RE: vasna kahani आँचल की अय्याशियां
आँचल ने तबीयत का बहाना बनाकर कुछ दिन सुनील को अपना बदन नही देखने दिया ताकि वो उसके जिस्म पर बने निशान ना देख ले. चेहरे और गर्दन के निशान उसने थोडा मेकप से ढक लिए. मन ही मन सुनील भी खुश था की आजकल सेक्स से थोडा ब्रेक मिल रहा है. वरना तो थक के आओ और फिर बीवी की सेक्स की डिमॅंड पूरी करो. उसे बिल्कुल खबर नही थी की उसके कज़िन समीर ने उसकी बीवी की क्या गत बनाई थी.
लेकिन आँचल ने अपने ससुर और आया रेखा के अपने प्रति व्यवहार में बदलाव महसूस किया. अब उसके ससुर की हिम्मत बाद गयी थी और वो बहाने से उसकी बाँह, चुचियाँ और गांड को छूने की कोशिश करने लगा था. आँचल उसके साथ इनसेक्यूर महसूस कने लगी और उससे दूरी बनाने की कोशिश करने लगी.
अब जब भी वो ताश के पत्ते खेलने को कहता या उसके नज़दीक़ आने की कोशिश करता तो वो कुछ ना कुछ बहाना बना देती. इससे वो संस्कारी बुड्ढा चिढ गया . उसने देखा था की कैसे उस दिन उसकी बहू बुरी तरह से चुद के आई थी . अब वो भी उसे चोदना चाहता था.
नौकरानी रेखा भी अब आँचल के मुँह लगने लगी थी. कभी उसकी लिपस्टिक, कभी पर्फ्यूम लगा लेती. कभी मूवी जाने के लिए रूपीए मांगती. लेकिन आँचल को मालूम था की ये सब तो सहन करना ही पड़ेगा. अगर उसने बड़ी चीजो के लिए मुँह खोला तो फिर वो क्या करेगी ? कभी कभी उसको समीर और किमी के साथ बिताए दिन की याद करके गिल्टी फील भी होने लगता था. उसी दिन की वजह से आज ये रेखा सर चढ़ी है.
वो समीर और किमी को ब्लेम नही करती थी क्योंकि उन्होने तो सिर्फ़ उसकी कमज़ोरी का फयदा उठाया था , अगर वो अपने उपर कंट्रोल कर पति तो वो दोनो कुछ नही कर सकते थे. वो पूरी तरह से खुद ही ज़िम्मेदार थी .
वो इस बात से खुश थी की किमी ने उसको फोन नही किया था, वो किमी को अवाय्ड ही करना चाह रही थी. वैसी उस दिन जमकर हुई चुदाई से वो पूरी तरह से सॅटिस्फाइड थी लेकिन उसने प्रण किया की ऐसा रिस्क वो अब नही लेगी. और सुनील के साथ वफ़ादार बने रहेगी.
उस दिन समीर ने कॉंडम नही पहना था और आँचल को दर था की उतना ज़्यादा वीर्य उसकी चूत में समीर ने भर दिया था , कहीं वो प्रेग्नेंट तो नही हो गयी होगी. लेकिन जब भी उसको उस चुदाई की याद आती थी उसकी चूत बिल्कुल गीली हो जाती थी. समीर का लंड चूसने , गोलिया चूमने और चाटने , किमी की चूत चाटने में आँचल को बहुत मज़ा आया था.
अब तक वो तीन लंड देख चुकी थी . पहला नौकर रामू का , दूसरा अपने पति सुनील का और तीसरा समीर का. इनमे से दो लंड बड़े थे , जो उसे पसंद आए थे.
उस दिन हुई जमकर चुदाई से आँचल की सब फ्रस्ट्रेशन दूर हो गयी थी. अब वो खुश थी और मूड भी अच्छा रहता था. अपने पति सुनील की भी अब वो एक्सट्रा केर करने लगी थी. उसने सोचा था अब वो सुनील को थोडा अड्वेंचरस बना कर उसी के साथ मस्त सेक्स के मज़े लेगी. लेकिन सेक्स के मामले में सुनील थोडा शर्मिला था. आँचल ने सोचा उसी को कोई कदम उठना पड़ेगा जिससे सुनील भी थोडा खुले.
