RE: antervasna फैमिली में मोहब्बत और सेक्स
[b]लेकिन स्मृति उसकी बात का जवाब नही देती और अपना हाथ झटक कर अलग कर लेती है. स्मृति आज कुच्छ ज़्यादा ही ड्रिंक करने के मूड मे थी. इतना ड्रिंक करते हुए उसे कभी कुशल ने नही देखा था. हालाँकि वो अपने पूरे होश मे थी लेकिन फिर भी वो अक्सर एक या दो पेग वाली ही खिलाड़ी थी.
कुशल वैसे ही अधूरा रह गया था प्रीति के साथ, वो अपनी आग बुझाना चाहता था. वो धीरे धीरे स्मृति की तरफ बढ़ाता है –
“ वहीं रुक जा……….” स्मृति के एक हाथ मे ग्लास और दूसरे हाथ से वो उंगली दिखाते हुए वो सोफे से खड़ी हो जाती है. क्लियर विज़िबल था कि वो गुस्से मे थी.
“ क्या हुआ… आप इतने गुस्से मे क्यू है…..” कुशल तो बस सिचुयेशन को प्यारी बातो से ही कंट्रोल कर लेना चाहता था. वो अपनी जगह रुक कर स्मृति से ये बात बोलता है.
“ बकवास ना कर….. और पीछे जाकर बैठ……” स्मृति फिर से गुस्से मे बोलती है. कुशल कुच्छ बोलने को होता ही है कि तभी स्मृति फिर से चिल्लाति है.
“ मैने कहा की पीछे जाकर बैठ…..” कुशल स्मृति की इस डाँट से शांत हो जाता है और चुप चाप जाकर बैठ जाता है. स्मृति अभी भी खड़ी हुई थी और अपने पेग को पीए जा रही थी.
“ मोम…ज़्यादा पीना सही नही है……” कुशल अपनी बात ख़तम ही करता है कि..
“ लेकिन मोम को फक करना सही है….. है ना. सेक्स की नालेज हुए बिना उसकी बॅक साइड को फक करना सही है…. लाइयन बन कर उसे एक फार्महाउस मे फक करना सही है…….. बोल ना कुत्ते…. बोलता क्यू नही…..” स्मृति ने तो जैसे आज विकराल रूप धारण कर लिया था.
“ वो…मोम… प्लीज़ आप गुस्सा……” ये बोलते हुए कुशल फिर से खड़े होने की कोशिश करता है.
“बैठा रह वहीं जहाँ बैठा है…… खड़े होने की कोशिश मत कर…….” स्मृति फिर से चिल्लाति है. कुशल तो धीरे धीरे सेक्स तो दूर, वो तो ये सोचने लगा था कि यहाँ से बचा कैसे जाए.
“ प्लीज़ आप शांत हो जाइए….और मुझे बताइए कि बात क्या है. अभी मैं उपर गया तो आप सही थी अचानक क्या हो गया आपको… प्लीज़ कंट्रोल रखिए…..” कुशल बैठे बैठे स्मृति को समझाने की कोशिश करता है.
“ हाँ तूने मुझे उपर से न्यूड देखा तो तुझे लगा कि मैं सही थी… मुझे जीन्स उतारते हुए देखा तो तुझे लगा कि मैं सही थी और जब अब मैं रियल बाते कर रही हू तो तुझे ये लगने लगा कि मैं आउट ऑफ कंट्रोल हो रही हू….” स्मृति फिर से एक पेग डालते हुए बोलती है.
“ तो आपको……आपको पता था कि मैं देख रहा हू.” कुशल अपना थूक सतकते हुए बोलता है. स्मृति उसकी बात का कुच्छ जवाब नही देती और अपना पेग पीती रहती है.
“ मोम प्लीज़ कुच्छ बोलिए ना……” कुशल फिर से बैठे बैठे बोलता है.
स्मृति उसके पास आती है और धीरे से बोलती है “ बोलू कुच्छ….. तो सुन…. यू आर आ रियल मदर फकर…..” आज तो जैसे स्मृति ने फ़ैसला ही कर लिया था कि कुशल का बॅंड बजा कर ही रहेगी. कुशल एक भीगी बिल्ली बना सोफे पर बैठा था.
“ मुझे…… मुझे शायद नींद आ रही है…मैं तो उपर जा रहा हू…” ये बात आराम से बोलकर कुशल उठ कर सीढ़ियो की तरफ बढ़ता है.
