antervasna फैमिली में मोहब्बत और सेक्स
12-01-2018, 01:08 AM,
#24
RE: antervasna फैमिली में मोहब्बत और सेक्स
दूसरी साइड से आवाज आई कि योर बॉय फ्रेंड्, प्रीती समझ गयी कि उस लड़की ने अपना काम कर दिया है, प्रीती गेट के पीछे अपने आप को छुपा कर गेट खोलती है और सामने कुशल खड़ा होता है, और कुशल के पीछे वो सेल्स गर्ल, प्रीती उससे इशारे में पूछती है कि कोई प्रॉब्लम तो नहीं है न और वो इशारे में ही बात देती है कि नो इस्यू

अब कुशल प्रीती के ट्रायल रूम में अंदर चला जाता है, और जाते ही गेट बंद कर लेता है,

कुशल -" मुझे यहाँ बुलाने का मतलब", वो प्रीती के सेक्सी स्टाइल को उस रेड हॉट ड्रेस में देखकर सदमें में आ गया था, उसकी बात सुनकर प्रीती घूम जाती है और पीठ उसके सामने कर देती है, "जीप बंद नहीं हो रही प्लीज हेल्प कर दे", प्रीती ने उसे नंगी पीठ दीखते हुए कहा, ये बात सुनकर जैसे कुशल पागल हो गया,

उसने आगे बढ़कर प्रीती को मजबूत बांहो में पकड़ कर अपनी तरफ खींच लिया, प्रीती की पीठ धम्म से आकर कुशल के सीने में लग जाती है, कुशल का हाथ नीचे की ओर बढ़ने लगता है,

" तेरी ज़िप बंद नहीं, आज तेरी चूत खोलूँगा अपने मुसल जैसे लुंड से", कुशल बोलता है और उसके बाल खिंच कर अपने दूसरे हाथ को उसके हिप्स की ओर ले जाता है,

" समझदारी से काम ले, ये कोई तेरा घर नहीं है, और वैसे भी में वर्जिन हूँ, और मेरे साथ सेक्स यहाँ करेगा तो ब्लड कहाँ छुपायेगा, माँ और डैड भी यहीं पर है", प्रीती ने उसे समझते हुए कहा

" तो मुझे यहाँ बुलाने का क्या मतलब है?", कुशल ने थोड़ा सा ढीला होते हुए कहा,

" मुझे लगा कि तेरी हेल्प अपने बूब्स दिखा के कर दु", प्रीती ने अपने ड्रेस को सामने से थोड़ा सा खोलते हुए कहा

प्रीति के बूब्स की झलक पाते ही कुशल पागल होकर उन पर अपना मुँह लगा देता है, " ओह्ह्ह्हह्ह्ह्,,,,,, आराम से ब्रो,,,,,,,,, प्रीती उसे समझाती है, अब कुशल का एक हाथ से उसका बूब्स प्रेस कर रहा था तो दूसरे बूब्स को अपने मुँह में भर रखा था,

" येस्सलससससस,,,,,,,,,, यु आर अमेज़िंग,,,,,,,,,, यु र अ रियल मैन,,,," प्रीती स्लो वौइस् में बड़बड़ाये जा रही थी उसकी आँखे बंद हो चुकी थी, कुशल ने अपना दूसरा हाथ उसकी चूत पर पहुँचा दिया और एक फिंगर सीधा अंदर घुसा दिया, " आआह्ह्ह्हह्हह्ह्,,,,,,, " प्रीती की ये सेक्सी सिसकारियां कुशल को और पागल कर रही थी, वो अब बूब्स को चुस रहा था है एक फिंगर को अंदर बहार किये जा रहा था,

" यू आर वेरी स्वीट एंड नॉटी ,,,,, लव मि ,,,,,, याआ,,,,,,,,, फास्टर प्लीज़,,,,,,,,,", प्रीती चरम सीमा पे थी, " लव यू,,,,,,,, माय डार्लिंग,,,,, वो पागलो की तरह अपने बूब्स कुशल के साथ रगडे जा रही थी, कुशल भी एक बार फिर से कुँवारा और जवान जिस्म अपने हाथ में आा जाने के बद बेक़ाबू हुआ जा रहा था,

