RE: Antarvasna kahani हर ख्वाहिश पूरी की भाभी �...
भाभीे को अपना शर्ट छोड़ना पड़ा... और भाभी ने अपनी बाहे फैला कर उसे सीधा गले मिल गई... भोलू हक्का बक्का था... भाभी का अधनंगा बदन भोलू को छु रहा था... भोलू सोच रहा था के वो भाभी को भींचे या नहीं...
भाभी: तू नहीं गले लगेगा क्या?
भोलू: मैं अपने हाथ... सच में?
भाभी: ह्म्म्म्म
भोलू ने अपने हाथ भाभी के पीठ पर लगाये... उनके मजबूत हाथ में ये नाजुक सी कली आ गई थी... उसने भाभी को छाती से एकदम भींचने की कोशिश की... और हलके से हाथ निचे किया... जैसे में भाभी की गांड सहला रहा था.. वैसा प्रयास... भाभी ने रोका नहीं... तो हाथ घूमते घूमते शर्ट ख़तम हुआ तब तक पहोच गए... और भाभी कुछ नहीं बोली तो हाथ शर्ट से निचे गांड पर हल्का सा स्पर्श किया... डर से, गलती से पहोच गया ऐसा जता कर फिर से शर्ट पर हाथ घुमा रहा था के भाभी ने भोलू के हाथ को वापस निचे कर के गांड पर रखवाया और भोलू के सामने देखने लगी... दोनों एकदूसरे को देख रहे थे...
भाभी: डर मत छु ले...
भोलू ने हल्के हल्के कुल्हो को मसलना शुरू किया... मख्खन जैसे भाभी के कूल्हे भाभी की शान थे... जो थोड़ी देर पहले आँखों के सामने मसले जा रहे थे... वो अब भोलू के हाथ में थे.. दोनों हाथ से भोलू मसले जा रहा था के वो अकड़ गया और थोडा ठंडा पड़ गया... साला पहली बार लड़की को छु रहा था... तो वो खलास हो गया...?
भाभी: हा हा हा हा.....
भोलू: वो सॉरी मेमसाब... वो... गलती... सॉरी...
भाभी: कोई बात नहीं इट्स ओके.... हो जाता है...
भाभी को अब शर्ट को पकडे रहने की आवश्यकता नहीं थी... चूत साफ़ दर्शन करवा रही थी...
भोलू: वो... मैं... गलती... ऐसा...
भाभी: अरे बाबा कोई नहीं... चलो निकालो पेंट...
भोलू: अरे नहीं नहीं... कोई आ जायेगा... आप भी..
भाभी: मैं नंगी नहीं हूँ डरना तो मुझे चाहिए... चल पेंट निकाल...
भाभी जबरदस्ती कर रही थी... न करती तो भी वो मान जाने वाला था... भाभी अपने घुटनो के बल बैठ गई...
भोलू: अरे अरे मालकिन आप घुटनो पे...
भाभी: औरत का सच्चा स्थान यहीं है...
भोलू: क्या क्या क्या मेमसाब?
भाभी: कुछ नहीं.... मुझे बैठे बैठे ही फायेगा...
भाभी ने पेंट की चेन खोली तब ही लण्ड नाप लिया था... पेंट की क्लिप खोली तो अंदर निक्कर गिला पाया.. भाभी ने तुरंत ही निक्कर निचे किया... और सामने बाप रे... ग्यारह इंच का लम्बा साँप... तिन इंच चौड़ा... मज़दूर लोग का ये हथियार हमेशा मजबूत होते है... भोलू... अपना लौड़ा छुपाने की कोशिश कर रहा था.. पर भाभी तो उनके लिए इंतज़ार ही नहीं कर रही थी... अभी ये छुपाने की कोशिश कर ही रहा था के... भाभी ने लण्ड हाथ हाथ में ले लिया...
भोलू: मेमसाब क्या कर रही हो? प्लीज़.. ये गन्दा है...
भाभी: शह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्...
भोलू: पर....
भाभी: चुप एकदम चुप... मज़ा आ रहा है न?
भोलू: (आँखे बन्द कर के) हा.... एकदम... क्या हाथ है आपके...
