RE: vasna kahani आँचल की अय्याशियां
अगले दिन सुबह सुनील ने आँचल को स्वामी के आश्रम में पूजा के लिए कार से पहुँचा दिया. आँचल स्टड स्वामी के साथ फिर से चुदाई को लेकर बहुत एक्साइटेड थी. लेकिन इस बार उसको वेटिंग रूम में 1 घंटे से भी ज़्यादा समय तक बैठना पड़ा. बात ये थी की अंदर स्वामी एक नयी नवेली शादीशुदा औरत को चोद रहा था.
एक घंटे बाद वो दोनो लड़कियाँ आई और आँचल को स्वामी के कमरे में ले गयी. स्वामी को देखते ही आँचल अपने कपड़े उतारने लगी . आँचल की चुदने को जल्दबाज़ी देखकर स्वामी खुश हो गया. नंगी आँचल को स्वामी ने अपनी गोद में बैठा लिया. आँचल के नरम नितंबों के स्पर्श से स्वामी का लंड खड़ा होने लगा. आँचल ने भी अपने नितंबों के नीचे स्वामी के खड़े होते लंड को महसूस किया. उसने स्वामी को अपने आलिंगन में भर लिया और अपनी बड़ी चूचियों को उसकी छाती में दब जाने दिया.
स्वामी उसकी चूची को अपने हाथ से पकड़कर निपल के चारो और अंगूठा घुमाने लगा. आँचल के मुँह से सिसकारियाँ निकलने लगी. फिर अचानक उसने एक झटके में अपना लंड आँचल की चूत में घुसा दिया.
आँचल अचानक हुए हमले से चिल्लाई ,” ओइईईईईईईई.......उूुुुऊउगगगघह…”
चूत में पूरा लंड जाने के बाद स्वामी ने अपने सामने लटकती आँचल की बड़ी बड़ी चूचियों पर ध्यान लगाया . वो उनको चूसने , चूमने और काटने लगा. जी भरकर चूसने के बाद उसने आँचल के नितंबों के नीचे हाथ डालकर उसको लंड पर ऊपर उछालना शुरू किया.
आँचल अपनी चूत में स्वामी के मोटे लंड के अंदर बाहर होने से ज़ोर ज़ोर से सिसकारियाँ भरने लगी ,”..ह…उन्न्ञन्…..स्वामीजी चोदो…उफफफ्फ़…उन्न्ञननणणन्…..अहह….”
स्वामी बोला,” मज़ा आ रहा है तुम्हें ?”
“उनन्ं….हाआन्न….स्वामीजी…..” आँचल ने लंड पर उछलते हुए जवाब दिया.
स्वामी के मोटे लंड से आँचल की टाइट चूत की खूब रगड़ाई हो रही थी. ऐसी रगड़ से वो मदहोश हो गयी. मादक आँचल को अपनी गोद में मदहोश होकर चुदवाते देखकर स्वामी ने उसके रसीले होठों को चबा लिया . आँचल को पहला ओर्गास्म आ गया और वो सिसकारियाँ लेती हुई झड़ गयी. कुछ पल बाद स्वामी ने उसकी छूट को गरम वीर्य से भर दिया. स्वामी आँचल को अपने आलिंगन में कस के जकड़े हुए था और उसकी चूत में वीर्य की धार पर धार छोड़ता जा रहा था.
फिर उसी पोज़ में वो उठा और आँचल की चूत से अपना लंड निकाले बिना ही उसको उठाकर बेड तक ले गया. बेड में आँचल को लिटाने के बाद स्वामी को ध्यान आया की कल तो आँचल की चूत में घने काले बाल थे. आँचल की चिकनी चूत को देखकर वो बहुत उत्तेजित हो गया और सोचने लगा इश्स शादीशुदा औरत की चूत बिल्कुल लड़की जैसी टाइट कैसे है.
स्वामी ने पूछा,” तुम्हारा पति अच्छे से चोदता है तुम्हें ?”
“उन्न्ह….नही स्वामीजी….” आँचल अभी भी चुदाई के नशे में थी.
उन दोनो लड़कियों में से एक लड़की ने आँचल की चिकनी चूत देखी तो वो अपने को रोक नही पाई और आँचल के बगल में लेटकर उसने आँचल की चूत में मुँह लगा दिया और उसकी चूत से निकलते रस को चाटने लगी. अपनी चूत और क्लिट पर लड़की की जीभ की रगड़ से आँचल कामानंद से सिसकारियाँ लेने लगी. अपनी चूत चटवाना आँचल को बहुत अच्छा लगता था. उसका भी मन चूत चाटने का होने लगा.
आँचल बोली, “ इधर दो….उन्न्ह…अपनी चूत इधर दो…..उंगग्गघह..”