छ्ह्ह्हन्न्न्नक्क्क्क्क्क्क…… स्मृति अपना ग्लास ज़मीन मे फेंक कर मारती है और पूरा काँच फेल जाता है.
वो कुशल की तरफ तेज़ी से बढ़ती है और उसके कॉलर पकड़ कर फिर से उसे सोफे के करीब लाती है और उस पर बिठा देती है. “ मैने कहा ना कि…… बैठा रह…… खड़ा होने की ज़रूरत नही है….” स्मृति फिर से उसे चिल्ला कर बताती है.
कुशल को तो जैसे आज हॅपी बर्तडे कर दिया स्मृति ने. वो हैरान था कि आख़िर आज क्या हो गया है.
“ मोम मैं आपसे रिक्वेस्ट करता हू कि कुच्छ बताओ तो सही की बात क्या है……….” कुशल अपनी आँखे स्मृति की आँखो मे डालते हुए बोलता है.
लेकिन स्मृति कुच्छ नही बोलती. वो भी कुशल के सामने वाले सोफे पर बैठ जाती है और उपर की तरफ देखने लगती है. शायद आज वो कुच्छ ज़्यादा ही परेशान थी. उसका ध्यान अपने ग्लास पर जाता है लेकिन उसे भी वो तोड़ चुकी थी. वो इधर उधर देखती है लेकिन उसे कुच्छ दिखाई नही देता. वो फिर से उपर देखने लगती है.
“ मोम आख़िर आप इतना परेशान क्यूँ है……” कुशल फिर से प्यार से पुछ्ता है लेकिन कोई रिप्लाइ नही मिलता उसे.
कुशल फिर से गर्दन नीचे करके बैठ जाता है. स्मृति उसकी तरफ देखती है –
“ पता है मुझे आज क्या हुआ है?” स्मृति बहुत सीरीयस होते हुए बोलती है. कुशल की थोड़ी जान मे जान आती है कि चलो वो कुच्छ बोली तो सही.
“ यही तो पुच्छ रहा हू कि क्या हुआ है…. आप मुझे बता सकती है और मुझ पर भरोसा कर सकती है…” कुशल भी सीरीयस होने का ड्रामा करता है.
“ मुझे वोही हुआ है जो हर औरत की लाइफ मे होता है. बस मर्दो की गुलाम बन कर रहना…. यही होती है एक औरत की लाइफ… मर्द उसे जैसे चाहे उसे करता है लेकिन कभी उसकी थिंकिंग के बारे मे कोई नही सोचता है”. स्मृति आज कुच्छ ज़्यादा सीरीयस थी.
कुशल धीरे से सोफे से खड़ा होता है और धीरे से जाकर स्मृति के सोफे पर बैठ जाता है. इस बार स्मृति उसे देखती है लेकिन कुच्छ कहती नही.
“मोम आप मुझे बताइए ना कि बात क्या है…….आप मुझसे शेर करेंगी तो आपके दिल का बोझ हल्का हो जाएगा…” कुशल उसके हाथ पर हाथ रखते हुए बोलता है.
“ जा किचन से दो ग्लास लेकर आ………” स्मृति फिर से सीरीयस होते हुए बोलती है. कुशल उसकी इस बात से कन्फ्यूज़ था.
“ मोम…ग्लास??? किसलिए………?” कुशल अपने क्वेस्चन को झिझकते हुए पुच्छ ही लेता है.
“ क्यूँ मेरे साथ बस फार्महाउस मे ही ड्रिंक कर सकता है…. यहाँ नही…..?” स्मृति की इस बात से कुशल को जवाब मिल जाता है की आख़िर स्मृति क्या कहना चाहती है. कुशल बिना टाइम वेस्ट करे वहाँ से खड़ा होता है और भाग कर किचन से दो ग्लास लेकर आ जाता है.
“ प्रीति सो गयी…..????” स्मृति उन दोनो ग्लस्से को अपने हाथ मे लेने के टाइम बोलती है.
“ ये…यस..यस वो सो गयी…….” सिचुयेशन को टलने के लिए कुशल बोल ही देता है.
कुशल सोफे पर फिर से बैठ जाता है. अब वो बहुत रिलॅक्स था क्यूंकी स्मृति भी रिलॅक्स थी, स्मृति दोनो सोफे के बीच मे रखी टेबल पर वो ग्लास रखती है. और पीछे से बॉटल को उठा कर लाती है.