उसने सुनील से उसकी पुरानी गर्लफ्रेंड्स के साथ सेक्स लाइफ के बारे में पूछा . लेकिन सुनील ने बताया की उसकी कोई गफ़ थी ही नही . वो अपनी पिछली सेक्स लाइफ के बारे में बात करने को भी राज़ी नही था. आँचल के बहुत मानने के बाद उसने बताया की वो शादी से पहले रंडियों के पास कई बार गया था , उनके अलावा उसने किसी और के साथ सेक्स नही किया था. उसने ये भी बताया की उसे रंडी चोदने में बहुत मज़ा आया था. आँचल ने उससे कहा की तुम मेरे साथ सेक्स करते समय मुझे रंडी ही समझो अपनी बीवी नही. लेकिन सुनील ने माना कर दिया. उसने कहा की वो आँचल को रंडी की तरह नही सोच सकता.
आँचल बोली ये बात तुम मुझपर छोड़ दो. लेकिन प्लीज़ ये रंडी समझने वाला आइडिया मान लो., “ में प्रॉमिस करती हूँ बहुत मज़ा आएगा, सच्ची.”
उस रात जब सुनील घर आया तो उसने देखा आँचल बेडरूम में रंडी की तरह बनी बैठी है. उसने किमी की वही छोटी ड्रेस बिना ब्रा और पनटी के पहनी हुई थी. मुँह पर खूब मेकप पोत रखा था और होठों पर खूब लाल लिपस्टिक लगा रखी थी. उसने पूरे बदन में पर्फ्यूम डाला हुआ था और 6 इंच की हील वाली संडले पहनी हुई थी.
जब सुनील उसके पास आया तो वो बोली, “ ब्लोवजोब का वन थाउज़ंड, अंदर डालने का 5 थाउज़ंड , पीछे का 10 थाउज़ंड और अगर मुझे सारी रात चाहते हो तो ट्वेंटी थाउज़ंड.”
सुनील उसके मुँह से ऐसे बातें सुनकर हैरान हो गया .
आँचल फिर बोली, “ आज पुर दिन मेरा कोई बिज़्नेस नही हुआ है, बताओ तुम्हारा क्या जवाब है , नही तो में दूसरी जगह ट्राइ करती हूँ.”
सुनील अब भी कुछ नही बोला. वो आँचल का ये रूप देखकर हैरान था.
अब आँचल बोली, “ मुँह में लंड लेने का एक हज़ार, चूत में डालने का 5 हज़ार , गांद में घुसने का 10 हज़ार और रात भर चोदने का 20 हज़ार , क्या बोलता तू, तेरेको क्या माँगता ?
अपनी अप्पर क्लास बीवी के मुँह से रंडी की जैसी भाषा सुनकर सुनील का लंड खड़ा हो गया. उसने आँचल को पकड़कर किस करना चाहा.
“नही नही , मेरा चुम्मा नही लेना, में चुम्मा नही देती…” ऐसा कहकर आँचल ने अपने को सुनील से छुड़ा लिया और फिर बोली, “ पहले पैसे दो , फिर मज़ा लुटो..”
“आँचल प्लीज़ चोदने दो ना “ सुनील बोला.
लेकिन आँचल नही मानी.
उसका अड़ियलपान देखकर सुनील ने बीस हज़ार निकले और आँचल के मुँह पर फेंकते हुआ बोला, “रंडी ये ले तेरा दाम, अब तू रात भर के लिए मेरी है साली !!!”
आँचल ने सुनील के पंत की ज़िप खोली और उसका अधखड़ा लंड बाहर निकल लिया. सुनील के कुछ सोचने समझने से पहले ही आँचल ने लंड मुँह में दल लिया और चूसने लगी , साथ ही साथ उसकी गोलियो को भी हाथ से सहलाने लगी.
अपनी खूबसूरत बीवी को लंड चूसते देखकर सुनील बहुत उततेज़ीत हो गया , वो ज़्यादा देर कंट्रोल नही कर पाया और कुछ ही देर में आँचल के मुँह में उसने वीर्य की धार छोड़ दी . फिर उसका लंड मुरझा गया.
आँचल ने अभी शुरू ही किया था और यहाँ पातिदेव झाड़ गये . उस बेचारी को बहुत निराशा हुई. फिर उसने सुनील के कपड़े उतार कर उसे जगह जगह चूमना , चाटना , काटना शुरू कर दिया, की क्या पता सुनील को फिर उततेज़ना हो और उसका लॅंड फिर से खड़ा हो जाए. थोड़ी देर तक वो ये सब करती रही.
