Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
12-21-2018, 01:59 AM,
RE: Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
चल कोई बात नही बेटा अब तो तू मेरे पास आ गया है अब देख कितना मज़ा देती हूँ मैं तेरे को,,,,इतना मज़ा दूँगी
कि तेरा दिल ही नही करना वापिस घर जाने को,,,,तू यही रुक जाएगा मेरे पास,,,,

लेकिन माँ आपका तो हो गया अब मुझे भी तो कुछ मिलना चाहिए ,,,,मैं बीच मे बोल पड़ा,,,

क्या चाहिए अब तेरे को,,सरिता ने सन्नी से पूछा,,,,

माँ अब ये आपकी ,,मेरा मतलब है मेरी माँ की चुदाई कर चुका है अब मेरा भी तो हक बनता है इसकी माँ की मेरा मतलब अलका आंटी की चुदाई करने का,,,,,

हाँ बेटा मैं समझ गई अब मैं कुछ करती हूँ ताकि तुझे करण की माँ से चुदाई करवा सकूँ फिर करण का भी नंबर
लगवा दूँगी इसकी माँ के साथ ताकि करण भी अपने घर मे अपनी माँ बेहन क साथ फुल मस्ती कर सके जैसे हम लोग करते है,,,लेकिन वो सब बाद मे पहले तो आज मैं ज़ी भरके मज़ा लूँगी इस करण के जवान ओर जोशीले लंड का,,

तभी मामा बोल पड़ा,,,,,,,,,,अरे सबको अपनी अपनी पड़ी है कोई मेरे बारे मे भी सोच लो,,,,,

अब आपको क्या चाहिए मामा ,शोभा ने मामा की तरफ फेस किया ओर मामा को किस करने लगी,,,,

अरे बेटी मुझे भी तो शिखा की चूत दिलवा दो मेरा भी दिल करता है जैसे मेरी बेहन एक बेड पर 2 जवान ओर जोशीले लंड
का मज़ा लेगी मैं भी उसी तरह एक ही बेड पर 2 जवान ओर रसीली चूत का मज़ा लेना चाहता हूँ,,,,,,,,,,

तभी शोभा हँसने लगी,,,,,,,,,,,ठीक है मामा कल तुम मेरे साथ बुटीक पर चलना तुम्हारा भी काम करवा दूँगी,,,लेकिन
अब तो मेरी चूत की खुजली दूर करो पहले,,,,,

नही बेटी यहाँ नही यहाँ बेड छोटा है हम लोग उपर चलते है तेरी बुआ के ड्रॉयिंग रूम मे ऑर वहाँ जाके आराम से
सब लोग मिलकर मस्ती करते है,,,,

मामा के इतने बोलने की देर थी कि सब लोग खड़े हो गये ओर उपर की तरफ चलने लगे,,,,मामा ने तो दीदी को गोद मे उठा लिया था जबकि सरिता ऑर करण बाहों मे बाहें डालके उपर की तरफ चल रहे थे ऑर मैं पीछे खुद अपने हाथ से अपने लंड को सहलाता हुआ चल रहा था,,,,

