RE: vasna kahani आँचल की अय्याशियां
अपने बेडरूम मे जाने के बाद आँचल ने दरवाज़ा बंद किया और वो जल्दी से बाथरूम में नहाने चली गयी. उसे मालूम था मायके में उसे ना पाकर सुनील भी आता ही होगा. नहाने के बाद उसने तरोताज़ा और खुशी महसूस की. खूब चुदाई होने से अब वो बहुत सॅटिस्फाइड फील कर रही थी . लेकिन सुनील के बारे में सोचकर उसे गिल्टी भी फील हुआ. वो सोचने लगी सुनील में थोड़ी कमी ज़रूर है , पर है तो वो अच्छा आदमी. उसका ख्याल रखता है सब ज़रूरते पूरी करता है.
आँचल ने सोचा अब वो सुनील से किसी अच्छे सेक्स क्लिनिक जाकर वहाँ डॉक्टर से एडवाइस लेने को कहेगी , रोज़ अख़बार में कितने सेक्स क्लिनिक्स के एड आए रहते हैं. सुनील को अपनी सेक्स ड्राइव बढ़ाने और शीघ्र पतन की समस्या के इलाज़ के लिए डॉक्टर को दिखाना ही चाहिए. आँचल ने देख लिया था की समीर, रामू, सलीम ये सब लोग कितनी देर तक उसे चोदते रहे थे और एक बार झड़ने के तुरंत बाद फिर से उनका लंड तनकर खड़ा हो जाता था. इन सबने ने आँचल को एक चुदाई सेशन में कई कई बार ओर्गास्म दिया था और जबरदस्त चुदाई से आँचल को बहुत मज़ा मिला था. वो सोचने लगी की अगर उसका पति सुनील भी अपना इलाज़ करवा ले तो उसको घर पर ही भरपूर चुदाई का मज़ा मिलेगा .
यही सब बातें सोचते हुए आँचल ने नहाकर एक पारदर्शी नाइटी पहन ली और सुनील का इंतज़ार करने लगी. फिर उसने सोचा की अब तक किस्मत ने साथ दिया है और सुनील या किसी और ने उसे चुदते हुए नही पकड़ा , लेकिन कभी पकड़ लिया तो बहुत बदनामी होगी और माँ बाप को मुँह दिखाने लायक नही रहेगी. उसका ससुर ज़रूर जान गया था की ये कई बार चुद के घर आई है पर अपने परिवार की और बेटे सुनील की बदनामी के डर से वो मुँह नही खोलेगा ये बात आँचल समझ गयी थी. वैसे भी ससुर उल्टा इस जानकारी का फायदा उठाकर उसे चोदने की कोशिश में लगा रहता था. लेकिन अब अपनी सास के वापस लौट आने से ससुर को तो कोई मौका वो देने वाली नही थी.
अगर किसी तरह से वो सुनील को इलाज़ के लिए राज़ी करने में सफल हो जाती है तो फिर उसे दूसरे मर्दों का मुँह ताकने की ज़रूरत नही पड़ेगी. सुनील ही उसको खुश रख पाएगा. वरना कभी ना कभी तो वो पकड़ी जाएगी और फिर अंज़ाम बहुत बुरा भी हो सकता था. उसने निश्चय कर लिया की वो सुनील को इलाज़ के लिए मनाने की पूरी कोशिश करेगी.
उधर आँचल का ससुर आँचल को चोद पाने का कोई मौका ना मिल पाने से बहुत ही फ्रस्टरेट हो गया. वो सोचता था घर के नौकर तक मेरी बहू को चोद गये और मैं मालिक होकर भी सूखा बैठा हूँ. आज ही अपने मायके से जब आँचल लौटी थी तो उसके भरपूर चुदाई से मिली संतुष्टि से दमकते चेहरे को देखकर ससुर बहुत एक्साइटेड हो गया और साथ ही साथ झल्ला भी गया की फिर कहीं से चुदा के आ गयी ये आज. लेकिन वो ठरकी ससुर कर ही क्या सकता था सिर्फ़ बाथरूम में जाकर आँचल के दमकते चेहरे को याद करके उसके नाम की मूठ लगा आया. वैसे भी अब उसकी बीवी अपनी भतीजी की शादी से वापस आ गयी थी तो बहू के साथ ज़्यादा कुछ वो कर भी नही सकता था. लेकिन वो हार मानने वालों में से नही था उसने सोचा मौके का इंतज़ार करना ही ठीक रहेगा , जब भी सही मौका लगेगा चोद डालूँगा साली को.
