RE: vasna kahani आँचल की अय्याशियां
नहाने के बाद आँचल रवि के साथ लंच पर जाने को तैयार होने लगी. उसने हाफ कप वाली लेसी वाइट ब्रा पहनी , जिसमे उसकी चूचियों का ऊपरी भाग खुला था. ब्रा के ऊपर कम लंबाई की वाइट स्लीवलेस शर्ट पहन ली. वाइट शर्ट के साथ वाइट ट्राउज़र्स पहन लिया. फिर अपने बदन में परफ्यूम डालकर आँचल अपने को मिरर में देखने लगी.
उसने शर्ट के ऊपरी दो बटन खुले छोड़ दिए जिससे चूचियों के बीच की घाटी दिख रही थी. टाइट फिटिंग वाले ट्राउज़र्स में उसके बड़े बड़े नितंब और भी उभरे हुए लग रहे थे. आँचल ने शर्ट ट्राउज़र्स के बाहर ही रहने दी. शर्ट के छोटी होने से नितंबों की शेप साफ दिख रही थी और बाँह उठाने पर शर्ट भी ऊपर को उठ जा रही थी. मिरर में अपना मादक रूप देखकर आँचल संतुष्ट हो गयी और लिविंग रूम में सोफे पर बैठकर रवि का इंतज़ार करने लगी.
आँचल रवि के साथ लंच पर जाने को लेकर एक्साइटेड थी , मूड भी उसका आज अच्छा था. उसे मालूम था की क्यों रवि उससे अकेले में मिलना चाह रहा है. कपड़े भी उसने ऐसे पहने थे जिसमे वो बहुत सेक्सी लग रही थी. वो जानती थी रवि उसको देखते ही मदहोश हो जाएगा. और यही आँचल चाहती भी थी , मर्दों से अपनी तारीफ सुनना उसे बहुत अच्छा लगता था.
फिर वो सोचने लगी , रवि अकेले में उसका फायदा उठाने की ज़रूर कोशिश करेगा. हैंडसम तो वो था ही लेकिन तभी आँचल को उसके छोटे लंड का ख़याल आया और दो बार तो वो आँचल के छूने से ही झड़ गया था. रवि साथ में घूमने फिरने के लिए तो ठीक है पर वो मर्द नही जो मुझे चुदाई का मज़ा दे सके. इन ख्यालों के बीच आँचल को ख़ान की याद आई. चुदाई का वैसा मज़ा मिले बहुत दिन हो गये हैं.
घर में बोर होने से तो अच्छा है रवि के साथ टाइम बिताऊँ, आज भी रवि को टीज़ करने का ही मूड था आँचल का. उसे मालूम था की रवि मौके का फायदा उठाकर उसे चोदने की कोशिश ज़रूर करेगा पर आँचल ने जो होगा देखा जाएगा सोच कर ज़्यादा ध्यान नही दिया.
कुछ देर बाद बेल बजी तो आँचल ने , रवि आ गया सोचकर , दरवाज़ा खोला . लेकिन दरवाज़े पर हरप्रीत खड़ी थी. हरप्रीत ने आँचल को देखा , ये तो वही लड़की है जो रिया रवि के साथ मेरी पार्टी में आई थी.
आँचल को दरवाज़ा खोलते देख हरप्रीत को हैरानी हुई क्यूंकी उसने सोचा रिया , उसकी मम्मी या फिर कोई नौकर दरवाज़ा खोलेगा.
आँचल भी रवि को एक्सपेक्ट कर रही थी , हरप्रीत को दरवाज़े पर देखकर उसे हैरानी हुई फिर उसने हरप्रीत को अंदर बुलाकर लिविंग रूम में सोफे पर बिठाया.
हरप्रीत बोली,” मैं रिया को अपनी शादी का कार्ड और मिठाई देने आई हूँ. रिया कहाँ है ?”
आँचल ने बताया,” रिया अपनी मम्मी के साथ बाहर गयी है और अब शाम को ही आएगी. आज उनको बहुत काम है. अभी घर में मैं अकेली हूँ.”