" आआआह्ह्ह्ह,,,,,, आआआह्ह्ह्हह्ह्,,,,,, आह्ह्ह्हह्ह्ह्,", कुशल की फिंगर प्रीती की चूत में और तेजी से चल रही थी, वो उसके बूब्स को और सख्ती के साथ चूसे जा रहा था, 
“ओह्ह्ह्ह अम्म्मम्म्म्मम्म्म्म कम्मिंग आअह्ह्ह्ह माय लव लाइक देट आह आह्ह आह आह आअह्ह्ह्ह” और प्रीती अपना पानी छोड़ देती है, अभी कुशल कुछ कहने ही वाला था की गेट कोई बहार से नोक करता है, कुशल की तो जैसे साँसे ही रुक जाती है 

प्रीती हिम्मत से काम लेती है और पूछती है

प्रीती – “कौन है “
दूसरी तरफ से सेल्स गर्ल की आवाज़ आती है की प्लीज़ दरवाज़ा खोलो, प्रीती थोडा सा गेट खोलती है और कुशल उसके पीछे छुपके खड़ा हुआ था 

प्रीती – हां बोलो 

सेल्स गर्ल – आपकी आवाजे बाहर तक आ रही है ,मुझे लगा की आप लोग बस किस ....... प्लीज़ अगर किसी ने कुछ देख लिया तो मेरी जॉब खतरे में पड जाएगी , प्लीज़ आप अपने बॉय फ्रेंड को बाहर भेज दीजिये , सेल्स गर्ल ने रिक्वेस्ट करते हुए कहा 

प्रीती कुशल की ओर इशारा करती है बाहर निकलने के लिए ,कुशल की आँखे ऐसी हो चुकी थी जैसे पता नहीं किस्मत उसे कस कस के थप्पड़ क्यों मार रही है,लेकिन मरता क्या न करता , प्रीती को देखते देखते बहार आ जाता है 

पंकज और स्मृति सभी चीजों को देखने में ही बिजी थे, लेकिन आराधना उनके पीछे नहीं थी, शायद वह कहीं कुछ और ही खरीद रही थी, चलते चलते स्मृति को एक ड्रेस दिखाई देती है लॉन्ग ब्लैक ड्रेस एंड बेक लेस, यह एक स्टेचू पर लगी हुई थी ,जैसे उस ड्रेस पर स्मृति का दिल आ गया 
“मुझे यह चाहिए” उसने पंकज से कहा, पंकज भला उसे कैसे मना कर सकता था, दरअसल यह ड्रेस उस ड्रेस से मिलती थी जिसका जिक्र लॉयन ने किया था, इस ड्रेस के अलावा स्मृति ने कुछ और भी कपडे लिए 
, इधर कुशल का मन शॉपिंग में तो नहीं था लेकिन वह फिर भी इस मौके को हाथ से नहीं जाने देना चाहता था इसलिए उसने भी कुछ टीशर्ट जींस और कुछ शॉर्ट्स सेलेक्ट कर लिए थे,

सभी लोग अपनी फाइनल शॉपिंग के साथ रेडी थे, लेकिन आराधना का कुछ नहीं पता था, इतने बड़े शोरूम में देखना भी पॉसिबल नहीं था, तभी थोड़ी देर बाद वह भी आती हुई दिखाई देती है और उसके हाथ में भी एक शॉपिंग बास्केट था

स्मृति –“तू कहां गई थी, क्या हो गई शॉपिंग”

आराधना-“ हां मेरी शॉपिंग कंप्लीट हो गई है”

कुशल-“ तो चलो पापा पे करो और फिर कुछ खाने चलते हैं”

और वो सब बाहर आ गये, सभी साथ चल रहे थे तो तभी वहां एक बोर्ड लगा दिखाई दिया “स्केरी हाउस” और कुशल चिल्लाता हुआ बोलता है कि मॉम चलो ना यहां चलते हैं

स्मृति –“इसमें क्या होता है”

कुशल-“इसमें अंदर घना अंधेरा होता है, सभी को एक डोर से घुसकर दूसरे से निकलना होता है, अंदर हम कुछ नहीं देख सकते हैं, और हमे ही रास्ता भी खोजना होता है और अंदर भूतिया टाइप कैरेक्टर भी होते हैं ,बड़ा मजा आएगा, चलों ना मा” कुशल रिक्वेस्ट करता है