भोलू की आँखे बन्द थी का फायदा उठा कर भाभी ने अपनी जीभ निकल के लौड़े के टोपे पर हल्की सी छु ली... भोलू की आँखे तुरंत खुल गई उनके बदन में बिजली पसर गई...
भोलू: ये क्या कर रही है... बिलकुल ही विदेशी औरत की तरह....
भाभी: तुजे पसंद है? मैं उनके जैसा करू क्या?
भोलू: पर ये गन्दा है... मुझे साफ़ करने दो...
भाभी: मुझे पसंद है...
भाभी ने जीभ फिराई... भोलू से खड़ा रहा नही जा रहा था... तो कुरसी पे बैठ गया.. भाभी ने एडजस्ट किया और आधा मुठी में लेकर और आधा लण्ड हल्के से मुह में लिया... भोलू बस एन्जॉय कर रहा था... भाभी ने हलके से लण्ड को मुह में जगह दी... धीरे धीरे लण्ड को वो पूरा निगल गई... भोलू को नहीं पता था के लण्ड से क्या करना है... तो भाभी ने उनका काम किया... खुद मुह को अंदर बाहर करने लगी... इसको तो ये भी पहला अनुभव था तो इसे डीप थ्रोट देना भाभी को मेहनत का काम लगा... पर भाभी जब अंदर बाहर कर रही थी तो लण्ड फिर कड़क हो गया... वो खुद भी ऊपर निचे हो रहा था... जब मज़ा लेना हो तो खुद को भी मेहनत करनी पड़ती है ऐसा भोलू को लगा तो वो खुद मुह में अंदर बाहर करने लगा... जैसे मूवी में देखा था वैसा अनुकूरण करते हुए... वो अब खुद डीप थ्रोट देने लगा... दरअसल उसे गले के अंदर उतरते जब लण्ड पर दबाव आ रहा था वो मज़ा दे रहा था... वो वापस जड़ने की कगार पे था... भाभी ने जानबुज कर लण्ड को और मुह की गहराई में डालने लगी... भोलू को कुछ पता नही था... पर वो भी भाभी के मुह में लण्ड ठूसने जा रहा था... भाभी के सर को भी उसने दबाया और जब वीर्य निकलने लगा तो अचानक डरते हुए भोलू ने लण्ड को बाहर निकालना चाहा, साला मज़ा लेने के टाइम मादरचोद... अरे कौन बताये इनको के मुह में जड़ना कितना अलौकिक होता है.. भाभी मुह से निकलने नहीं दे रही थी और भोलू निकाल ने में था के भोलू के लण्ड ने फवारा छोड़ दिया... और भाभी के मुह को भर दिया...
भोलू: (एकदम तेज़ हांफते हुए) हा.... ह्म्म्म्म... इसीलिए... ह्म्म्म सॉरी... पर.... ह्म्म्म आपने.... निकाल ने नहीं दिया...
भाभी पूरा वीर्य चाट के साफ करके लण्ड को चूस चूस के साफ क्र दिया...
भाभी: देख....लड़की अगर सामने हो तो वीर्य लड़की के छेद में ही निकालना चाहिए... तूने अपना मज़ा आखिर में किरकिरा कर दिया...
भोलू: ह्म्म्म्म आप बिलकुल विदेशी छोरियो के तरह ही करती थी... बहोत मज़ा आया...
भाभी: हम्म्म्म्म बस तो...
भाभी खड़ी हुई और मुड़ गई... और अपने बदन से शर्ट हटाया... भाभी पीछे से बिलकुल नंगी... और फिर मूडी अपने भरावदार मम्मो के साथ... भोलू का लण्ड फिर से सलामी दे रहा था... भाभी ने उठने को इशारा किया... भोलू उठके नंगी भाभी के पास गया... अब उसे कुछ बोलना नहीं पड़ रहा था... अपने हाथ आगे बढ़ाकर सीधा निप्पल को छुआ... मजबूत काम किए हाथ से भाभी को थोड़ी चुभन हुई..
भोलू: दर्द हो रहा है?
भाभी: लड़की को हर बार दर्द होता ही है.. पर मर्द वही जो परवाह उनकी इच्छा के अनुसार करे...
