RE: vasna kahani आँचल की अय्याशियां
लंच के बाद सभी लोग लिविंग रूम मे बैठे थे. रिया ने आँचल से कहा एक मिनिट बाहर आओ.
आँचल लिविंग रूम से बाहर आई तो रिया एक्साइटेड होकर बोली,”क्या हम एक घंटे के लिए तुम्हारा बेडरूम यूज़ कर लें ? थोड़ी प्राइवेसी चाहिए इसलिए.”
रिया की बोल्ड डिमांड से आँचल हैरान हुई लेकिन उसने हाँ कह दिया. वैसे भी मना कैसे करती.
रिया और रवि आँचल के बेडरूम मे चले गये और अंदर से लॉक कर दिया. आँचल लिविंग रूम मे बैठी हुई सोचने लगी ये दोनो मेरे बेडरूम में क्या कर रहे होंगे ?
अभी दोपहर के 3 बज रहे थे और सास अपने कमरे में सोने चली गयी थी. सुनीता भी उसके साथ ही चली गयी. आधे घंटे तक लिविंग रूम मे अकेली बैठने के बाद आँचल से रहा नही गया और वो चुपचाप अपने बेडरूम के पास आकर दरवाज़े पर कान लगाकर सुनने लगी. बेडरूम के अंदर से धीमी आवाज़ें आ रही थी. वो दोनो क्या बात कर रहे हैं ये तो आँचल को ठीक से सुनाई नही दिया लेकिन बीच बीच में रिया की सिसकारियाँ सुनाई दे रही थी. आँचल की एक्साइट्मेंट बढ़ने लगी. रिया के सिसकने से आँचल की चूत भी गीली हो गयी.
तभी सुनील का फोन आ गया की पापा और मैं शाम को देर से घर आएँगे क्यूंकी फैक्ट्री में कुछ काम करना है.
आँचल घर मे अकेली बोर हो रही थी और अब तो सुनील और ससुरजी भी देर से आने वाले थे. आँचल के दिमाग़ में उत्सुकता और उत्तेजना से खुराफात सूझी. वो लिविंग रूम से एक छोटा टेबल उठा लाई और बेडरूम के दरवाज़े के पास रखकर उस के ऊपर चढ़ गयी. टेबल के ऊपर चढ़कर दरवाज़े के ऊपर वेंटिलेशन के लिए बनी खिड़की से अंदर झाँकने लगी.
आँचल ने देखा अंदर रिया और रवि दोनो नंगे हैं. रिया नंगी होकर दीवार से पीठ लगाकर खड़ी है. उसकी एक टाँग रवि ने ऊपर उठाकर पकड़ी हुई है . रवि रिया की चूत में लंड घुसाकर चुदाई कर रहा था. खड़े खड़े ही वो रिया की चूत में तेज तेज धक्के लगा रहा था.
ये सीन देखकर आँचल बहुत उत्तेजित हो गयी और अपनी पैंट के बाहर से ही चूत पर हाथ फिराने लगी. उसने देखा रवि लंबा चौड़ा , काफ़ी तगड़ा है. रवि की छाती में और पैरों में काफ़ी बाल थे. रिया की टाँग को आराम से उठाकर वो मज़े से उसकी चुदाई कर रहा था. अब आँचल से रहा नही गया, पैंट के बाहर से चूत रगड़ने में मज़ा नही आ रहा था उसने पैंट खोलकर नीचे कर दी और अपनी पैंटी में हाथ डालकर गीली चूत को मसलने लगी. अंदर का सीन देखते हुए चूत मसलने से वो धीमी आवाज़ में सिसकारी लेने लगी. आँचल मदहोश होने लगी और उसे ये भी पता नही चला की कोई वहाँ आ गया है.
किचन में रामलाल(कुक) ने कुछ हल्की सिसकने की आवाज़ें सुनी. वो किचन के पीछे बने सर्वेंट क्वॉर्टर से अभी किचन में आया था. रामलाल चेक करने के लिए वहाँ आया की ये आवाज़ें कहाँ से आ रही हैं .
जो उसने देखा उससे वो हैरान रह गया. आँचल मेमसाब एक छोटे टेबल पर चढ़ी हुई है. उसकी पैंट और पैंटी घुटनो से नीचे है. और वो सिसकारी लेते हुए चूत में उंगली कर रही है. मादक आँचल की नंगी बड़ी गांड देखकर रामलाल के मुँह में पानी आ गया. रामलाल 50 बरस का था लेकिन जबसे इस घर में आया था बहूरानी आँचल की मादकता को देखकर लार टपकाता था. जवान नौकरानी सुनीता को भी उसने एक दो बार दबोचने की कोशिश की थी लेकिन सुनीता ससुर से फँसी थी तो उसने रामलाल को मुँह नही लगाया. लेकिन आज तो जैसे रामलाल की लॉटरी लग गयी . आँचल मेमसाब को ऐसे नंगे देख पाने की तो उसने सपने मे भी नही सोची थी. वो दबे पाँव आँचल की तरफ बढ़ने लगा.
