RE: Antarvasna kahani हर ख्वाहिश पूरी की भाभी �...
हम दोनों वही पर दो नंगे बदन, चद्दर ओढ़ कर एक दूसरे की आगोश में लिपटे सो गए...
मैंने इतनी गहरी नींद पहले कभी नहीं ली थी... मेरी आँखे खुली तो कुछ दोपहर के साढ़े तिन बज चुके थे... सुबह से सिर्फ मैंने भाभी का नाश्ता किया था... या खाया था... भूख ज़ोरो की लगी थी.. भाभी मेरी आजूबाजू नहीं दिख रही थी... मुझे लगा के वो बिलकुल ही खाना बनाने ही गई होगी... मैंने अपना ट्रैक पहना और फिर बहार निकल कर भाभी को ढूंढने लगा... पहले तो जा के मैंने किचन में देखा वहा पर भाभी के चूड़ियों की आवाज़ आ रही थी... मैंने चुपके से देखा... तो भाभी ने मेरी एक और ख्वाहिश पूरी कर दी थी... भाभी ने घरमे ब्लाऊज़ पहना था और निचे खूब छोटा शॉर्ट पहना था... उस शार्ट के पॉकेट के हिस्से भी बहार आ रहे थे उतना छोटा... ब्लाउज़ बैकलेस था... सिर्फ निचे से एक हुक पर पूरा टिक के पड़ा था... मतलब भाभी ने अंदर तो मानो के कुछ नहीं ही पहना था... वो पक्का था... भाभी शिद्धत से मेरी ख्वाहिश पूरी कर रही थी... अब हमारे बिच सब खुल्लम खुल्ला था... कोई रोक नहीं थी... पीछे से देख कर मैं अपने आपको रोक नहीं पाया और आगे जाके मैंने पीछे से भाभी को दबोच लिया...
भाभी: अरे धीमे गैस चालू है...
मैं: तो तू भी तो चालू है...
भाभी: तेरे लिये खाना बना रही हूँ...
मैं: ह्म्म्म क्या बना रही है...?
भाभी: कुछ नहीं रूटीन... तू बता तेरी नींद कैसी कटी?
मैं: जबरदस्त.... ऐसी नींद कभी नहीं की मैंने...
मैं भाभी को पीछे से सटका था... मेरी नजर आगे गई... कैंची चली थी शायद ब्लाउज़ पर... निप्पल के आजूबाजू का ब्राउन कलर मुझे दिख रहा था... जैसे तैसे निप्पल ढका था... मैं ऊपर से देख रहा था तो मुझे तो निप्पल का दाना भी साफ़ दिखाई दे रहा था.. सिर्फ आगे एक हुक था.... मैंने भाभी को मेरी और किया तो क्या खूबसूरत नज़ारा था... मैं देख के अपनी जीभ बहार निकाली....
भाभी: पहले कुछ खालो... बाद मैं बाकी का काम करना... रेड़ी हो गया तेरा लौड़ा?
मैं: नहीं था... थक गया था पर अब गांड का उद्घाटन कर के ही छोडूंगा... पर चल जल्दी खाना बना ले... और हा....
मैंने ब्लाऊज़ के निप्पल वाले हिस्से को थोडा निचे किया और दोनों निप्पल को बाहर निकाला...
मैं: ऐसे ही रहने दे, बाहर अच्छा लगता है... सुबह काटा क्या ब्लाऊज़?
भाभी: नहीं तू सो रहा था तब...
मैं: ह्म्म्म्म कितना टाइम लगेगा गांड मरवाने में?
भाभी: अभी शाम का खाना भी अभी तैयार करुँगी तू तेरा कोई काम हो तो निपटा ले... तो बाद में तेरा भाई आए तक और कुछ ना करना पड़े...
मैं: ओके...
कर के मैं उसके होठो को किस करके... गांड पर एक जोर से चपत मार के निकल गया... मैं अपना मोबाईल ढूंढ रहा था... सुबह से ध्यान नहीं आया था... याद भी नहीं आया था... तो जा के अपने बेड पर मोबाईल निकाल के चेक किया तो मुझे अपेक्षा थी उसके हिसाब से १२-१३ मिसकॉल थे, मेसेजिस् भी थे... देखा के सब मुझे ढूंढ रहे थे... के मैं कहा गायब हो गया हूँ... कुछ खास नहीं था के में आपको शेयर करू... तो मैंने मेसेज सिर्फ इतना मेसेज किया के रात को मिलते है... थोडा काम में बिज़ी हूँ.... पर वो लोग भड़के हुए थे... ये सब लोग वही मेरे चार दोस्त... मैं अब इनको और कुछ बताना नहीं चाहता था... पर मैंने ही बहोत कुछ बोल के रख्खा था तो अब वो सब मुझे छेड़ रहे थे... हमारे पांच जन के ग्रुप में कमेंट भी डाले गए थे के "कहा मर गया लौड़े, भाभी की चूत मिली क्या?" थोडा बहोत वो मुझे उकसाने के लिए छेड़ रहे थे.... दोस्त थे तो वो हर वख्त मुझे छेड़ने के टाइम ये टॉपिक हाथ में लेते थे... पर मैं ये बताना नहीं चाहता था के अब ये मेरा सीक्रेट है... तो मैंने बात बनाई और फिर मिलके बात करने का वादा किया... बस ऐसे ही मैं दोस्तों से बात कर रहा था... और भाभी बुलाने मुझे मेरे रूम में आई... मैंने मोबाईल बंध कर दिया.... मुझे लगा के मैंने जो ऑलरेडी मेरे दोस्तों को बताया है वो भाभी को पता ना चल जाए...