स्मृति पंकज की तरफ देखती है और पंकज कहता है कि भाई हमें तो भूख लगी है और अगर तुम जाना चाहते हो तो चले जाओ
फिर स्मृति आराधना से पूछती है लेकिन आराधना का तो एटीट्यूड बदल चुका था इसलिए उसने साफ मना कर दिया
“ तो ठीक है हम दोनों ही घूम कर आते हैं” स्मृति कुशल के साथ जाते हुए कहती है
“ ओके हम फ़ूड कोर्ट में तुम्हारा वेट करेंगे” पंकज बोलता है 

और कुशल अपनी मां का हाथ पकड़कर स्केरी हाउस की तरफ चल देता है, आराधना, पंकज और प्रीती टेबल पर जाकर बैठ जाते हैं, 

पंकज – “तो बेटा तुमने क्या लिया” पंकज आराधना का बैग हाथ में लेते हुए बोलता है , तभी वो बैग आराधना उसके हाथ से छीन लेती है 
आराधना – “आपके देखने की चीज़ नही है “
पंकज –“सॉरी बेटा “

आराधना –“ थट्स ओके डैड,नो नीड टू से सॉरी “

और फिर तीनो नॉर्मल बातों में लग जाते हैं,

दूसरी तरफ कुशल स्केरी हाउस की टिकट ले चुका था और वह दोनों अंदर जाने की तैयारी कर रहे थे,

कुशल –“ माँ, अंदर लोग चिल्लाएंगे, शोर मचाएंगे लेकिन आप घबराना मत और मैं भी आपका साथ नहीं दे पाऊंगा क्योंकि मैं इस थ्रील्लिंग एडवेंचर को अकेले देखना चाहता हूं “

स्मृति –“ओके, आगे जो भी होगा देखा जायेगा ,देखते हैं अंदर का माहौल क्या है”

और दोनों अंदर चले जाते हैं, एक बार तो स्मृति सकते में आ जाती है, बिल्कुल अंधेरा और लाइट का कोई नामोनिशान नहीं, अंदर घुसते ही स्मृति अपने बाएं तरफ चलने लगती है, बेहद डरावनी आवाज आ रही थी उस स्केरी हाउस में, स्मृति का तो गला सूख चुका था 

उसने पीछे मुड़कर देखा तो कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था, उसने धीरे से आवाज़ लगाई कुशल कुशल लेकिन कोई रिस्पांस नहीं मिल रहा था, वह धीरे से थोड़ा और आगे चली लेकिन तभी साइड से एक डरावना चेहरा उसके सामने आ गया और वह चिल्ला कर राइट साइड में हो गई 

वहां पर और भी चिल्लाने की आवाजे आ रही थी, वह समझ गई कि यहां एक आर्टिफिशियल डरावना माहोल बनाया हुआ है, वो थोड़ा सा और आगे बढ़ी , तभी उसने देखा कि एक परछाई उसके करीब आ रही है, वो राइट में होने ही वाली थी कि अचानक उस परछाई ने उसका हाथ पकड़ लिया और एक झटके में अपनी तरफ खींच लिया 

स्मृति बहुत तेज़ चिल्लाई लेकिन उस स्केरी हाउस में सबके चिल्लाने की आवाज़ में उसकी आवाज़ दब गयी ,जिस सख्श ने स्मृति को पकड़ा हुआ था उसने उसे घुमाकर पकडकर अपनी ओर खिंच लिया और अपने सीने से लगा लिया,स्मृति ने फिर चिल्लाना चाहा तो उस सख्श ने मजबूती से उसके मुंह को बंद कर दिया और उसे एक साइड में ले आया ,

वो चिल्लाने की पूरी कोशिश कर रही थी, पर इससे पहले की उसका दिमाग कुछ कम कर पाता , उस इंसान के हाथ आगे बढ़ कर स्मृति के बूब्स पर पहुँच चुके थे और उसने अपने होठों को स्मृति की गर्दन पर रख दिया था ,

स्मृति को तो ये आईडिया भी नहीं था कि ऐसा कुछ भी हो सकता है, स्मृति को लगा कि ऐसे बदतमीजी यहां का कोई स्टाफ कर देता हो और उसे पूरा Idea था कि वह जल्दी उसे छोड़ देगा, लेकिन वह इंसान नहीं रुका और उसने अपना हाथ उसके बूब्स से हटाकर उस के सूट के अंदर ले जाकर उसकी पैंटी तक पहुंचा दिया 

