RE: vasna kahani आँचल की अय्याशियां
आँचल को ओर्गास्म का आनंद लेते देखकर रामू ने अपना चूतरस से भीगा हुआ लंड चूत से बाहर निकाल लिया और आँचल के चेहरे पर लंड से थप्पड़ मारने लगा.
“मज़ा आया मेमसाब ?”
“उन्न…हाँ..मेरे रामू…” आँचल सिसकारियाँ लेते हुए धीमे से बोली.
“उठ जा , अब मैं तुझे खड़े खड़े चोदूँगा “ कहते हुए रामू ने नंगी आँचल को बेडरूम की दीवार के सहारे पीठ टिकाकर खड़ा कर दिया. फिर उसकी एक टांग ऊपर उठा ली और दूसरे हाथ से उसकी कमर को पकड़कर अपना खड़ा लंड उसकी चूत में एक झटके में घुसा दिया.
“आहह…उनन्नग्घह…रामुऊऊउ…..” आँचल की चूत में रामू का बड़ा लंड घुसते ही आँचल ने सिसकारी ली.
रामू अब खड़े खड़े आँचल की चूत में धक्के लगाने लगा. आँचल की छाती में उसके बड़े बड़े बूब्स धक्कों के साथ ही ऊपर नीचे हिलने लगे.
आँचल उत्तेजना से सिसकारियाँ लेती रही ,” आहह…उंगघह ….ऊओिईईईई म्म्माआअ…”
अब रामू तेज तेज धक्के लगाने लगा. आँचल की पीठ और गांड पीछे दीवार से टकराने लगे. आँचल के उछलते बूब्स को रामू अपने मुँह में भरकर चूसने लगा.
आँचल के बूब्स पसीने और रामू की लार से पूरी तरह भीग गये. अपनी चूत पर पड़ते धक्कों से मज़े लेती हुई आँचल को ओर्गास्म आ गया और वो सिसकते हुए झड़ गयी.
“आहह…..मेरे राजाआअ…………..ऊओह……….आआहह……………”
रामू ने मेमसाब को झड़ते देखा तो उसको अपना प्रेशर भी बनता महसूस हुआ,” मेमसाब मैं तेरी चूत को भरने वाला हूँ, क्या मस्त है तेरी चूत मेमसाब….” कहते हुए उसने आँचल की चूत अपने गाड़े वीर्य से भर दी.
झड़ने के बाद रामू का मुरझाया हुआ लंड चूत से बाहर निकल आया . रामू ने आँचल की टांग नीचे रख दी और उसकी कमर से अपना हाथ हटा लिया. आँचल के पास खड़े होने की भी ताक़त नही थी, थकान से वो दीवार के सहारे फिसलती हुई नीचे फर्श पर ही लेट गयी और अपनी साँसों पर काबू पाने का प्रयास करने लगी. उसको फर्श पर लेटा देखकर रामू भी उसी के साथ ठंडे फर्श पर लेट गया.
कुछ देर बाद आँचल उठी और बेड के पास पहुँची. उसकी नज़र अपने फोन पर पड़ी , फोन उठाया तो देखा कॉल चालू थी. आँचल बोली,” हेलो ..?”
“मैडम ….मैडम हेलो , मैं बंसल बोल रहा हूँ.”
बंसल ने सब सुन लिया था की कोई रामू मैडम को चोद रहा है और मेमसाब कह रहा है. बंसल समझ गया की ये कोई नौकर होगा.
“मैडम , आप ठीक तो हैं ना ? मुझे आपकी चीखने की आवाज़ आ रही थी .”
आँचल समझ गयी , इस कमीने ने उसकी और रामू की चुदाई की आवाज़ें सब सुन ली हैं. उसको एम्बरस्सेमेंट फील हुई.
हिचकिचाते हुए बोली,” मैं वो ….टीवी में मूवी देख रही थी, उसकी आवाज़ आ रही होगी. बोलो क्या बात है ?”
बंसल को मालूम था आँचल झूठ बोल रही है मूवी वाली बात, वो मज़े लेते हुए बोला,” मैं घबरा गया था मैडम. मैंने समझा की कोई आपका रेप कर रहा है, तभी आप चीख रही हैं.”
आँचल को गुस्सा आ गया. वो नाराज़गी से बोली,” ये क्या बकवास कर रहे हैं आप ? काम की बात बोलो…”
बंसल फिर भी मज़े लेते रहा,” सॉरी मैडम, पर मुझे लगा कोई सच में आपका रेप कर रहा है, मैं तो वाक़ई घबरा गया था मैडम.”
