RE: vasna kahani आँचल की अय्याशियां
आँचल बैंक मैनेजर सेठी के खड़े लंड से रगड़ महसूस कर रही थी पर उसने ऐसे दिखाया जैसे उसे कुछ पता नही है. वो समझ गयी थी उसकी मादक जवानी से बुड्ढा उत्तेजित हो गया है. आँचल को कोई विरोध ना करते देखकर मैनेजर उससे पेपर्स पर साइन करवाते रहा और बहाने से उसके बदन से अपना लंड भी रगड़ते रहा. जब सब जगह साइन हो गये तो उसने आँचल से फोटोग्राफ्स माँगे. आँचल के पास कोई फोटो नही थी उसने कहा की वो मंडे को फोटोज भिजवा देगी.
सेठी ने बहाना बनाया ,” मैडम फोटो तो आज ही चाहिए.”
आँचल की कुछ समझ में नही आया .
आँचल को चुप देखकर सेठी बोला, “आप चिंता मत कीजिए मिसेज जोशी, मैं आपको एक फोटो स्टूडियो में लिए चलता हूँ .”
फिर उसने पिओन को बुलाकर उससे कहा की ड्राइवर से कहो आफीशियल कार बैंक के गेट पर लाए.
बैंक की कार में आँचल के साथ सेठी पीछे की सीट पर उससे सट के बैठा था. उसने अपनी टाँगे आँचल की टाँगों से सटा रखी थी और अपना एक हाथ आँचल के पीछे सीट पर रखा था जो आँचल के कंधों को सहला रहा था.
आँचल ने सेठी के हाथ को अपने कंधों पर महसूस किया और देखा की पैंट में उसका लंड तंबू बना रहा है. सेठी आँचल को बता रहा था की वो कितनी इंपॉर्टेंट पोस्ट पर है. उसने आँचल से कहा की जब भी उसे लोन की ज़रूरत होगी मेरे पास बिना झिझक चले आना , तुरंत जितना चाहिए उतना लोन सेंक्शन कर दूँगा. सेठी ने बताया की मैंने तुम्हारे पति की फैक्ट्री को कितना सारा लोन दिया है.
सेठी ने आँचल से कहा की मैं तुम्हारी शादी में भी आया था , तब तुम दुल्हन की ड्रेस में कितनी खूबसूरत लग रही थी.
जब भी वो कार खराब रोड पर झटके खाती तो आँचल की बिना ब्रा में बड़ी चूचियाँ ज़ोर से हिलती और उन्हे हिलते देखकर उत्तेजना से सेठी आँचल से थोड़ा और सट जाता.
आँचल भी सेठी की इन हरकतों से उत्तेजित होने लगी. सेठी के पैंट में बने तंबू से उसने अंदाज़ा लगा लिया की इसका लंड बड़ा ही लग रहा है. सेठी ने जब आँचल को अपने पैंट में बने तंबू को देखते पाया तो उसकी उत्तेजना और हिम्मत दोनो बढ़ गयी. अब उसने हाथ थोड़ा नीचे किया और आँचल की गर्दन पर पीछे से हाथ फिराने लगा. उसने आँचल के फिगर और उसकी खूबसूरती की तारीफ करनी शुरू कर दी.
सेठी ने अपने बैंक में बहुत सी औरतों को चोदा था , जो वहाँ काम करती थी उनको भी और जो बैंक में काम कराने आती थी उनको भी. अपनी बड़ी पोज़िशन की वजह से उसका रौबदाब बैंक में रहता था. आँचल की गर्दन मलते हुए वो आँचल को भी चोदने का प्लान बना रहा था.
तभी ड्राइवर ने कार फोटो स्टूडियो के आगे रोक दी. सेठी और आँचल कार से उतर गये. सेठी ने आँचल की बाँह कोहनी से थोड़ा ऊपर पकड़ ली और चलने लगा. बाँह पकड़ने से आँचल की मुलायम चूची से उसका हाथ छू जा रहा था. वैसे खड़े लंड के साथ चलने में खुद उसे भी परेशानी हो रही थी.
