RE: Antarvasna kahani हर ख्वाहिश पूरी की भाभी �...
भाभी: अरे पूरी होठ को निकाल दोगे क्या?
भोलू: निचे सब किया तब को कुछ नहीं बोले आप मेमसाब...
भाभी: तो ऊपर नहीं करते... चल ठीक है... मजा आया लड़की को किस करते?
भोलू: हा... गिला गिला लगा... पर मज़ा आया..... जब आपने मुह में लिया तब तो कुछ अलग ही लग रहा था... मेरे माल की खुशबु आ रही है आपके मुह से मजा आया...
भाभी: हा हा हा... अभी तेरे कोई ग्राहक नहीं आये..?
भोलू: पता नहीं क्यों पर अच्छा है न?
मैं: क्या चल रहा है?
भोलू: वो मालिक जो मेमसाब कह रही है वही सब चल रहा है...
मैं: मेमसाब जो बोले वो सब करना...
भोलू: जी मालिक... मेमसाब आप जो कहोगी वो करूँगा... पर मेरी एक इच्छा है बताऊ?
मैं: हा बोल...
भोलू: मेमसाब मैं आप पर सोना चाहता हूँ...
भाभी: हा हा हा... सिर्फ सोना?
भोलू: वो...
भाभी: एक शर्त पर...
भोलू: हा बोलिए?
भाभी: तू जो भी बोलेगा खुल के बोलेगा...
भोलू: हा मेमसाब...
भाभी: हा चल पहले खटिए पर आजा...
भाभी खटिए पर सोई और अपने पैर फैला दिए... और चूत को जैसे होठ चूसे थे वैसे ही चूसने को कहा...
भाभी: भोलू... तूने जो ऊपर के होठ को चूस चूस के सुजा दिया... वैसे ही ये निचे के होठ को चूस चूस के सुजा दे... और जब रस निकले वो पी जाना...
भोलू: सच मेमसाब? आप अपना अंगत अंग मुझे सौपेंगे?
भाभी: हा... कर प्लीज़...
भाभी ने अपने पैर चौड़े कर के चूत पर ऊँगली रख्खी... और इशारा किया आने का...
मैं: भोलू पूरी ताकत लगा देना...
भोलू को और हिम्मत आई... भोलू चूत के पास अपना मुह लगा कर बड़ी जोर से अंदर घुसने का प्रयास करने लगा...
भोलू: अरे ये तो और भी मुलायम है...
मैं: मादरचोद... चूत सामने है और तुजे ऐसा कुछ सूज कैसे सकता है... चल मुह में ले... चूस साली रंडी की चूत को...
भोलू अवाक् हो गया मेरी ये भाषा सुन के...
भाभी: तू प्लीज़ चल चालू रख... मत सुन इनको...
भोलू तो वैसे भी यही चाहता था... वो तू टूट पड़ा चूत में.... उसे चूसे जा रहा था...
मैं: तेरे खुरदुरे हाथ डाल चूत में.... और चूस... निचे गांड में भी डाल, इस रांड का कोना कोना मुलायम सिल्की है...
भोलू वैसे ही किए जा रहा था... भोलू का लण्ड फिर से तन कर खड़ा था... भाभी ने अपने जरने के टाइम पर अपने पैर भोलू के सर पर रख के दबाया... जैसे भाभी अपनी चूत में भोलू का सर डालना चाहती हो.... भाभी ने बड़े चाव से वो पल का आनंद उठाया और ज़ड गई... भोलू जो भी रस निकल के बाहर आया सब पि गया...
भाभी: वाह मेरे भोलू... मज़ा आ गया... आजा मेरे ऊपर...
भोलू अब अपने आपको लण्ड को संभाले हुए भाभी के ऊपर चढ़ गया उसे समझ नहीं आ रहा था के कैसे वो भाभी पर सोए... बेचारा... भाभी ने अपने पैर अलग किए जैसे वो सो सके... भोलू अपना लण्ड अपने पैरो के बिच फसा कर खुद को सुलाने के लिए मेहनत कर रहा था....
भाभी: हा हा हा हा... ये क्या कर रहा है?
भोलू: अरे वो फिर मैं...
भाभी: हम? हम? हम? बोल?
भोलू: वो मैं कैसे सोऊ?
भाभी: तू लण्ड की चिंता मत कर और सो जा... आजा...
भोलू: पर वो... आप के अंदर... वो समझ रही है न?
भाभी: हा हा हा हा... नहीं समझ रही हूँ जरा समजा तो? पहले ही बोला था के खुल के बोलना...
भोलू: फिर मेरा लण्ड आपकी चूत को छुएगा... पर आप अंदर ले लो तो ये प्रोब्लेम सॉल्व हो जाएगा...
भाभी: तो तू करना क्या चाहता है? तू जनता है इसे क्या कहते है?
भोलू: हा मेमसाब... चोदु क्या? प्लीज़? इतना तो आपने मुझे दे दिया है... थोडा और सही!
भाभी: तू जानता भी है के तू मेरे पति के सामने क्या बोल रहा है...
भोलू एकदम भोलेपन से मुझे पूछा
भोलू: मालिक मेमसाब को चोदु क्या?