उस रात करण ऑर सरिता एक साथ मस्ती करते रहे क्यूकी सरिता को एक जवान जोशीला लंड मिल गया था जबकि करण को एक मस्त ऑर मोटी गान्ड मिल गई थी,,,,,, वहीं मामा ऑर शोभा आपस मे लगे रहे उन लोगो का हाल भी सरिता ऑर करण वाला था फ़र्क बस ये था यहाँ करण का जोशीला लंड था ऑर वहाँ माँ की रसीली चूत ऑर मोटी गान्ड थी ,,,आज दोनो पक्के खिलाड़ियों के पास नये खिलाड़ी थे जो बहुत दमदार खेल खेलने मे महारत हासिल कर चुके थे,,,,,,बचा सन्नी ,,सन्नी उस रात कभी मामा ऑर शोभा का साथ देने लग जाता तो कभी सरिता ऑर करण का,,,,,,,वो जानता था ये 2 दिन की मस्ती है फिर तो सन्नी ने ही चोदना है अपनी माँ ऑर बेहन को,,,,फिर कहाँ रोज रोज मामा ने शोभा को ऑर करण ने उसकी माँ को चोदना है,,,एक बात ऑर थी जिस से सन्नी को कोई टेन्षन नही हो रही थी,,आज अपनी माँ करण के हवाले करके सन्नी को करण की माँ यानी अलका आंटी अपने बेड पर नंगी लेटी हुई नज़र आने लगी थी ,,जिसको वो दमदार चुदाई कर रहा था यही सोच सोच कर सन्नी खुशी से पागल हुआ जा रहा था,,,,

रात भर सब लोग जमकर चुदाई करने लगे रहे ऑर सब लोग ही खुश थे,,,,मामा शोभा का साथ लगा रहा ऑर माँ करण के साथ ऑर मैं बीच मे बीचोला बनकर कभी इधर मस्ती करता तो कभी उधर,,,,मैने गौर किया कि माँ करण की दीवानी हो गई थी 


जबकि मामा शोभा का दीवाना ,,,करण ऑर शोभा भी मामा ऑर माँ के दीवाने हो गये थे इसलिए मेरे को कोई पूछ ही नही रहा था ये तो माँ बेटी को 2 लंड से ऑर आज तीन लंड से चुदना था इसलिए मेरे को साथ रख रही थी वर्ना मुझे तो शायद रूम से बाहर निकाल देती ये दोनो,,,,मुझे थोड़ा गुस्सा तो आ रह था लेकिन एक बात से मेरा दिल खुश हो रहा था मुझे अब करण की माँ नंगी लेटी हुई मेरे सामने नज़र आ रही थी जिसकी मोटी ऑर मस्त गान्ड की मैं चुदाई कर रहा था,,,,

सुबह सोनिया कविता के घर से ही कॉलेज चली गई थी जबकि करण का मूड नही था कॉलेज जाने का ऑर ना ही आज शोभा का दिल था कॉलेज जाने का लेकिन कल रात शोभा ने मामा को बोला था कि वो बुटीक पर जाके मामा को शिखा की चूत दिलवाएगी इसलिए सुबह मामा ऑर दीदी बुटीक पर चले गये नाश्ता करने के बाद,,,, उनके जाने के बाद माँ ऑर करण का प्रोग्राम फिर से शुरू हो गया मेरा दिल नही कर रहा था इसलिए मैं कोई बहाना करके वहाँ से चला गया,,,,माँ ऑर करण ने मुझे रोकने की कोशिश की लेकिन मैं ज़रूरी काम है बोलकर वहाँ से चला गया,,,,ऑर मैं जाता भी क्यू नही रात भर मामा शोभा से चिपका रहा ऑर अब शोभा के साथ बुटीक पर चला गया इधर मेरी माँ भी तो सारी रात करण से चिपकी रही मेरी तो कोई एहमियत ही नही रह गई थी,,,मैने सोचा क्यू ना इसको तडपाया जाए करण से मस्ती करनी है तो ठीक है उसके पतले लंबे मूसल से मस्ती करने दो मैं भी देखता हूँ कितना टाइम खुजली दूर कर सकता है वो मेरी माँ की,,चार दिन की चाँदनी है फिर तो काली रात है आज माँ करण से चिपकी हुई है बाद मे तो मेरे बड़े मूसल क पास वापिस आएगी क्यूकी कितना भी चुद ले कारण के लंड से उसकी खुजली दूर नही होनी ये तो एक नई एग्ज़ाइट्मेंट है बस ओर कुछ नही ऑर मैं भी ऐसा इसलिए होने दे रहा था क्यूकी मुझे भी तो अलका आंटी की गान्ड मारनी थी
,,,