हरप्रीत ने बताया की अगले महीने शादी की डेट फिक्स हुई है. रिया मेरी क्लोज़ फ्रेंड है और मैं पास में ही रहती हूँ इसलिए मैंने सोचा की पहला कार्ड रिया को ही देती हूँ.
आँचल ने नौकर को आवाज़ दी और चाय बनाने को कहा.
हरप्रीत ने चाय के लिए मना किया तो आँचल ने शरबत बनाने को कहा.
आँचल ने देखा , हरप्रीत खूबसूरत लग रही है. लंबा कद, गोरा रंग, बड़ी चूचियाँ और चौड़े नितंब. कुल मिलकर सेक्सी दिखती है. हरप्रीत ने भी वाइट शर्ट और वाइट ट्राउज़र्स में बनी ठनी आँचल को देखा , रिया की कजिन बहुत मादक लगती है.
शरबत पीते हुए थोड़ी देर तक दोनों रिया के बारे में बातें करती रही .
फिर हरप्रीत बोली,”आँचल आज तुम अकेली हो तो बोर हो रही होगी , आज हमारे साथ लंच करो. जस्सी को मैं फोन कर देती हूँ की आँचल भी आ रही है. ”
आँचल हिचकिचाई और बोली,” आई ऍम सॉरी , लेकिन आज रवि मुझे लंच के लिए ले जा रहा है. मैं उसी का वेट कर रही हूँ. वो आता ही होगा.”
लेकिन हरप्रीत नही मानी और अड़ गयी की आँचल उसके ही साथ लंच करेगी.
“देखो आँचल तुम रिया की कज़िन हो और रिया मेरी क्लोज़ फ्रेंड है. इस नाते तुम मेरी भी कज़िन ही हुई. तुम्हे मेरी बात माननी पड़ेगी . रवि को भी ले आना और हम चारों साथ में लंच करेंगे. बस अब मैं तुम्हारी ना नही सुनूँगी. “
आँचल को हरप्रीत की बात माननी पड़ी.
आँचल ने हरप्रीत से उसका और जस्सी का नंबर ले लिया और बोली,”जब रवि आएगा तो मैं उससे कहूँगी की वो जस्सी को फोन करे और फिर हम लंच के लिए आ जाएँगे.”
फिर हरप्रीत चली गयी और आँचल रवि का वेट करने लगी.
आँचल को जस्सी का ख्याल आया , जस्सी से फिर से मुलाकात होने वाली है. आँचल को फिर से बाथरूम का वो सीन याद आया जब उसने जस्सी का बड़ा लंड देखा था. वो याद आते ही आँचल शरमा गयी और उसके गालों की लालिमा बढ़ गयी.
तभी रवि आ पहुँचा. रवि ने देखा , आँचल वाइट ड्रेस में बहुत सेक्सी लग रही है. पतली शर्ट में आँचल की ब्रा दिख रही थी. बड़ी चूचियों का गोल शेप देखकर रवि के पैंट में हलचल हुई. आज तो कहर ढा रही है आँचल, इसे चोदने को मैं तड़प रहा हूँ, आज मैं ये मौका हाथ से जाने नही दूँगा, कितनी खूबसूरत लग रही है , चोदने में बहुत मज़ा आएगा.
लेकिन रवि की खुशी ज़्यादा देर तक नही रही.
आँचल ने उसे सब बताया की हरप्रीत आई थी और तुम जस्सी को फोन करो लंच के लिए.
ये सुनकर रवि का चेहरा उतर गया. उसने आँचल से कहा की तुम हरप्रीत को मना कर दो.
आँचल कहने लगी , हरप्रीत बहुत ज़िद्दी है , बुरा मान जाएगी.
रवि ने आँचल पर ज़ोर डाला की जस्सी और हरप्रीत को लंच के लिए मना कर दे. पर आँचल ने ऐसा करने से इनकार कर दिया.
