RE: vasna kahani आँचल की अय्याशियां
चुदाई के आनंद से तृप्त होकर आँचल रात में खूब मज़े से सोई. नींद में उसको ख़ान और उसके साथ चुदाई के सपने आए. उसने सपने में सना को भी देखा और सना और ख़ान के साथ थ्रीसम चुदाई के मज़े लिए.
सुबह जब आँचल की मम्मी उसको चाय देने आई तो उसने देखा आँचल नींद में कामुक सिसकारियाँ ले रही है. मम्मी के चेहरे पर मुस्कुराहट आ गयी. उसने सोचा आँचल नींद में अपने पति सुनील को याद कर रही है , जिसे टूर पर गये हुए एक हफ्ते से ज़्यादा हो गया था.
मम्मी ने आँचल को हिलाया,” उठो आँचल.”
आँचल ने आँखे खोली , सामने मम्मी खड़ी थी. आँचल सपने में ख़ान और सना से थ्रीसम के मज़े ले रही थी , मम्मी ने उठा के मज़ा खराब कर दिया.
आँचल ने मुँह बनाया.
मम्मी समझ गयी , मैंने इसका सपना तोड़कर मज़ा खराब कर दिया है.
वो बोली,” आँचल तुम सुनील को फोन करके वापस क्यूँ नही बुला लेती ? ऐसा लग रहा है की तुम सुनील को मिस कर रही हो. तुम्हारा अकेले रहना ठीक नही है ख़ासकर की जब तुम्हारी शादी को ज़्यादा टाइम नही हुआ है.”
आँचल मम्मी को देखकर मुस्कुरायी और सोचने लगी, आप क्या जानो सच्चाई क्या है. मैं सुनील के नही किसी और के सपने देख रही हूँ.
आँचल ने अंगड़ाई लेते हुए सोचा, थैंक गॉड , आज सनडे है. आँचल को आराम की ज़रूरत थी. जबरदस्त चुदाई से उसकी चूत और बदन दर्द कर रहा था.
आँचल ने बाथरूम में बाथटब में बैठकर देर तक गरम पानी से नहाया.
उसके बाद आँचल ने सुनील को फोन किया,” सुनील अच्छी खबर है की हमें ख़ान से 20 लाख का लोन मिल गया है. शायद वो कल मुझे चेक दे देगा.”
सुनील ने राहत की सांस ली और बोला,” आँचल तुमने ख़ान से लोन निकलवा लिया. ये तो बहुत अच्छा हुआ. जब चेक मिल जाए तो मुझे फोन कर देना. मैं वापस आ जाऊंगा.”
आँचल ने पूरा दिन टीवी देखने, सोने, खाने पीने और अपने मम्मी पापा के साथ बात करने में बिताया. आज उसका मूड बहुत अच्छा था. उसको सेक्सुअल सैटिस्फैक्शन भी पूरा मिला था और लोन मिलने से पैसे की परेशानी भी दूर हो जाने वाली थी.
दोपहर बाद रामू उसके बेडरूम में आया तो आँचल ने उसे लौटा दिया. आज उसका रामू के साथ चुदाई का मन नही था. वो अपनी टाँगों के बीच तकिया डालकर , ख़ान और सना के बारे में सपने देखते हुए सोती रही.
अगली सुबह आँचल अच्छे मूड से फैक्ट्री पहुँची. अपने केबिन में चाय पीते हुए वो सना के बारे में सोचने लगी. सना सिर्फ़ एक फिल्म में हीरोइन बनी थी. उसके बाद की कुछ फिल्म्स में वो साइड हीरोइन बनी थी और अब उसको सिर्फ़ आइटम सॉंग्स ही मिल रहे थे. फिल्मों से ज़्यादा वो अपनी पर्सनल लाइफ से चर्चा में रहती थी. सुरू में एक बड़े हीरो के साथ रंगरेलियों के लिए और अब ख़ान जैसे बड़े फिनांसर और इंडस्ट्री के पैसे वाले लोगों के साथ रात बिताने के लिए वो चर्चा में रहती थी.
आँचल को सना और उसकी स्टाइल सेक्सी लगती थी. ख़ान से चुदते हुए सना कैसी लगेगी,इस ख्याल से आँचल को उत्तेजना आने लगी और उसकी चूत गीली हो गयी.
आँचल अपने केबिन में बैठकर यही सब सपने देखकर उत्तेजित हो रही थी की तभी बंसल उसके केबिन में आया.
“मैडम ये आपकी गोल्ड चैन , रात को मैं आपको पहनाना भूल गया था.”
आँचल एकदम से झेंप कर शरमा गयी. उसे याद आया की बंसल ने रात में कपड़े पहनने में उसकी मदद की थी. अब उसे उस बात को याद करके बहुत शरम आई.
आँचल को शरमाकर लाल होते देखकर बंसल बोला,” मैडम, कैसा लगा आपको ख़ान ? बहुत बड़ा है ना ?”
“उंगग….हाँ …” ख़ान के बड़े लंड और उससे अपनी चूत की रगड़ाई को याद करते हुए आँचल ने जवाब दिया.