उधर सुनील को उसकी सास यानी आँचल की माँ ने जल्दी लौटने नही दिया. घर में आँचल के ना होने से उसे बहुत एंबरेसमेंट हुई तो उसने सुनील की खूब आवभगत करी ताकि जमाई राजा खुश हो जाए और बुरा ना माने कि आँचल बिना बताए चली गयी. जब सुनील अपने घर पहुँचा तो रात हो गयी थी. वो अपने साथ आँचल के कपड़ों से भरा सूटकेस भी उसके मायके से लाया था जिसे आँचल वहीं छोड़ आई थी. वो अपनी बीवी को मिस कर रहा था , इसलिए जब उसने आँचल को पारदर्शी नाइटी पहने बेड पर लेटे हुए देखा तो खुश हो गया . उसे इस बात की भनक ही नही थी की उसकी प्यारी बीवी अपने मायके में क्या गुल खिलाके आई है. बेड पर लेटी आँचल को देखकर सुनील का चुदाई का मूड बन गया और वो आँचल को आलिंगन में भरके किस करने लगा और उसकी चूचियाँ मसलने लगा. आँचल भी उत्तेजित होने लगी और उसे खुशी हुई की चलो आज तो पतिदेव की सेक्स की इच्छा बढ़ी हुई लग रही है , आज तो ये मज़ा देगा ही देगा. थी वो सुनील की बाँहों में लेकिन फिर उसको याद आने लगे दोपहर के वो सीन , जब रामू के कमरे में उसकी ठोक ठोक कर चुदाई हुई थी. अब वो गरम होने लगी.
तभी किसी ने बेडरूम का दरवाज़ा खटखटाया . हद है यार ये कौन है जो ठीक चुदाई के टाइम में डिस्टर्ब कर रहा है .
आँचल और सुनील दोनो का मूड ऑफ हो गया. दरवाज़ा खोला तो सामने सास ससुर खड़े थे. उसकी सास ने उसको चूमा और शादी में मिली हुई दो साड़ी उसको भेंट की. आँचल को पारदर्शी नाइटी में देखकर ससुर का लंड वहीं पैंट में तंबू बनाने लगा. उसने “ वेलकम होम बहू “ कहके बहू को आलिंगन में भर लिया और अपना तंबू उसके पेट पर रगड़ दिया. और ज़ोर से आलिंगन करके उसकी बड़ी चूचियाँ अपनी छाती से दबा दी. फिर उसने आँचल के गाल से अपने गाल भी रगड़ दिए और एक हल्का गालों का किस ले लिया.
आँचल ने अपने पेट पर ससुर का लंड महसूस किया , वो अपने ससुर के इस बोल्ड व्यवहार से भौंचक्की रह गयी. ससुर के इस ठरकीपन से वो सास के सामने शरम से लाल हो गयी.
सुनील अपनी चुदाई का प्रोग्राम डिस्टर्ब होने से अपसेट था लेकिन उसको अपने बाप के व्यवहार में कोई ग़लत बात नही लगी. उन लोगों को बातें करता हुआ छोड़कर वो नहाने चला गया. आँचल देख रही थी की उसका ससुर पारदर्शी नाइटी में उसके अंदरूनी अंगों को खा जाने वाली नज़रों से ताक रहा है. उसके ऐसे ताकने से आँचल को अपनी चूत में गीलापन महसूस हुआ और फिर उसने बेड पर बैठे बैठे ही पोज़िशन बदलने के बहाने ससुर को अपना बदन दिखाकर तड़पाना शुरू कर दिया. वो बात अपनी सास से कर रही थी पर ध्यान उसका ससुर की हरकतों की तरफ था. उसके जिस्म ने दिमाग़ को फिर अपने कंट्रोल में ले लिया और वो मासूम बहू की तरह सास से बात करते हुए ससुर को बदन की झलकियाँ दिखाने लगी.