स्मृति दोनो ग्लासस मे थोड़ी थोड़ी वाइन डालती है और आइस क्यूब्स डालने के बाद उसे कुशल को ऑफर करती है. कुशल उसे ले लेता है और स्मृति के साथ चियर्स करता है.
“ आज मैं बहुत अपसेट हू………” स्मृति एक और सीप लेते हुए बोलती है
“ मुझे बताइए ना मोम….” कुशल अपनी बात पूरी भी नही कर पाता कि स्मृति उसे टोक देती है.
“डॉन’ट कॉल मी मोम……. आज की रात मैं तुम्हारी मा नही हू….” कुशल को ऐसे लग रहा था जैसे कि आज उसकी मा का माइंड हिल गया है.
“ चलिए छोड़िए आप बताएए की बात क्या है……” कुशल भी अपने ग्लास मे सीप लेने लगा था.
“ मैं बचपन से लेकर अब तक अपनी लाइफ सोचती आ रही थी तो मुझे दूख हो रहा था……. अहसास हो रहा था कि लड़की का तो कोई रोल ही नही है.” स्मृति उसे बताती है.
“ ऐसी कौन सी बाते है जिनसे आपको ऐसा लगा…….” कुशल भी अब इंट्रेस्टेड था जान ने के लिए की आख़िर बात क्या है.
“ तुझे कोई जल्दी तो नही है ??” स्मृति पूछती है
“ मुझे…. मुझे तो कोई जल्दी नही है….” कुशल तो वैसे ही थोडा नर्वस था लेकिन अब थोड़ा नॉर्मल हो रहा था.
“तो मैं चाहती हू कि तू मेरी बाते एक दोस्त बन कर सुने…. क्यूंकी ये बाते मैं अपने बेटे से नही कर सकती…” स्मृति फिर से सीरीयस मूड मे बोलती है.
“ मैं तो वैसे भी हमेशा आपको गर्ल फ्रेंड ही समझता हू….” कुशल साइड मे मूँह करते हुए बोलता है. उसकी बात कहने का वॉल्यूम बहुत कम था.
“ क्या कहा अभी तूने???” स्मृति ठीक से उसकी बात सुन नही पाती तो पूछती है.“ नही… नही कुच्छ नही. मैं तो बस यही कह रहा था कि हाँ मैं भी आपको दोस्त मान कर ही आपकी बात सुनूँगा……” कुशल बड़े ही प्यार से स्मृति से बोलता है.
“ तो सुन…. मुझे ये बता कि तू मेरे लिए लाइयन क्यूँ बना???” स्मृति अपने ग्लास का एक सीप लेते हुए और कुशल की आँखो मे झाँकते हुए बोलती है.
“ क्या मोम…क्या पुछा आपने……??” कुशल सुन चुका था लेकिन फिर भी आक्टिंग करता है जैसे उसने कुच्छ ना सुना हो.
“ दोबारा सुनेगा…. तो मुझे ये बता कि तू मेरे लिए लाइयन क्यू बना. और खुल कर बता… मैं तुझे ग़लत नही कहूँगी और कुच्छ नही कहूँगी. बल्कि तुझे अपने दिल की सारी बाते बताउन्गि…..” स्मृति अब थोड़ी स्माइली हो चुकी थी.
“ मोम…वो..वो..मोम..वो…..” आक्च्युयली कुशल को एक्सपेक्टेशन नही थी कि ये रात उसके साथ कितने ड्रामे करेगी.
“ देख.. मुझे फिर से गुस्सा मत दिला… तूने कहा ना कि तू ऐज आ फ्रेंड सब बताएगा. तो मैं फिर से पूछती हू कि तू लाइयन क्यूँ बना??” स्मृति फिर से सीरीयस हो जाती है.
“ मोम…..समझ नही आता कि कहाँ से शुरू करू… क्या शेर करू और क्या नही.. सच मे कन्फ्यूज़ हू………..” कुशल बोलता है.
“ तेरे पास कुच्छ भी ऐसा नही है जो तूने मुझसे शेर ना किया हो…. ईवन हम बॉडी भी शेर कर चुके है. तो अब मुझे बता और शरमा मत…. मैं भी तेरी उम्र से ही गुज़री हू तो समझ सकती हू…. लाइयन बन कर तो तू बहुत बड़ी बड़ी बाते करता है और आज जब मैं पुच्छ रही हू तो तू शरमा रहा है….” स्मृति उसे कॉन्फिडेन्स देती है.