भोलू: (अपनी ही धुन में) कितने नरम नरम है?
भाभी: वो तो जितना दबायेगा मज़ा और आएगा...
भोलू के हाथ काम कर कर के खुरदुरे से थे.. भाभी के सॉफ्ट सॉफ्ट स्तन पर वो जब घूम रहे थे तो भाभी को अलग आनंद आ रहा था... ये अनाड़ी को थोड़े ही पता था के कितना और कैसे दबाते है मम्मे को... वो तो एक हाथ से एक मम्मे पर जैसे रिक्षा का भोंपू बजा रहा हो वैसे दबा रहा था... भाभी ने उनके दूसरे हाथ को भी अपने दूसरे मम्मे पर रख दिया....
भोलू: थोडा और तेज दबाउ? बहोत ही सॉफ्ट है... ऐसा तो कभी अनुभव ही नही हुआ...
भाभी: हा कर न जो करना है.. तुजे मज़ा आना चाहिए...
भोलू: बहोत आ रहा है... अलौकिक है ये... में मम्मे सिर्फ टीवी पर देखे थे आज छु रहा हूँ... वो तो कितना ज़ोर से मसलते है... विदेशी है न?
भाभी: हा तो क्या हुआ... तू भी मुझे आजमा के देख...
भाभी का इगो हर्ट हुआ... के साला अभी नौसिखिया मुझे कैसे चेलेंज कर सकता है... पर भोलू ने आगे की परवाह न करते हुए भाभी के दोनों एकदम लिसे मम्मे पर अपना खुरदुरा हाथ फटाफट चलाने लगा... उसे पता नहीं था के मम्मो को मसला कैसे जाये पर उनका मम्मो पर का पहला स्पर्श उसके चहेरे पर साफ़ जलक रहा था...
भोलू: कितना सॉफ्ट है ये... पर ठीक से मज़ा नहीं आ रहा है...
भाभी: आ...ह और... हा.... क्या करना.... चाहते हो? अच्छे से मसल तो.... आह.... रहे हो?
भोलू: मेमसाब ये मेरा पहला अनुभव है... मैं इसे और भींचना चाहता हूँ...
भाभी: तो दिवार से सट के खड़ी हो जाती हूँ...
भोलू के लिए तो ये भी नया था... वो भाभी को दिवार से टिका के मम्मे को बराबर भीच रहा था... भाभी आह और आउच बोलती रही... मुझे लगता था के मम्मे दबाने से बड़े होते है... पर आज तो दब जायँगे... जितना है वो निकलना जाएगा ऐसा मुझे लग रहा था... साला इतना तो हम भी नहीं दबाये थे.... पर देखने में मज़ा आ रहा था.... जब वो भींचता भाभी की साँसे रुक जाती... और मुह से आह या आउच निकलता... भोलू के हाथ मम्मो के बिच की घाटी में भी घूमते और निप्पल पर भी घूमते... निप्पल पर वो अपना अंगूठा और ऊँगली में उसे फसा के भीच देता... भाभी कहर उठती...
भोलू: खींचू मेमसाब?
भाभी: हा....खीच... आह.... हा... ऐसे ही खीच दाने को... आह तेरे हाथ... खुरदुरे है मज़ा आ रहा है... क्या हाथ है तेरे... हा.... ऐसे ही.... उइमा बस बस इतना भी नहीं... पर बस हा ऐसे ही...
भोलू: मेमसाब... क्या बनाया है खुदाने औरत को नहीं?
भाभी: आप सब के लिए ही तो है...
भोलू: हमारा नसीब कहा मेमसाब... इतना भी मिल गया बहोत है...
भाभी: अरे अभी तो शुरुआत है... तूने विदेशी फ़िल्म में क्या क्या देखा था? मुह में लेगा?
भोलू: हा आपकी इजाजत है तो...
भाभी: हा ले इनको...