आँचल की बात सुनकर उस लड़की ने 69 पोज़ में अपनी चूत आँचल के मुँह पर लगा दी. अब दोनो एक दूसरे की क्लिट और गीली रस से भरी चूत को जीभ से चाटने, चूमने और चूसने लगी.
स्वामी अपने सामने के नज़ारे को देखकर बहुत उत्तेजित हो गया और सिसकारियाँ लेती लड़कियों के बगल में बेड पर लेट गया. फिर उसने आँचल की गांड के छेद में उंगली घुसा दी और उंगली से गांड चोदने लगा. चूत और गांड दोनो की रगड़ाई से आँचल आनंद से चीखने लगी और ओर्गास्म पर ओर्गास्म से झड़ती रही.
फिर स्वामी ने आँचल के पेट के दोनो ओर अपनी टाँगे रख दी और उसकी दोनो चूचियों के बीच लंड रगड़ने लगा. दूसरी लड़की ने आँचल के सर के नीचे तकिया लगा कर उसका सर थोड़ा उठा दिया. स्वामी उसकी दोनो बड़ी चूचियों को आपस में मिलाकर बीच में लंड डालकर चूची चोदने लगा. आँचल को दर्द हुआ.
आँचल दर्द से कराह उठी, “ नहिन्न…उन्न्ञन्…बहुत ज़ोर से दबा रहे है आप…नहिन्न….”
आँचल का दर्द देखकर स्वामी थोड़ी देर तक रुक गया और बोला,” क्यूँ रो रही है ? अभी तो तेरी गांड में घुसाऊँगा.”
फिर उसने आँचल को घुटनो के बल कुतिया बना दिया और उसकी चूत में पीछे से लंड घुसा दिया.
टाइट चूत में स्वामी का मोटा लंड घुसने से आँचल चिल्लाई,”उननगज्गघह…ओइइ…”
स्वामी को डोगी पोज़ बहुत पसंद था. आश्रम में आने वाली जवान औरतों को वो डोगी पोज़ में ज़रूर चोदता था. आँचल के उठे हुए नितंबों में थप्पड़ मारते हुए वो तेज तेज धक्के लगाने लगा. धक्कों से आँचल की बड़ी बड़ी चूचियाँ लटककर आगे पीछे को हिलने लगी. स्वामी हाथ आगे करके चूचियों को मसलने लगा.
स्वामी ने आँचल की चूत में तेज तेज धक्के मारते हुए पूछा,” क्या तुम्हारे पति ने ऐसे चोदा है ?”
“उन्न्गह…..ऊओुईइ….माआआआ…..” आँचल ने सिसकारियों से जवाब दिया.
स्वामी मज़े लेते हुए बोला,” अपनी माँ को क्यूँ याद कर रही हो ? मज़ा नही आ रहा है क्या ?”
स्वामी ने उत्तेजना में आँचल के बड़े नितंब थप्पड़ मार मार कर लाल कर दिए.
“उन्न्नह….ओह…..स्वामी….आह…” आँचल दर्द से चिल्लाई और वो झड़ती रही ……..और झड़ती रही.
फिर स्वामी ने अपना लंड चूत से बाहर निकालकर आँचल की गांड के छेद में लगा दिया. सुपाड़े को अंदर डालने के लिए उसने एक धक्का लगाया.
“ ओइईईईईईई…माआ……आआअहह……, मैं मर जाऊँगी, बहुत दर्द हो रहा है,” आँचल गांड में दर्द से चिल्ला पड़ी.
सुपाड़े को गांड में घुसाते हुए स्वामी बोला,” बस थोड़ा दुखेगा, तेरी गांड बहुत टाइट है ना….अभी मज़ा भी मिलेगा तुम्हें….”.
फिर सुपाड़ा अंदर जाने के बाद स्वामी ने बाकी का हिस्सा भी पूरा गांड में घुसा दिया. आँचल को लगा उसकी गांड दो हिस्सों में फट गयी है. दर्द से उसके आँसू बहने लगे और वो रोने लगी.
पर स्वामी ने उसके रोने पर कोई ध्यान नही दिया और उसकी गांड मारते रहा.
थोड़ी देर बाद आँचल को दर्द कुछ कम हो गया और अब गांड में लंड की रगड़ से उसको भी थोड़ा मज़ा मिलने लगा.
तभी एक लड़की वहाँ आई और स्वामी से बोली की आँचल का ससुर उसे लेने आ गया है.
स्वामी उत्तेजना में था उसने लड़की की बात पर कोई ध्यान नही दिया. स्वामी ने आँचल की गांड मारना जारी रखा . कुछ देर बाद उसने आँचल की गांड को अपने वीर्य से भर दिया.