“मैडम, उसने बहुत सी औरतों को चोदा है. कई एक्ट्रेस को भी.” बंसल आँचल के करीब बैठते हुए बोला और आँचल के चेहरे को अपने हाथों से सहलाने लगा.
आँचल ने बंसल की हरकतों को नज़रअंदाज़ कर दिया और कोई विरोध नही किया. वो जानती थी भले ही बंसल उसका मैनेजर है लेकिन अब वो उसे पहले जैसे डांट नही सकती.
बल्कि अभी अपने केबिन में बैठकर वो ख़ान और सना के ही बारे में सोचकर उत्तेजित हो रही थी. वो बंसल से ख़ान के कारनामो के बारे में और जानना चाहती थी.
“उनन्नज्ज्ग…..…बंसल जी सच कह रहे हो आप ? बहुत सी हीरोइन्स के साथ…?” आँचल ने झिझकते हुए पूछा.
आँचल के गोरे गाल पर चिकोटी काटते हुए बंसल बोला,” हाँ मैडम, उस दिन आपके सामने तो ख़ान उस एक्ट्रेस सना के साथ था.”
“तो क्या उसने…….उसने सना को चोदा है…..उनन्नज्ग….क्या वो….” आँचल अब बंसल की चुदाई की बातों सुनकर और ज़्यादा उत्तेजित होने लगी.
“हाँ मैडम, सना को तो ख़ान ने उसी समय चोद दिया होगा.” बंसल ने और आग भड़काई. वो सब समझ रहा था की ये सेक्सी आँचल भी सना के नाम से उतनी ही उत्तेजित हो जाती है जितना वो खुद हो जाता था.
“आहह……..ओह…” बंसल के मुँह से सना की चुदाई की बात सुनकर आँचल ने सिसकारी ली.
अब बंसल ने आँचल के खूबसूरत चेहरे को अपने दोनो हाथों में पकड़ा और उसके रसीले होठों को चूसते हुए अपनी जीभ आँचल के मुँह में डाल दी. आँचल को कोई विरोध ना करते देखकर उसने आँचल के होंठ दाँत से काट दिए और जीभ उसके मुँह में घुमाकर उसे चूसने लगा. फिर आँचल के चेहरे , उसके गुलाबी गालों को जीभ से चाटने लगा.
“ओह्ह …. बंसल जी …” आँचल सिसकी. बंसल उसे पागलों की तरह चूम रहा था , आँचल को सांस लेने में परेशानी हुई.
बंसल ने अपनी लार से आँचल का पूरा मुँह गीला कर दिया. उत्तेजना से आँचल भी बंसल की गर्दन आगे को खींचकर उसके होठों पर चुंबन लेने लगी. और अपनी जीभ उसके मुँह में डालकर घुमाने लगी.
बंसल आँचल को अपने को चूमते देखकर बहुत खुश हुआ , उसको विश्वास ही नही हो रहा था की आँचल जैसी मादक औरत उसे चूम रही है.
आँचल बंसल का चुंबन ले रही थी. फिर उसने अपने होठों को बंसल के होठों से अलग किया और सिसकारी ली,” ओह्ह …. बंसल जी…”
आँचल को उत्तेजित देखकर बंसल ने सोचा , आज इसे अकेले चोदने का अच्छा मौका है. वो फटाफट जाकर केबिन का दरवाज़ा लॉक कर आया. फिर आँचल को चेयर से उठाकर उसने टेबल पर बैठा दिया. आँचल ने बंसल के पैंट की ज़िप खोल दी और अंडरवियर के बाहर से उसके लंड पर हाथ फेरने लगी.
बंसल आँचल का ब्लाउज उतारने लगा और उसकी ब्रा के स्ट्रैप्स निकालकर आँचल के बूब्स को फ्री कर दिया. आँचल के गोरे गोरे बड़े बूब्स को देखकर लार टपकाते हुए बंसल उनपर टूट पड़ा. आँचल के बूब्स को चूसने , मसलने और काटने लगा. आँचल अब ज़ोर से सिसकारियाँ लेने लगी.
बंसल ने ज़ोर से उसके बूब्स मसलते हुए कहा,” तेरे मुममे तो बहुत चिकने और बड़े बड़े हैं. मज़ा आ रहा है इन्हे मसलने और चूसने में.”
“ओइइ……….ओह….उननगज्गग……आआहह….” आँचल अपने बूब्स मसले जाने से ज़ोर से सिसकी.
आँचल की सिसकारियों से बंसल बहुत कामोत्तेजित हो गया , उसे लगा जल्दी से इसे नही चोदा तो पैंट में ही झड़ जाऊंगा. उसे मालूम था ज़्यादा देर तक वो ठहर नही पाएगा. उसने अपने सपने में भी कभी ऐसी सेक्सी औरत को चोदने की कल्पना नही की थी. ये उसकी खुशकिस्मती थी की आँचल जैसे खूबसूरत औरत से उसकी मुलाकात हो गयी.
