RE: Antarvasna kahani हर ख्वाहिश पूरी की भाभी �...
भाभी: वो दोनो तेरे ही आइडिया है... तो तुजे जो मर्जी हो बता। तुझपे छोड़ती हूँ... आप आप क्यों लगा रख्खा है...
मैं: ओके... तो मैं तेरे साथ क्या क्या करना चाहता हूँ वो बताता हूँ... शर्मा मत जाना और गलत मत समजना... वो तू और तेरे भैया के बिच रखना...
भाभी: ठीक है चल बता...
मैं: मेरी इच्छा यह है...
१. तेरे साथ मिशनरी सेक्स करना
२. तेरे साथ डौगी मिशनरी सेक्स करना
३. तेरे पिछले होल को रगड़ना मिशनरी पोसिशन में
४. डौगी स्टाइल मैं सेक्स करना...
५. मेरा हथियार मुह में देकर मुह में ही झड़ना
६. कंडोम कभी भी नहीं पहनना
७. खड़े खड़े मिशनरी और डौगी सेक्स करना
८. तेरे शरीर का सुख कई लोगो तो दिलवाना एक एक करके
९. तेरा गैंगबैंग करवाना
१०. हाइवे पर गैंगबैंग करना
(भाभी का कोई रिप्लाय नहीं आया, मैं थोडा डरा पर मैंने बात जारी रख्खी)
इस के अलावा...
११. घरमें सिर्फ ब्लाउज़ और शॉर्ट्स पहनके रखना, ब्लाउज़ का गला खूब डीप बनवाना
१२. तेरे सारे मुख्य अंग वाली जगह के कपडे ज़िप वाले बनवाना
१३. तेरे हाथ पैर बांध के तुजे सारी रात बेइंतेहा रगड़ना...
१५. तुजे ढेर सारे लव बाइट देना....
बस अभी के लिए इतना ही...
(कुछ भी रिप्लाय नहीं आया)
क्या हुआ?
भाभी: ह्म्म्म कुछ नहीं तेरे भैया से बात कर रही थी... मुझे मेरा आइडिया मिल गया...
मैं: क्या?
भाभी: नंबर १३
मैं: ह्म्म्म्म गुड़ लक....
भाभी: चल बाई...
मैं: मैंने इतना कुछ कहा, कुछ नहीं?
कोई जवाब नहीं आया पर भाभी मेरे सपने से अब वाकिफ थी... उसपे उसने कोई मसला नहीं उठाया, उतना मेरा विनिंग शॉट ही था... मुझे लगा की अब गाड़ी सेकेण्ड गैर मैं लानी पड़ेगी...
दूसरे दिन... आज वापस से वो खुश तो थी पर थक भी बहोत गई थी.. मैं सामने ही बोल पड़ा.
मैं: जवानी अगर सिर्फ एक को ही मिलेगी.. तो वो जवानी का क्या फायदा... आपको आदत नहीं पड़ी लगती... भैया आप पर भारी पड़ रहे है शायद...
भाभी: क्यों क्यों क्यों?
मैं: आप थक जाती है...
भाभी: कल तो मैं बंधी हुई थी (मैंने देखने की कोशिश की थी पर अब परदे बंध रहते थे और टैप रेकॉर्डर रखके आह उह सुनने का क्या फायदा?)
मैं: तो पिछले दिन को खुली थी.. फिर भी....
भाभी: हा तो वही तो... तेरे भैया से मैं संतुष्ट हूँ, तू आप आप क्यों बोलता है?
मैं: हा तू बोलूंगा... पर हमारे बिच का परदा नहीं उठा... एक दोस्त की तरह सामने बैठ कर बाते नहीं कर सकते... क्या गर्लफ्रेंड? गर्लफ्रेंड बोलने में आज़ादी और टच करने देती है.... आप तो एक सिंपल सा हग भी नहीं करने देती...
भाभी: क्यों वो तो यहाँ तू छु तो लेता है...
मैं: पर वो सब डर के मारे...
भाभी: तो तेरे ख्याल तो बच्चू मैंने कल पढ़े... दूर ही रहना बेहतर है तुजसे...
मैं: तो हम सारी बाते बंध करदे?
भाभी: तेरी मरजी... बाकी गर्लफ्रेंड का एक लेवल बढ़ाने के लिए मैं तैयार हूँ... सोच ले....
मैं: और वो भला क्या?
भाभी: आज से तू गैलरी से झांख सकता है...
मैं: रात को?
भाभी: हां बाबा पर एक शर्त पर...
