RE: Antarvasna kahani हर ख्वाहिश पूरी की भाभी �...
मैंने हमारी बात उसे पूरी बताई... भैया शोक में थे... मैंने बात आगे बढ़ाई... मैंने अपने चेट भी पढ़वाए
केविन: अब हम चारो दोस्त अलग अलग दिन भाभी को चोदने.... आई मीन... सॉरी सॉरी... मतलब...
भैया ने पहले तो एकबार मुझे जोरदार का चांटा मार के मुझे रोती हुई आँखों से देखा... पर एक घंटे के बाद वो थोडा चुप हुए और फिर किसीको फोन लगाया... और फोन ख़तम कर के बोले...
राहुल: केविन... जो हो रहा है होने दे... तू इन सबका इंचार्ज रहना... डॉक्टर से बात हुई... इसका इलाज नहीं है उनके पास... ये कुदरती है... होने दे जो हो रहा है... बस मुझे बताते रहना... अब ये एक औरत है जिसको मुज पे पूरा भरोसा है, मुझे प्यार करती है। उनको अब उनकी कमज़ोरी दिखाके ज़लील करना भी अच्छा नहीं... और वैसे देखा जाए तो वो उनकी गलती भी तो नहिं...
केविन: ह्म्म्म पर आप एक बार बात कीजिए न?
राहुल: नहीं नहीं वो अपनी ये वासना दबाये रख्खेगी और फिर और प्रोब्लेम हो जाएगा.. वो खुद को रोक नहीं पायेगी और हमारे रिश्तों में भी कड़वाहट आएगी, क्योकि मैं अकेला उनकी वासना ख़तम कर नहीं पाउँगा... उससे अच्छा जब भी पता चलना होगा चल जायेगा... बस कुछ गलत न कर बैठे ध्यान रखना... लड़की अगर वासना के शोलों में अगर भड़क रही हो तो उसे लोग रंडी ही बुलाते है,. डॉक्टर बता रहा था के ऐसे अगर कमज़ोरी उनके सामने लाएंगे तो शर्म के मारे कुछ गलत कदम भी उठा ले.... मेरे मम्मी पापा के जाने के बाद इन्होंने ही सब संभाल लिया है... उनके प्यार के डाउट नहीं करना मुझे पर उनकी इस घडी पर मुझे उनसे प्यार करना ही बेहतर है....
केविन: तो हम सब क्या करे? दो दिन बाद हम सब दोस्त बारी बारी जाने वाले है और फिर बर्थडे....
राहुल: हा जाओ मज़े करो और क्या... देखो क्या होता है? उनकी वासना ख़तम नहीं होगी और आप इतने लोग हो तो सम्भल के रहना... किसी ऐसे लोगो को चढ़ने मत देना के फिर प्रॉब्लम हो जाए...
केविन: ह्म्म्म्म हम पांच होंगे, भाभी के साथ बात करते वख्त कैक वाले को भी फ़िज़ देनी है...
राहुल: तुम्हारे गाव के पास वाले फार्म हॉउस पर जाओ न? वहा कोई नहीं होगा... यहाँ सब लोगो की आवन जावन पर सब लोग देंखेंगे, तो शक हो सकता है...
केविन: पर मेरे वहां दो नौकर है जो वही परमेनेंट रहते है...
राहुल: ह्म्म्म वो भरोसेमंद है?
केविन: वो हमारे घर से पिछले तिस सालो से जुड़े है, उनके पापा भी यही काम किया करते थे उतने वफादार है...
राहुल: ह्म्म्म तो अगर कीर्ति चाहे तो उनको भी मौका दे देना...
केविन: ह्म्म्म्म आप सच में महान है... सच में कोई प्रॉब्लम नही है न आपको?
राहुल: दिल पर पथ्थर रख के ये सब फैसले ले रहा हूँ... कीर्ति को मैं खोना नहीं चाहता और ना ही उनको खुद पर बोज़ बनने देना चाहता... नियति की यही इच्छा है तो यही सही... अच्छा है की तुम लोग जैसे अच्छे लोग मिल गए वरना खुद को वो रोक नहीं पाती और कई लोगो के बिच फस जाती तो और बदनामी हो जाती... सो हेव फन... जो भी करना सम्भल के करना...
केविन: ह्म्म्म्म
राहुल: और एक बात... जो भी करना मुझे बिना याद किए करना... अपने मज़े यादगार बनाना... आखिरकार ऐसे मौके या ऐसे कोई कभी किसीको नहीं मिलती....
केविन: मैंने भी उनसे बात की है... अलग चैट में थोड़ी गन्दी फिलिंग आ सकती है आपको पर देख लीजिए....
राहुल: नहीं देखना मुझे... दर्द होगा। जब सामना होगा तब देखा जाएगा....
केविन: ह्म्म्म ओके....
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केविन: तो भैया इस कदर तुम्हे प्यार करते है...
हम दोनों कुछ भी बोलने के काबिल नही थे...
केविन: कुछ तो बोलो?
मैं: क्या बोले? कुछ समझ नहीं आ रहा...
भाभी: ये सब मेरी गलती है...
