RE: vasna kahani आँचल की अय्याशियां
आँचल के ससुर ने जब आँचल को बेडरूम में नंगी चूड़ी हुई पड़े देखा तो इससे आँचल को बहुत एम्बररासेमेंट फील हुआ. वो दर गयी और उसने झट से सलीम पर रेप का इल्ज़ाम लगा दिया. लेकिन असल बात ये थी की जब से नौकरानी रेखा ने उसे बताया था की सलीम का बहुत बड़ा लॅंड है और रेखा उससे खूब चुड़वति है तो तभी से आँचल के मॅन में भी उससे चुड़वणी की इक्चा पैदा हो गयी थी. वैसे भी उसकी छूट उँचुड़ी ही रह जाती थी इसलिए सलीम को वो अपने को छोड़ने से रोक नही पाई.
उसके मॅन से अपने मयके के नौकर रामू के लंड की यादें अभी मिटी नही थी , बल्कि उन पलों को याद करके उसकी छूट पानी छोड़ देती थी. इसलिए ससुराल के नौकर सलीम से भी उसने मज़ा लेने में देर नही की.
सलीम के लंड के लिए वो प्यासी थी और सलीम के साथ हुई घमासान चुदाई का उसने भरपूर मज़ा भी लिया था , लेकिन तभी तक जब तक की उसने अपना लंड आँचल की गंद में नही घुसाया था. सलीम के लंड से अपनी गंद फदवाने में आँचल को बिल्कुल भी मज़ा नही आया था , बल्कि असहनिया दर्द से वो रो पड़ी थी और वो बड़ी बेदर्दी से उसकी गंद मरते रहा. इसलिए सलीम के घर छोड़कर भाग जाने से उसे बहुत खुशी हुई.
अपने ससुर की मदद से , उसने सुनील के वापस लौटने से पहले ही बेडरूम धो कर सॉफ लिया था. जब सुनील वापस लौटा तो उसने समझा आँचल की तबीयत वाक़ई खराब है उसे बहुत चिंता हुई. उसने अपने पापा से कहा की जब तकाअन्चल अक्चा महसूस नही करती वो फॅक्टरी नही जाएगा और उसके बदले कुछ दिन तक पापा फॅक्टरी चले जाएँ.
बुद्धा ये सुनकर फ्रस्टरेट हो गया पर उसको फॅक्टरी जाना ही पड़ा. वो सोच रहा था अब बहू को नंगी देख लिया है , नहला धुला भी दिया है , अब तो बहू छोड़ने देगी पर सुनील ने उसको फॅक्टरी भेज दिया. वा रे फूटी किस्मत!
सुनील को आँचल ने झूठी कहानी सुना दी की सलीम उनके घर से कुछ रूपीए चुराकर भाग गया है. ज़्यादा अमाउंट नही था इसलिए सुनील ने पोलीस कंप्लेंट के चक्कर में पड़ना ठीक नही समझा.
आँचल ने देखा की फॅक्टरी जाने के नाम पर उसके ससुर का मुँह कैसे उतार गया है. वो जानती थी की उसके ससुर ने सलीम के जाने के बाद उसकी बहुत मदद की थी और बेडरूम सॉफ किया था , उसको बातरूम भी ले गया था , नहाने और कपड़े पहनने में भी मदद की थी , क्यूंकी उस समय गंद मरने से उसकी हालत वाक़ई खराब थी. और वो ये भी जानती थी की इसके बदले में वो ससुर अब उससे क्या माँगेगा. इसलिए उसके फॅक्टरी जाने से वो खुश हुई क्यूंकी अब ससुर सुबह जाकर शाम को ठक्कर लौट-ता था.
आँचल जानबूझकर तबीयत खराब होने का बहाना करती रही जबकि असल में उसकी गंद में तोड़ा दर्द था बाकी वो पूरी तरह से ठीक थी. अगले कुछ दिन तक सुनील ने घर पर ही रहकर आँचल का ध्यान रखा. उसने एक बुड्दा कुक भी रख लिया और आँचल के ज़ोर देने पर नयी नौकरानी भी रख ली. आँचल को रेखा से ब्लॅकमेल होने का दर था इसलिए उसने बहाने बनाकर सुनील से उसको निकलवा दिया. आँचल बीमारी का बहाना बनाकर कुछ दिन तक आराम करती रही. उधर ससुर इन सब बातों से अलग फ्रस्टरेट हो रहा था.