ठरकी ससुर सब समझ रहा था , मन ही मन सोचने लगा , “ साली टीज़िंग बिच! अगर उसी दिन जब सलीम तुझे बेड पर नंगी छोड़कर भाग गया था , तब मैंने भी मौके का फायदा उठाकर तुझे चोद दिया होता तो आज ऐसे नखरें करके मुझे नही तड़पाती . पर मुझे उस दिन तेरी हालत पर दया आ गयी और मैंने चोदने का मौका गवां दिया. और अब तू मेरी बीवी के सामने मुझे टीज़ कर रही है क्यूंकि तू जानती है की अब मैं बीवी के सामने कुछ नही कर सकता .”
तभी सुनील भी नहाकर आ गया और फिर पूरा परिवार डिनर के लिए डाइनिंग रूम मे जाने लगा.
सबसे लास्ट में आँचल के पीछे ससुर चल रहा था. आँचल की मटकती गांड को देखकर उसने अपना हाथ गांड पर रख दिया और फिर थोड़ी गांड दबा दी. आँचल असहाय थी , सास और पति के सामने कुछ नही कर पाई , ससुर मज़े लेता रहा और मन ही मन सोचने लगा, “ ये तो रोक नही रही है, लगता है मुझसे चुदवाने को तैयार है. अहा! मज़ा आ गया आज पहली बार इस चिकनी की गांड पर हाथ फेरा है.”
डिनर के बाद जब आँचल और सुनील अपने बेडरूम में वापस आए तो दोनो ही उत्तेजित फील कर रहे थे. सुनील इसलिए क्यूंकी उसकी बीवी कई दिन से मायके में थी तो वो चोद नही पाया था. और आँचल इसलिए उत्तेजित थी क्यूंकी उसके ठरकी ससुर ने अपनी हरकतों से उसके बदन में आग लगा दी थी.
आँचल ने जब सुनील का तना हुआ लंड देखा तो जल्दी से घुटनों के बल बैठ गयी और लंड मुँह में लेकर चूसने लगी . अपनी खूबसूरत बीवी को फटाफट लंड चूसते देखकर सुनील भौचक्का रह गया . आँचल के खूबसूरत चेहरे में लंड अंदर बाहर जाते देखकर वो बहुत उत्तेजित हो गया और तुरंत मुँह में ही झड़ गया . आँचल गटागट सारा वीर्य निगल गयी , सुनील ये देखकर और भी हैरान हो गया. छी ! ये तो सब पी गयी. उसकी नज़र में सेक्स करना मतलब बीवी की टाँगे फैलाओ और चूत में वीर्य गिरा दो , बस इतना ही था. लंड चूसने , चूत चाटने , गांड मारने , डॉगी पोज़ और भी अन्य कई तरीक़ो से भी सेक्स किया जा सकता है , इसका उसे कोई ज्ञान नही था ना ही वो इन सब में कोई इंटरेस्ट रखता था . वैसे भी उसे अपनी फैक्ट्री से फ़ुर्सत ही नही मिलती थी.
आँचल ने सुनील का लंड तब तक मुँह से नही निकाला जब तक वो मुरझा के बिल्कुल छोटा नही हो गया. आँचल को बहुत उत्तेजना चढ़ी हुई थी और एक मोटा लंड उसको अपनी चूत में चाहिए था. लेकिन सुनील उसके मुँह में झड़ चुका था और उसका लंड अब मुरझा चुका था. सुनील बेड पर लेट गया. आँचल ने सुनील के बदन में हर जगह चूमना शुरू कर दिया. उसने सुनील के चेहरे , छाती को चूमा उसके कंधे को दांतो से काट लिया और फिर मुरझाया हुआ लंड फिर से मुँह में डालकर उसको खड़ा करने की कोशिश करने लगी पर सब बेकार. सुनील ने ,मुझे नींद आ रही है, कहते हुए आँचल को अपने ऊपर से हटा दिया और चादर ओढ़कर करवट लेकर सो गया.
आँचल को बहुत गुस्सा आया और उसने बहुत फ्रस्टरेटेड फील किया. लेकिन उसने अपने ऊपर काबू रखा और सुनील को कुछ भी भला बुरा नही कहा. रात में एक बार और उसने सुनील के लंड को खड़ा करने की कोशिश की पर सुनील ने उसको एक तरफ को धकेल दिया.