जब रवि ने देखा की आँचल भी जस्सी और हरप्रीत के साथ लंच को लेकर उत्साहित है और हरप्रीत को मना नही कर रही है तो उसने अंतिम प्रयास किया.
“देखो आँचल , मैं तुमसे अकेले मैं कुछ बात करना चाहता हूँ , इसलिए तुम उनके साथ लंच कैंसिल कर दो.”
“बोलो जो बोलना चाहते हो, मैं सुन रही हूँ. उसके बाद हम लंच पर चलेंगे.”
रवि का ये प्रयास भी असफल हो गया.
“मैं कार में ही बात करूँगा.”
आँचल के कार में बैठने के बाद , रवि कार चलाने लगा.
रवि को चुप देखकर आँचल बोली,” तुम कुछ कहना चाह रहे थे रवि…….”
रवि ने आँचल की तरफ देखा और फिर सामने देखकर कार चलाने लगा. रवि का मूड ऑफ हो गया था, चोदने का एक और मौका हाथ से निकल गया.
रवि के चुप्पी साध लेने से आँचल को भी अनकंफर्टेबल फील हुआ. मुँह फुला लिया है इसने तो. बात भी नही कर रहा है अब.
आँचल ने रवि से कहा ,” क्या बात है रवि ? तुम कुछ बोल नही रहे. गाड़ी रोको और बताओ क्या बात है ?”
आँचल की बात सुनकर रवि ने एक जगह देखकर कार साइड में कर दी और एक पेड़ के नीचे ले जाकर रोक दी.
रवि आँचल की ओर मुड़ा और हकलाते हुए कहने लगा,” भाभी……….. वो बात ये है की……... आप बहुत खूबसूरत हो……...”
रवि की बात सुनकर आँचल मुस्कुरा दी.
आँचल के मुस्कुराने से रवि की थोड़ी हिम्मत बढ़ी,” भाभी, मैं चाहता था की आज आप के साथ अकेले में कुछ वक़्त मिले ताकि मैं कुछ बात कर सकूँ.”
आँचल मुस्कुरायी,” रवि, देखो हम अभी यहाँ अकेले ही तो हैं. मुझे बताओ तुम क्या बात करना चाहते हो ?”
रवि को बात वात कुछ नही करनी थी सिर्फ़ आँचल को चोदने के लिए पटाना था.
“भाभी आप बहुत खूबसूरत लग रही हो , बिल्कुल बिपाशा बसु जैसी दिखती हो.”
“क्या मैं काली बिल्ली लगती हूँ? ” आँचल ने दिखावटी गुस्से में कहा.
“अरे नही नही भाभी. आप तो बहुत गोरी हो. मेरे कहने का मतलब है आपका चेहरा बिपाशा बसु का जैसा सेक्सी दिखता है.”
“क्या सिर्फ़ मेरा चेहरा ही सेक्सी दिखता है ……” आँचल ने फिर से दिखावटी गुस्से से कहा.
“अरे नही नही भाभी , सिर्फ़ चेहरा नही, आपका पूरा फिगर ही सेक्सी है…..” रवि जल्दी से बोला.
फिर आँचल की चूचियों पर नज़रें गड़ाते हुए बोला,” भाभी आपके साथ मैं बहुत अनकंफर्टेबल फील करता हूँ ..”
आँचल ने रवि की नज़रों को अपनी चूचियों पर पाया,” ऐसा क्यूँ रवि ? मेरे साथ अनकंफर्टेबल क्यूँ फील करते हो तुम ?”
रवि की हिम्मत बढ़ते ही जा रही थी,” भाभी आपको देखने से मेरा खड़ा हो जाता है…..”
रवि की बात से आँचल शरमा गयी, और उसकी नज़रें नीची होकर रवि के पैंट पर पड़ी जहाँ कुछ उभार सा बना हुआ था.
“रवि , क्या सच में मैं तुम्हें इतनी सेक्सी लगती हूँ ? ”
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