आँचल को ओर्गास्म आने वाला था, वो आँखे बंद करके सिसकारी लेते हुए चूत में उंगली कर रही थी……….उउउन्न्नह…….ऊओ…….उूउउ……….ऊऊहह……..”
तभी किसी ने उसका मुँह बंद कर दिया और उसको पीछे से पकड़कर खींचकर टेबल से उतार दिया. आँचल कुछ समझ पाती की ये क्या हुआ. तब तक रामलाल उसका मुँह बंद करके उसको किचन में ले गया. आँचल ने अपने को छुड़ाने की कोशिश की लेकिन रामलाल ने उसको कसके पकड़ रखा था. उसकी पैंटी और पैंट नीचे टाँगों में फँसे हुए थे इसलिए उसका बैलेंस भी नही बन पा रहा था.
किचन के दरवाज़े से रामलाल आँचल को घसीटकर पीछे बने अपने सर्वेंट क्वॉर्टर में ले गया और अपनी चारपाई पर आँचल को गिरा दिया. फिर जल्दी से अपनी पैंट खोलकर फनफनाते लंड को बाहर निकाल लिया. आँचल ने देखा ये तो उनका कुक रामलाल है. अपने मुँह से हाथ हटा लिए जाने के बाद अब वो साँसों को संयत करने की कोशिश कर रही थी. आँचल ने देखा रामलाल का फनफनाता लंड बड़ा और काला है. लंड के टोपे से प्री-कम भी निकल रहा था. बड़े लंड को देखकर आँचल के होंठ सूखने लगे, वो अभी भी मदहोशी में थी.
तभी रामलाल ने उसकी टाँगों में फँसी पैंट को उतार दिया और गीली पैंटी को फाड़ दिया. फिर आँचल की गीली चूत में अपने लंड का सुपाड़ा लगाया.
“नही नही , ये मत करो . नहीईईईई………….... ओह्ह …..” आँचल इतना ही कह पाई थी की रामलाल ने लंड उसकी चूत में घुसा दिया.
आँचल की चूत रस से पूरी गीली हो रखी थी तो रामलाल का लंड अंदर घुसने में आसानी हुई. रामलाल ने अपने और आँचल के बाकी कपड़े उतारने की जहमत नही उठाई और फटाफट आँचल की चूत में लंड पेलने लगा.
“ओह्ह……….आअहह……….ओह्ह ……….” आँचल को अपनी चूत रामलाल के बड़े लंड से स्ट्रेच होती हुई महसूस हुई.
रामलाल की पुरानी चारपाई की रस्सियां आँचल की मुलायम गांड में नीचे से चुभने लगी. रामलाल के हर धक्के से वो पुरानी चारपाई हिलने लगी और चूँ….. चूँ…… चूँ की आवाज़ करने लगी.
आँचल का रुका हुआ ओर्गास्म फिर से बनने लगा. जल्दी ही आँचल भी अपनी गांड ऊपर को उछालकर रामलाल के धक्कों का जवाब देने लगी. रामलाल तेज़ी से लंड चूत में अंदर बाहर करते रहा.
“ऊओिईई………..ऊऊओ………….आआहह……....ऊऊहह…….ओइईईईईईई….” आँचल को जोरदार ओर्गास्म आ गया.
आँचल को ज़ोर ज़ोर से सिसकारियाँ लेकर झड़ते देखकर रामलाल का भी पानी निकल गया और उसने आँचल की चूत वीर्य से भर दी. रामलाल झड़ने के बाद आँचल के ऊपर लेट गया और उसके खूबसूरत गालों को काटने लगा. उसका लंड अभी भी आँचल की चूत में था. जबरदस्त ओर्गास्म के आने से आँचल निढाल हो गयी थी , रामलाल को धक्का देकर उठाने की ताक़त उसमे नही बची थी. रामलाल आँचल के चेहरे को चूमने और चाटने लगा. आँचल के गालों और होठों को चूस चूसकर उसने गीला कर दिया.
फिर रामलाल उठा और अपनी पैंट पहन ली. आँचल से एक शब्द भी बोले बिना ही वो अपने कमरे से बाहर चला गया.
आँचल चारपाई पर पड़ी हुई अपनी सांसो को काबू करने की कोशिश कर रही थी. रामलाल की लार से उसका पूरा चेहरा गीला हो गया था . आँचल ने अपनी टीशर्ट के कोने से अपना चेहरा पोंछ लिया. फिर फर्श पर पड़ी हुई पैंट पहन ली. आँचल ने अपनी फटी हुई पैंटी उठाई और किचन के रास्ते घर में आ गयी.
रामलाल किचन में ही था.
“चाय बनाऊँ आपके लिए मेमसाब ?” आँचल को देखकर शांत स्वर में रामलाल बोला , जैसे कुछ हुआ ही ना हो.
