RE: vasna kahani आँचल की अय्याशियां
लेकिन आँचल के मामले में स्वामी ये देखकर खुश था की ये खूबसूरत औरत तो खुद ही चुदवाने को इतना बेचैन है. क्यूंकी वो अपनी सेक्स लाइफ से संतुष्ट नही थी , बाकी औरतें इतनी जल्दी गरम नही होती और बहुत ना नुकुर नखरे करती थीं . आँचल को उत्तेजना से तड़पता देखकर स्वामी सोचने लगा , इसको चोदने में तो बहुत ही मज़ा आएगा.
आँचल जबसे मायके से आई थी , तबसे उसकी ढंग से चुदाई नहीं हो पाई थी. मायके में रामू और दूसरे नौकर ने रामू के कमरे में उसको जी भरके छोड़ा था लेकिन उस बात को अब काफ़ी दिन बीत चुके थे. एक अच्छी चुदाई के लिए वो तरस रही थी. अपने सामने खड़े नंगे स्वामी और उसके फनफनाते लंड को देखकर उसकी चूत गीली हो गयी और रस निकलकर जांघों में बहने लगा.
आश्रम में पहले दो लड़कियों ने बदन की मालिश करके उसे उत्तेजित किया था फिर स्वामी ने टॉवेल से बदन रगड़कर और उत्तेजित कर दिया था. आँचल ने देखा ये स्वामी का शरीर तो किसी पहलवान जैसा लंबा चौड़ा है , वो उसका लंड अपनी चूत में लेने को मचल उठी. लेकिन उसकी समझ में नही आ रहा था की स्वामी उसको मना क्यूँ कर रहा है ?
“मुझे चोद स्वामी …ओह…”, आँचल ने फिर से कहा.
स्वामी घुटनो के बल अपने सामने बैठी खूबसूरत आँचल के मुँह से ये शब्द सुनकर बहुत खुश हुआ और अपने लंड को हाथ में पकड़कर , आँचल के चेहरे के करीब लाया. आँचल ने लंड मुँह में लेने के लिए होंठ खोल दिए लेकिन स्वामी उसको तड़पाते हुए लंड को मुँह के अंदर डालने के बजे होठों के दोनो तरफ घुमाने लगा. उसने देखा की ये औरत मेरे लंड को अपने मुँह में लेने को कितना तड़प रही है. उसने हंसते हुए अपने लंड से आँचल के गाल पर दो तीन थप्पड़ मारे और फिर उन दोनो लड़कियों से आँचल को दूसरे कमरे में ले जाने को कहा.
वो दोनो लड़कियाँ आँचल को पकड़कर एक दूसरे कमरे में ले गयी. उस कमरे के बीच मे एक बड़ा बेड था और पूरी छत पर शीशे (मिरर्स) लगे हुए थे. कमरे में एसी लगा हुआ था और दीवारों पर हर तरफ संभोग करते स्त्री-पुरुषों की पिक्चर्स लगी हुई थी.
स्वामी कमरे में आया और उन दोनो लड़कियों से बाहर जाने को कहा. जब वो दोनो बाहर चली गयी तो उसने आँचल को उठाया और बेड पर पटक दिया. आँचल स्वामी की ताक़त देखकर हैरान रह गयी. उसने आँचल को एक बच्चे के जैसे उठा लिया था और बेड पर फेंक दिया. आँचल की हाइट 5’4” थी और वेट 62 किलो था. और स्वामी ने बिना परेशानी के उसे उठा के नरम बिस्तर पर पटक दिया था. वो स्वामी से इंप्रेस होकर उसके चोदने का इंतज़ार करने लगी.
आँचल को बेड पर पड़े हुए अपना इंतज़ार करते देखकर स्वामी भोगानंद मुस्कुराया और बोला, “ तुम्हारा पति तुम्हें बच्चा नही दे सकता , कोई बात नही……….मैं तुम्हें बच्चा दूँगा.”
जवाब में आँचल सिर्फ़ सिसकारियाँ लेती रही. स्वामी ने अपना लंड आँचल की प्यासी परंतु गीली चूत पर लगाया और उत्तेजना से फूले हुए चूत के होठों के भीतर डालकर एक झटके में सुपाड़ा अंदर घुसा दिया.
“आह…उन्न्ञन्…..ओइईईईईईईई…माआआआअ….”, आँचल की टाइट चूत की दीवारों को फैलाते हुए जैसे ही सुपाड़ा अंदर घुसा , आँचल के मुँह से चीख निकल गयी.
फिर पूरे लंड को आँचल की चूत में गहराई तक घुसाकर स्वामी ने लम्बे लेकिन धीमे स्ट्रोक लगाने शुरू कर दिए. स्वामी के ताकतवर धक्कों से आँचल का जिस्म हिल गया. उत्तेजना में अब वो भी अपनी गांड ऊपर को उछालकर स्वामी के धक्कों का जवाब देने लगी.
“उंगग्घह….अहह……और ज़ोर से चोदो ……अहह”, आँचल ने स्वामीजी से आग्रह किया.
