Antarvasna kahani ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना
12-19-2018, 02:38 AM,
RE: Antarvasna kahani ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगा...
सुवह-2 मिलने का मक़सद भी यही था, कि बाद में वो सब अपने-2 काम धंधे से लगते थे.

उन सबसे मिल मिलकर मे घर लौट आया, चाइ नाश्ता लिया जो शाकीना अपने घर से लेकर आई थी. फिर वो उदास मन से 9 बजे अपनी ड्यूटी पर चली गयी. 

मे उसके उदास चेहरे को लेकर सोच में पड़ गया, क्या उसे वहाँ से हटा लिया जाए..?

लेकिन अगर इस तरह से एक साथ उसने जाना बंद कर दिया तो शक़ पैदा होगा, 

खालिद कोई छोटा-मोटा आदमी नही है, वो ज़रूर उसकी तहकीकात करवाएगा कि क्या वजह हुई.

और फिर अगर वो पीछे पड़ गया तो उसे ज़्यादा वक़्त नही लगेगा शाकीना की कुंडली निकालने में, और फिर एक साथ इतने सारे लोग मुसीबत में पड़ जाएँगे.

फिर क्या किया जाए इसी विषय पर काफ़ी देर सोच विचार करता रहा, अंत में सब कुछ समय और नियती पर छोड़, अपने काम में लग गया.

मे भी दिखावे के लिए रहीम चाचा के ऑफीस में चला जाता था, उनके असिस्टेंट की हैशियत से, ताकि लोगों को मेरे उपर कोई शक़ सुबा ना हो. 

और उनके साथ कभी किसी कन्स्ट्रक्षन साइट पर निकल जाता, जिससे मेरा भी टाइम पास हो जाता.

आख़िर मेरा भी एक इंजिनियर का दिमाग़ था, तो उनको भी नये-2 आइडिया देता रहता जिससे उनके काम में और बरकत होने लगी.

वैसे अब वो काफ़ी उम्र-दराज हो चुके थे, ज़्यादातर ज़िम्मेदारियाँ उन्होने अपने बेटों पर ही डाल दी थी, फिर भी वो अभी अपने ऑफीस ज़रूर जाते थे, और हम दोनो बैठ कर टाइम पास करते रहते.

इसी तरह की दिन चर्या चल रही थी, और दिन गुज़रते जा रहे थे, लेकिन मुझे शाकीना की परेशानी बैचैन करती रहती थी.

ऐसे ही एक दिन मे रहीम चाचा के साथ उनकी गाड़ी में बैठ कर एक साइट की तरफ निकल गया.
ये पास के ही एक दूसरे शहर में थी जो तकरीबन इस्लामाबाद से 50 किमी दूर था. यहाँ पर वो एक छोटी सी हाउसिंग सोसाइटी बना रहे थे.

वहाँ का काम देखते-2 हमें शाम हो गयी, नवेंबर का महीना था, सर्दी पड़ना शुरू हो गया था. 

वो बंद गले की उनी कपड़े की शेरवानी पहने हुए थे. 

रहीम चाचा हर समय एक काले रंग की छड़ी अपने साथ रखते थे, जो कि दरअसल एक गुप्ती थी.

मे भी एक उनी लोंग कोट और जीन्स में था, मेरे कोट की अंडर पॉकेट में एक 11 राउंड माउजर थी.

हम दोनो गाड़ी में पीछे बैठे हुए थे ड्राइवर जो कि मेरे साथ आए लोगों में से ही एक था, वो गाड़ी चला रहा था.

अंधेरा सा होने लगा था, गाड़ी की हेड लाइट ऑन हो चुकी थी, अभी हम साइट से 10-15 किमी ही निकले होंगे, कि एक साथ गाड़ी के उपर सामने से गोलियों की बौछार शुरू हो गयी.

देखते ही देखते आगे की विंड्स्क्रीन खील-खील हो गयी, अनगिनत गोलिया ड्राइवर के शरीर में घुस गयी, और वो गाड़ी की स्टेआरिंग के उपर गिर पड़ा.