कुशल -“ अगर आप जान ना ही चाहती है तो सुनिए, ये ख्याल मेरे दिल मे जब से आने शुरू हुए जब मैं सिर्फ़ - - साल का था……”
स्मृति – “ कैसे ख्याल……??” स्मृति अपने ग्लास मे एक और पेग डालते हुए बोलती है.
कुशल – “ यही… आपके साथ वो करने की फीलिंग….” कुशल अभी शरमा रहा था.
स्मृति – “ मेरे साथ वो करने की फीलिंग???? ओह्ह्ह यानी मुझे फक करने की फीलिंग….. कॅरी ऑन कॅरी ऑन….” स्मृति उसकी हिम्मत बढ़ाती है और उसके सामने एक टाँग पर टाँग रख कर बैठ जाती है.
कुशल – “हाँ…. शायद ऐसी ही फीलिंग….. लेकिन मेरे माइंड मे कभी भी ये नही था कि ऐसा हो सकता है….”
स्मृति – “ लेकिन मैं यही जान ना चाहती हू की आख़िर किन चीज़ो ने तुझे फोर्स किया कि तू स्मृति को फक करे…. ??”
कुशल – “ दरअसल जब किसी भी लड़के का ये खड़ा होना शुरू होता है ना तो ये एक अजीब एज होती है.. कुच्छ समझ नही आता कि आख़िर ये क्या हो रहा है…..” कुशल अपने एक हाथ को लंड पर रखते हुए बोलता है.
स्मृति – “ ओके…..” स्मृति अपने सीप को कंटिन्यू रखते हुए बोलती है.
कुशल – “ कुच्छ समझ भी नही आता कि किससे पता करे… बस एक अजीब सी फीलिंग आती है बॉडी मे… तभी कॉलेज मे एक दिन मेरे दोस्त मोहित ने बोला कि यार तू बाथरूम के बाहर खड़ा हो जा और किसी को भी अंदर मत आने दिओ.. मैं वहाँ खड़ा हो गया लेकिन वो खुद एक लड़की के साथ अंदर चला गया…. मैं उस दिन हैरान था……” कुशल भी अब सारी कहानी सुनाने लगा था.
स्मृति –“ ओके… फिर क्या हुआ…..?” स्मृति भी इंटरेस्ट ले रही थी अब उसकी बातो मे.
कुशल –“ मैं वहाँ खड़ा रहा… किसी को अंदर नही जाने दिया. वो करीब एक घंटे के बाद बाहर निकले….. दोनो बहुत हॅपी थे. मैं इतना छोटा भी नही था कि ये ना समझ पाऊ कि वो क्या करके आए है……” कुशल अपनी स्टोरी को सुनाता जा रहा था.
स्मृति – “ ओके…फिर…..” स्मृति अपने खुले हुए बालो मे हाथ फिराते हुए बोलती है.
कुशल – “ फिर ये रेग्युलर होने लगा…. मैं उनकी पहरेदारी करता और वो मज़े करते. दिन पे दिन उसकी गर्ल फ्रेंड का निचला हिस्सा बड़ा होता जा रहा था यानी के उसके हिप्स….”
स्मृति – “ वाउ… तो तेरी नज़रे थी वहाँ पर….. एनीवे आगे बता…..” स्मृति स्माइल करते हुए कहती है.
कुशल – “ मैने कभी मोहित से कोई सेक्स रिलेटेड बात नही की थी लेकिन जब ये रेग्युलर्ली होने लगा तो एक दिन मैने अकेले मे उससे बात की. मैने उससे पुछा कि तुम लोग सेक्स करते हो ना??? तो वो मेरी बात पर बहुत हंसा…… मुझे बहुत बुरा लगा. उसने मुझे ‘कमाल का ढक्कन’ भी कहा तो मुझे और बुरा लगा. वो मुझसे बोला कि साले क्या बातरूम मे उसके साथ मैं खाना खाने जाउन्गा……..”
स्मृति – “ हा हा हा हा हा….” स्मृति को उसकी बात पर हँसी आ जाती है
कुशल – “ अगर आप ऐसे हँसेंगी तो जाओ मैं कुच्छ नही बताता…….” कुशल सीरीयस होते हुए बोलता है.