स्वामी आँचल की चूत की टाइटनेस से बड़ा खुश हुआ की इस शादीशुदा औरत की चूत तो कुँवारी लड़की जैसी टाइट है , ज़रूर इसके पति का लंड पतला होगा जिससे चूत फैल ना पाने से टाइट ही रह गयी है. उसने आँचल के आग्रह करने पर फटाफट तेज तेज धक्के लगाने शुरू कर दिए. तेज तेज धक्कों से आँचल की बड़ी बड़ी गोरी चूचियाँ धक्कों के साथ ही तेज़ी से हिलने लगी. इस मादक दृश्य को देखकर स्वामी कामानंद से पागल हो उठा और कुछ देर तक धक्के लगाने के बाद खूबसूरत आँचल की टाइट चूत को उसने अपने गरम वीर्य से पूरा भर दिया.
आँचल ने अपनी चूत में गरम वीर्य को महसूस किया और इस बात का शुक्र मनाया की उसने पिल ले ली थी , नही तो इतने वीर्य के अपनी चूत की गहराई में घुसने से वो ज़रूर प्रेग्नेंट हो जाती.
तभी स्वामी ने उसको गुड़िया के जैसे उठाया और अपनी गोद में बैठा लिया. फिर वो आँचल के खूबसूरत चेहरे को चूमने, चाटने लगा और बड़ी बड़ी चूचियों को मसलने और दांतो से काटने लगा.
उसके चेहरे को चाटते हुए स्वामी बोला, “ अच्छा लगा तुम्हें ?”
“ उम्म्म्म…..स्वामीजी….उउउम्म्म्मम..”, आँचल ने मदहोशी में जवाब दिया.
उसके नितंबों में नीचे से स्वामी का खड़ा लंड चुभ रहा था.
फिर स्वामी ने आँचल की दोनो टांगों को आपस में चिपका कर सीधा ऊपर को कर दिया और उसकी चूत में लंड डाल दिया. दोनो टांगों के आपस में सटे होने से इस पोज़ में आँचल की चूत और भी टाइट हो गयी और स्वामी के मोटे लंड से आँचल को लगा की उसकी चूत की दीवारें बिल्कुल स्ट्रेच हो गयी हैं. फिर स्वामी ने आँचल को अपनी गोद में उछालना शुरू किया और उसका लंड किसी पिस्टन की तरह चूत में अंदर बाहर होने लगा. आँचल की चूचियाँ स्वामी के चेहरे के सामने उछलने लगी . स्वामी ने उनपर मुँह लगाकर उन्हे जितना हो सके मुँह में भर लिया और उनपर दाँत काटने लगा. आँचल उत्तेजना और दर्द से चीखने लगी. फिर आँचल को गोद में उछाल कर चोदते हुए स्वामी ने उसकी गांड के छेद में अपनी उंगली डाल दी.
आँचल उत्तेजना से सिसकारियाँ ले रही थी , गांड में उंगली जाने से उसको बर्दाश्त से बाहर हो गया और ज़ोर ज़ोर से सिसकारियाँ लेते हुए उसको जबरदस्त ओर्गास्म आ गया , कामसुख और दर्द की लहरें उसके जिस्म में उठी और वो झड़ गयी. वो ज़ोर से चिल्लाई,” स्वामीईई……….. उईईईईईई……… माआआआअ…..”
फिर स्वामी ने अपना लंड उसकी चूत से बाहर निकाल लिया और उसको गोद में उठाकर बेड पर ले गया. बेड में बिठाकर उसने आँचल से उस उंगली को चूसने को कहा जो आँचल की गांड में घुसाई थी. आँचल के चेहरे पर आए ह्युमिलिएशन के भाव देखकर उसे बहुत मज़ा आया. फिर उसने आँचल को पलट कर घुटनो के बल कुतिया बना दिया. फिर उसके बड़े गोल नितंबों को हाथ से मसलते हुए डॉगी पोज़ में लंड आँचल की चूत में डाल दिया. चोदते चोदते स्वामी आँचल के नितंबों पर थप्पड़ मारने लगा. आँचल को चुदाई का आनंद और थप्पड़ का दर्द एक साथ मिलने लगा. स्वामी उत्तेजना से पागल होकर आँचल को बुरी तरह से रौंदने लगा और साथ ही साथ नितंबों पर थप्पड़ भी लगाता रहा. थप्पड़ों की मार से आँचल के नितंबों पर लाल निशान बन गये. अपनी चूत पर स्वामी के लंड से पड़ते धक्कों से उसको ओर्गास्म पर ओर्गास्म आते रहे और वो ज़ोर ज़ोर से सिसकारियाँ लेते हुए कई बार झड़ गयी. स्वामी ने भी आँचल की चूत अपने वीर्य से एक बार फिर से भर दी और उसके बदन पर ही लेट गया. स्वामी के वेट से आँचल का बदन दब गया और वो दोनो पसीने से भीगे हुए कुछ पल तक ऐसे ही लेटे रहे.