आँचल बुड्ढे की बोल्डनेस देखकर हैरान थी और साथ ही उत्तेजित भी. उसने सेठी को अपनी बाँह पकड़ने से रोका नही. वो ये देखना चाहती थी अब बुड्ढा आगे क्या करता है. आँचल मादक सा मुँह बनाकर सेठी के साथ चलती रही. सेठी के ऊपर अपने रूप का जादू चलने से उसे सेठी अपना गुलाम जैसा महसूस हो रहा था जो की उसकी फोटो के लिए अपना बैंक छोड़कर उसके आगे पीछे घूम रहा था. आँचल के मादक जिस्म का जादू हर मर्द के ऊपर ऐसे ही चल जाता था. और इस बात का उसे गर्व भी था.
फोटो स्टूडियो में फोटोग्राफर ने पूछा की 5 मिनट में पोलोराइड फोटो चाहिए या पासपोर्ट साइज़ वाली ? उसके लिए 2 घंटे लगेंगे. सेठी तुरंत बोला बैंक में पासपोर्ट वाली ही लगेगी.
फिर सेठी ने आँचल को स्टूल में बिठा दिया और इसी बहाने उसकी चूचियाँ भी छू ली. फिर सही पोज़ बनाने के लिए उसके चेहरे को दोनो हाथों से पकड़कर सीधा करने लगा. फोटोग्राफर भी हैरान था जो काम मेरा है ये बुड्ढा खुद ही कर रहा है . कहाँ बिठाना है कैसा पोज़ बनाना है , ये मैं बताऊँगा या ये बुड्ढा.
उधर आँचल भी सेठी की सब हरकतें समझ रही थी. अपने चेहरे और बदन पर सेठी के बार बार टच करने से उसे हॉर्नी फील हो रहा था. उसने अपने होंठ पॉउट करके फोटो खिचाने के लिए एक सेक्सी सा पोज़ बनाया. सेठी ठीक उसके आगे खड़ा होकर उसके बाल और चेहरा ठीक कर रहा था. सेठी का लंड ठीक आँचल के मुँह के सामने था. आँचल का मन हुआ की वहीं पर सेठी के पैंट की ज़िप खोलकर उसका लंड मुँह में ले ले. इस ख्याल से ही उसकी चूत से रस निकलने लगा.
फोटो खिचाने के बाद सेठी बोला पास में ही एक रेस्टोरेंट है वहाँ लंच कर लेते हैं , क्यूंकी फोटो मिलने में तो 2 घंटे लगेंगे. आँचल ने हामी भर दी. सेठी उसको एक रेस्टोरेंट में ले गया वहाँ बहुत कम लोग थे और लाइट भी काफ़ी कम रोशनी वाली थी . शायद कपल्स की सुविधा के लिए वहाँ कम रोशनी थी जिससे वो अपनी चुम्मा चाटी कर सकें . रेस्टोरेंट में सेठी और बोल्ड हो गया. वो बातें करते करते आँचल की पीठ पर हाथ फिराने लगा. आँचल ने उसकी गरम साँसे अपने चेहरे पर महसूस की. सेठी उसके कंधे और गर्दन को भी मल रहा था. फिर सेठी ने आँचल से बियर पीने को कहा. आँचल ने पहले कभी बियर नही पी थी पर सेठी के ज़ोर देने पर वो मान गयी.
सेठी ने एक ग्लास में बियर डालकर उसको आँचल के होठों पर लगाया, आँचल ने थोड़ी बियर गटक ली. आँचल को बियर पिलाते हुए सेठी ने उसके ब्लाउज पर हाथ रख दिया और उसकी बिना ब्रा की चूचियों को दबाने लगा. आँचल हल्के से मोन करने लगी. फिर सेठी ने अचानक आगे झुककर आँचल के होठों पर अपने होंठ लगाकर एक चुंबन ले लिया.