जो कुछ हुआ उससे आँचल स्तब्ध अवस्था में थी , ज़्यादा सोचने समझने की हालत में वो नही थी. रामलाल की बात पर उसने सर हिलाकर हाँ कह दिया और अपनी सास के बेडरूम में बने बाथरूम मे चली गयी क्यूंकी उसका अपना बेडरूम बंद था.
सास गहरी नींद में सोई थी इसलिए उसने आँचल की हालत नही देखी. लेकिन फर्श पर अपने बिस्तर मे लेटी हुई सुनीता ने आँचल को देख लिया . वो समझ गयी मेमसाब अभी अभी चुदी है. आँचल के बाथरूम का दरवाज़ा बंद होने के बाद सुनीता उठी और बेडरूम से बाहर ये पता करने आई की कौन है जिसने मेमसाब को चोदा ?
लिविंग रूम में उसे कोई नही दिखा और आँचल का बेडरूम अंदर से बंद था. लेकिन दरवाज़े के बाहर टेबल रखी हुई थी. सुनीता की कुछ समझ नही आया की ये लिविंग रूम की टेबल यहाँ कैसे पहुँची ?
सुनीता ने टेबल उठायी तभी रिया ने बेडरूम का दरवाज़ा खोल दिया. सुनीता को टेबल उठाये देखकर रिया ने प्रश्नवाचक नज़रों से सुनीता को देखा की यहाँ क्या कर रही है ?
रिया के पीछे रवि भी बेडरूम से बाहर आ गया. रवि को देखकर सुनीता रिया की तरफ देखकर शरारत से मुस्कुरायी. सुनीता को मुस्कुराते देखकर रिया को रात में ससुर और सुनीता के साथ अपनी चुदाई याद आ गयी और वो शरमा गयी.रिया सोचने लगी , सुनीता सोच रही होगी रात में ससुर से चुदाया , अभी रवि से चुदा रही है.
रिया ने सकुचाते हुए सुनीता से पूछा,” आँचल कहाँ है ?”
सुनीता ने बताया वो बाथरूम में है.
बाथरूम में मिरर के सामने आँचल घबराहट और उत्तेजना से कांप रही थी. उसकी टाँगे कांप रही थी और सपोर्ट के लिए उसने वॉश बेसिन को पकड़ रखा था. ठंडे पानी से कई बार मुँह धोकर उसे थोड़ा होश आया. फिर उसने अपनी पैंट उतारी और पीछे को मुड़कर अपने गोरे नितंबों में पड़े हुए लाल निशानो को देखने की कोशिश करने लगी.
रामलाल ने उसकी तगड़ी चुदाई की थी और जूट की रस्सियों से बनी उस चारपाई में रगड़ने से उसके मुलायम नितंबों पर निशान पड़ गये थे. आँचल ने अपने नितंबों को हाथ से छुआ तो उसे दर्द हुआ. कितनी जल्दी मे हो गया ये सब , आँचल सोचने लगी. बुड्ढे रामलाल का ढीढपन तो देखो, पहले मदहोशी मे मेरा फायदा उठा लिया और अपने क्वॉर्टर में ले जाकर मुझे जमकर चोद डाला , फिर बड़े शांत स्वर में बोलता है , मेमसाब चाय पियोगी? जैसे कुछ हुआ ही ना हो. ढीढ कहीं का.
यही सब सोचते हुए आँचल ने बाथरूम मे बने कैबिनेट को खोलकर दवाई निकाली और अपने दुखते नितंबों पर टेरामायसीन लगाई. उसके चेहरे और गर्दन पर भी काटकर रामलाल ने निशान बना दिए थे. आँचल ने मिरर में देखकर उन जगहों पर क्रीम लगा ली. फिर मिरर में देखकर आँचल ने अपने को ठीक ठाक किया और पैंट पहनकर बाथरूम से बाहर आ गयी. लिविंग रूम मे आँचल को रिया और रवि अपना इंतज़ार करते मिले.
आँचल सोफे में रिया के बगल में बैठ गयी. रिया ने बेशर्मी से आँचल को आँख मारी. और आँखो ही आँखो में बता दिया की हमने तुम्हारे बेडरूम में चुदाई के मज़े लिए. तभी बुड्ढा रामलाल चाय की ट्रे लेकर वहाँ आ गया. आँचल ने सकुचाते हुए उसकी तरफ देखा. रामलाल उसी को देख रहा था और मुस्कुरा रहा था. आँचल ने झेंप कर जल्दी से अपनी नज़रें नीची कर ली.
“कमीना , कुतिया का बच्चा, हरामखोर ….” एंबॅरसमेंट से अपने निचले होंठ को काटती हुई आँचल रामलाल को मन ही मन कोसने लगी.
चाय पीने के बाद रवि उठा और बोला, एक दोस्त के घर जाना है. रात 8 बजे तक लौटूँगा.
आँचल ने देखा रिया की चुदाई करके रवि के चेहरे पर संतुष्टि के भाव हैं.
जाने से पहले रवि आँचल से बोला, की मैं आप लोगो को डिनर पर ले जाऊंगा . इसलिए सुनील और आप तैयार रहना.
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