अगली सुबह सुनील जब नहाकर बाथरूम से बाहर आया तो आँचल ने हाथ पकड़कर उसे अपने पास बैठाया और बोली, “ देखो सुनील, मुझे तुमसे कुछ ज़रूरी बात करनी है.”
सुनील ने कहा, “ . क्या बात है ?”
आँचल : “ देखो हमारी शादी हुए 6 महीने बीत गये हैं और तुम्हारी माँ और मेरी माँ , दोनो ही बच्चे के लिए मुझे पूछ रही थी.”
फिर उसने सुनील से झूठ बोला की वो कोई पिल भी नही ले रही है और तुम भी कंडोम यूज नही करते फिर भी मैं प्रेग्नेंट नही हो रही हूँ. इसलिए हमको अपने फैमिली डॉक्टर से कन्सल्ट करना चाहिए.
(असल बात ये थी की जब समीर ने उसे चोदा था वो तबसे प्रेग्नेंट होने के डर से पिल ले रही थी.)
फैमिली डॉक्टर के पास जाने की सलाह से सुनील गुस्सा हो गया , वो किसी जान पहचान वाले आदमी से अपनी सेक्स लाइफ के बारे में डिस्कस करने को तैयार ही नही हुआ.
फिर उसने कहा, “ अभी हमारी शादी को 6 महीने ही तो हुए है. टाइम आने पर तुम प्रेग्नेंट भी हो जाओगी , चिंता मत करो.”
आँचल चुप रही पर मन ही मन बोली, अगर हफ्ते में एक दिन मुझे चोदोगे तो मैं कैसे प्रेग्नेंट होऊँगी ईडियट!
वैसी भी प्रेग्नेन्सी का तो बहाना था , वो तो सिर्फ़ सुनील को किसी डॉक्टर को दिखाना चाहती थी. ताकि उसके जल्दी झड़ जाने का इलाज़ हो सके. प्रेग्नेंट वो होती कैसे जब पिल ले रही थी. वैसे भी अभी वो जवानी के मज़े लेना चाहती थी और इतनी जल्दी बच्चा नही चाहती थी. और अपनी चूत की प्यास बुझाने के लिए जितने लोगों से उसने चुदवाया था और जितना वीर्य उसकी चूत की गहराईयों में पड़ चुका था , उससे तो वैसे ही वो अब तक प्रेग्नेंट हो जाती अगर पिल ना लेती तो. लेकिन सुनील को डॉक्टर के पास जाने को तैयार ना देखकर उसने बात आगे नही बढ़ायी और कोई दूसरा तरीका आज़माने की सोची.
कुछ दिन बाद आँचल की सास ने उससे बच्चे की बात छेड़ी. आँचल ने पूछने पर बताया की वो कोई कॉन्ट्रासेप्टिव नही ले रही है. उसकी सास पुराने विचारों की थी , उसका कहना था कि शादी के बाद बहू का तुरंत बच्चा होना ज़रूरी है इससे पति पत्नी में जोड़ और मजबूत हो जाता है. फिर वो कहने लगी की तुम मेरे साथ एक स्वामी बाबा के पास चलो. स्वामी भोगानंद चमत्कारी बाबा है. जो भी औरत उनके पास जाती है उसको बच्चा ज़रूर पैदा होता है.
आँचल इसके लिए राज़ी नही थी पर सास को मना नही कर पाई. इलाज की ज़रूरत सुनील को थी आँचल को नही. फिर उसकी सास ने स्वामी भोगानंद से अगले हफ्ते का अपायंटमेंट ले लिया. आँचल ने सोचा की वो इसमे सुनील को भी इन्वॉल्व कर लेगी तो सुनील जाने के लिए मना कर देगा और उसे भी स्वामी के आश्रम में नही जाना पड़ेगा. लेकिन हुआ उल्टा . सुनील को जब आँचल ने ये बात बताई तो वो बोला, “ मम्मी ने बिल्कुल ठीक सजेशन दिया है. तुम स्वामी को अपने को दिखा लाओ.”
आँचल के पास अब कोई चारा नही था , वो मन ही मन सुनील पर गुस्सा हुई, तुम बस मम्मी मम्मी ही करते रहो. जो मम्मी ने कहा वही सही.
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