Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
12-21-2018, 01:29 AM,
RE: Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
मैं कॉफी लेके बाहर आ गया ऑर 2 कप सोनिया ऑर शिखा दीदी के पास टेबल पर रख दिया ,,,1 कप मे मैने स्पून
डाला हुआ था ओर उससी कप की तरफ इशारा करते हुए मैने शिखा को वो कप सोनिया को देने को बोला ऑर खुद अपने 2
कप लेके मामा के रूम मे चला गया,,,,,,,,,,मैं ऑर कारण कॉफी पीने लगे ,,,,जब हमारी कॉफी ख़तम हो गई
ऑर मैं कप रखने के लिए बाहर निकला तो देखा कि सोनिया ऑर शिखा वहाँ नही थी,,,शायद वो उपर अपने रूम मे 
चली गई थी,,,,,,,

मैं कप किचन मे रखके वापिस आने लगा तो दीदी सीडियों से नीचे आ रही थी,,,,

क्या हुआ,सोनिया ने कॉफी पी ली या नही,,,,,,

पी ली थी ऑर ये रहे कप,,,,दीदी ने अपने हाथ मे पकड़े कप मुझे दिए,,,,,

अब कहाँ है वो,,,,,,,

अपने रूम मे लेट गई है,,,,बोल रही थी सोने लगी हूँ,,,,,

ठीक है अब आप जाओ उस रूम मे ,,,,,,,लेकिन अभी मस्ती शुरू मत करना क्यूकी गोली का असर होने मे कम से कम 30
मिनट लग जाते है,,,,,,एक बार सोनिया सो गई तो 6 अवर्स से पहले उठने वाली नही,,,,,तब तक आप लोग मस्ती करते रहना
,,,,,,

आप लोगो से क्या मतलब,,,,,तुम नही आओगे क्या हमारे साथ,,,,,,,,,,,,,

नही दीदी ,,,,आज आप ऑर करण ही मस्ती करना,,,,मैं यहाँ बाहर रुक कर सोनिया का ख्याल रखूँगा,,,,

उसका का ख्याल ,,,,,,,वो तो सो जाएगी थोड़ी देर मे,,,,,

सो जाएगी लेकिन फिर भी मैं उसका ख्याल रखूँगा आप जाओ ओर जब मैं आपको आके बोलू तो ही मस्त शुरू करना

ऐसा मत बोलो सन्नी,,,,,,,तुम भी साथ मस्ती करो,,,,,ज़्यादा मज़ा आएगा,,,,,,,,,,,,प्लीज़

ज़िद्द मत करो दीदी,,,,,,,,,मैं कोई रिस्क नही ले सकता अगर ग़लती से सोनिया उठ गई तो हम लोगो को ऐसे देख लिया तो
पंगा हो जाएगा,,,,,,,,,,,अगर आप लोग मस्ती करो तो मैं यहाँ बैठ कर उसका ख्याल रख सकता हूँ ऑर उसके आने
पर आपको सावधान कर सकता हूँ,,,,,,,,,,,,

ठीक है सन्नी,,,,,,,,,,दीदी थोड़ा उदास होके मामा के रूमकी तरफ बढ़ने लगी जहाँ करण बैठा हुआ था,,,,,

मैं वहीं बाहर बैठ गया,,,,,,ऑर 30 मिनट बाद मामा के रूम मे जाके करण ऑर दीदी को मस्ती करने का इशारा
कर दिया,,,,,,,,,,,,,,,,दिल तो मेरा भी था मस्ती करने का लेकिन मेरा इरादा कुछ ओर ही था,,,,,उन दोनो ने तो इशारा मिलते
ही कपड़े खोलना शुरू कर दिया था,,,,दोनो पहले से ही भरे बैठे थे ,,,,,,,,

करण ऑर शिखा को मस्ती करने का इशारा करके मैं बाहर आके बैठ गया ऑर वो लोग इशारा मिलते ही शुरू हो गये,,,
लेकिन पहले से ही वो लोग एक दूसरे को किस करने मे लगे हुए थे,,,,,,