सेठी की बोल्डनेस से अचंभित होकर आँचल ने उसे टोका,” मिस्टर सेठी…..”
“आप बहुत सेक्सी हैं मिसेज जोशी. मैं अपने ऊपर कंट्रोल नही कर पाया.” सेठी बोला. और उसने फिर से आँचल के होंठ पर चुंबन लेकर उसके निचले होंठ को अपने दांतो से हल्का सा काट लिया.
“उननग्ग्घह…….ऊओह…” उत्तेजना से आँचल की सिसकी निकल गयी . उसने हाथ आगे बढ़ाकर टेबल के नीचे सेठी के पैंट के अंदर उसका लंड पकड़ लिया. सख़्त मोटा लंड अपने हाथ में महसूस करते ही उसकी उत्तेजना और बढ़ गयी.
आँचल की हालत देखकर सेठी समझ गया अब इसको चोदने में कोई परेशानी नही होगी. उसने फटाफट बिल पेमेंट किया और वेटर को 500 रुपये देकर उससे दूसरी मंज़िल में कमरे की चाभी माँगी.
वेटर ने सेठी को मादक आँचल के साथ देखा जो सिसकारियाँ ले रही थी. वो मन ही मन सोचने लगा साले बुड्ढे ने क्या सेक्सी माल पटाया है. वैसे वो सेठी को जानता था क्यूंकी सेठी अपने बैंक की ट्रेनी लड़कियों और कभी कभी कॉल गर्ल्स को लेकर वहाँ आता था और रूम की चाभी उसी से माँगता था.
आँचल ने सेठी को रुपये देते हुए देखा , सेठी और वेटर की आँखो ही आँखो में हुई बात और वेटर के मुस्कुराने से आँचल शरमा गयी. उत्तेजना से उसका बुरा हाल था और उसे इश्स बात से कोई फरक नही पड़ता था की वेटर उसके बारे में क्या सोच रहा होगा. वो चुदाई के लिए अब और इंतज़ार नही कर पा रही थी.
वेटर चाभी लेकर आया तो देखा बुड्ढा आँचल को किस कर रहा था. वो दोनो अपने अगल बगल भी ध्यान नही दे रहे थे. वैसे उस समय लोग तो कम ही थे वहाँ फिर भी….
वेटर सोचने लगा क्या उसको भी इस सेक्सी औरत को चोदने का चांस मिलेगा ? आँचल की ब्लाउज से बाहर दिखती चूचियों को देखकर वो अपनी जीभ होठों पर फिराते हुए सेठी की किस्मत से जलन करने लगा. साला इस उमर में भी इतनी चिकनी माल को चोद पा रहा है.
आँचल सेठी के साथ किस कर रही थी और वेटर उसको देखकर मन ही मन सोच रहा था,” साले बुड्ढे ने आज तो मस्त छोकरी पटाई है, क्या मस्त मम्मे हैं इसके. ज़रूर मज़ा आएगा बुड्ढे को, साला…”
सेठी मादक आँचल को सिड्यूस करके बहुत खुश था . चाभी मिलने के बाद वो आँचल की बाँह पकड़कर ऊपर कमरे की तरफ जाने लगा. रेस्टोरेंट में मौजूद लोग और वेटर्स की जलन भरी निगाहों से उसे और मज़ा आ रहा था. सेठी जानबूझकर लोगों को जलाने के लिए रेस्टोरेंट मैनेजर के पास जाकर रुका और उससे थोड़ी देर बातचीत की . लोगों को दिखाने के लिए आँचल के बदन पर वो हाथ भी फिराता जा रहा था.
सेठी के टच करने से आँचल मदहोशी में थी उसे अपनी होने वाली चुदाई के ख़याल से चूत रस बहता महसूस हो रहा था.
मैनेजर ने आँचल की बड़ी बड़ी चूचियां देखी , फिर उसे घूरते हुए सेठी से पूछा,” कितने में सौदा हुआ ?”
उसकी बात पर सेठी हंसा और आँचल को सीढ़ियों से ऊपर कमरे में ले गया.
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