फिर बोला,” मैडम मैंने इसलिए आपको फोन किया था की जो चेक हमने डाला था वो अभी तक क्लियर नही हुआ है.”
आँचल झल्लाते हुए बोली,” आप इसका हल खुद ही निकालिए मिस्टर बंसल.”
बंसल बोला,” मैडम, वो तो मैंने बैंक वालों को मनाकर सैलरी के पैसे निकाल लिए हैं. पर कल तक अगर चेक क्लियर नही हुआ तो हमें पैसे भरने होंगे.”
आँचल अब ज़्यादा बात करने के मूड में नही थी,” ठीक है, कल बात करूँगी, बाइ..” कहकर उसने फोन काट दिया.
बंसल के साथ बात करके आँचल का मूड ऑफ हो गया. जो चुदाई का मज़ा वो रामू के साथ ले रही थी वो भी खराब हो गया. वो सोचने लगी , इस बंसल कमीने ने फोन पर सब सुन लिया है , अब कहीं कुछ नुकसान ना पहुँचा दे.
तभी रामू भी बेड पर आ गया और आँचल के बूब्स को मसलने लगा.
आँचल का अब मूड नही था , “ अभी नही सताओ मुझे रामू…”
लेकिन रामू नही माना . आँचल का हाथ अपने फिर से तन चुके लंड पर रखते हुए बोला,” देखो मेरा लंड फिर से खड़ा है. अब तो मैं तेरी गांड मारूँगा मेमसाब.”
आँचल की एक ही बार गांड मारी थी , वो कुक सलीम ने ज़बरदस्ती से . उसमे आँचल को इतना दर्द हुआ था की वो अब डरती थी.
“नही रामू ….प्लीज़ , गांड में नही…” आँचल ने उसे मना किया.
लेकिन रामू ने उसे पेट के बल लिटा दिया और बोला,” डरो मत मेमसाब, मज़ा आएगा.”
फिर उसने अपनी उंगलियों पर थूक लगाकर , आँचल की गांड के छेद में उंगलियाँ घुसाई.
आँचल चिल्लाने लगी ,”ऊऊीईईईईईईईईईईईई…………माआआआअ…”
आँचल की टाइट गांड देखकर और उसके चिल्लाने से रामू बोला,” क्या मेमसाब, ये तो बहुत टाइट है…..क्या सुनील साब ने कभी भी आपकी गांड नही मारी ?”
“नही …आ…आईईए….रामू…” आँचल आगे होने वाले दर्द को सोचकर चिल्लाई.
रामू ने देखा मेमसाब तो बहुत डरी हुई है , इसको कष्ट पहुँचाना ठीक नही होगा. उसने गांड मारने का इरादा टाल दिया और बोला,” अच्छा ठीक है. पर इस खड़े लंड का कुछ तो सोचो मेमसाब.”
फिर रामू ने आँचल के नितंब पकड़े और लंड गांड में ना डालकर उसकी चूत में पीछे से घुसा दिया. और डॉगी पोज़ में आँचल को चोदने लगा.
“उउउफफफ्फ़…” आँचल सिसकी.
रामू के पीछे से जोरदार धक्कों से आँचल का पूरा बदन हिलने लगा.
“उन्न्ह….उफफफ्फ़……रामू….उफफफ्फ़…”
आँचल का मन अब चुदाई में नही था, उसकी चूत सूख चुकी थी. रामू के धक्कों से उसकी चूत दर्द करने लगी.
“बस करो रामू, मुझे दर्द हो रहा है. बस रामू बस….”
लेकिन रामू ने उसकी बात उनसुनी करदी और उसे पीछे से चोदता रहा. उसको अपने मज़े की पड़ी थी.
थोड़ी देर बाद उसको अपना पानी निकलता महसूस हुआ. वो आँचल की बड़ी गांड में थप्पड़ मारते हुए उसकी चूत में झड़ गया. झड़ने के बाद खुशी खुशी कपड़े पहनकर कमरे से बाहर चला गया.
आँचल थोड़ी देर तक वैसे ही बेड में लेटी रही. रामू की बेरहमी से की गयी चुदाई से उसकी चूत दुखने लगी थी. मना करने पर भी वो नही माना था और झड़कर पूरा मज़ा लेने के बाद ही वो गया था.
आँचल कुछ देर तक बेड में मुंह छुपाये हल्के हल्के सुबकती रही.
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