मैं बाहर आके टीवी देखने लगा ,,,करीब 40 मिनट बाद मैं उठा ऑर मामा के रूम की तरफ गया ऑर कीहोल से 
अंदर देखने लगा तो देखा कि करण नीचे बेड पर लेटा हुआ था ऑर शिखा नंगी होके उसके उपर बैठ कर तेज़ी से
खुद को करण के लंड पर उछाल रही थी,,,,,बस यही मोका था मेरी अगली चाल चलने का ऑर मैं अपनी चाल चलने
के लिए सीधा सोनिया के रूम मे चला गया,,,,,,,,,जहाँ वो अपने लॅपटॉप पर कुछ काम कर रही थी बेड पर लेट कर,,,

मैने उसकी कॉफी मे नींद की गोली नही डाली थी,,,,बस करण ऑर शिखा को ये एहसास करवाया था कि मैं सोनिया को
नींद की गोली देखे सुला दूँगा ताकि वो मस्ती कर सके,,,,,,,,,जान भूज कर एक कॉफी कप मे स्पून डाला था ताकि 
शिखा को सच मे लगे कि कप मे नींद को गोली डाली गई है,,,,

सोनिया के रूम मे जाके मैं सीधा उसके बेड के पास चला गया,,,,,मुझे जल्दी से पास आते देख कर उसने अपने
लप्पी को साइड मे रख दिया ऑर उठके बैठ गई,,,,,,,,थोड़ा गुस्से ऑर डर के भाव थे उसके फेस पर,,,,,,मैं इतनी तेज़ी
से उसके करीब गया था कि उसको लगा कि मैं कोई ऐसी वैसी हरकत करने वाला हूँ इसलिए वो जल्दी से उठकर बैठ गई
थी,,,,,,

तूने कहा था ना कि बेहन ऑर भाई कभी सेक्स नही करते,,,,,,,,ऑर वो सारी स्टोरीस भी झूठी होती है जो हम लोग नेट
पर रीड करते है,,,,,वो चुप चाप मेरी बात सुन रही थी,,,,,,,,,,,,,,,,तूने कहा था ना कि तू स्टोरीस पर यकीन नही
करती,,,,,,,,लेकिन अपनी आँखों से देखेगी तो यकीन करेगी ना,,,,,,,

वो थोड़ा परेशान हो गई,,,,,,लेकिन उसी परेशानी मे उसने अपने सर को हां मे हिला दिया,,,

इशारा मिलते ही मैने उसके हाथ को पकड़ा ऑर अपने साथ लेके जाने लगा लेकिन उसने अपने हाथ को मेरे से छुड़ा
लिया,,,,,,,,,

कितनी बार बोला कि मुझे हाथ मत लगाना,,,,,,वो गुस्से मे थी,,,,,,,,,,

साली पता नही क्या ख़ाके जन्मी थी ,,,जब देखो गुस्सा नाक पे रहता था,,,,,,

अच्छा बाबा नही लगाता हाथ,,,,,,लेकिन मेरे साथ तो चल तुझे कुछ दिखाना है,,,,,,,

वो उठी ऑर मेरे साथ चलने लगी,,,,,,,,,,,,जब हम सीडियाँ उतर रहे थे तो मैने उसको ज़रा आराम से नीचे
उतरने को बोला ताकि कोई शोर ना हो,,,,,,,,,,वो थोड़ा हैरान थी कि मैं उसको अपने ही घर मे चोरो की तरह चलने
को क्यू बोल रहा था,,,,,,,,,तभी उसका मुँह हैरानी से खुल गया शायद उसको पता लग गया था कि मैं उसको क्या दिखाने
वाला हूँ,,,,,,,,,,,,उसको पता था कि घर मे करण ऑर शिखा दीदी आए है ऑर कहीं वो लोग ही तो नही जो सगे भाई बेहन
होने नीचे सेक्स कर रहे थे,,,,,,,,,,,,,,मैं भी उसके अंदाज़ से समझ गया कि वो क्या सोच रही थी तो मैने भी उसको
हाँ मे सर हिला कर ये इशारा कर दिया कि तुम जो सोच रही हो वही सच है,,,,,,,,,