मैं: बोलो...
भाभी: तू मुझे दूसरे दिन इम्प्रूवमेंट के लिए बताएगा की और क्या क्या इम्प्रूव करू
मैं: चलो यही सही... पर भैया को पता चला तो?
भाभी: उसे मेरे अलावा कहीं ध्यान ही नहीं जायेगा अगर मैं उनके साथ हूँ...
मैं: तो में उस टाइम मास्टरबेट करूँगा हा?
भाभी: हा हा हा हा वो तेरी मरजी...
मैं: तो ठीक है पर एक कम करेगे? लास्ट?
भाभी: हा बोल
मैं: कोल करूँगा आप रिसीव करके छोड़ देना ताकि मैं सुन सकु... तो मुझे भी थोडा ज्यादा आनंद मिले... पॉर्न भी देखो और म्यूट? मजा नहीं आता...
भाभी: हा उतना मैं आकर सकती हूँ....
आलम अब ये था के शाम तक समय कैसे निकाले? भाभी आज मेरे सामने नंगी ऑफिशियली होने वाली थी... चुप चुप के बहोत देख लिया था... मैंने दिन में ३-४ बार पूछा भी सही...
मैं: भाभी आप को पता हैना मुझे निमंत्रण देने का मतलब?
भाभी: कितनी बार पूछोगे, बोला ना के सिर्फ देखने का ही आमंत्रण है.. और कुछ नहीं...
मैं: हा पर आप सिर्फ नंगी ही नही देखोगी...
भाभी: सेक्स करते हुए भी देखना है... बस?
मैं: ह्म्म्म तुम कितनी अच्छी हो... आज से मैं कभी भी तुजे आप गलती से भी नही कहूँगा... क्योकि आज तो तू मेरे खास बन जायेगी...
भाभी: ह्म्म्म वो तो है...
मैं: अभी कुछ टिप्स दू क्या? के मैं क्या क्या देखना चाहता हूँ?
भाभी: ठीक है बोल...
मैं: आज तू नहाने जाना पहले और गीली ही बहार आना... एक छोटा सा टॉवेल ओढ़े भैया के सामने आना...
भाभी: काफी खुराफाती दिमाग है तेरा... ऐसा सूझता कैसे है तुजे?
मैं: तुजे देख देख कर...
भाभी: चल एक जप्पी ले ले...
मैं: सच?
और भाभी मुझे लिपट गई.. मैंने भी खूब दबोचा... पर भावनाओ में बहा नहीं... पर हाथ घूमते वख्त मैंने जो महसूस किया वो बताया...
मैं: जैसे अभी नहीं पहना वैसे तभी भी मत पहनना...
भाभी: धत् बदमाश... चल रात को मुझे देखने आ जाना... तेरा लाइव पोर्नो....
हम दोनों हँस पड़े... भाभी को मेरे साथ कम्फर्ट महसूस होने लगा था... ये सब अब साबित हो रहा था... पर भैया का प्यार और भैया के लिए प्यार उसे बंधे रखा था.. जो सिर्फ वही तोड़े तो ही उसे पाने का कुछ अलग सुकून मिले... जैसे तैसे दिन निकल गया और रात को भाभी रूम में जाते ही फ़ोन किया... खूबसूरत जिस्म के साथ खूबसूरत दिमाग भी... पता था के अगर मैं फोन करू तो गड़बड़ हो सकती है... फोन रखा पलंग के एकदम नज़दीक...
भाई: अरे आज तो मैं बहोत थका हूँ...
भाभी: अरे अभी थकान मिटा देती हूँ... आपके लिए कुछ खास सोचा है मैंने...
भाई: क्या मेरी रांड?
भाभी: अभी आती हूँ, अभी मत आना (लास्ट वाली लाइन मेरे लिए ही थी)
भाई: जल्दी आना...
थोड़ी देर बाद भाभी अंदर से बोली...
भाभी: लाइट व रखना और पडदे बंध मत करना आज आपकी पसंद का...
भाई: अरे आना प्लीज़...
भाभी: आ रही हूँ...
और मैं धीरे से उनकी बाल्कनी में दाखिल हुआ... भाभी ने बाथरूम का दरवाजा खोला और अपना एक पैर बहार निकाला... पूरा गिला था... उनकी थाई से लेके पानी की बुँदे पैरो तक निचे एक धारा बना रही थी... जैसा मैंने सोचा था कुछ वैसा ही...
भाई: अब आ भी जा रंडु
भाभी अंदर से पूरी गीली और नज़ारा कुछ ऐसा था...
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