आँचल की बीमारी की खबर सुनकर उसके माता पिता भी उसको मिलने आए. उन्होने सुनील से कहा थोड़े दिन के लिए आँचल को हम अपने साथ मयके ले जाना चाहते हैं. वैसे भी वो शादी के बाद से मयके नही जा पाई थी.
सुनील ने ये बात मान ली और आँचल अपने मयके चली गयी. उस दिन जब ससुर शाम को घर आया तो उसे पता चला की बहू मयके चली गयी है , वो बड़ा दुखी हो गया. आँचल की सास बहुत दिन से अपने रिश्तेदार के घर शादी में गयी हुई थी और कुछ दिन में लौटने वाली थी. ससुर दुखी हुआ की बुदिया के लौटने के बाद उसका बहू को छोड़ने का कोई चान्स नही है.
मयके पहुचने के बाद आँचल का सामना अपने नौकर रामू से हुआ. वो हरामी छोकरा आँचल को वापस देखकर बहुत खुस हुआ और आँचल को वासना भारी नज़रों से तकने लगा. आँचल का चेहरा शरम से लाल हो गया क्यूंकी वो ससुराल में रामू के लंड को याद करके बहुत मूठ मारा करती थी. अपने मयके आकेर आँचल ने बहुत खुशी महसूस की . रामू को देखकर उसने बहुत हॉर्नी फील किया.
आँचल के पेरेंट्स ने उसको एकद्ूम से खुश देखा तो उन्होने सोचा की मयके आने की खुशी से ये बीमार से खुशी महस्सोस कर रही होगी , उन्हे आँचल पर कोई शक़ नही हुआ की इसमे इतना चेंज एकद्ूम कैसे आ गया की अभी तो ससुराल में बीमारी से लेती थी और यहाँ इतनी खुश दिख रही थी.
रामू भी आँचल के जाने के बाद उसको मूठ मरते समय बहुत याद करता था , उसको लगा अब इसकी शादी हो गयी है अब इसको छोड़ने में कोई लाफद नही है.
उस रात को आँचल ने रामू के लंड को याद करके मूठ मारी. उसने फॅंटसाइज़ किया की रामू का बड़ा लंड उसकी छूट में अंदर बाहर हो रहा है. एक तरह से रामू का लंड उसके पहले प्यार के जैसा था क्यूंकी सबसे पहले उसने उसी का देखा था, अपनी शादी से कुछ ही दिन पहले.
जब सुबह हुई तो बेड पर लेते लेते आँचल सोचने लगी की रामू के साथ अकेले वक़्त बिताने का मौका कैसे मिलेगा , इस ख्याल से उसको अपनी छूट से रस बहता महसूस हुआ.
पिछले कुछ सालों से मयके में रामू उसके लिए बेड टी ला रहा था . आँचल जानबूझकर उसको अपने बदन को देखने देती थी , कभी कभी उसकी निघट्य उपर उठ जाती थी तो रामू को उसकी मांसल झंघें भी देखने को मिल जाती थी, और कभी कभी चुचियाँ भी देखने को मिल जाती थी.
आँचल ने आज जानबूझकर पनटी नही पहनी थी और वो पेट के बाल लेती थी और उसने अपनी टाँगें फैला ली थी. उसने अपनी निघट्य भी उपर को खींच ली थी , जिससे जब रामू सुबह की छाई लेके आए तो उसको आँचल की जांघों के साथ ही उसकी गीली छूट का भी नज़ारा दिखे . तभी उसको कदमों की आहत सुनाई दी , उसने सोचा रामू छाई लेके आ रहा होगा. और उसकी उततेज़ना बादने लगी.
