RE: Antarvasna kahani ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगा...
कुछ देर बाद उन दोनो की पोज़िशन चेंज हो गयी, और जो पहले मुँह चोद रहा था, अब वो उसकी चूत मार रहा था, और दूसरा मुँह को..
एक राउंड की धमाकेदार चुदाई के बाद उन्होने थोड़ा रेस्ट किया,
फिर उनमें से एक बंदे ने सोफे पर लेट कर रुखसाना को अपने उपर ले लिया और नीचे से उसकी चूत में लंड डाल दिया…
दूसरे ने उपर से उसकी गान्ड को थूक से गीला किया, और अपना सुलेमानी लंड उसकी गान्ड में पेल दिया……
एक बार को रुखसाना बुरी तरह बिलबिला गयी, लेकिन बेचारी कर भी क्या सकती थी…
उसका तो बुरा हाल हो चुका था…, वो दोनो उसके दोनो छेदों में ढकपेल लंड चला रहे थे…
कुछ देर की तकलीफ़ के बाद रुखसाना को इस तरह की चुदाई में एक अजीब सा ही मज़ा आ रहा था, जिसे वो इन दोनो को नही बोल सकती थी,
जब दोनो के लंड आपस में एक दूसरे में ठोकर मारते, तो उन तीनों को ही असीम आनंद की अनुभूति होने लगती…
उन दोनो ने उसकी दोनो छेदों में लंड डालकर जबरदस्त चुदाई की, अंत में दोनो ने उसके आगे-पीछे के छेदों को अपने वीर्य से भर दिया…
उसके बाद उसकी शारीरिक शक्ति जबाब दे गयी और वो वहीं फर्श पर नंगी ही पड़ी रह गयी.
वो दोनो उसको वहीं ठंडे फर्श पर पड़ा छोड़ कर अपने-2 कपड़े पहन कर वहाँ से निकल गये..
वो कुछ देर यौंही पड़ी सुबक्ती रही, फिर कुछ देर बाद जब उसके होश कुछ वापस लौटे,
दिनभर की चुदाई की वजह से उसका पूरा बदन पके फोड़े की तरह दुख रहा था, फिर भी वो उठी और किसी तरह अपने कपड़े पहने,
फिर उसने उस नौजवान के कंधे पकड़ कर उसे हिलाया..
असलम.. असलम मियाँ..उठो.. मुझे मेरे घर छोड़ दो..
वो नौजवान आँखे मलते हुए उठा, और चारों ओर देखने लगा, फिर बोला- वो लोग चले गये..?
सॉरी रुखसाना मे आपकी मदद नही कर सका, उन सालों ने मुझे भी बेहोश कर दिया..!
रुखसाना मरी सी आवाज़ में बोली - कोई बात नही, मे समझ सकती हूँ, अब जल्दी से उठो और मुझे मेरे घर छोड़ दो.. पता नही अब क्या होगा ?,
एजाज़ स्कूल से आ गया होगा, और मुझे घर ना पाकर क्या सोच रहा होगा..?
वो नौजवान खड़ा हुआ और बोला - अब इस वक़्त अपने घर जाकर क्या करोगी रुखसाना बेगम..?
रुखसाना – ये क्या कह रहे हो तुम ? मेरे शौहर भी घर पहुँचने वाले होंगे.. मुझे वहाँ ना पाकर ना जाने क्या – 2 सोचने लगेंगे…?
चलो ! जल्दी करो, अब और ज़्यादा देर करना मुनासिब नही होगा…
नौजवान ने बड़ी रुखाई से कहा – तो क्यों ना तुम्हारे शौहर को भी यहीं बुला लिया जाए..!
रुखसाना उसके बदले हुए तेवर देखकर एकदम चोन्क्ते हुए बोली - क्य्ाआअ..??? क्या कहा तुमने…?
वो भौंचक्की सी उस नौजवान की सूरत देखती ही रह गयी……जो अब खड़ा खड़ा उसके सामने मुस्करा रहा था…!!!
रात को जब अब्दुल सत्तार गनी उर्फ गनी भाई अपने घर आया तो उसका बेटा एजाज़ घर में अकेला था, उसका बॉडीगार्ड बाहर अहाते में मुस्तेदि से तैनात था.
बेटे ने जब अपने अब्बू को देखा तो वो रोते हुए दौड़ता हुआ आया और उसके पैरों से लिपट गया.. - अब्बू..! अम्मी कहाँ है..?
गनी को अपने बेटे के मुँह से ये बात सुनकर एक जोरदार झटका लगा - क्या..? वो यहाँ नही है..? तो कहाँ है, तुम्हें नही पता वो कहाँ गयी..?
एजाज़ - सुबक्ते हुए.. नहीं, मे जबसे स्कूल से आया हूँ, मुझे वो यहाँ नही मिली.
और देखो ना अब्बू, अब तो रात भी हो गयी, अभी तक नही आई वो… कहाँ चली गयी..? उउहह..उउहह..वो और ज़ोर-2 से रोने लगा.
गनी ने वहीं ज़मीन पर बैठ कर अपने बच्चे को अपने सीने से लिपटा लिया और उसकी पीठ पर हाथ फेर कर उसे चुप करते हुए सोच में डूब गया.