फिर सुनील ने उसको एक तरफ हटाया और नहाने चला गया. नाहकार उसने कुर्ता पिजामा पहना और आँचल से डिन्नर लगाने को कहा. आँचल ने रेखा को आवाज़ लगाई और उससे कहा की आज हम डिन्नर अपने बेडरूम में ही करेंगे. रेखा ने जब आँचल को वैसे कपड़ो में देखा तो उसके चेहरे पर शरारत भारी मुस्कुराहट आ गयी. वो समझ गयी मेंसाब् साहब को सिड्यूस करने का प्रयास कर रही है.
उस रात सुनील और आँचल ने अपने बेडरूम में ही डिन्नर किया.
किमी की छोटी सी ड्रेस पहनकर आँचल बहुत सेक्सी फील कर रही थी. उततेज़ना से उसके निपल टन गये थे और चूत रस बहने से गीली हो गयी थी. सुनील ने अपनी बीवी में आए बदलाव को महसूस किया. डिन्नर करते समय उसके दिमाग़ में यही बात घूम रही थी की आज कुछ बदली बदली सी लग रही है कुछ ज़्यादा ही कामुक हो रही है.
सुनील ने आँचल से पूछा , “ तुम्हे मेरा लंड चूसते समय घृणा नही आई ? “
आँचल बोली, “ घृणा क्यूँ आएगी ? मुझे तो बहुत मज़ा आया .“
सुनील मन ही मन सोचने लगा इतनी सुंदर और साफ सफाई से रहने वाली औरत ये लंड चूसने जैसा गंदा काम कैसे कर सकती है ? कहीं इसने पहले तो नही चूसा है किसी का ? अब ये शक़ उसके दिमाग़ में घूमने लगा.
फिर उसने सीधे ही पूछ लिया, “ तुमने शादी से पहले इसका एक्सपीरियेन्स लिया था क्या ?”
आँचल शर्मा गयी और फिर तुरंत पलटकर झूठा जवाब दिया, “ तुमसे मिलने से पहले में सबका लंड चूसते फिरती थी , यही सोच रहे हो ना तुम ? और कोई काम नही था क्या मुझको , योउ बस्टर्ड….”
सुनील हड़बड़कर बोला, “ अरे नाराज़ क्यूँ हो रही हो , मेने तो ऐसे ही पूछ लिया.”
फिर सोचने लगा खाली शक़ किया अपनी प्यारी बीवी पर.
डिन्नर के बाद थोड़ी देर दोनो ने टीवी देखा और फिर बेड में चले गये. आँचल सुनील के लंड और गोलियो से खेलने लगी और सुनील आँचल की चुचियों को चूसने लगा. फिर आँचल ने सुनील का लंड चूसना चाटना शुरू कर दिया . कुछ देर तक वो ऐसे ही करती रही पर लंड खड़ा होने का नाम ही नही ले रहा था. हड्द है !!! तक हार कर बेचारी ने कोशिश छोड़ दी और लाते गयी. भगवान बचाए ऐसे पति से तो. हा !
सुनील खर्राटे भर रहा था और इधर आँचल करवाते बदल रही थी . आँचल को कुछ सॅटिस्फॅक्षन तो मिला नही सोचने लगी जब से हनिमून से लौट के आई हूँ मुझे एक बार भी ढंग से ऑर्गॅज़म नही आया है , छि !! डालने तक तो ये झाड़ जाता है और फिर इसका दुबारा खड़ा होता नही चाहे जो मर्ज़ी कर लो.
वो बेचारी कर भी क्या सकती थी बस वही अपना सुबह बात्ट्च्ब में फॅंटसाइज़ करो और मूठ मरो , अपना सेक्षुयल फ्रस्ट्रेशन मिटाने को वही करने लगी. लेकिन फिर कुछ दीनो के बाद अब इसमे भी मज़ा मिलना ख़तम हो गया. समीर और किमी के साथ जो रगडकर वो चुदी थी तो अब इन सबसे होना भी क्या था , क्या मज़ा आता इसमे.
आँचल को अब समीर और किमी के साथ हुई चुदाई का सुख फिर से लेने का बहुत मन होने लगा, पर समीर वापस जा चुका था और किमी ने आँचल को फोन किया नही था. आँचल के पास उसका अड्रेस ओर नंबर भी नही था. अब फ्रस्ट्रेशन से आँचल चिड़चिड़ी और एड्जी टाइप की हो गयी.
(ऐसी हालत में वो फिर से दूसरी बार ऐसे ग़लत काम में जा फसी जो वरना वो कभी नही करती . पहली बार समीर ने उसके सेक्षुयली अनसॅटिस्फाइड होने का फायदा उठाया था , अबकी बार फिर उसका फायदा उठा लिया गया ).
|