भोलू ने अपना पेंट उतार दिया... भाभी ने शर्ट भी उतार ने में मदद की.. अब दोनों नंगे थे... भाभी ने भोलू को अपने और खीच के भोलू के मुख को अपने मम्मे के ऊपर रख दिया... भोलू तो पगला गया था... भोलू की जीभ जैसे भाभी के मम्मे को स्पर्श हुई के भाभी आह कर उठी... एक हाथ में मम्मा और दूसरे पर भोलू का मुह... भाभी ने अपना निप्पल खुद पकड़ के भोलू के मुह में दिया... भोलू जैसे बच्चा दूध पिता है वैसे उसे चूसने लगा...
भाभी: हा हा हा हा... तू भी... ये तो छोटे बच्चे करते है...
भोलू: तो?
भाभी: तूने फ़िल्म में क्या देखा था?
भोलू: वो तो...
भाभी: हा ऐसे ही कर...
भोलू अपने मुह में भाभी का मम्मा पूरा ठूसने की कोशिश कर रहा था... अपने नाख़ून लगा रहा था... दाँतो से काटने लगा... निप्पल को दाँतो से अलग करने का प्रयास करता हो ऐसे ही खीच रहा था... जीभ घुमा रहा था... अपने दाँतो के निशान मम्मो पर देख भोलू पूछ बैठा...
भोलू: मेमसाब दर्द नहीं हो रहा है न?
भाभी: आह.... हां... हो.... आउच... हो रहा है... पर तू चालू रख मज़ा आ रहा है...
भाभी ने भोलू का लण्ड हाथ में लेकर मुठिया ने लगी और भोलू का ध्यान सिर्फ मम्मो पर था....
भोलू: आह... मेमसाब... हा.... बहोत अच्छा.... हा करिए...
ऐसे बोलते बोलते जहा हाथ था वो मम्मे पर भोलू ने अपने नाख़ून से कुछ ज्यादा ही दबा दिया... और दांत से खुछ गहराई से मम्मे को काट दिया....
भाभी: आ.....उ.....च.... आह..... उइमा.... धीमे धीमे धीमे.... हा..... क्या कर रहा है.... दुखता है... कहीं भागी नहीं जा रही हूँ...
भोलू डर गया... पर हाथ से कुछ छोड़ नहीं रहा था.... भाभी का एक मम्मा नाख़ून से तो दूसरा दाँतो से थोडा हल्का सा छिल गया... थोडा ज्यादा करता तो शायद खून निकल आता... अनाड़ी कहीं का... भोलू ने भाभी को गले लगाया... पूरी नंगी भाभी पुरे नंगे भोलू में छुप चुकी थी... भाभी के मम्मे अब भोलू के छाती के बिच दब रहे थे... भोलू का लण्ड भाभी के चूत पर दस्तक दे रहा था... भोलू के हाथ भाभी के पीठ और गांड पे घूम रहे थे... भोलू ने गांड पर भी ऐसे ही अपने हाथो से दबाया... वह जगह भी नाख़ून से दबाना चाह रहा था... पर जो मम्मे का हुआ वो देख कर डर रहा था...
भाभी: आह.... हा भोलू... कर... वहा भी तू जो चाहे कर सकता है.... उसे भी काट दे....हा बिलकुल ऐसे ही...
भोलू अपने नाखुनो से भाभी के नरम नरम कुल्हो पर काट रहा था... अचानक उसे क्या सूजी के एक जोरदार चमाट मार दी...
भोलू: माफ़ कीजिए माफ़ कीजिए...
भाभी: आ.....उ....च.... तू माफ़ी माग माग कर सब किये जा रहा है...
दोनों के बदन के बीच का अंतर ज़रा भी नहीं था... दोनों एकदूसरे को.... भाभी तो ये मजबूत बदन से भीचे जाने पर अलग ही आनंद प्राप्त किये जा रही थी... और भोलू इतनी नर्म नर्म लड़कीको भीचे जा रहा था... भाभी ने अपना मुह थोडा ऊपर करके भोलू के होठ पे अपने गरम गरम होठ रख दिए... भोलू के लिए ये पहला चुम्बन का अनुभव था... वो भाभी के होठ को मस्त चूसे जा रहा था... चूस चूस के भाभी के होठ सुजा दिए... भाभी को बराबर मसल रहा था... करीब चार पांच मिनिट तक होठ चूसे जाने के बाद भाभी का होठ जब दर्द देने लगा तो थोडा अलग किया...
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