RE: vasna kahani आँचल की अय्याशियां
स्टूडियो में जस्सी ने एक रेस्टरूम बनाया हुआ था , जिसमें एक बेड भी था. जिस मॉडल को जस्सी ने पटा लिया उसकी चुदाई इसी बेड में होती थी. जस्सी आँचल को भी उस कमरे में ले गया.
कमरे के दरवाज़े से छिपकर रवि ने देखा , जस्सी झुककर आँचल की जीन्स की ज़िप खोल रहा है. आँचल सहारे के लिए जस्सी के कंधे पकड़े हुए है और अपनी टाँगें उठाकर जस्सी को जीन्स उतारने में मदद कर रही है. अब आँचल सिर्फ़ पैंटी में थी. चोली जस्सी पहले ही उतार चुका था. रवि ने देखा, भाभी की कच्छी तो आगे से गीली हो गयी है.
जस्सी ने भी आँचल की कच्छी में गीले धब्बे देखे , वो खुश हो गया , साली बहुत गरम हो चुकी है , चूत से रस निकल रहा है. जस्सी ने गीली कच्छी के बाहर से चूत पर अंगूठा रगड़ा , आँचल के मुँह से सिसकारी निकल गयी …… ओह्ह ……………....
आँचल ने एक हाथ से जस्सी के कंधे को पकड़ा हुआ था , दूसरे हाथ में उसने जस्सी का लंड पकड़ लिया.
जस्सी ने देखा आँचल अपने मुलायम हाथ से उसके लंड को पकड़े हुए है और हल्के से सिसकारियाँ ले रही है.
“भाभी, तुम्हें मेरा लंड अच्छा लग रहा है ?” आँचल की चूत के फूले हुए होठों को गीली कच्छी के बाहर से रगड़ते हुए जस्सी बोला.
“उन्न………...ओह्ह……. हाँ , मुझे तुम्हारा लंड चाहिए ………प्लीज़ जस्सी …… ओह्ह ……….” आँचल उस बड़े लंड से चुदने को तड़प रही थी.
रवि ने आँचल की तड़प देखी. मादक आँचल को चुदने के लिए तैयार देखकर रवि का मुरझाया लंड फिर से खड़ा हो गया.
जस्सी नीचे झुककर आँचल की गीली कच्छी उतारने लगा . आँचल जस्सी के कंधों को पकड़कर टांग उठाकर कच्छी उतारने में मदद करने लगी. अब आँचल पूरी नंगी हो गयी. उत्तेजना से उसकी चूत के होंठ फूल गये थे और क्लिट तन गया था.
जस्सी अंगूठे से आँचल की क्लिट को रगड़ने लगा. आँचल सिसकारियाँ लेने लगी. उसकी टाँगे काँपने लगी, सहारे के लिए उसने जस्सी की छाती में अपना चेहरा टिका दिया. फिर जस्सी ने आँचल को बेड में लिटा दिया.
रवि ने देखा, आँचल भाभी बेड में नंगी लेटी हुई है. उसका गोरा नंगा बदन चमक रहा है. उसकी आँखें मदहोश हो रखी हैं. काम की देवी लग रही है बिल्कुल. गहरी साँसें लेने से उसकी बड़ी चूचियाँ ऊपर नीचे हिल रही है. चूत से रस बहने से उसकी चूत के बाल भी गीले हो गये हैं. ये सीन देखकर रवि ने पैंट की ज़िप खोलकर लंड बाहर निकाल लिया और उसे सहलाने लगा.
जस्सी अपने लंड को हाथ से हिला रहा था. कई बार ऐसा हुआ था की उसके बड़े लंड को देखकर लड़कियों की घबराहट से चूत सूख जाती थी , तो उसे जेली लगाकर चूत गीली करनी पड़ती थी. लेकिन आँचल की चूत से तो रस टपक रहा था. जस्सी खुश हुआ , बहुत गरम माल है रवि की भाभी.
जस्सी बेड में आया और आँचल की क्लिट पर अपने लंड का सुपाड़ा रगड़ने लगा. आँचल चूत में लंड लेने को तड़पने लगी , लेकिन जस्सी उसे तड़पाता रहा . चूत के होठों के बीच की दरार में ऊपर से नीचे तक सुपाड़े को घुमाते रहा पर अंदर नही डाला. वो चाह रहा था आँचल उससे चुदाई के लिए विनती करे.