वो आराम से चलती हुई मेरे साथ नीचे आ गई,,फिर मैं उसको मामा के रूम के पास जाके कीहोल से अंदर देखने को
बोला ,,,,,वो नीचे झुक कर कीहोल से अंदर देखने लगी,,,,मेरा दिल तो खुश हो गया क्यूकी आज ये सब कुछ देख लेगी ऑर
मेरा काम आसान हो जाएगा इसको चोदने का,,,,,,,,,,

वो एक बार देखने लगी तो कम से कम 5 मिनट देखती ही रही,,,,,,शायद उसको अच्छा लग रहा था,,,,,,,,,मेरे लिए भी
ये अच्छी बात ही थी,,,,,,

फिर एक दम से वो सीधी खड़ी हुई ऑर वापिस उपर जाने लगी,,,,,लेकिन जाते टाइम वो थोड़ा गुस्से से देखती हुई ऑर तेज़ी
से उपर जाने लगी थी ,,,,,,,,उसके तेज़ी से चलने से मुझे डर लगने लगा कहीं करण ओर शिखा को इसके चलने की आवाज़
सुनाई ने दे जाए कहीं,,,,,,,,,,,लेकिन उसको कोई फ़र्क नही था वो तो बस तेज़ी से उपर की तरफ जाने लगी ,,,,,मैं भी उसके
पीछे पीछे उपर चला गया,,,,,,,,,

वो अभी अपने कमरे मे एंटर हुई थी ओर उसके पीछे मैं भी वहाँ चला गया,,,,,,

क्यू अब क्या बोलती हो सोनिया,,,,,,,,,अब तो अपनी आँखों से देख लिया है तुमने,,,,,,

वो कुछ नही बोली चुप रही,,,,,,,

मैं उसके करीब जाने लगा तो वो थोड़ा पीछे हट गई क्यूकी मुझे लगा था कि करण ऑर शिखा को देख कर वो
थोडा गर्म हो गई है ओर उसको देख कर मैं भी गर्म होने लगा था,,,,,,,लेकिन एक ही पल मे मेरी गर्मी बरफ की
तरह ठंडी हो गई,,,,,,

तो ये है आपके दोस्त एक भाई ऑर उसकी बेहन ,,,,,,,,,,,जो भाई बेहन होके ऐसी घटिया हरकत करते है,,,
उन लोगो की हिम्मत कैसे हुई हमारे घर मे ऐसी हरकत करने की,,,,,ऑर आपकी हिम्मत कैसे हुई उन लोगो को अपने घर मे ऐसी नीच हरकत करने की एज़ाज़त देने की,,,,,

अबे ये क्या ,,,साला सोचा था ये मान जाएगी लेकिन इसका तो पारा बढ़ने लगा है,,,,तभी मैने खुद पर क़ाबू किया,,,

तुम कॉन होती हो ये सब बोलने वाली,,,,तुमको क्या पता ये सब जो दोनो भाई बेहन कर रहे है वो नीच हरकत है,,,


नीच नही तो क्या बढ़िया हरकत है वो,,,,,,,,,,उन लोगो को शरम नही आती भाई बेहन होके ऐसा करते हुए,,,,

वो थोड़ा ज़ोर से बोल रही थी इसीलिए मैं दरवाजा बंद कर दिया,,,,,

क्यू एक भाई बेहन के ऐसा करने से क्या ग़लत हरकत है,,,,इसमे नीचता वाली क्या बात,,,,,,,,बाहर भी तो हम किसी ना
किसी से सेक्स करते है,फिर भला अपने घर ने क्यू नही,,,,,,,,,

मैं ये नही कहती भाई कि बाहर भी ये सब करना ठीक है,,,,,ये ग़लत है,,,,,,,,,लेकिन भाई बेहन का ऐसा करना तो
पाप है भाई,,,,,,,,,,

कोई पाप नही इसमे सोनिया,,,,,,ऑर पता नही ऐसे कितने भाई बेहन है जो ऐसा करते है,,,,एक तेरे बोलने से वो लोग ग़लत
नही हो जाते,,,,,

तो आपके बोलने से वो सब अच्छे भी नही बन जाते भाई,,,,,,जो भाई अपनी बेहन से ऐसी हरकत करे उसको डूब के मर 
जाना चाहिए,,,,,,,,,,,,,वो गुस्से मे थी,,,,पूरे गुस्से मे,,,,,,