उसके दिमाग़ में अंजनी आशंकाओं का बवंडर सा उठने लगा. आख़िर रुखसाना गयी तो गयी कहाँ..? कहीं वो उस दिन वाले गुंडे तो नही…?
उसने अपने गुर्गों से भी इस विषय में पुच्छना उचित नही समझा, कहीं बात ग़लत रूप ना लेले..? उसे अपनी नेता वाली छवि की भी चिंता थी.
हो सकता है अपने किसी रिस्तेदार के यहाँ, या किसी सहेली के घर चली गयी हो, उसके मन ने झुटि तसल्ली देने की कोशिश की, लेकिन फिर खुद ही उसे खारिज भी कर दिया..
नही-नही..!! रुखसाना इतनी भी ग़ैरज़िम्मेदाराना हरकत नही कर सकती कि अपने बेटे को भी बिना बताए कहीं चली जाए..?
तो.. !! तो फिर आख़िर गयी कहाँ..? क्या मुझे पोलीस का सहारा लेना चाहिए..?
हां ये सही रहेगा ! और वो इसमें भी राजनीतिक फ़ायदा ढूँढने के बारे में सोचने लगा.
अभी वो पोलीस को फोन करने के बारे में सोच ही रहा था कि उसका फोन सामने से घनघना उठा.
बेल की आवाज़ सुनते ही वो एकदम से उच्छल पड़ा, मानो किसी गरम तबे पर गान्ड रखकर ग़लती से बैठ गया हो..?
उसे इस बात की तो कोई आशंका ही नही थी.
उसने लपक कर फोन उठाया और बोला- ह.ह.हेलो कौन ..?
सत्तार मियाँ..! कैसे हो..? अपनी बीबी का इंतजार कर रहे हो..? दूसरी ओर से कहा गया.
गनी - क्क्कोन बोल रहा है..? और तुम्हें कैसे पता कि मेरी बीबी घर पर नही है..?
नौजवान रुखसाना के होठों पर अपने उल्टे हाथ की उंगली फेरते हुए बोला - क्योंकि वो इस समय मेरे पास है..!
गनी - क्या..? ?? क्यों ?? तुम्हारे पास कैसे है वो..? कॉन हो तुम, और कहाँ से बोल रहे हो..?
अरे बाप रे…! इतने सारे सवाल एक साथ.. एक-एक करके पुछो सत्तार मिया.. उसने रुखसाना के गदराए हुए बदन पर हाथ फेरते हुए कहा, जो इस समय उसके पास ही सोफे पर बैठी थी,
ये दीगर बात थी, कि इस समय उसके हाथ बँधे हुए थे…
उस नौजवान ने आगे कहा - मेरी याददस्त थोड़ी कमजोर है सत्तार मियाँ, भूल गया तो एक भी बात का जबाब नही दे पाउन्गा, फिर तुम्हें तुम्हारी बीवी का पता कैसे मिलेगा ?.
गनी - मेरी बीवी तुम्हारे पास कैसे है पहले ये बताओ..?
नौजवान ने उसके आमों को ज़ोर्से मसल्ते हुए कहा - वो मुझसे चुदवाने आई है, अब तुम तो उसको चोदते नही हो,
बाहर की रंडियों के साथ मुँह मारते फिरते हो, तो बेचारी करे तो क्या करे, मेरे दमदार लंड से चुद के मस्त हो गयी है…बात करना चाहोगे उससे..?
गनी - क्या बकवास कर रहे हो तुम..? होश में तो हो ? जानते तुम किससे बात कर रहे हो..?
नौजवान - बिल्कुल होश में हूँ, और ये भी जानता हूँ की किससे बात कर रहा हूँ..? अच्छा लो अपनी बेगम से बात करो..!
कुछ देर के बाद रुखसाना की आवाज़ सुनाई दी, वो रोते-बिलखते हुए खुद को उससे बचाने की बात करने लगी,
जब गनी ने उससे पुछा कि वो वहाँ कैसे पहुँची, तो उसने बात को गोल करके ज़बरदस्ती खुद के किडनप होने का बहाना बना दिया.
फिर गनी ने पुछा कि वो इस समय कहाँ पर है, इससे पहले की वो कुछ बताती, नौजवान ने फोन उसके हाथ से छीन लिया,
और फिर उसने गनी को जो धमकाया, पट्ठे की सिट्टी-पिटी गुम हो गयी आख़िर में उसने पुछा.
गनी - अब तुम क्या चाहते हो..?
नौजवान - देख भाई, तेरी बीवी की चुदाई की मस्त सीडी बनाई है मैने, तू देखना चाहे तो मे भेज सकता हूँ,
और अगर तू नही चाहता कि ये सीडी सार्वजनिक हो, और तेरी बीवी भी तुझे सही सलामत मिल जाए तो 50 लाख का इंतेज़ाम करके रखना कल शाम तक, वरना तू इतना तो समझदार होगा.. कि क्या हो सकता है ?
मे तुझे अब कल फोन करूँगा, और हां पोलीस-वॉलिस के चक्कर में भूल के भी मत पड़ना.
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