आँचल इतनी गरम हो चुकी थी की चूत में लंड लेने को तड़प रही थी. जस्सी को लंड चूत में ना घुसाते देख आँचल विनती करने लगी, “ओह्ह ……….जस्सी मुझे चोदो …उम्म्म्म………..मुझे चोदो प्लीज़………..”
लेकिन जस्सी उसकी क्लिट को सुपाड़े से रगड़ते रहा. आँचल को ऐसे करने से हो ओर्गास्म आ गया.
रवि ने देखा, आँचल भाभी बेशर्मी से अपनी गांड ऊपर को उछालकर ज़ोर से सिसकारियाँ लेती हुई झड़ रही है………... आआअहह …………….... ओह्ह …………....उन्न्न्…………. ओह्ह ………..
अपनी भाभी की कामुक सिसकारियाँ सुनकर रवि भी बहुत उत्तेजित हो गया.
आँचल को ओर्गास्म आया देखकर जस्सी रुक गया. जब आँचल की सिसकारियाँ कम हो गयी तो जस्सी ने आँचल की चूत के छेद में सुपाड़ा रखकर एक धक्का लगाया. चूत के होठों को फैलाते हुए सुपाड़ा गीली चूत के अंदर घुस गया.
“ओह्ह …………..अहह………………..उन्न्नह……………..आआअहह………....” जस्सी के मोटे लंड का सुपाड़ा अंदर घुसते ही आँचल सिसकने लगी.
आह ………आँचल की गरम लावे जैसी तपती चूत में लंड घुसने का असीम सुख जस्सी को मिल रहा था.
जस्सी ने आँचल की टाँगों को थोड़ा और फैलाया और एक ज़ोर से झटका देकर लंड जड़ तक आँचल की चूत में घुसा दिया. आँचल की उठी हुई गांड से जस्सी की गोलियाँ टकरा गयी. अपनी चूत में बड़ा लंड घुसने से आँचल को दर्द महसूस हुआ , लेकिन उस दर्द में भी मीठेपन का एहसास था.
रवि ने देखा , जस्सी का बड़ा लंड लेने में आँचल भाभी को थोड़ी परेशानी हो रही है लेकिन उसने अपनी गांड उठाकर लंड को पूरा चूत के अंदर ले लिया. जस्सी ने लंड को सुपाड़े तक बाहर निकाला . उसका लंड आँचल के चूतरस से गीला होकर चमक रहा था , और फिर से पूरा लंड अंदर ठेल दिया. चिकनी आँचल की चूत में जस्सी का मोटा लंड अंदर बाहर जाते देखकर रवि का लंड भी झटके मारने लगा.
आँचल को अब किसी से मतलब नही था. काम सुख का जो मज़ा उसे मिल रहा था , वो उसका चेहरा बता रहा था. जस्सी के मोटे लंड से उसकी नरम चूत की दीवारों की रगड़कर चुदाई हो रही थी. आँखें बंद करके वो चुदाई का मज़ा ले रही थी. सिसकारियाँ लेते हुए वो अपने नितंबों को ऊपर उछालकर जस्सी के पूरे लंड को निगलने की कोशिश कर रही थी.
रवि उनकी चुदाई को देखकर एक्साइटेड था. आँचल भाभी तो रंडी की तरह चुदवा रही है. अपनी छोटी सी चूत में जस्सी का पूरा लंड निगल गयी है.
जस्सी अब ज़ोर ज़ोर से धक्के मारने लगा. आँचल ने जस्सी की पीठ पर अपने नाख़ून गड़ा दिए और नितंबों को ऊपर उछालकर चुदाई में जस्सी का साथ देने लगी.
रवि ने देखा , उसकी भाभी अब सारी शरम लिहाज छोड़कर रंडी की तरह बिहेव कर रही है.
“आअहह………………...और ज़ोर से………………... ओह्ह ……………और ज़ोर से चोदो ………………..उईईईईईई माँ आआआ………………... हाँ ………और चोदो ……………….ओइईईईईईईईई……………….. माँ आआ…………………….उन्न्न्………… ओह्ह ……...आआआअहह..”
आँचल को दूसरा ओर्गास्म आ गया और वो ज़ोर ज़ोर से सिसकारियाँ लेते हुए झड़ने लगी.