स्मृति –“सॉरी…सॉरी…. यू कॅरी ऑन प्लीज़…… इंट्रेस्टिंग…….” स्मृति बड़ी मुश्किल से अपनी हँसी को शांत करते हुए बोलती है.
कुशल – “ उसकी गर्ल फ्रेंड दिन पे दिन बदलती जा रही थी. आगे से भी और पीछे से भी…. वो ही एक ऐसी लड़की दिखाई देती स्कूल मे जो सबसे हॅपी थी. वो दोनो जब भी मौका मिलता था अपना काम कर लेते थे. स्कूल का बाथरूम तो क्या क्लासरूम मे भी उन्होने सब कुच्छ किया और हमेशा मैं बस बाहर खड़ा रहता….”
स्मृति – “गुड मिस्टर. चोकीदार……” स्मृति हंसते हुए बोलती है
कुशल –“ आप फिर मेरा मज़ाक उड़ा रहीं है……” कुशल फिर से सीरीयस होते हुए बोलता है.
स्मृति – “फिर से सॉरी दोस्त… प्लीज़ रुक मत कॅरी ऑन कर… सॉरी….” स्मृति भी अब धीरे धीरे खुल रही थी.
कुशल – “ एक दिन मैने मोहित से दिल की बात की कि यार मेरा पूरी रात वो खड़ा रहता है…. मैं क्या करू……….”
स्मृति – “ तो बाबूजी का बस - - कि उम्र मे ही खड़ा होना शुरू हो गया था….शाबाश…” स्मृति कुशल के लंड की तरफ देखते हुए बोलती है.
कुशल –“ मोहित मेरी बात सुन कर बहुत हंसा…… लेकिन उसने मुझे बिल्कुल भी गाइड नही किया. उसने मेरा मज़ाक उड़ा कर बात को टाल दिया…. वो जब अपना चेहरा अपनी गर्ल फ्रेंड की छातियों मे छुपाता था तो मुझे बहुत बुरा लगता था. कुच्छ ही महीनो मे मोहित की गर्ल फ्रेंड बेहद ज़्यादा गदरा गयी थी और दोनो के रीलेशन बढ़ते ही जा रहे थे.”
स्मृति – “ओये होये मोहित से ज़्यादा तो तू था उसका दीवाना…… “ स्मृति भी ज़्यादा इंटेरेस्ट लेने लगी थी. कुशल उसकी जानकारी के लिए अपने मोबाइल मे उसका फोटो निकाल कर दिखाता है –
स्मृति – “चल अब इस फोटो को बंद कर और आगे बता……” . शायद उस फोटो से जेलस होने लगी थी.
कुशल – “ फिर स्कूल टाइम मे ही वो एक बार आपसे भी मिला और आपने उस दिन पहना हुआ था.”
स्मृति – “मुझसे मिला??? मुझे याद नही………” स्मृति सोचते हुए बोलती है
कुशल –“ आपको कैसे याद होगा हम सब इतने बड़े थोड़े ही थे…. वो आपको जाते हुए देखता रहा और उसकी गर्ल फ्रेंड स्कूल के फर्स्ट फ्लोर से उसे देख रही थी.”
स्मृति –“ लेकिन वो मुझे क्यूँ देख रहा था…….??”
कुशल –“ बाय्स स्कूल मे सब की मोम के टॉपिक भी होते है….. और आपको बता दू कि आपको ही सबसे हॉट कहा जाता था. ज़्यादा लड़के मुझसे दोस्ती करना चाहते थे और लड़किया मुझसे जलती थी……”
स्मृति – “ रियली??? कमाल है….. एनीवे आगे बताओ……” स्मृति अपनी तारीफ से खुश भी हो रही थी.
कुशल – “ अगले दिन जब मैं स्कूल पहुँचा तो मोहित और उसकी गर्ल फ्रेंड की लड़ाई हो रही थी. मैं दूर खड़ा होकर सुन रहा था. मोहित बोल रहा था कि हाँ देख रहा तो क्या हुआ. उसकी गर्ल फ्रेंड बोलती है कि तो उसकी उसमे घुस जा ना जाकर…”
स्मृति – “किसमे घुस जा जाकर??? समझ नही आया…. सॉफ बता ना…..”