केविन: तुजे कोई फर्क पड़ता है के नहीं? भैया को कोई प्रॉब्लम नहीं है...
भाभी: मुझे क्या बीमारी है?
केविन: persistent sexual arousal syndrome और मेरी जान ये बीमारी नहीं है... ये सब कुदरती है... हम सब तेरे साथ है...
भाभी: हम्म्म्म्म, ये सब मेरे साथ ही क्यों?
केविन: अरे ये मत सोचो के क्यों? पर ये सोचो के इस घडी में भैया तुजे समझते है...वरना कब का तलाक हो चूका होता... और तू और कहीं मुश्किलो का सामना कर रही होती... लड़के हररोज़ सेक्स के भूखे किसी भी लड़की का आँखों से बलात्कार कर देते है... पर लड़की अगर सामने से सेक्स की मांग करे तो उसे गन्दी नज़र से ही देखा जाता है... पर भैया अच्छे से ये जानते है...
भाभी वैसे रो ही रही थी पर थोड़ी देर बाद चुप रही... और उनके चहेरे पे शांति थी के चलो उनका पति उन्हें समझता तो है...
भाभी: तभी मैं सोचु के कभी भी नहीं और समीर के बर्थडे के दिन ही क्यों वो लेट आये... और ना ही मुझे और नाही समीर को फोन आया... और मैंने जब भी अपने आपको बदन के निशानों को छुपाने के लिए खुद को नहीं सोपा तो भी उसने जबरदस्ती नहीं की... तूने सब बता दिया?
केविन: हा बताना पड़ा... और भैया ये भी जानते है के सेक्स के अलग अलग निशानों को छुपाने के लिए ही तू ये कर रही है.... मैंने अपना अगले लेवल के सेक्स की रज़ामन्दी भैया से लेकर ही करी थी...
मैं: अरे कितनी बड़ी मुसीबत हो गई है पता चल रहा है तुजे?
केविन: भैया की मरज़ी से ही हुआ है... तो कुछ फरक नहीं पड़ता... और अब प्लीज़ थोड़े शांत हो जाओ और हमारे अकेले का कुछ मज़ा उठाओ...
केविन ने भाभी के कंधे पर हाथ रख्खा... भाभी के हावभाव से उसे कुछ करना था दिख रहा था पर अब संकोच हो रहा था.. केविन ने भी समझते हुए कोई जबरदस्ती नहीं की, और हम दोनों को फिर से एकबार समजाते हुए चला गया.... पर हम दोनों यही सोच रहे थे के भैया का सामना कैसे करे... हम भाभी देवर भी एकदूसरे को देख नहीं पा रहे रहे जिसने जिस्म के हर एक कोने को सुख पहुचाया था... शाम तक हम दोनों बिना बोले अपना अपना काम करते रहे... नाही नज़रे मिल पाई, नाही जिस्म... बाकि के पुरे दिन मुश्किल से पन्ने की दो तिन लाइन बात हो पाई, और शाम को डोरबेल बजी... भैया आ गए... जिसका डर हो रहा था वो घडी आ गई... कैसे करे सामना?
भाभी ने मुझे बाद में बताया के उन दोनों के बिच क्या बात हुई...
भैया: हेलो डार्लिंग कैसा दिन रहा?
भाभी: (नज़रो का सामना नहीं करते हुए और डरते कांपते) बस अच्छा कैसा रहा आपका?
भैया: डर मत... मुझे केविन ने बता दिया है... और बबलू की ट्रांसफर आज की मीटिंग में हो जायेगी... उसे निकाल ने के लिए ही मीटिंग रख्खी है....
भाभी: आप....?
भैया: आई एम् हियर टू प्रोटेक्ट यु... मैं ऐसा कभी नहीं होने दूंगा जैसे हमारी बरबादी हो... अनजान लोगो के साथ जो जो हुआ वो अलग बात है उनसे हम बाद में कभी भी नहीं मिलने वाले... और जान पहचान होना भी अलग बात है, जैसे समीर और उनके दोस्त, वो लोग अच्छे है... तो मत घबरा, और बबलू अनजान है पर सामने है वे भी अलग बात है... तो उससे हमे सावधान रहना चाहिए... जो तू भावना में भूल गई... मैं तुजे दुखी नही दे सकता मैं जानता हूँ तेरी मुसीबत, तुजसे रुसवा होने का कोई कारन नहीं है मुझे ठीक है? नाव स्माइल!!... वैसे समीर कहा है?
भाभी: अपने कमरे में... (भैया को गले लगा कर खूब रोइ)
फिर भैया मेरे कमरे में आये... मैं तो डर रहा था वैसे भी...
भैया: हाई समीर...
मैं: हम्म भैया...
भैया: आई नो व्हाट यू नो... तूने कुछ गलत नहीं किया... तुजे घबरा ने ज़रूरत नहीं है... मुझे केविन ने आज की सारी बात बता दी है....
मैं: मैं.. वो... भैया... एक्चुअली... वो... आई एम् सॉरी... (मैं रो पड़ा)
भैया: श....... इट्स ओके... मेरी रज़ामन्दी से हुआ है... मुझसे खुल के बात कर... डर मत...
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