अब स्वामी बहुत थक चुका था , सुबह से दो औरतों को कई बार चोदने की वजह से. वो आँचल के बदन के उपर ही लेट गया. आँचल उसके वजन से दब गयी.
जब लड़कियों ने फिर से ससुर की बात कही तो स्वामी बोला, “ इसको ले जाकर नहलाओ और कपड़े पहना दो.”
आँचल ने स्वामी से विनती की, “ स्वामीजी , मैं ऐसे उनके पास नही जा सकती,वो सब समझ जाएँगे. प्लीज़…..उनको बोलो की मैं यहाँ से निकल चुकी हूँ. मैं ऑटो पकड़कर चली जाऊँगी.”
स्वामी बोला,” ठीक है. जैसा तुम चाहती हो हम वैसा ही करेंगे पर इसके बदले तुम्हें भी मेरा काम करना होगा.”
आँचल ने बिना काम पूछे ही तुरंत हामी भर दी.
स्वामी ने लड़की से कहा की वो आँचल के ससुर से जाकर कह दे की वो यहाँ से पहले ही जा चुकी है.
फिर उसने आँचल से कहा, “ कल सुबह 6 बजे आने की बजाय 10 बजे आना.”
आँचल ने ठीक है कहा और नहाने चली गयी. नहा धोकर कपड़े पहनने के बाद वो आश्रम से बाहर आ गयी और ऑटो ढूंढने लगी.
जब एक ऑटो ड्राइवर ने उससे पूछा की कहाँ चलना है ? तो आँचल ने सोचने में थोड़ा वक़्त लगाया क्यूंकी उसकी समझ में नही आ रहा था की वो घर जाए या बैंक जाए.
ऑटो वाले ने उसको सोचते देखकर हाइ क्लास कॉल गर्ल समझा, वो उसे घूरते हुए बोला, “ होटेल में जाने का है क्या ?”
उसकी बात सुनकर आँचल को बहुत गुस्सा आया. उसने कहा, “ कनाट प्लेस चलो.”
आँचल ने सोचा की खुद ही बैंक जाकर पेपर में साइन करके आती हूँ.
बैंक में पहुँचकर आँचल सीधे बैंक मैनेजर के केबिन में चली गयी और अपना परिचय दिया.
बैंक मैनेजर मिस्टर सेठी था जिसकी उमर करीब 50 वर्ष की थी. अपने केबिन में खूबसूरत आँचल को देखकर मैनेजर उसकी बात ध्यान से सुनने लगा. फिर उसने पिओन को बुलाकर साइन करने के लिए पेपर्स और चाय लाने को कहा. आँचल से बात करते समय सेठी का ध्यान आँचल की चूचियों पर ही था.
सेठी को चूचियाँ घूरते देखकर आँचल को ध्यान आया की आश्रम से आते समय जल्दबाज़ी में वो ब्रा और पैंटी पहनना भूल गयी थी. उसके सूज़े हुए निपल पतले ब्लाउज से दिख रहे थे. तब उसको ध्यान आया की ऑटो ड्राइवर उसको कॉल गर्ल क्यूँ समझ रहा था क्यूंकी बिना ब्रा के निपल उसने भी देख लिए होंगे. मैनेजर के सामने बैठी आँचल शरमा गयी पर अब कुछ किया नही जा सकता था. बैंक में काम खत्म होकर घर लौटने तक उसे इन्ही कपड़ो से काम चलाना था.
मैनेजर भगवान द्वारा अपने केबिन में भेजी गयी अप्सरा को देखकर बहुत खुश था, इसीलिए जब पिओन फटाफट साइन करने के लिए पेपर्स ले आया तो उसे बहुत गुस्सा आया. मन ही मन सोचने लगा, कम्बख़्त थोड़ी देर लगाकर नही ला सकता था.
फिर मैनेजर ने आँचल से पेपर्स पर साइन करने को कहा और खुद जाकर आँचल के पीछे खड़ा हो गया, कहाँ कहाँ पर साइन करने है ये बताने के लिए.
आँचल को कुछ मतलब नही था की वो किन पेपर्स पर साइन कर रही है, जैसा मैनेजर ने बताया वैसे उसने साइन कर दिए. पीछे खड़ा मैनेजर उसकी बिना ब्रा की चूचियों का नज़ारा देख रहा था. आँचल की दूध जैसी गोरी चूचियाँ और उनके बीच की गहरी खाई देखकर मैनेजर का लंड खड़ा हो गया. फिर वो हाथ लगाकर बताने लगा की यहाँ पर साइन करने है और बहाने से उसकी बाँह छूने लगा. उसने बैठी हुई आँचल की बाँह और कंधे से अपना खड़ा लंड भी रगड़ दिया.
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