RE: Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
तभी कुछ देर बाद भाभी फिर बाथरूम से बाहर निकल आई लेकिन इस बार वो नंगी नही थी उनके जिस्म
पर एक टवल था जिसको उन्होने अपने बूब्स से लेके चूत के थोड़ा सा नीचे तक बँधा हुआ था लेकिन फिर
भी वो शरमा रही थी,,,,,
मैं अभी भी उनको एक आँख से देख रहा था लेकिन मैने दूसरी आँख से पट्टी नही उठाई थी,,,,
तुझे कहा था ना पट्टी मत उतारना,,,भाभी ने मेरे पास आके मेरी आँख पर लगी पट्टी को वापिस नीचे किया ऑर
मेरे गाल पर हल्के से थप्पड़ मारा,,,,
अरे भाभी अब इतना क्यूँ शरमाती हो ,,मैं पहले भी तो आपको ऐसी हालत मे देख चुका हूँ ऑर आपके साथ
सब कुछ कर चुका हूँ फिर भला अब ये शर्म कैसी,,,,,,,,,
तब हालात कुछ ऑर थे उस दिन सन्नी मैं मजबूर थी वो सब करने को,,,भाभी ने मेरे पास बैठ
कर मेरे हाथ को अपने हाथ मे ले लिया,,,,वैसे थोड़ी मजबूर भी थी तेरी वजह से
अच्छा तो आज भी आप मजबूर थी ऑर वो भी मेरी वजह से,,,,
हाँ आज भी मजबूर थी ऑर मजबूर नही भी थी,,,,,आज तो मेरा दिल कर रहा था तेरे से मिलने को ,,,तभी तो,,,
तभी तो क्या भाभी,,,,
तभी तो तुझे झूठ बोल कर यहाँ बुलाया था ,,तबीयत ठीक नही होने का बहाना किया था,,,इतना बोलकर
भाभी हँसने लगी,,,,
मैं भी दिल ही दिल मे हँसने लगा,,,,,लेकिन उपर उपर से नाटक करने लगा,,,,
क्या भाभी अपने झूठ बोलकर मुझे यहाँ बुला लिया ऑर वहाँ पता है कितनी इंपॉर्टेंट क्लास मिस हो गई मेरी
अच्छा कॉलेज की क्लास इंपॉर्टेंट थी ऑर मैं इंपॉर्टेंट नही हूँ क्या तेरे लिए,,,,क्या वहाँ क्लास मे ही मज़ा
आता तेरे को ओर यहाँ मज़ा नही आया क्या,,,,
ऐसी बात नही है भाभी कॉलेज की क्लास से ज़्यादा इंपॉर्टेंट तो आपकी क्लास है जिसमे कॉलेज से ज़्यादा मज़ा आया
मुझे लेकिन अपने मज़ा थोड़ा किरकिरा भी कर दिया आज,,,,
मज़ा किरकिरा कर दिया,,भाभी थोड़ा उदास हो गई,,,लेकिन मैने तो तेरे को ससप्राइज़ दिया तुझे सर्प्राइज़ अच्छा
नही लगा क्या,,,भाभी सच मे उदास होके बोल रही थी,,,
कॉन्सा सुरप्राइज़ भाभी,,,,
कॉन्सा सर्प्राइज़,,ये भी बताना पड़ेगा क्या अब मुझे सन्नी,,,
मैने भाभी के फेस की तरफ अपना फेस किया ऑर भाभी के गाल पर किस करदी ,,
इतने प्यार से मैने आज तेरा लंड चूसा ऑर तुझे सर्प्राइज़ दिया ऑर तू पूछता है कॉन्सा सर्प्राइज़,,,,उस दिन तो
मैं तेरा लंड ठीक से चूस नही पाई थी क्यूकी अंजान थी इन सब बातों से इसलिए आज मोका देख कर तुझे
झूठ बोलके यहाँ बुलाया ताकि तेरा लंड चूस सकूँ ऑर तुझे उस दिन के लिए थन्क्ष्क्ष्क्ष बोल सकूँ लेकिन तू है
की पूछता है कॉन्सा सर्प्राइज़,,,,,भाभी ने फिर से थोड़ा उदास होके बोला,,,,
अच्छा तो आप उस सर्प्राइज़ की बात कर रही हो मुझे लगा कि ये आँखों पर पट्टी वाली बात को आप सर्प्राइज़ बोल
