RE: Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
सुबह उठा तो देखा मेरे मोबाइल पर करण की 16 मिस कॉल थी,,,,,,,,,,,,,मैने उठते ही उसको
फोन किया,,,,,,,हेलो ,,,
करण--हेलो सन्नी भाई कहाँ हो आप,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
सन्नी--मैं घर पे हूँ करण ,,,,,,,,,,,,,,
करण=अरे भाई आप आज कॉलेज क्यू नही आए,,,,,,,,,,,,,
सन्नी--अभी आता हूँ कुछ देर मे करण,,,,,,,,
करण--अभी क्या फ़ायदा भाई अभी तो 12 बज रहे है,,,
मैने घड़ी की तरफ देखा तो सच मे 12 बज रहे थे,,,,,,,,,,,,
करण--सन्नी भाई कल रात के लिए थॅंक्स ,,,,,,,,
सन्नी--तूने ये बोलने को फोन किए थे मुझे,,,,,,,,,,,,,,,,
करण-नही भाई मैने तो ये बोलना था कि कल रात से बुरा हाल है मेरा लंड
बार बार खड़ा हो जाता है ऑर पूजा की बहुत याद आ रही है कुछ करो सन्नी भाई बहुत दिल
कर रहा है चूत मारने को प्ल्ज़्ज़ सन्नी भाई,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
सन्नी-ठीक है मैं कुछ करता हूँ लेकिन अभी नही,,देखता हूँ आज रात को फिर से कोई प्रोग्राम बनता है तो तुझे कॉल करता हूँ,,,,,,,,,,,,,,,,
करण-ठीक है भाई लेकिन कोशिश करना आज हो जाए वरना बुरा हाल हो जाना है मेरा,,,,,,,
सन्नी-ठीक है मैं कोशिश करता हूँ,,,,,,,,,,,,,,मैने फोन काट दिया,,,,,,,,,,,,,,,,,
साला ये करण तो सच मे बावला हो गया था चूत लेके इसको कैसे भी करके चूत दिलवानी
पड़ेगी वरना जीना हराम कर देगा वैसे भी शेर के मुँह को खून ओर कुवारे लंड पर जब
चूत का पानी लग जाता है तो वो ख़तरनाक हो जाता है,,,इसलिए मैने अगले 4-5 रात तक मोका
देख कर जब डॅड ऑर बुआ बुटीक नही जाते थे तब मैं करण के घर का बहाना करता
ऑर करण मेरे घर आने का बहाना करता फिर हम दोनो बुटीक पर चले जाते ऑर रात भर
मैं मनीषा के साथ ऑर पूजा करण के साथ चुदाई करते रहते,,,,,,करण इन 4-5 दिनो मे
बहुत खुश हो गया था कॉलेज मे भी हमेशा मेरे आगे पीछे दौड़ता रहता ,,,हर बात
मानता मेरी,,इन दिनो मैने भी किसी ऑर की तरफ ध्यान नही दिया क्यूकी मनीषा की गान्ड
बहुत टाइट थी भले ही मेरे बाप ने उसकी जमकर चुदाई की थी लेकिन फिर भी उसकी गान्ड
मेरे लंड के मुताबिक बहुत टाइट थी जिसका मैने भरपूर मज़ा लिया 4-5 रातों मे,,,ऑर
पूजा ने भी करण के पतले ऑर लंबे लंड से हर रात मजेदार चुदाई करवाई थी
अपनी चूत की,,,,,,,,,,,
रात भर मैं बुटीक पर मनीषा की चुदाई करता तो दिन मे
कॉलेज ही रहता कभी घर आके माँ ऑर मामा के साथ मस्ती करने को दिल नही करता क्यूकी
पूरी रात मे बहुत थक जाता था मैं ऑर वैसे भी कॉलेज जाके कॉन्सा कुछ करता था बस
कॅंटीन मे बैठा रहता ऑर कॉफी पीते हुए टाइम पास करता,,,,इन दिनो सोनिया भी नज़र नही
आई मेरे को 1-2 बार कविता ज़रूर आई थी मेरे पास कॅंटीन मे लेकिन उस से भी ज़्यादा बात
नही हुई मेरी,,,,
एक दिन कॉलेज का मूड नही था तो मैं घर से तैयार होके करण के घर जा रहा था आज हमारा
मूड घूमने फिरने का था,, मैं फ्रेश होके नीचे चला गया,,,नीचे माँ बैठी टीवी देख
रही थी ऑर शोबा भी वहीं थी ,,,,,,,,,,,
सन्नी--क्या बात है दीदी आज आप कलाज नही गई,,,,,दीदी ऑर माँ दोनो ने पीछे मूड कर मेरी तरफ देखा,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
शोभा--मेरी तबीयत थोड़ी ठीक नही है सन्नी इसलिए नही गई,,,,,,,,,,,,,,,,
सन्नी-क्या हुआ दीदी,,,,,,,,,
शोभा-कुछ नही सन्नी बस सर मे हल्का सा दर्द है,,
तभी माँ बोली ,,,,,,बेटा भूख लगी होगी कुछ खाने को बना दूं क्या,,,
शोभा--जी माँ बहुत भूख लगी है ,,,,,,,,,,,
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