स्मृति एक मजबूत कद-काठी वाली लेडी थी लेकिन वह इस अचानक हुई परिस्थिति के लिए तैयार नहीं थी, उसका दिमाग पता नहीं कहां से कहां पहुंच रहा था कि क्या यह नॉर्मल इंसिडेंट है जो इस स्केरी हाउस में होता रहता है या उसका रेप प्लान है, वह कुछ समझ नहीं पा रही थी 

वह अभी अपने आप को छुड़ाने की पूरी कोशिश कर रही थी, लेकिन पीछे वाला भी कम मजबूत नहीं था, बिना टाइम वेस्ट करें अब उस इंसान ने अपने एक हाथ को स्मृति की पैंटी के अंदर मेन आइटम तक पहुंचा दिया यानी उसकी चुत तक,

ना कुछ दिखाई दे रहा था और बस शोर ही शोर ,इस शोर में स्मृति की आवाज को कोई सुन पा रहा था, ऐसे में स्मृति के माइंड ने भी काम करना बंद कर दिया था, उसको पता था कि डरने से काम नहीं चलेगा, यह जो भी इंसान है जिसने उसे पकड़ा हुआ है वह कोई खूनी नहीं बल्कि इसे शरीर की भूख है , लेकिन अगर वो कुछ करना भी चाहता है तो यहां कैसे कर लेगा,

इस वक्त स्मृति के दिलों दिमाग में बस यही बात घूम रही थी, वह इंसान अभी भी पागलों की तरह स्मृति की गर्दन पर किस किया जा रहा था, दूसरी तरफ उसका हाथ उसकी चुत पर पहुंच चुका था और उसने अपनी दो फिंगर्स को उसकी चुत के अंदर डालना चाहा ,पर ऐसी सिचुएशन में दो फिंगर्स भी ज्यादा थी क्योंकि न ही तो स्मृति एक्साइटेड थी और ना ही उसकी चुत में गीलापन था 

इस वजह से उसे ऐसा दर्द हुआ जैसे किसी लड़की को फर्स्ट टाइम सेक्स में होता है जब उस लड़के ने अपने दो फिंगर्स उसकी चुत में जबरदस्ती घुसा दी 

“ऊऊन्ह्ह............” वो बंद मुंह से ही खूब चिल्लाने की कोशिश कर रही थी और अपने दर्द को दिखाने की कोशिश कर रही थी लेकिन कोई फायदा नहीं होने वाला था 

स्मृति पूरी ताकत लगाकर चिल्लाने की कोशिश कर रही थी और अपनी सांसो की ताकत से उसके हाथों को छुड़ाना चाह रही थी 
उस इंसान ने तेजी से दो उंगलियां अंदर बाहर करना शुरु कर दिया

स्मृति को कुछ भी हिंट नहीं मिल रहा था कि आखिर यह क्या सीन चल रहा है, अगर वह मेरे साथ सेक्स करना चाहता है तो ये ड्रामा क्यों कर रहा है ,यह मेरी चुत की हालत खराब क्यों कर रहा है अपनी मोटी मोटी उंगलियों से 

स्मृति के मंद में एक ट्रिक आई , उसने अपनी बॉडी को बिल्कुल हल्का छोड़ दिया ,ऐसे की जैसे वह बेहोश हो गई हो और छूटने की कोशिश बंद कर दी, उसका रिएक्शन थोड़ा पॉजिटिव हुआ क्यूंकि जिस इंसान ने उसे पकड़ा हुआ था उसे ऐसा लगा जैसे की स्मृति बेहोश हो गयी और उस इंसान ने अपना हाथ उसके मुंह से धीरे-धीरे हटा लिया,

लेकिन उंगलिया अभी भी उसकी चुत में ही थी, “आआआअह्हह्हह्ह .......” स्मृति ऐसे चुल्ली मानो भूकंप आ गया हो ,स्केरी हाउस के भूत भी डर गये होंगे शायद ,पर उस इन्सान ने टाइम न वेस्ट करते हुए फिर से उसको मुंह को कस के पकड़ लिया, उसको समझ आ गया की स्मृति चालाकी दिखा रही है ,स्मृति को भी एक झटके में समझ आ गया चिल्लाने से अब कोई फायदा नहीं होने वाला 