खुदानखास्ता गिरते-2 उसका पैर एक्सिलेटर से हट कर ब्रेक पर चला गया और गाड़ी लहरते हुए रोड के साइड में खड़े पेड़ों से टकरा कर बंद हो गयी. 

मैने फ़ौरन दूसरी साइड का गेट खोल कर रहीम चाचा को लिए दूसरी साइड को लुढ़कता चला गया, एक तो झटका तगड़ा लगने से और दूसरा एक साथ हुए हमले से रहीम चाचा अपने होश गँवा बैठे. 

मैने उनके बेहोश शरीर को अपने साथ लिए घिसता हुआ, पास की झाड़ियों में रेंग गया.

रेंगते हुए ही मेरी गन मेरे हाथ में आ चुकी थी. उनको झाड़ियों के पीछे छुपाया और मे रेंगता हुआ थोड़ा रोड साइड की तरफ आया.

अंधेरा हमारी मदद कर रहा था, वो 4 लोग थे जिनके हाथों में एके47 राइफल थी चारों के चेहरे कपड़े से ढके हुए थे, 

जैसे ही गाड़ी पेड़ से टकरा कर रुकी, वो भागते हुए गाड़ी के पास पहुँचे.

गाड़ी में केवल ड्राइवर की लाश देख कर वो सकते में आ गये क्योंकि उन्हें पक्का पता था कि गाड़ी में रहीम चाचा हैं और वो उन्हें किडनप करने के इरादे से ही आए थे जिससे कि फिरौती की मोटी रकम उनके घरवालों से हासिल कर सकें.

उनमें से एक चिल्लाया, अरे इसमें तो खाली ड्राइवर ही है, वो बूढ़ा और उसका साथी कहाँ गायब हो गये ?

मे मन ही मन बुद्बुदाया… मतलब इन्हें मेरा भी पता था कि मे साथ में हूँ.

तभी दूसरा बोला- ढुंढ़ो यहीं कहीं झाड़ियों में गिर गये होंगे और कहाँ जा सकते हैं साले…

उनमें से दो आदमी उधर झाड़ियों की तरफ ही जाने लगे जहाँ मैने रहीम चाचा को छिपाया था, अब मुझे जल्दी ही कुछ करना था, 

इससे पहले कि उन दोनो की नज़र उन पर पड़े मैने गोली चला दी और वो दोनो वहीं ढेर हो गये.

गोली चलाते ही मैने एक लंबी छलान्ग लगाड़ी, और लुढ़कता हुआ रोड की दूसरी साइड में खड़े पेड़ों की आड़ में पहुँच गया.

जहाँ से मैने गोली चलाई थी, अगर एक सेकेंड भी मे वहाँ रुका रहता तो ना जाने कितनी गोलियाँ मेरे शरीर के आर-पार हो चुकी होती.

क्योंकि मेरी तरफ से गोली चलते ही, उन वाकी बचे दोनो ने अपनी गनों का रुख़ उस तरफ किया और गोलियों की बाढ़ सी उस जगह पर करदी.

थोड़ी देर शांति छाइ रही, वो दोनो मेरी तरफ से आहट लेने की कोशिश करते रहे, जब कुछ देर तक कोई आवाज़ मेरी तरफ से नही हुई तो उनमें से एक बोला- लगता है साला काफर मर गया और वो देखने के लिए उस तरफ बढ़ गया.

वो उस जगह पर पहूचकर चिल्लाया- अरे यहाँ तो कोई भी नही है, लगता है हरामी बहुत शातिर है…

इतना बोल कर उसने अपने साथी की तरफ छलान्ग लगाई, अभी उसका शरीर हवा में ही था कि मेरी एक गोली उसकी पसलियों को फाड़ती चली गयी, वो बुरी तरह चीख मारता हुआ वही ढेर हो गया.
Reply


Messages In This Thread
RE: Antarvasna kahani ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगा... - by sexstories - 12-19-2018, 02:38 AM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,516,669 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 546,088 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,238,618 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 936,394 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,662,518 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,088,677 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,964,063 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,097,419 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,048,652 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 286,365 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 8 Guest(s)