लेकिन उसको अपनी मा के बोलने की आवाज़ आई , वो झटके से उठ के सीधी हो गयी . तभी उसके बेडरूम में उसकी मा नौकर रामू के साथ आई.
रामू ने कमरे में अंदर घुसते समय निघट्य में आँचल का अधनंगा बदन देख लिया था , फिर जब वो झटके से सीधी हुई तो उसकी निघट्य के अंदर , बिना ब्रा के , ज़ोर ज़ोर से उपर नीचे को हिलती हुई बड़ी बड़ी चुचियाँ भी उसको देखने को मिली. उस पतली निघट्य में आँचल के ताने हुए निप्पल सॉफ सॉफ दिख रहे थे. रामू समझ गया की आँचल बहुत एग्ज़ाइटेड हो रखी है.
ये सब देखकर आँचल की मा ने रामू को तुरंत कमरे के बाहर भेज दिया.
फिर वो आँचल से बोली, “ कैसे कपड़े पहन रखे हैं, सब कुछ तो दिख रहा है. अब तुम्हारी शादी हो चुकी है . ऐसे झीने झीने कपड़े तुम सिर्फ़ अपने पति के सामने पहना करो. यहाँ तोड़ा ढंग के कपड़े पहना करो. आया समझ में ? ”
आँचल को निराशा हुई पर मजबूरी में सहमति में सर हिलना पड़ा. कहाँ वो रामू को बेड टी के टाइम सिड्यूस करने की सोच रही थी और यहाँ उसे मा के साथ बेड टी पीनी पड़ी और तमीज़ से रहने का लेक्चर अलग से.
अगले दो दिन तक आँचल को अकेले रामू के साथ कोई मौका नही मिला. उसकी मा घर पर ही थी. आँचल बहुत फ्रस्टरेटेड हो गयी. वो रामू के इतने नज़दीक़ थी पर चुदाई का मौका नही मिल पा रहा था.
आज उसको अपनी ससुराल वापस जाना था. शाम को सुनील उसको ले जाने आने वाला था. अब उसका फ्रस्ट्रेशन और भी बाद गया की मयके में आकेर भी रामू के साथ कोई मौका नही मिला.
लेकिन दोपहर में उसकी मा मार्केट चली गयी. मा के जाते ही आँचल रामू को ढोँढने लगी. लेकिन उसको घर में रामू नही दिखा. फिर वो घर के पिछवाड़े में बने सर्वेंट क्वॉर्टर्स की तरफ गयी. वहाँ रामू के कमरे के दरवाज़े को उसने हल्का सा धक्का दिया तो वो खुल गया पर अंदर कोई नही था. कमरे को खाली देखकर वो निराश हुई. लेकिन उसने देखा कमरे की दीवारों में फिल्म स्टार्स , मॉडेल्स के कुछ अधनंगे और कुछ पूरी नंगी मॉडेल्स के पोस्टर चिपके हुए हैं.
रामू की चारपाई में तकिये के नीचे उसे हिन्दी की सेक्स कहानियों की किताब मिली. आँचल वहीं चारपाई में बैठकर वो गंदी किताब पड़ने लगी. कमरे में नंगे पोस्टर्स के बीच वो गंदी कहानियों की किताब पड़ने से आँचल बहुत उततेज़ीत हो गयी और उसकी छूट से रस बहने लगा. उसने अपने जीन्स का बटन खोला और रामू के बेड में लेटकर अपनी गीली छूट में उंगली करने लगी.
रामू के बिस्तर में लेटकर मूठ मरने से उसे एक अलग सा रोमांच हुआ , ऐसा रिस्क लेने से उसकी उततेज़ना बहुत ही बाद गयी और उसको ऑर्गॅज़म आने ही वाला था की तभी कमरे में रामू आ गया.
रामू ने देखा की आँचल मेरे बेड पर लेती हुई है और जीन्स नीचे को खिसका के छूट में उंगली कर रही है. वो हैरान रह गया. आँचल ने भी रामू को देख लिया लेकिन तभी उसको जबरदस्त ऑर्गॅज़म आ गया , वो ज़ोर ज़ोर से सिसकारियाँ लेने लगी.
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