कुशल –“ उसकी गर्ल फ्रेंड ने बोला कि जा और उसकी गान्ड मे घुस जा अगर इतनी पसंद है तो. मुझे समझ नही आया कि वो क्या बात कर रहे थे. मोहित ने बोला कि साली अगर उस जैसी गान्ड मुझे मिल जाएगी ना तो तुझपे कोई ठुकेगा भी नही. मैं ये सब बाते सुन रहा था. उसके बाद उसकी गर्ल फ्रेंड बोलती है कि वो साली यहाँ आती ही अपनी मटकती गान्ड दिखाने के लिए है, और तुझ जैसे आशिक उस पर लट्तू हो जाते है. मैं समझ गया था कि किसी और लड़की का मॅटर है. इसके बाद मोहित बोलता है कि साली तेरी भी तो कब से चोद रहा हू तो तेरी गान्ड अभी तक ऐसी क्यूँ नही है. उसके बाद उसकी गर्ल फ्रेंड को गुस्सा आ जाता है और वो एक थप्पड़ मोहित को जड़ देती है और बाहर चली जाती है.”
स्मृति – “ हा हा हा हा… कुशल ने जिनके लिए पहरे दिए वो भी अलग हो गये….”
कुशल – “आप फिर से ऐसी बात शुरू कर रहीं है…..” कुशल फिर से सीरीयस होता है.
स्मृति – “ओके…ओके… बताते जाओ……..” स्मृति फिर से अपने आप को कंट्रोल करते हुए बोलती है.
कुशल – “फिर कुच्छ दिन मैने उन दोनो को साथ नही देखा…. एक दिन मोहित मेरे एक और क्लासमेट के साथ बैठा था, मैं क्लास मे घुसा तो वो दोनो बात कर रहे थे कि यार बड़ा गजब माल है. मैं चुप चाप सुन रहा था तो मोहित कह रहा था कि कसम से एक बार दे दे तो दुनिया की सारी खुशिया लूटा डू उसके लिए. मैं समझ गया कि ये अपनी गर्ल फ्रेंड की बात नही कर रहा है. मोहित आगे बोलता है कि माल मिले तो ऐसा मिले वरना मिले ही ना. ये झल्ली लड़कियो मे कोई दम नही होता. मैं हैरान था कि इतनी मस्त गर्ल फ्रेंड को वो झल्ली कह रहा था….”
स्मृति – “तो पहरा देते देते वो इतनी मस्त लगने लगी…….?” स्मृति अपनी आँखो के इशारे से पूछती है.
कुशल उसकी इस बात से थोड़ा शर्मा जाता है.
स्मृति – “ चल अब लड़कियो की तरह शरमा मत और जल्दी बता की क्या हुआ……..” स्मृति को बड़ी उत्सुकता थी जान ने की.
कुशल – “ इससे आगे की कहानी आपको शॉक्ड कर देगी……” कुशल सीरीयस होते हुए बोलता है.
स्मृति – “ ऐसा क्या हो गया… जल्दी बता जल्दी बता…..”
कुशल – “ यूँ ही दिन बीत गये… एक दिन मैने देखा कि मोहित की गर्ल फ्रेंड कुच्छ फ्लवर्स लिए स्कूल के टेरेस की तरफ जा रही थी…. आकर टेरेस पर उस दौरान कोई नही होता है. मैं भी चुप चाप चल दिया उसके पीछे पीछे लेकिन उसे पता नही चलने दिया..”
स्मृति –“ फिर…….”
कुशल –“वो उपर पहुँची तो वहाँ पर मोहित बैठा हुआ था….. वो फ्लवर लेकर उसके पास जाती है और बोलती है कि मोहित सॉरी प्लीज़ मुझे माफ़ कर दो. उसका मोहित के बिना मन नही लग रहा था लेकिन मोहित उस पर चिल्लाने लगा कि तुझे मेरी नही मेरे लंड की याद आ रही थी और इसलिए वो माफी माँगने आई है. उसकी गर्ल फ्रेंड बोलती है कि ऐसी कोई बात नही, वो सिर्फ़ मोहित को चाहती है लेकिन मोहित उसकी नही सुनता……”
स्मृति –“ फिर क्या हुआ……..?”