मैं एयर भाभी दोनों हँसने लगे...
मैं: मुझे क्या पूछ रहे हो, पूछो मेमसाब से...
भोलू: हा क्या मेमसाब?
भाभी: पूछो मालिक से...
भोलू: हा मालिक?
हम दोनों एकदूसरे को पास कर रहे थे के...
भोलू: प्लीज़ बस कीजिए आप दोनों मुझे दर्द हो रहा है... प्लीज़?
भाभी ने भोलू का मुह अपनी और किया... उसे एकदम नजदीक खीच के उसे किस करने लगी... भाभी ने अपना हाथ खुद लम्बा किया और भोलू के लण्ड को अपनी चूत के द्वार पर रख्खा... और भोलू ने जो देखा था उसका प्रयोग किया... भाभी की गीली चूत पर भोलू ने अपना लंड थोडा प्रेस किया... भोलू तेज तेज साँसे छोड़ रहा था.. और चूत पे धक्का मार रहा था... पर लण्ड बेंड हो जा रहा था... वो घुस नहीं मार पा रहा था... ऐसा मेरे साथ भी हुआ था मैं समझ सकता था... भाभी के साथ किस करते हुए भोलू ने धीरे धीरे अपने तंग लण्ड का टोपा जैसे ही अंदर घुसाया के भाभी ने अपने पैर और फैलाकर भोलू के पीठ पर रख दिए... ताके उसको घुसने को और जगह मिले और भाभी के ये करतब ने कमाल कर दिया... थोड़ी ही देर में एडजस्ट करते करते भोलू ने अपना लण्ड भाभी के चूत में समा दिया.... पर एकदम स्थिर हो गया...
भाभी: क्या हुआ?
भोलू: बस अब एडजस्ट हो गया...
भाभी: तो ख़तम? आगे नहीं करना क्या कुछ?
भोलू: क्या करू?
भाभी: अरे अपने लण्ड को आगे पीछे कर तो उससे भी ज्यादा मज़ा आएगा... फ़िल्म में नहीं देखा?
भोलू: पर मेरा अंदर फटा जा रहा है... थोडा भी हिलाया तो कुछ निकल जाएगा....
भाभी: हा हा हा... भले निकल जाए पर जब तक खाली न हो जाए तब तक अंदर बाहर करता रह....
भोलू ने धीमे धीमे अपनी गांड को ऊपर निचे करना चालू किया... वो वजन खटिए पर दे रहा था जो भाभी ने अपने बदन पर दे रहा था... दोनों की सांसे तेज चल रही थी मुझे भी सुनाई दे रही थी... भोलू ने भाभी के बदन को महसूस करते हुवे भाभी को यहाँ तहा किस करने लगा...
भाभी: भोलू.... बस ऐसे ही... तूने जो फ़िल्म में देखा है न जो लड़के विदेशी औरत के साथ करते है... आह्ह्ह्ह्ह् बस.... उम्म्म्म्म्म्म्म वाहआआआआ.... हा ऐसे.... आआआआआ आकर कर मेरे बदन से... मज़ा आ रहा है....
भोलू जाने एक्सपर्ट हो गया हो वैसे लण्ड बाहर अंदर करने लगा के एक दफा लण्ड बाहर निकल गया... पच करके... उसने वापस अंदर डालने की कोशिश की पर फिर से भाभी ने अपना हाथ लम्बा करके लण्ड को चूत से मिलवाया... एक बार वापस से ये शुरू हुआ.....
धीरे धीरे आखिर वापस एकबार चूत में लण्ड घुस गया... भाभी, भोलू के खुरदुरे कसे हुए शरीर से जल्द ही एक और बार जड़ गई... और भोलू के लिए जो थोड़ी दिक्कते हो रही थी चूत में।लण्ड को पेलने में उसे आसानी मिल गई... वो भाभी पर अब आसानी से लण्ड को आगे पीछे कर पा रहा था... चूत से जब वीर्य की टपके बाहर निकली तो मुझे पता चला के भोलू भी एक बार तो जड़ ही चूका है... ये अब चौथी बार जड़ने की कोशिश कर रहा था... पहेली बार में भी काफी कुछ कर दिया उसने... क्योकि वो एकदम काम किया हुआ कसे हुए बदन का मालिक था... भाभी उनका बिलकुल ही साथ दे रही थी... खटिए से कच कच की आवाज़ आ रही थी क्योकि भोलू की स्पीड की मात्रा धीरे धीरे बढ़ रही थी... उसने अब तो भाभी को एकदम ही अपने आप से भीच लिया और भाभी में ही एक और बार जड़ कर एकदम ख़ुशी का इज़हार भाभी के हुश्न को चूमते हुए करने लगा... भोलू ख़ुशी के मारे रो पड़ा....
भाभी: अरे अरे अरे क्या हुआ?
भोलू: मेमसाब... बहोत बहोत धन्यवाद... मैं आपका ऋणी हु... मैं आपका नौकर हूँ... बस आप जो कहेंगे... मैं आपका गुलाम हूँ... मुझे आज स्वर्ग मिल गया... मैं.... मेमसाब....
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