Antarvasna kahani ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना
12-19-2018, 02:01 AM,
RE: Antarvasna kahani ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगा...
मे- नामर्द..? ये आप क्या कह रही हैं..? इतना हॅटा-कट्टा आदमी नामर्द..? 

वो- अरे वो देखने में ही हट्टा कट्टा है, बिस्तर पे पहुँचते ही हिज़ड़ा हो जाता है, नामर्द साला.., मुझे उससे नफ़रत सी होती जारही है, लेकिन क्या करूँ मर्यादा वस छोड़ भी तो नही सकती उसे.

ओह्ह्ह.. अब बताओं में समय बर्बाद ना करो मेरे राजा.. मसल डालो मुझे.. और मेरे होठों को चूसने लगी…

वो मेरे से जोंक की तरह चिपक गयी, मैने उस वासना की आँधी यौवन से भरपूर कोमल भाभी को पलग पर धक्का देके गिरा दिया और चढ़ बैठा उसके उपर..!

उसके रस भरे होठों का रस निकालते हुए, उसके गदराए दशहरी आमों को बुरी तरह मसल डाला.., 

होठ मेरे मुँह में ही थे, लेकिन उसके चेहरे के एक्सप्रेशन बता रहे थे कि वो मज़े युक्त दर्द में थी.

होठ चूस्ते -2 मैने उसके ब्लाउस को खोल दिया, आअहह… क्या गोरी-2 गोलाइयाँ जो मात्र 1/3 ही अब उसकी ब्रा के अंदर थी, उसके कान के नीचे गले को अपनी जीभ से चाटा और उसकी ब्रा के उपर से ही उसके कड़क चुचकों को उमेठ दिया.

आअहह….हीईिइ… आराम सीई…जानू…

बड़ी मस्त माल हो भाभी, कैसे संभालती हो अपनी जवानी को…? मैने उसके गले को चूमते हुए कहा.

आह…ईीइसस्स्शह….क्या करूँ… पूरी रात करवट बदलते निकल जाती है, वो निगोडा कुछ करना भी चाहे तो ये बुढ़िया कान लगाए रहती है, और बीच-2 में आवाज़ें देती रहती है.

मे तंग आ गयी हूँ अपनी इस जिंदगी से, कभी-2 तो जी करता है, मर ही जाउ.

मैने उसके ब्रा को भी निकाल दिया और उसकी साड़ी भी खींच दी, और उसके चुचकों को उंगलियों के बीच में दबा कर खींचा और बोला- ऐसा सोचना भी मत, शूसाइड किसी बात का हल नही होता, 

वो सिसकती हुई बोली- आहह…सीईईईईईईईई… यही सोच कर रह जाती हूँ..!

अब मैने उसकी एक चुचि को अपने मुँह में भर लिया और पूरी ताक़त लगा कर एक बार वॅक्यूम पंप की तरह सक किया. 

ना चाहते हुए भी एक जोरदार मादक आहह…उसके मुँह से निकल गयी और अपना हाथ मेरे सर पर रख कर सहलाने लगी.

कहाँ से सीखा ये सब..? औरत को कैसे मज़ा मिलता है, कोई तुमसे सीखे.

मैने उसकी आँखों में झाँकते हुए उसके कड़क हो चुके निपल को हल्के दाँतों से चबा दिया और दूसरे को हाथ से मसल्ने लगा.

उसकी सिसकियाँ और मादक हो उठी और मेरे सर को अपनी चुचि पर ज़ोर से दबाने लगी.

मेरा एक हाथ उसके पेटिकोट के नडे पर चला गया और उसको खींच दिया, अब उसी हाथ को उसकी पेंटी के उपर ले गया, तो पाया की वो पूरी तरह भीग चुकी थी उसके चूत-रस से.

मे- ओह भाभी, आपकी रामदुलारी तो कितन पानी छोड़ रही है, मेरा हाथ गीला हो गया, और ये कह कर अपने हाथ को सूंघने लगा.

बड़ी प्यारी स्मेल थी उसके रस की फिर मैने उसको सूँघाया और बोला- देखो कितना अच्छी सुगंध है आपके रस की, कभी सूँघी है.