बंसल ने आँचल को टेबल से उतारा और जल्दी जल्दी उसकी साड़ी और पेटिकोट उतारने लगा. उत्तेजना और जल्दी मचाने से उसकी सांस फूल रही थी. आँचल को नंगी करके बंसल ने उसकी चूत पर हाथ फेरा और दो उंगलियाँ चूत में घुसा दी.
आँचल की चूत रस से इतनी गीली हो रखी थी की बंसल की उंगलियाँ भीग गयी. बंसल ने आँचल को दुबारा टेबल में बैठने का इशारा किया. और अपना पैंट उतारने लगा. उसके खड़े लंड से प्रीकम निकल रहा था.
फिर उसने आँचल को टेबल पर लिटा दिया और उसकी टाँगे अलग करके गीली चूत में अपना लंड घुसा दिया.
“उंग़ग्ग….ओह्ह ….” चूत में लंड घुसते ही आँचल सिसकी.
मोटा बंसल धक्के मारकर चूत में लंड अंदर बाहर करने लगा. टेबल के ऊपर ग्लास (काँच) था, उससे आँचल को अपनी नंगी पीठ और नितंबों पर ठंडी लग रही थी. लेकिन उसकी गरम चूत में बंसल का लंड रगड़कर और गर्मी पैदा कर रहा था. बंसल के धक्कों से ग्लास के ऊपर उसका पूरा बदन हिल रहा था.
“आहह…ओह…बंसल जी…” चुदाई के मज़े लेते हुए आँचल सिसकी.
लेकिन बंसल ज़्यादा देर नही रुक पाया और आँचल की चूत में कुछ बूँद वीर्य गिराकर उसने अपना मुरझाया हुआ लंड चूत से बाहर निकाल लिया और फटाफट पैंट पहन लिया. टेबल पर आँचल सिसकारियाँ ले रही थी. उसको अभी ओर्गास्म नही आया था. उसका आधे में मज़ा खराब हो गया.
बंसल को कपड़े पहनते देख वो बोली,” उंग़ग्ग…….बंसल जी चोदो ना……चोदो प्लीज़…” और फ्रस्ट्रेशन में अपनी गांड ऊपर को उछालने लगी.
बंसल ने एक हाथ से आँचल का बांया नितंब टाइट पकड़ा और दूसरे हाथ की दो उंगलियाँ उसकी तड़पती चूत में डालकर बोला,” साली मैं ख़ान तो नही हूँ, जो इतनी देर तक तुझे चोदते रहा, वो भी उस सना को दोपहर में चोदने के बाद.”
फिर वो अंगूठे से आँचल की क्लिट को मसलते हुए उसकी चूत में उंगलियाँ अंदर बाहर करने लगा. और उसको ओर्गास्म दिलाने की कोशिश करने लगा.
“हाँ हाँ ….उईईईईई…ऐसे ही करते रहो……ओह्ह …मज़ा आ रहा है……” बंसल की उंगलियों से चुदाई के जवाब में अपनी गांड ऊपर को उछालते हुए आँचल सिसकी.
कुछ ही देर में आँचल को ओर्गास्म आ गया और वो सिसकारियाँ लेते हुए झड़ गयी.
बंसल ने अपनी उंगलियाँ चूत से निकालकर आँचल के मुँह में डाल दी और उससे चाटकर साफ करवाई.
फिर आँचल टेबल से उतर गयी और अपने कपड़े उठाकर केबिन से लगे हुए बाथरूम में चली गयी.
बाथरूम से आकर उसने बंसल को फोन पर बात करते हुए देखा.
बंसल ख़ान से फोन पर बात कर रहा था,” हाँ , और उस सना को भी बुला लेना. मैं तो बोलता हूँ की दोनो को ही साथ साथ चोदो ख़ान भाई. और साथ में कैमरा भी ऑन रखो.”
आँचल को बाथरूम से बाहर आते देखकर बंसल फोन पर बोला,” हम कल दोपहर में आ जाएँगे.” और फिर फोन बंद कर दिया.
आँचल ने बंसल की बात नही सुनी थी. उसे नही मालूम था की ख़ान और बंसल ने कैमरा लगाकर सना और आँचल को साथ साथ चोदने का प्लान बनाया है.
आँचल ने बंसल से पूछा,” किससे बात हो रही थी ?”
बंसल बोला,” ख़ान के कल दोपहर को अपने ऑफिस बुलाया है. वहाँ लोन पेपर्स पर साइन करने होंगे और लोन का चेक मिल जाएगा.”
फिर बंसल आँचल की कमर में हाथ डालते हुए बोला,” मैडम, आपकी सारी प्यास कल ख़ान भाई बुझायेँगे. बस आप कल ब्रा या पैंटी मत पहनना.”
आँचल ख़ान के साथ एक और चुदाई का मज़ा लेने के ख्याल से उत्तेजित हो गयी. उसने सोचा कल तो ऐसे तैयार होकर जाऊँगी की बिल्कुल कयामत ढा दूँगी.
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