रवि ने देखा, आँचल भाभी ने कमर उठाकर टेडी कर दी फिर बेड पर वापस गिरा दी. उसका नंगा गोरा बदन पसीने से चमक रहा था. भाभी इतने ज़ोर से चिल्लाते हुए झड़ रही है.
अब रवि से बर्दाश्त नही हुआ , वो भी नंगा होकर लंड हाथ में पकड़े हुए अंदर आ गया.
आँचल की नज़र रवि पर पड़ी. उसने मदहोश आँखों से नंगे रवि को देखा,…… ओह्ह ……..रवि………..
जस्सी ने देखा रवि नंगा होकर कमरे में घुस आया है. आँचल रवि को देखकर कोई बखेड़ा ना कर दे , ये सोचकर जस्सी ने आँचल को तेज़ी से चोदना शुरू कर दिया.
आँचल का बदन तेज झटकों से आगे पीछे हिलने लगा. वो रवि को ही देख रही थी और जस्सी की ताबड़तोड़ चुदाई से उसके मुँह से सिसकारियाँ निकल रही थी.
रवि भी बेड के पास आकर खड़ा हो गया. जस्सी के जोरदार धक्कों से आँचल का बदन बुरी तरह से हिलने लगा, उसकी बड़ी चूचियाँ भी धक्कों के साथ ही आगे पीछे को हिल रही थी. जस्सी की जांघों के आँचल की जांघों से टकराने से कमरे में ठप……ठप… …ठप की आवाज़ गूंज रही थी.
“आअहह……..ओह……...रवि……. तुम्हारा दोस्त जस्सी मुझे बेरहमी से चोद रहा है और मुझे बहुत मज़ा आ रहा है…………..ऊहह………..आआहह………..ओइईई…………रवि ……..ये जस्सी मुझे चोद रहा है …….उन्न्ञणन्………….……आआहह……… ओह …...रवि …”
आँचल रवि को देखते हुए मदहोशी में बोलती रही और फिर उसे तीसरी बार ओर्गास्म आ गया.
रवि से आँचल के नंगे बदन की मादकता बर्दाश्त नही हुई और उसने झड़ती हुई आँचल के चेहरे और मुँह में अपना वीर्य गिरा दिया.
आँचल तीन बार झड़ चुकी थी लेकिन जस्सी एक बार भी नही झड़ा था.
जस्सी ने आँचल की चूत से अपने लंड को बाहर निकाला . आँचल की रस टपकाती चूत से बड़ा लंड ….प्वकक …की आवाज़ करते हुए बाहर आया और कुछ देर तक आँचल की चूत का मुँह खुला रह गया. फिर आँचल के नितंब पर एक थप्पड़ मारकर जस्सी आँचल के ऊपर से उठ गया.
फिर जस्सी ने आँचल को अपनी गोद में उल्टा लिटा दिया. आँचल का मुँह नीचे को था और नितंब ऊपर को. उसके मुलायम पेट से जस्सी का लंड दब रहा था .आँचल के बड़े नितंबों पर जस्सी ने हाथ रख दिए.
अपने हाथों से आँचल के नितंबों को जोर से दबाते हुए जस्सी बोला,” देख रवि, तेरी भाभी कितनी गरम माल है. “
फिर आँचल के नितंबों को फैलाकर जस्सी ने उसकी रस टपकाती चूत को रवि को दिखाया. अब जस्सी आँचल की चूत में उंगली करने लगा और उसकी क्लिट को अंगूठे से कुरेदने लगा.
“देख , कैसे फुदकती है तेरी भाभी ?”
जस्सी के अंगुली करने से आँचल अपने नितंब ऊपर को उचकाने लगी लेकिन जस्सी ने उसको अपनी गोद में दबा रखा था , तो वो अपने पैर पटकने लगी.
आज बहुत दिन बाद आँचल की ऐसी जबरदस्त चुदाई हुई थी , उसका बदन आज उसके काबू में नही था. जस्सी के चूत में अंगुली करने से वो सिसकियाँ लेते हुए अपने बदन को उचकाती रही.
फिर चूत रस से गीली एक अंगुली को जस्सी ने आँचल की गांड के छेद में डाल दिया. आँचल ज़ोर से चिल्लाई ….आआहह…...
जस्सी एक साथ आँचल के दोनो छेदों में अंगुली करने लगा और उसकी गोद में आँचल ज़ोर से सिसकते हुए फड़फड़ाने लगी.
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