अच्छा तो जो लड़का बाहर किसी लड़की से ऐसी हरकत करके उसकी वीडियो बना ले फिर उसको ब्लॅकमेल करे तो क्या वो ठीक होता है,,,,,,,,,क्या वो लड़का अच्छा होता है तेरी नज़र मे,,,,

वो मेरी बात सुनके चुप हो गई,,,,,,,,

क्या बोल रहे हो भाई,,,,,,,,,,किसने किया ऐसा ,,,,,,,,,,,,

जिसने भी किया हो तेरे को क्या,,,,,,,,,,तेरे को तो भाई बेहन का ये सब करना गंदा लगता है ,,,लेकिन जिस भाई ने अपनी
बेहन को बदनाम होने से बचाया हो वो बेहन खुश होके अपने भाई से प्यार करने लगे ऑर प्यार का खेल खेलने
लग जाए तो इसमे बुरा क्या है,,,,

किसने की ऐसी हरकत भाई मुझे बताओ,,,,,,,,,

मैं चुप हो गया,,,,,,,अब क्या बोलू इसको,,,,,,,,,,साला इसको पटाने के चक्कर मे सब कुछ उगलना पड़ रहा है इसके
सामने,,,,,,,,

क्यू तेरे को क्यू बताऊ,,,तुझे तो वो भी अच्छा नही लगेगा,,,,,,,,,,,,,,,,

बताओ ना भाई,,,,,,प्लीज़्ज़ज्ज्ज्ज

मैने उसको सारी बात बता दी कैसे अमित ने शिखा की वीडियो बना ली फिर करण ने उस वीडियो को कैसे हासिल किया ऑर डेलीट किया ,,,,,,,,,,फिर कैसे शिखा ने अपनी इज़्ज़त बचाने के लिए अपने भाई को थॅंक्स्क्स किया ऑर फिर कैसे वो दोनोएक दूसरे से प्यार करने लगे,,,,,,,,,,,,हालाकी काफ़ी कुछ मैने अपनी तरफ से जोड़ कर बताया था उसको लेकिन शायद मेरीबातें असर करने लगी थी ऑर वो चुप चाप मेरी बातें सुनती रही,,,,,,

अब बोलो,,,क्या करण ऑर शिखा का ऐसा करना ग़लत है,,,,,,,क्या शिखा का अमित से वो करना ठीक था जिसने उसको बदनाम करने क लिए सारा प्लान बना लिया था,,,,,,,


भाई अमित से अपनी बेहन को बचा कर करण ने जो हरकत की है अपनी बेहन से इस से उसका पाप धुलने वाला
नही है,,,,,,,,,,,,,,,,,अमित को तो उसके किए की सज़ा मिलके रहेगी लेकिन करण ओर शिखा भी सज़ा से बचने वाले नही
है,,,,,,,,,,,,,हर किसी को सज़ा मिलेगी,,,,,,,,,,,,,

क्या सज़ा मिलेगी,,,,,,,,,,,बता ज़रा,,,,,,,,,,,,,

अमित का तो मुझे नही पता लेकिन करण ऑर शिखा के बारे मे मैं उनकी मोम को बता दूँगी,वही सज़ा देंगी इन दोनो
को,,,,,,,,,,,,,,,,,

साला इसकी बात सुनके तो मेरी बॉल्स मेरे गले मे आके अटक गई थी,,,,,,साला ये क्या करने जा रहा हूँ मैं ऑर क्या हो
रहा है,,,,,,,,,,,,,