अब घर से तो बाहर निकल आया था सो क्या कर सकता था टाइम पास करने क लिए कॉलेज ही चला गया ,,,कॉलेज के गेट से एंटर हुआ तो सामने देखा सारा कोल्लेज एक जहग पे इकट्ठा हुआ था बहुत भीड़ लगी हुई थी ,,,आगे जाके देखा तो पोलीस के जीप खड़ी हुई थी पास मे ही कलाज का प्रिन्सिपल खड़ा हुआ था जो पोलीस वाले से बात कर रहा था तभी मेरा ध्यान पड़ा एक साइड खड़े हुए सुमित पर जिसके हाथ पर प्लास्टर लगा हुआ था,,,मैं जाके सुमित के पास खड़ा हो गया लेकिन बोला कुछ नही ऑर पोलीस वाले की ऑर प्रिन्सिपल की बातें सुनने लगा,,,,तभी मेरा ध्यान सोनिया ऑर कविता की तरफ गया ,,कविता तो मुझे देख कर खुश हो गई लेकिन सोनिया की नाक पर अभी तक गुस्सा था इसलिए वो कविता का हाथ पकड़ कर उसको वहाँ से एक साइड पर ले गई,,,,,,मैने वापिस अपना ध्यान प्रिन्सिपल ऑर पोलीस वाले की बातों पर केंद्रित कर दिया,,,

प्रिन्सिपल,,,,,,,,,,,नही सर अमित ऐसा नही कर सकता वो तो बहुत होनहार ऑर ब्रिलियेंट स्टूडेंट है आप उसके बारे मे कॉलेज के किसी भी स्टूडेंट से पूछ सकते हो,,,, 

पोलीस,.,,,,,,,,,,,,लेकिन इस लड़के ने तो कंप्लेंट की है कि अमित ऑर उसके दोस्तो ने मारा है इसको,,,,ये भला झूठ क्यू बोलने लगा,,,,देखो इसका तो हाथ भी टूट गया है इतना बुरा मारा उन लोगो ने इसको,,,, ओर आप बोल रहे हो वो शरीफ लड़के है इस कॉलेज के,,,

प्रिन्सिपल,,,,,,आपको कोई ग़लत फहमी हो रही है वो लोग ऐसे नही है वो लड़के तो बहुत होनहार स्टूडेंट है कॉलेज के ,,,इतना बोलकर प्रिन्सिपल पोलीस वाले के शोल्डर पर हाथ रखके उसको अपने साथ एक साइड की तरफ ले गया ,,,

ये किसने किया है तेरे साथ सुमित,,,,,,,,,,,क्या अमित ओर उसके दोस्तो ने ,,,,मैने गुस्से से पूछा,,,,

हाँ सन्नी भाई कल मैने उन लोगो से दोस्ती करली थी सारा दिन हम घूमते रहे रात को ड्रिंक करने के बाद वो लोग मुझे मेरे घर छोड़ने गये थे ,,उन लोगो को पूरा यकीन हो गया था कि मैं झूठ मूठ आपकी गॅंग मे शामिल हुआ था दिल से तो मैं उन लोगो का ही दोस्त था फिर पता नही रात को उनलोगो को क्या हो गया मेरे घर के पास जाके खाली ऑर सुनसान जगह पर कार रोक कर उनलोगो ने मुझे कार से नीचे उतरा ऑर मारना शुरू कर दिया,,1-2 लोग होते तो मैं संभाल लेता लेकिन वो लोग 4 थे ,,,3 लोगो ने मुझे पकड़ लिया और अमित ने मुझे बहुत मारा ,,,उसकी कार मे हॉकी स्टिक थी जिस से उसने मेरे सर ऑर हाथ पे मारा ऑर मेरा हाथ तोड़ दिया,,,,इतना बोलकर वो रोने लगा,,,,,,,,,,
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