बूढ़ों को होश ना आए…”
रमेश करीना के हाथ में बैग थमा देता है।
करीना लेते हुये बोलती है- “रमेश जरा तुम बाहर ही रहना, मुझे कपड़े बदलने हैं…”
रमेश हँसते हुये बोलता है- “ठीक है, जैसी आपकी मर्ज़ी
और करीना कोच का दरवाजा बंद कर लेती है।
रमेश करीना की बात सुनकर मन ही मन बोलता है- “साली को पूरा नंगा देखा है, फिर भी मेरे सामने कपड़े पहनने में शरमा रही है…”“
|