अभी उन लोगो को यहाँ से भेजो वरना मैं चली उनके घर,उनकी मोम के पास,,,,,,,,,,

वो चिल्लाती हुई दरवाजे की तरफ बढ़ी ऑर मेरे पास से गुजर कर दरवाजे को खोलने लगी तभी मैने उसको पीछे से
कमर मे हाथ डालके पकड़ लिया,,,,मेरी इस हरकत से वो चिल्लाने लगी तो मैने अपने एक हाथ को उसके मुँह पे रख दिया
,,,,उसने चिल्लाने के लिए मुँह खोल लिया था ऑर मेरा हाथ उसके खुले मुँह पर था ऑर एक हाथ उसकी कमर पर था जहाँ सेमैने उसको कस्के पकड़ा हुआ था ऑर पीछे खींच कर अपने से सटा लिया था,,,,,,,उसकी मखमली पीठ मेरी चेस्ट ऑर
पेट पर घिसने लगी थी,,,,इतने मे मेरा लंड खड़ा होने लगा था जो उसकी गान्ड से टकराने लगा था,,,मैने अपने
हाथ को कस्के उसकी कमर पर रखा ऑर पेट के हल्के माँस को अपनी मुट्ठी मे दबा कर मसल दिया जिस से उसकी साँसे
अटकने लगी ऑर भारी होने लगी,,,,मेरा फेस उसके शोल्डर के पास था ऑर मैने अपने लिप्स उसके कान के पास ले जाके 
बड़े प्यार से बोला,,,,,,,,,,,,,,

वो लोग जो कर रहे है वो ग़लत है या सही मैं नही जानता,,,,,,,,,,मैं बड़ा स्लो आवाज़ मे बोल रहा था मेरी आवाज़ से
उसकी साँसे गर्म होने लगी थी जो मेरे हाथ पर महसूस हो रही थी,,,,उसकी हार्टबीट भी तेज थी,,,पीछे से मेरा 
लंड पूरा हार्ड हो गया था जो उसकी गान्ड की लाइन मे घुसने लगा था इस बात का एहसास उसको भी होने लगा था ऑर
वो खुद को आगे करने की कोशिश भी कर रही थी लेकिन मेरा हाथ उसकी कमर पर था ऑर मैने उसको कस्के पकड़ा
हुआ था,,,,,,,,,,,

उनलोगो का ऐसा करना सही है या ग़लत मैं नही जानता,,,,,,,,,,लेकिन एक बात जनता हूँ मैं भाई बेहन के सेक्स को
ग़लत नही मानता,,,,भाई बेहन से अच्छा दोस्त कोई नही होता दुनिया मे,,ऑर उनसे ज़्यादा यकीन किसी पर नही कर सकता
इंसान,,,,,मैं भी तेरा अच्छा दोस्त हूँ ऑर तुम मेरी अच्छी दोस्त हो,,,,तुम मेरे पे यकीन करती हो ऑर मैं तेरे पे
यकीन करता हूँ,,,ऑर तेरे साथ वही सब करना चाहता हूँ जो करण अपनी बेहन शिखा के साथ कर रहा है ,,,
लेकिन किसी ज़ोर ज़बरदस्ती से नही,,,तेरी रज़ामंदी से ,,,,प्यार से,,,,जैसे मैं तड़प कर तेरे करीब आने की कोशिश 
करता हूँ वैसे जब तू भी मेरे करीब आने को तड़पेगी ,,,उस दिन मैं तेरे साथ वही हरकत करूँगा जो कब्से करने
को तरसता जा रहा हूँ,,,,,,,,,,,इतना बोलकर मैने उसके कान के पास हल्की किस करदी तो उसने जल्दी से मेरे हाथ पर ज़ोर
से दाँत मांर दिए मुझे बहुत दर्द हुआ ऑर मैने उसको अपने हाथों से आज़ाद कर दिया,,,,वो पीछे होके दरवाजे
का साथ चिपक गई,,,उसकी पीठ दरवाजे के साथ लग गई थी ऑर सीना मेरी तरफ था लेकिन चेहरा झुका हुआ था वो 
नीचे देखती हुई तेज़ी से साँसे ले रही थी लेकिन जल्दी ही उसने चहरे उपर किया ऑर मेरी तरफ देखा इस बार वो गुस्से 
मे नही थी लेकिन रोने लगी थी,,उसका ध्यान मेरे लंड पर पड़ा जो पूरी ओकात मे था उसने जल्दी से चेहरा दूसरी
तरफ कर लिया ओर दरवाजा खोल दिया,,,,,,,,,,,

वो रोती हुई आवाज़ मे बोलने लगी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,जाओ यहाँ से सन्नी,,,ऑर उन लोगो को भी जाने को बोल दो ,,,वर्ना,,,,,,,,,