उस इंसान ने अपनी उंगलियों की रफ़्तार और तेज़ कर दी, स्मृति की तो जैसे जान निकले जा रही थी , उसने एक नयी ट्रिक अपनाई, दो तिन बार स्मृति ने अपने कंधो से बेक साइड में खड़े इंसान की चेस्ट में ऐसे पुश किया जैसे वो कुछ कहना चाहती हो शुरू में तो उस इंसान ने कोई रेस्पोंस नही दिया लेकिन फिर जब ज्यादा शोर हो रहा था तो उसने एक चांस दिया स्मृति को बोलने का 

“तुम पागल कुत्ते हो, तुम्हें क्या चाहिए, मेरे पति बाहर ही है, आज तेरा खून होकर रहेगा” स्मृति बहुत ही हल्की आवाज में थोड़ा सा पीछे होकर बोली, लेकिन पीछे से कोई रिस्पांस नहीं मिला और वह इंसान चुप खड़ा रहा और अपनी स्पीड को ऐसे ही जरी रखा ,स्मृति भी अब चिल्ला कर फिर से बोलने का ऑप्शन नहीं खोना चाहती थी

“ मुझे तुम बताओ तुम्हें क्या चाहिए,सेक्स” स्मृति ने प्यार से काम लेना चाहा लेकिन फिर भी उस इंसान ने कोई रेस्पोंस नही दिया 

“कुत्ते भोंक न “ स्मृति का गुस्सा बढ़ता ही जा रहा था, स्मृति ने इतना ही बोला होगा की उस इंसान ने स्मृति का गत पकड़ा और सीधा पीछे ले जाकर अपने खड़े लंड पर रख दिया, स्मृति की साँसे तो ऊपर की ऊपर और निचे की निचे रह गयी , पहले २ सेकंड तो उसे समझ ही नही आया की ये चीज़ क्या है पर अगले ही पल उसे सब समझ आ गया 


“ये सेक्स के लिए सही जगह नही है “स्मृति ने प्यार से उसे समझाते हुए कहा, उस इंसान ने अपने हाथ उसकी चुत से हटाया और अपने लंड पर ले जाकर रख दिया और बिना कुछ बोले ही उसके हाथ को पकड़ कर दो बार आगे पीछे करके दिखा दिया 

“ओह्ह्ह यू बास्टर्ड !!!!! इस स्केरी हाउस में तूने मुझे अपने मसटर्रबेसन के लिए पकड़ के रखा है “ स्मृति ने फिर एक बार स्लो वौइस् में कहा 

इतना सुनते ही उस इंसान ने फिर से अपना हाथ उसकी सलवार के अंदर घुसा दिया और उसकी चुत में अबकी बार तिन उन्गलीयाँ गुसने की कोशिश करने लगा

“आईई ......”स्मृति को फिर से पैन हुआ लेकिन इस बार उसकी चुत थोडा गीलापन था तो उतनी परेशानी नहीं हुई जितनी की पहले हुई थी 

स्मृति ने भी अब टाइम ना वेस्ट करते हुए सीधा हाथ उसके लंड पर ले गई और उसे चलाना शुरु कर दिया, स्मृति के टच से ही वह इंसान पागल सा हो गया और स्मृति को चूमने लगा, स्मृति को समझ आ रहा था कि यह कोई भूखा है, अब स्मृति ने अपने हाथ को और तेज चलाना शुरु कर दिया क्योंकि वह खुद भी चाहती थी कि जल्दी से इस मुसीबत से छुटकारा मिले

जैसे जैसे स्मृति अपने कोमल हाथ उसके लंड पर फिरा रही थी वैसे वैसे उसका लंड और भी विकराल होता जा रहा था और स्मृति भी अब इस परिस्थिति से गुजर रही थी क्योंकि वह रिलेक्स थी कि यह सिर्फ सेक्सुअल फ्रस्टेसन का मारा है ,वह अपने औरत होने का पूरा फायदा उठाने की कोशिश कर रही थी ताकि जल्दी से जल्दी उस इंसान का पानी निकलवा सके 

उसको टेंशन भी हो रही थी लेकिन कहीं ना कहीं उसका माइंड भी काम कर रहा था कि टेंशन में जितना ज्यादा टाइम लगेगा उतनी ही मुश्किल होगी, 

“क्या मैं इसे ओरल सेक्स से संतुस्ट कर दूँ,शायद यह जल्दी डिस्चार्ज हो जाएगा” स्मृति के माइंड में यही बाते आ रही थी और उसने अपना मुंग उसकी तरफ करना चाह लेकिन उसने अपनी ताकत का यूज़ करते स्मृति को घूमने नहीं दिया, वह इंसान अभी भी अपने तीन उंगलियां स्मृति की चुत में अंदर बाहर कर रहा था 