उसने मेरे कंधे पर अपना मुँह रख कर शरमाते हुए कहा, नही ! आज पहली बार ही सूँघी है.

मे- है ना मस्त..! और फिर उसके होठ चूसने लगा और हाथ को उसकी पेंटी के अंदर डाल कर उसकी गीली चूत को सहलाते हुए एक उंगली अंदर कर दी.

आह्ह्ह्ह…अरुण…मेरे रजाअ.. और ना तरसाओ मुझे… ससिईई…उफ़फ्फ़.. समा जाओ मुझमें..अब.

अब मैने उसके पेटिकोट को निकाल कर पलंग के नीचे फेंक दिया और पेंटी निकाल कर उसकी हल्के-2 बालों वाली थोड़ी फूली हुई चूत को देखने लगा.

उसने शरम से अपने हाथों से चेहरे को धक लिया..!

मे- आहह.. कितनी प्यारी चूत है आपकी, जी करता है इससे खा जाउ..?

वो- आह…तो खा जाओ ना..! रोका किसने है, आज से इसपर सिर्फ़ आपका ही अधिकार है.

उसके घुटनों को मोड़ कर उसकी चूत को एक बार जीभ से चाटा, मस्ती में उसकी आँखें बंद हो गयी और मुँह से एक जोरदार सिसकी निकली. 

दो तीन बार ऐसे ही उसकी चूत को चाटा और फिर उसके क्लिट को अपने होठों में दबा कर चूसने लगा और अपनी दो उंगलियाँ उसके सुराख में डाल कर अंदर-बाहर करने लगा.

कोमल अपनी कमर को हवा में उचका-2 कर उसको मटकाने लगी, हल्की-2 सिसकियाँ उसके मुँह से बदस्तूर जारी रही.

उसने मेरे सर को अपनी चूत पर दबा लिया, कुछ ही देर में उसकी चूत पानी छोड़ने लगी और अपनी कमर को हवा में लहरा कर झड़ने लगी.

जब मैने उसका सारा पानी चट कर गया तो उसने मुझे पकड़ कर अपने उपर खींच लिया और मेरे होठों को अपने मुँह में भर कर अपने रस का टेस्ट लेने लगी.

आह्ह्ह्ह… सचमुच तुम कमाल के हो अरुण, जीभ से ही इतना मज़ा दे दिया मुझे कि कभी नही मिला था अब तक, तो जब तुम्हारा वो जाएगा अंदर तब कितना आएगा..?

मे – क्या जाएगा और किसके अंदर..? 

वो- अरे समझा करो..! वही जो इस समय मेरी जांघों पर ठोकरें लगा रहा है, 

उसका नाम बोलो मेरी जान तभी मिलेगा वो अब…!

अरे वोही..आपका एल.ल्ल..लू..न्ड.. और क्या..?, तो वो किस्में जाएगा ये लगे हाथ बता दो..

तुम बहुत शैतान हो.. चलो अब ज़्यादा बातें मत बनाओ, और जल्दी से अपना लंड मेरी चूत में डालो, बहुत फडक रही है बेचारी..

मैने अब देर ना करते हुए, अपना लंड जो अब बिल्कुल लोहे जैसा सख़्त हो चुका था, उसकी रस से गीली हुई पड़ी चूत पर लगाया और एक-दो बार उसके उपर रगड़ा,

उसकी मस्ती में आँखें बंद हो चुकी थी. मैने अपने सुपाडे को उसके छेड़ पर रख कर एक झटका मारा और मेरा आधा लंड उसकी चूत में घुस गया. 

उसकी चूत शायद मेरे लंड के हिसाब से छोटी थी, सो उसके मुँह से दर्द भरी आहह.. निकल गयी.

वो ये नही चाहती थी, कि में उसके दर्द को समझ कर अब रुकने की कोशिश करूँ सो उसने फ़ौरन अपने होठ भींच लिए और दर्द को पीने की कोशिश करने लगी.
Reply


Messages In This Thread
RE: Antarvasna kahani ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगा... - by sexstories - 12-19-2018, 02:01 AM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,517,003 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 546,133 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,238,750 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 936,509 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,662,675 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,088,835 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,964,323 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,098,345 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,048,957 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 286,393 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 4 Guest(s)