फिर स्वामी आँचल के ऊपर से हट कर बगल में लेट गया. तभी वो दोनो लड़कियाँ कमरे में आई और उन्होने आँचल को बेड से उठाया. आँचल लड़खड़ाते कदमों से उनकी सहायता से चलने लगी. आँचल ने देखा स्वामी बेड पर लेटे हुए मुस्कुरा रहा है.
स्वामी बोला, “ कल फिर ठीक टाइम पर आ जाना . और चोदना है तुम्हें.”
आँचल ने झिझकते हुए कहा, “ आऊँगी…”
तो ये थी स्वामी की स्पेशल पूजा जिसके लिए उसने आँचल की सास से 25000 रुपये रखवा लिए थे.
फिर वो दोनो लड़कियाँ आँचल को बाथरूम में ले गयी. वहाँ उन्होने आँचल के बदन में साबुन लगाया और शावर के नीचे ठंडे पानी से उसे नहलाने लगी.
तभी बाथरूम में स्वामी आ गया. उसका लंड तन के खड़ा था. उसने आँचल को अपनी तरफ खींचा. फिर उसकी एक टाँग उठाकर एक धक्का मारकर लंड फिर से चूत में घुसेड दिया.
इस अचानक हुए हमले से आँचल सिसक उठी, “…..ह…..उउउनघगह…”
स्वामी ने उसको एक हाथ से सपोर्ट देते हुए ज़ोर ज़ोर से खड़े खड़े ही चोदना शुरू कर दिया.
दोनो लड़कियाँ आँख फाडे हैरानी से ये सब देख रही थी. ऐसा पहले कभी नही हुआ था. शायद स्वामी ने आँचल जैसी मादक औरत पहले कभी नही देखी थी. वो अपने आश्रम के कायदे भी भूल गया और अपनी सेविकाओ के सामने ही अपनी कामान्धता से पागल हो गया.
अपने सामने आँचल को स्वामी से चुदते देखकर वो दोनो लड़कियाँ भी उत्तेजित हो गयी. आँचल ज़ोर ज़ोर से सिसकारियाँ लेते हुए चुद रही थी. अब उनमे से एक लड़की से रहा नही गया और उसने अपनी चूत में उंगली डालकर मूठ मारनी शुरू कर दी.
जोरदार चुदाई से स्वामी और आँचल एक बार और झड़ गये . फिर अपना मुरझाया हुआ लंड लेकर स्वामी बाथरूम से बाहर चला गया. आँचल की टाँगे कंपकपा रही थी वो फर्श पर शावर के नीचे गिर पड़ी.
स्वामी के जाने के बाद वो दोनो लड़कियाँ आँचल पर टूट पड़ी. उनमे से एक ने आँचल के चेहरे और चूचियों को चूमना , चाटना शुरू कर दिया और दूसरी लड़की आँचल की चूत चाटने लगी. उन दोनो लड़कियों ने आँचल को फिर और कई बार झड़ा दिया.
थोड़ी देर बाद स्वामी फिर वहाँ आया और आँचल से तैयार होने को कहने लगा क्यूंकी उसका पति सुनील उसे घर ले जाने आ चुका था और वेटिंग रूम में बैठ उसका इंतज़ार कर रहा था.
वो दोनो लड़कियाँ आँचल को कपड़े पहनाने लगी. आँचल मन ही मन सोचने लगी 4 घंटे कैसे निकल गये पता ही नही चला. क्या मस्त चुदाई का आनंद मिला है मुझे आज.
आँचल स्वामीजी के साथ वेटिंग रूम में आई, सुनील ने स्वामी को देखकर हाथ जोड़ दिए. आँचल के चेहरे पर परम संतुष्टि के भाव देखकर सुनील खुश हुआ ,उसने सोचा पूजा बहुत अच्छी तरह से हुई , लग रहा है.
स्वामी ने सुनील से कहा , “ कल इसको फिर टाइम पर ले आना.”
और फिर आँचल के चेहरे पर आई शरम को देखकर मुस्कुराने लगा.
घर पहुँचने के बाद सुनील वापस फैक्ट्री चला गया.
लंच टाइम में आँचल के ससुर ने उससे पूछा , “ पूजा कैसी रही ?”
आँचल ने सर झुकाकर जवाब दिया, “ स्वामीजी ने बहुत अच्छे ढंग से पूजा की.”
फिर ससुर बोला,” कल मैं तुम्हें पूजा के बाद आश्रम से लेने आऊँगा क्यूंकी बैंक में कुछ पेपर्स पर तुम्हारे साइन करवाने हैं.”
लेकिन आँचल को मालूम नही था की ठरकी बुड्ढा बैंक के बहाने से उसको उसी दोस्त के होटेल में ले जाना चाहता है जहाँ वो अपने दोस्त के साथ मिलकर कभी कभी रंडी चोदता है. ससुर मन ही मन सोच रहा था कल तो होटेल में इस सेक्सी बहू को मैं चोदूँगा ही चोदूँगा.
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