“यू लोफर , गंवार ,कभी किसी के साथ कुछ किया भी है या नहीं, क्या पूरा हाथ घुसा दिया है मेरे यहां, अपनी एक या दो फिंगर यूज़ कर “ स्मृति ने फिर से एक बार हल्की आवाज़ में उसे धमकाया ,उस इंसान ने इस बार स्मृति की बात को इज्जत दी और अपनी एक फिंगर बहार निकल ली और अब वो बस अपनी दो फिंगर ही यूज़ कर रहा था, स्मृति आज अपने औरत होने का फुल यूज़ कर रही थी , और यही एक तरीका था जिससे वो जल्द से जल्द उस इंसान की कैद से छुट सकती थी 

स्मृति बहुत तेज़ तेज़ हाथ चला रही थी पर स्मृति का माइंड कह रहा था की ये है तो कोई अनाडी पर लंड कमाल का है इसका “ मुट्ठी में भरने के बाद भी करीब पाच से छ इंच बहार होगा 

अब स्मृति ने अपना ब्रम्हास्त्र फेंकना शुरू कर दिया, और अपनी गांड को उसकी बॉडी से मसलना शुरू कर दिया ,

पूरा संसार जानता है कि लडकी के पास दो ही अनबिटेबल हथियार जय जिनसे वो कुछ भी कर सकती है – बूब्स और गांड , खास कर वो भी पूरी तरीके से भरी हुई स्मृति जैसी औरत हो अगर 
वो कुछ बोल नही रहा था लेकिन स्मृति ये फील कर रही थी वो उतेजित होता जा रहा है, उसके साँस लेने की स्पीड बढ़ रही थी और उसका लंड भी और पे और विकराल होता जा रहा था, 


स्मृति फील नही करना चाहती थी लेकिन असल में वो भी बहुत उत्तेजित होती जा रही थी, उसकी चुत का पानी अब और तेज़ी के साथ आने लगा था, स्मृति अपनी गांड को और तेज़ी से हिलाने लगी थी, 
“काम तो तूने ऐसा किया है की तुझे मौत मिलनी चाहिए लेकिन एक बात है दम है तुझमे “ स्मृति ने लो वौइस् में उसको और उत्तेजित करते हुए खा , उसकी साँसे तेज़ होती जा रही थी ,उसकी धडकनों को स्मृति की पीठ फील कर रही थी, स्मृति की चुत में उसकी उँगलियाँ तेज़ी से भाग रही थी और वहीँ पे स्मृति के हाथ में उसका विशाल लंड भी था तो नेचुरल था की कोई भी लेडी उतेजित हो जाती और वी ही स्मृति के साथ हो रहा था लेकिन वो परिस्तिथि के साथ एडजस्ट नही हो पा रही थी 

धीरे धीरे उसका हाथ स्मृति की चुत पे टाईट होता जा रहा था, लें वो अब ही कुछ नही बोल रहा था,स्मृति समझ गयी कि वो अब डिस्चार्ज होने के करीब ही है . स्मृति ने अपना हाथ और तेज़ी से आगे पीछे करना शुरू कर दिया और तभी –“पिछ्ह्ह्ह........”स्मृति ये देखना चाहती थी की आखिर ये कैसा है और वो अपना हाथ लंड के सामने ले जाती है, कई झटको के साथ उसका सारा वीर्य स्मृति की मुट्ठी में भर जाता है 

“ओह माय गोड ......क्या सारा गुस्सा मेरे लिए ही बचा के रखा था” स्मृति लो वौइस् में उसके वीर्य के गढ़ेपन और मात्र को देखते हुए बोली, वो समझ गयी थी की ये जो भी है , सेक्स के लिए पागल है या इसके पास कोई पार्टनर नही है 







उसकी पकड़ स्मृति पे ढीली पड़ती जा रही थी , और तभी स्मृति को लगा कि वो आजाद है , वो तुरंत पीछे मुड़ी पर उसे वहां कोई नही दिखाई दिया, ये अजीब सा इंसिडेंट था उसकी लाइफ में , वो यही सोच रही थी पर फिर उसने सब भूल कर बाहर जाना उचित समझा , वो जैसे तैसे बाहर निकली और सीढ़ी लेडीज वाशरूम में घुस गयी
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