इतना बोलकर वो चुप हो गई ऑर मैं उसके रूम से बाहर निकल आया,,,,,,,,,,,,,

मेरे जाते ही उसने दरवाजा बंद कार लिया ,,,,,,,,

साला इसका लफडा क्या है,,,,,,,,,क्यू नही समझती मेरे दिल की बात को,,,,,,,,,,क्यू गुस्सा करती रहती है ऑर जब गुस्से से काम नही होता तो रोने लग जाती है,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,क्या करू मैं इस लड़की का,,,,,,,कुछ समझ नही आ रहा मुझे,,,,,,

खैर मैं नीचे गया ऑर मामा के रूम मे चला गया,,,,,,,,जहाँ करण ओर शिखा एक बार चुदाई करके नंगे लेटे 
हुए थे बेड पर,,,,,,

हो गया तुम लोगो का,,,,,,,,,,,,,मैने हल्के गुस्से से पूछा,,,,,,मुझे सोनिया पर गुस्सा था 

गुस्से मे क्यू हो भाई,,,,,,,,करण ने पूछा,,,,,

गुस्से मे नही हूँ करण लेकिन सोनिया जाग गई है वो नीचे आ गई तो पंगा हो जाना है तुम लोग जल्दी कपड़े
पहन लो ऑर जाओ यहाँ से,,,,,,,,,,,,,,

सोनिया का नाम सुनते ही शिखा जल्दी से कपड़े उठाकर बाथरूम मे चली गई ऑर करण भी तैयार होने लगा,,,,2 मिनट
मे करण भी तैयार हो गया ऑर शिखा भी बाथरूम से बाहर आ गई ,,,,,

सॉरी करण ,सॉरी सिखा,,,,,,,,,तुम लोगो को फुल मस्ती करने नही दे सका,,,,,,,,,,,,,,वो सोनिया की वजह से हुआ सब मैं
तो बस,,,,,,,,,,,

सॉरी बोलने की ज़रूरत नही है सन्नी भाई,,,,,,मैं सोनिया को अच्छी तरह जानता हूँ ऑर उसके गुस्से को भी,,,,,अरे मैं
क्या पूरा कोलेज जानता है उसके गुस्से को,,,,,,,,किसी की हिम्मत नही उसके सामने बोलने की,,,,,,

सही बोला करण भाई तभी तो तुम लोगो को जाने को बोल रहा हूँ,,,,,,,,,,,

करण ऑर शिखा वहाँ से चले गये ऑर मैं दरवाजा लॉक करके वापिस अंदर आ गया ऑर सीधा उपर सोनिया के रूम
के पास चला गया,,,,,,,,,,,,

मैं रूम के दरवाजे पर नॉक किया लेकिन दरवाजा अंदर से बंद था ,,,,,,

सोनिया दरवाजा खोलो मुझे तुमसे बात करनी है,,,,,,,

मुझे कोई बात नही करनी सन्नी दफ़ा हो जाओ यहाँ से,,,,,

प्लीज़्ज़ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज सोनिया एक बार मेरी बात तो सुन लो,,,,,,,,,,,

कुछ नही सुनना मुझे,,,,,,,,जो भी सुनना था तुम पहले सुना चुके हो,,,,,,,,,,अब जाओ यहाँ से,,,,,

मैने बहुत कोशिश की लेकिन उसने दरवाजा नही खोला,,,,,,,,,,मैं निराश होके मामा के रूम मे चला गया ऑर
बेड पर लेट गया,,,,,बेड शीट पर हल्का सा पानी गिरा हुआ था मैने पानी को हाथ ल्गया ओर हाथ को नाक के पास
ले जाके सूँघा तो पता चला कि ये शिखा की चूत का पानी था शायद क्यूकी खुश्बू तो चूत के पानी जैसी ही थी
ऑर इस खुश्बू ने मुझे मस्त कर दिया ऑर हाथ खुद-ब-खुद लंड पर चला गया ,,,साला सोनिया ने कलपद कर दिया था
लेकिन लंड महाराज तो मस्ती मे थे इसलिए अपना हाथ जग्गन्नाथ करना पड़ा मुझे,,,,मूठ मार कर आराम से
लेट गया ऑर कब नींद आ गई पता ही नही चला,,,,,