अचानक मैंने फोन को छुपाया तो भाभी बोली
भाभी: क्या कर रहे हो?
मैं: कुछ नहीं चलो खाना खाने...
भाभी: वो तो जाएंगे पर बता पहले की बात क्या है? क्या छुपा रहा है...
मैं: भाभी कुछ नहीं चलो ना....
भाभी: तेरा चहेरा साफ़ बता रहा है... के तू कुछ छुपा रहा है... गांड मारने नहीं दूँगी... और एक सरप्राइज़ मैं देने वाली थी जो बताया था वो भी नहीं मिलेगा...
मैं: भाभी... छोडो न... मेन्स टॉक प्लीज़...
भाभी: हा तो गांड नहीं मारने दूँगी... मत बता तेरा मेन्स टॉक...
मैं: अच्छा भाभी, होठ काटा वो भैया को क्या बोलोगी...?
भाभी: वो मेरा लुक आउट है... मैं खुद निपट लुंगी... चल खाना रेड़ी है...
मैं: हा चलो भाभी बहुत भूख लगी है... फिर ताकत भी तो लगनी है...
भाभी: जी नहीं मैंने अपना सब कुछ दे दिया... और तुम्हे मेन्स टॉक करनी है... कुछ नहीं मिलेगा...
मैं: अरे भाभी छोड़ना वो सब क्या रख्खा है...
भाभी: तो ये सब भी छोड़ना क्या रख्खा है इसमें, तेरी एक दिन शादी होनी ही है... वही सब कर लेना...
भाभी ने अपना ब्लाउज़ ठीक करके निप्पल को अंदर ले लिये...
मैं: उसे तो...
मेरी बात काटते हुए
भाभी: खाना खाने के बाद कपडे भी पुरे पहनूंगी... चलो चुप चाप खाओ...
मैं: क्या चाहती है तू?
भाभी: मुझे तेरे मेसेजिस् पढ़ने है... अभी के अभी...
मैं: खाना तो खा ले...
भाभी: नहीं... दिखा पहले...
मैं: प्लीज़ बुरा मत मानना... ले...
अब मेरी चोरी पकड़ी जानी थी... मैं कितना रिस्क ले चुका था... और मेसेज पढ़ के भाभी के रिएक्शन देखने लायक होंगे से थोडा गभरा गया था... मेरे निचे आने में भाभी मना नहीं करेगी कभी भी उतना पता था... पर कहीं प्यार में दरार आ जाने का डर था... जिस ख़ुशी ख़ुशी वो अपना बदन सोपति थी वो शायद खुद की भूख केवल मिटाने को सिमित रहती...
भाभी को फोन अनलॉक देने के बाद भाभी ने सारे मेसेज ध्यान से पढ़े... हम खाना भी साथ खाए जा रहे थे... मेरा मन था खाना खाने दौरान थोड़ी शरारत करना पर वो अब नहीं हो पा रहा था... एक थाली में खाना था अलग अलग खा रहे थे...
भाभी: ह्म्म्म तो ठीक है... तो तू मुझे चोदना चाहता है वो सब जानते है...
मैं: हा...
भाभी: क्यों बताया?
मैं: ये मेरे खास दोस्त है... जैसे भैया के होते है...
भाभी: पर वो मुझे इसतरह नीलाम नहीं करते...
मैं: पर भाभी वो तेरा पति है... मैं बॉयफ्रेंड हु लवर हूँ
भाभी: तो तुजे अच्छा लगेगा ये सब मुझे गन्दी नज़रो से देखेगे?
मैं: इसीलिए तो नही बताया...
भाभी: इसलिए मैं ज्यादा गुस्सा नहीं हुई...
मैं: सॉरी...
भाभी: इट्स ओके तू मेरा लवर है, तू जो चाहे कर सकता है.. पर जो कुछ करे मुझे पता होना चाहिए ओके?
मैं: ओके
भाभी: गुड़ खाना है?
मैं: हा ले आउ?
भाभी: रुक...
और फिर भाभी ने अपना ब्लाउज़ को निचे किया और स्तन पर लगाया गुड़ दिखाया... मैं पागल हो गया...
मैं: वाह पर कैसे खाऊ?
भाभी: जैसे रोटी और थाली में खाता है वैसे... चाट के खाना है तो चाट के, मुझे क्यों पूछ रहा है?
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