RE: Antarvasna kahani हर ख्वाहिश पूरी की भाभी �...
भाभी ने रोटी का टुकड़ा उठा के अपने स्तन पर रगड़ के गुड़ को लेकर मुह में डाला... मैंने वही किया एक दो बार फिर उसे बोला...
मैं: मेरी गोदी में आजा न...
भाभी उठ के गोदी मे आ गई... और फिर मैं कभी चाटता तो कभी ऊँगली से लेकर खाता... लण्ड मेरा बेकाबू हो रहा था... और भाभी बोली
भाभी: मुझे गुड़ चम्मच से खाना है...
मैं: हा। हा। मुझे भी मेरी चम्मच से खिलाना है.. आजा चल मेरे घुटने में...
फिर भाभी ने मेरा ट्रैक पेंट निकाल के मेरे लण्ड से उनके मम्मो पर रख्खा और गुड़ लगाया, और फिर वो खाने लगे... पर भाभी रुक गई सिर्फ एक दो बार करके...
भाभी: तेरा हो जाएगा... फिर गांड नहीं मार पायेगा और फिर मेरी जान खायेगा... चल खाना खत्म कर जल्दी से..
मैं: हा भाभी आज गांड तो मारनी ही है...
भाभी: मुझे भी तो मरवानी है... तभी तो में हर एक तरह से तेरी हो जाउगी...
जैसे तैसे खाना खत्म किया...
भाभी: बर्तन धोके आती हूँ तब तक वेइट कर... पर उससे पहले एक बर्तन तूने पहले धोना पड़ेगा...
मैं: कौन सा?
भाभी: तेरा गुड़ जहा रख्खा था वो... मैं खुद भी कर लुंगी अगर...
मैं: नहीं नहीं में ही करूँगा... पहले चाट चाट के साफ तो कर दू...
और मैंने आगे से ब्लाउज़ को और निचा कर के दोनों मम्मो को चाट चाट के साफ़ किया और निप्पल से खीचते हुए रसोई में बेज़िन तक ले गया... वहा पानी से मैंने अच्छे से साफ करके स्तन और ब्लाउज़ गिला कर दिया... और फिर साफ़ भी कर दिया... पोछ कर... मैंने ब्लाउज़ चढ़ाना चाहा पर...
भाभी: निकाल ही दे वैसे भी गीला हो गया है और मुझे तू वैसे भी नंगी करेगा ही...
मैं: ह्म्म्म ठीक है...
मैं आगे से हुक खोल दिया और पीछे खोलने के लिए बाहो में लेकर ट्राई करने लगा... तो भाभी ने सहारा दिया और फिर निकाल दिया... अब भाभी शॉर्ट्स में थी और ऊपर नंगी... मैं फिर से जाते टाइम गांड पर चमाट मार के गया... चलो भाभी ने कुछ गुस्सा करकर प्लान खराब नहीं किया.... सिर्फ ५-७ मिनिट मैं वो रूम में आई...कुछ इस तरह...
वो मेरा शर्ट था... मैं अपने रूम में आया था... क्योकि गांड मारने वाला लम्हा मैं अपने बेड पर मनाना चाहता था... भाभी के हाथ मैं पानी था मेरे लिए शायद... नहीं ये तो ऑइल लेके आई थी... जो रसोई मैं यूज़ होता है... गांड मारना इतना आसान नहीं था न?
मैं: मेरा शर्ट क्यों पहन के आई?
भाभी: क्यों जच नहीं रहा क्या? इसके बदले मैं अपना ब्लाउज़ और शॉर्ट्स आप के पास जमा करवा दूंगी...
मैं: ये ठीक है सोदा... अब?
भाभी: अब गांड मारो और खुश हो जाओ..
मैं: जिंदगी में सब गांड मरवाने से डरते है और औरत ही होती है जो ख़ुशी ख़ुशी गांड मरवा लेती है...
भाभी: हा हा हा हा ... सच है..
मैंने अपना शर्ट जो भाभी पहने थे उसे निकाल के नंगी की भाभी को। और फिर भाभी खुद पलंग पर गांड निकाले घोड़ी कहूँ या कुत्ती बन कर सेट हो गई.... मैं उनके सपोर्ट पर आभारी था... मैंने जोर से गांड पर मारा और फिर तैल लेकर उसे गांड वाली दरार पर रगड़ ने लगा... धीरे से मैंने उनके होल में एक ऊँगली लगाई... भाभी उई..... कर गई... फिर मैंने तैल से धीरे धीरे करके दो ऊँगली लगाई.... और फिर तिन अंदर बहार करने लगा... पांच मिनिट ऐसा करके मैंने फिर से चाटा मारा तैल के कारन आवाज़ खूब जोरो से आई... अब मेरे मारने की आवाज़ पर जो छाप उठी थी वो करारी थी... लाल लाल गांड पर सफ़ेद सफ़ेद पंजा... ये बदन मेरा गुलाम है... कितना गर्व था मुजे मेरे पर... और फिर भाभी मुड़ी और बोली
भाभी: चल अपना लौड़ा भी ऑइल से करवा ले, वरना छिल जायेगा... सुबह ही तेरा लौड़ा इंजर्ड हुआ था...
मैं: हा पर आपका मुह है न मलहम के लिये...
भाभी: मुझे पता था... इसीलिए मैं खाने का तैल लेके आई हु... अगर मुह में लेना पड़ा तो भी प्रॉब्लेम नहीं...