शाम को माँ ऑर मामा जी आ गये गाओं से वापिस ऑर उनके आने के थोड़ी देर बाद ही डॅड ऑर बुआ घर से 
चले गये,,,,मैं समझ गया था कि मामा ऑर माँ के आने के बाद डॅड ऑर बुआ एक दम से कहीं जा रहे 
थे तो पक्का था कि ये लोग भी गाओं जा रहे है,जबकि दोनो कहीं काम से जाने की बात कर रहे थे
लेकिन इस बार भी शोबा दीदी नही गई उनके साथ,,,,,,,

रात को करीब 9 बजे माँ ने खाना बनाया ऑर हमे डाइनिंग टेबल पर बुलाया ,,,मैं मामा जी ऑर
शोबा तो वहीं थे लेकिन सोनिया अभी तक नीचे नही आई थी ऑर ना ही दरवाजा खोला था,,,

शोबा बेटी जाओ तो ज़रा सोनिया को भी बुला लाओ डिन्नर के लिए,,,,जबसे मैं आई हूँ वो एक बार भी नीचे 
नही आई मेरे को मिलने ,,,,,,,

ठीक है माँ अभी लेके आती हूँ उसको,,,,,,,इतना बोलकर शोबा वहाँ से चली गई उपर सोनिया के रूम की
तरफ,,,, 

थोड़ी देर बाद शोबा सोनिया को लेके नीचे आ गई,,,,माँ अपनी चेयर से उठी ऑर सोनिया को गले लगा कर
मिलने लगी,,,,

तेरी तबीयत तो ठीक है बेटी,,,इतना टाइम हुआ मुझे घर आए तू एक बार भी मुझे मिलने नही आई,,,मैं
उपर तेरे डोर पर नॉक करके तक गई तूने डोर भी नही खोला,,,,

मेरी तबीयत ठीक नही थी माँ इसलिए आराम कर रही थी,,,दरवाजा भी इसलिए बंद किया था ताकि कोई
डिस्टर्ब नही करे मुझे,,,

माँ ने उसके फॉरहेड पर हाथ लगायाऑर देखने लगी कहीं बुखार तो नही है,,,,,,,तुझे बुखार तो
नही है बेटी लगता है वैसे ही थकावट हो गई होगी,,,,चल खाना खा ले फिर मैं तेरे को गर्म
दूध देती हूँ ,,,थोड़ा आराम मिलेगा उस से,,,,,,,,,,

सोनिया मेरे सामने वाली चेयर पर बैठ गई उसके साथ वाली चेयर पर शोबा बैठी हुई थी,,,,मेरे साथ
मामा जी ऑर माँ बैठी हुई थी,,,,,,,मामा तो पक्का नशेड़ी था जो काम करता उसी मे मगन हो
जाता ,,,,,,,,,जैसे अब खाना खाते टाइम उसका ध्यान खाने की प्लेट की तरफ ही रहता वो इधर उधर
कोई ध्यान नही देता,,,,

मैं खाना खाते टाइम सोनिया की तरफ देख रहा था ,,,,वो बड़ी उदास थी खाना भी बड़ी स्लो 
स्पीड मे खा रही थी,,,,,,,,रोटी के एक नीवाले को मुँह मे भरके चबाती रहती ,,गले से नीचे खाना
निगलने को भी दिल नही कर रहा था उसका,,,लेकिन फिर भी वो खाना खा रही थी,,,जब भी मैं उसकी
तरफ देखता तो मुझे देख कर सर झुका लेती ओर खाने की प्लेट मे कहीं खो जाती,,,,,तभी मेरा 
ध्यान शोबा दीदी की तरफ गया तो वो मुझे सबकी नज़रो से बचके इशारा कर रही थी लेकिन क्या बोल रही
थी मुझे कुछ समझ नही आ रहा था,,,वो बार बार मुझे इशारे मे कुछ बताने की कोशिश कर
रही थी लेकिन उसके सारे इशारे बेकार साबित हो रहे थे,,,,,,
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RE: Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही - by sexstories - 12-21-2018, 01:29 AM

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