कुशल –“ मोहित की गर्ल फ्रेंड बहुत कोशिश करती है लेकिन मोहित नही मानता. इससे मोहित की गर्ल फ्रेंड और भी ज़्यादा गुस्से मे आकर उस पर चिल्लाने लगती है कि लगता है उसने तेरे लिए इंतज़ाम करा दिया है तभी तो इतना उच्छल रहा है….”
स्मृति –“ उसने…..किसने…?”
कुशल –“ वो आगे बोलती है कि मैं सब समझती हू तुझे बस अब उसकी गान्ड दिखाई देती है और जब तक तू उसे नही चोदेगा जब तक तुझे चैन नही मिलेगा……..”
स्मृति – “किसकी गान्ड………???” स्मृति के मूँह से अचानक निकल जाता है और जैसे ही उसे अहसास होता है वो चुप हो जाती है. “ओह सोररय्यययी…..”
कुशल –“ पता है वो किसकी गान्ड के पीछे लड़ाई थी……?”
स्मृति (सीरीयस होते हुए)- “ किसकी……..?”
कुशल –“ आपकी………”
स्मृति की तो जैसे सारी पी हुई उतर जाती है. वो अपने सोफे से खड़ी हो जाती है
“ क्य्ाआआआआअ……..” स्मृति आश्चर्या से पूछती है.
“ यस…. मुझे तो पता ही नही चला कि कब आप मेरे स्कूल मे ‘मोस्ट सेक्सीयेस्ट मोम’ बन गयी थी. और मुझे पता भी कैसे चलता क्यूंकी कोई मेरे सामने क्यूँ बात करता. वो तो मैने उनकी जब और बाते सुनी तो मुझे समझ आया कि कहानी क्या है.” कुशल बताता है स्मृति को.
“ओह माइ गॉड…. हाउ इट ईज़ पासिबल……. मोहित तो बच्चा है…. और वो मेरे बारे मे….. आइ डॉन’ट बिलीव दिस…..” स्मृति आश्चर्य से बोलती है.
कुशल –“ इस इन्सिडेंट के बाद मैने मोहित से बात की. मैने उसे बोला कि मोहित सच बता ये क्या ड्रामा है तो थोड़ी ही देर मे उसने आक्सेप्ट कर लिया कि ये सारा ड्रामा तेरी मोम यानी आपकी वजह से है. उसने मुझे बहुत गंदी बाते की जैसे देख अपनी मा की गान्ड साले…. करोरो मे एक होती है ऐसी. उसने मेरे दिमाग़ मे आपकी एक अलग ही पिक्चर बना दी. उसने मुझे ऑफर भी दिया कि मैं आपकी सेट्टिंग कैसे ही उससे करा दू तो वो अपनी गर्ल फ्रेंड का काम मेरे से करा देगा…….”
स्मृति –“ तो… तूने क्या फ़ैसला किया था…….” स्मृति थोड़ा सा शरमाते हुए बोलती है. अपने आप को वो बहुत वॅल्यूड फील कर रही थी.
कुशल –“ मैने उसके ऑफर को आक्सेप्ट नही किया… लेकिन उस दिन से आपको मैं किसी और ही नज़र से देखने लगा. उमरा कम थी लेकिन जज़्बात बडो से भी ज़्यादा आ गये थे. आपको कई बार हिंट भी दिया जैसे आपको हग करने के टाइम आपके बूब्स को ज़्यादा प्रेस करना, आपको पीछे से हग करते हुए आपकी गान्ड का आइडिया लेना, आपकी हर आक्टिविटी मुझे पागल करती थी. चाहे मैं आपको आगे से देखु या पीछे से मुझे कुच्छ होता था. लेकिन आपको कभी कुच्छ समझ नही आया.”
स्मृति – “ओह्ह तो ये काफ़ी टाइम से चलता आ रहा था और मुझे अहसास ही नही था. और आज कल ये मोहित कहाँ है…..?”
कुशल –“ आप मोहित के बारे मे क्यूँ पुच्छ रही है…..?”
स्मृति – “ नही बस ऐसे ही… लेकिन चल तू आगे बता कि तू लाइयन कैसे बना.”
कुशल –“ ऐसा करीबन तीन साल चला. और आप डेली और भी ज़्यादा सेक्सी होती गयी.. मुझे कुच्छ भी समझ नही आता था. अगर कोई लड़की लाइन भी देती तो आक्सेप्ट करने का मन भी नही करता था, बस आपका और आपका शौक चढ़ गया था.”[/b]
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