और फिर अच्छे से भाभी घुटनो पर आके मेरा लौड़ा तैल से लथपथ कर के फिर से पलंग पर गांड निकाल के कुत्ती बन गई... ये गांड कुछ ऐसी दिख रही थी...
एकदम ऑइली... और एक बहोत ही छोटा सा छेद जिसमे मेरा लौड़ा जाने वाला था...
मैं: ए भोसडीकि चल अपनी गांड का छेद मोटा कर...
भाभी ने अपने दोनों कुल्हो को खीच के छेद को बड़ा किया... और फिर मैंने हल्के से उस छेद पर लण्ड लगाया... चूत के एकपिरियन्स के बाद गांड के साथ क्या क्या करना है मुझे पता था... एकाद मिनिट में मैंने एक स्ट्रांग धक्का दिया... और लण्ड का सुपाड़ा गांड चीरते हुए गांड में धँस गया...
भाभी: आउच.... आ.....उ...च... गांड ठुक गई... आ...
मैं: चुप कुतिया...
भाभी: हा कुतिया ही बन गई हु...
मैं: मादरचोद बन्द हो जा... सिर्फ आह ऊह ही कर...
भाभी: ओके...
मैं: बोली तू बहनचोद?
मैंने फिर एक धक्का और मारा.... लौड़े का टोपा थोड़ा अंदर घुसा... मेरा लौड़ा घायल था इसलिए मुझे थोडा दर्द जरूर हुआ... पर मुझे थोडा मजा भी आ रहा था.... तो मैंने दर्द को गोली मारी अब नज़ारा कुछ ऐसे था...
मैं: आज तक धमकिओ में गांड मारने की बात की थी, पर अब तो सचमुच की गांड मार दी है...
भाभी: हा पर अभी गांड पूरी नहीं ठुकी, पूरा अंदर डालना है न...?
मैं: भोसडीकि तू फिर बोली, गांड मार लूंगा साली...
भाभी: वो तो तू फिर भी मारने ही वाला हैं...
मैं: मादरचोद... बहोत गर्मी है?
और मैंने और जोर से धक्का दिया... भाभी ने मेरी और देखा... अब आधा लण्ड ही बाहर था...
मैं: साली कुतिया.. तेरी गांड तो और भठ्ठी जैसे है... भोसडीकि... चल और गांड फैला के ऊँची कर... अब लास्ट धक्के में अंदर डालना ही है अंदर तक....
भाभी ने एडजस्ट किया... और मैंने फ़ौरन एक धक्का मार दिया... अंदर बाहर बहोत हो चूका अब पूरा अंदर डालने की बारी थी....
भाभी का मुह खुला हो गया और वो जोर से.... आ......उ.......च बोल दी..... बहोत बड़ी आवाज़ थी... आज मैंने किसी की रियल में गांड फाड़ दी थी.... भाभी अपने आप को थोडा एडजस्ट किया और अपने लटके हुए मम्मे को पकड़के गांड मारने को निमंत्रण दिया...
मैं: अब तो बोल... आगे गाइड कर...
भाभी: मुझे तो करना था... तू मना कर रहा था... ले खेल मम्मे से... ये तो इतना ऑइली था तो कुछ प्रॉब्लेम नहीं हुआ और ना ही मुझे... बाकि पता चलता...
मैं: हम्म
थोड़ी देर बाद भाभी ने कुछ ऐसे भी मुझे उकसाया.... और ऐसे भी गांड मरवाई....
अगर आप लड़की को चोदते वख्त उसको एक रांड की तरह नहीँ चोदोगे तो तुम्हे मन में उस बदन पर पूरा हक है ऐसा महसूस नहीं होगा... मैं हर धक्के मैं भाभी के गांड में और उतारना चाहता था... और फिर जोर जोर से ज़टके मारने लगा... कुछ २० मिनिट गांड मारने के बाद... मैंने गांड में ही जड़ दिया... लंड निकालने की ताकत नहीं थी.... मैं भाभी की ऊपर ही पड़ा रहा... भाभी का शायद एक बार पानी निकल गया था... पर यहाँ कोनसी पड़ी थी भाभी की... मई पांच मिनिट तक ऐसे ही पड़ा रहा और फिर धीरे धीरे लंड को बाहर निकाला... मेरी और भाभी की साँसे एकदम तेज़ चल रही थी... गरम गरम साँसे एक दूसरे को देखते हुए और प्यार जता रही थी... भाभी बिना भूले जैसे ही लण्ड निकल के बाहर आया... मेरे लंड को देखा... खून तो फिर भी निकला था... मेरा लंड की चमड़ी थोड़ी घायल हो चुकी थी... भाभी ने चाट चाट के साफ़ किया... खूब सारा तैल लगाया था... इतनी चिकनाहट थी तब जाके मैं भाभी की गांड मार पाया था इतनी आसानी से...
भाभी: अभी १-२ दिन लण्ड को आराम कर ने देना
मैं: क्यों अभी तो शुरुआत हुई है.. ब्रेक?
भाभी: अरे बुध्धू तेरा लंड घायल है... उसे थोडा आराम दे... और तब तक तू भी आराम कर...
मैं: भाभी होठ के लव बाइट को क्या बोलोगी?
भाभी: बोल दूँगी के तबियत ठीक नहीं थी दोपहर को और बुखार था... तो ये बुखार उतरा है... उसी बहाने आज के दिन के लिए चुदने से भी बच जाउगी...
मैं: हम्म्म्म्म
भाभी ने आज मेरा बिस्तर सही में गरम किया था... मेरे बिस्तर पर गांड मारी थी...
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