रही हो ,,,,मैं तो इस पट्टी वाली बता को बोरिंग बोल रहा था भाभी इसी ने तो सारा मज़ा किरकिरा किया है जिस
वजह से मैं आपके खूबसूरत ऑर नंगे जिस्म को जी भरके नही देख पाया,,,आपका वो लंड चूसने वाला
सर्प्राइज़ तो बहुत अच्छा लगा मुझे ओर आज तो अपने बहुत अच्छे से चूसा मेरे लंड को भाभी सच मे बहुत
मज़ा आया मुझे,,,,
तभी भाभी खुश हो गई ऑर मेरे सीने से लग गई,,सच मे सन्नी तुझे मज़ा आया जब मैने तेरा लंड चूसा
मुझे तो लगा था आज मैं ठीक से नही कर पाउन्गी थोड़ा दर भी रही थी क्यूकी कभी ऐसा नही किया मैने
आज तक,,,सबसे पहला लंड तेरा है जिसको मैने मुँह मे लिया,,,,
क्यू भाभी सूरज भाई का लंड नही लिया क्या कभी मुँह मे ,,,,,
नही सन्नी वो ऐसा कुछ नही करते बस मैं नीचे लेट जाती हूँ ऑर वो उपर आके 2 मिनट मे अपना काम
करते है ऑर सो जाते है ,,ना तो कभी मेरी चूत को चाटते है ऑर ना कभी आज तक उन्होने मुझे अपना लंड
चुस्वाया है ऑर मैं भी इन सब बातों से अंजान थी अभी तक ,,वो तो उस दिन तुझे ऑर शोभा को ऐसा करता
देख एक अलग ही मज़ा आया मुझे,,,इसलिए तो तुझे यहाँ बुलाया है मैने,,,ताकि तेरा लंड चूस सकूँ ऑर तुझे
खुश कर सकूँ,,,
भाभी मुझे खुशी तो हुई पर इस पट्टी ने मज़ा खराब कर दिया,,,,क्या अब इसको उतार दूं मैं,,,,
नही सन्नी इसको मत उतरना प्लीज़ इस पट्टी की वजह से मैं तुम्हारे साथ हूँ इसी पट्टी ने तो मेरी हिम्मत
बढ़ाई है आज ऑर मैं इतना सब कुछ कर सकी हूँ,,,वर्ना मेरी तो कभी हिम्मत ही नही होती तेरे सामने यू
कपड़े उतारने की,,,, ऑर अगर ये पट्टी उतर गई तो मैं यहाँ से चली जाउन्गी ऑर तुझे तेरा दूसरा सर्प्राइज़ भी
नही दूँगी,,,,इतना बोलकर भाभी थोड़ा हँसने लगी,,,
कॉन्सा दूसरा सर्प्राइज़ भाभी,,,मैने एक्सिट्मंट मे पूछा,,
क्यू बताऊ कॉन्सा सर्प्राइज़ ,,तूने तो पट्टी उतारनी है ना आँखों से तो उतार दे ,,,
नही उतारता इस पट्टी को भाभी लेकिन जल्दी बताओ ना कॉन्सा दूसरा सर्प्राइज़,,
तभी भाभी बेड से उठी ऑर शायद खड़ी हो गई थी उन्होने ने मेरा हाथ पकड़ा ऑर अपनी गान्ड पर रख दिया
मैं तो एक दम से खुश हो गया था क्या मस्त गान्ड थी उनकी ऑर उसके उपर आयिल भी लगा हुआ था जो भाभी
शायद बाथरूम से लगा कर आई थी ,,मैने भाभी की चिकनी आयिल लगी गान्ड पे हाथ घमाया ऑर हलके से अपनी
एक उंगली भाभी की गान्ड के हॉल के करीब करदी गान्ड पर बहुत ज़्यादा आयिल लगा हुआ था जिस से उंगली फिसल कर
गान्ड मे घुस गई ऑर भाभी के मुँह से हल्की अयाया निकल गई,,,,,,,,ऑर इधर मेरा लंड फिर से ओकात मे आ
गया,,,,,
क्यू कैसा लगा दूसरा सर्प्राइज़ ,,इतना बोलकर भाभी ने मेरा हाथ गान्ड से हटा दिया ऑर मेरे लिप्स पर किस
करने लगी,,,,किस करते हुए भाभी ने मुझे वापिस बेड पर लेटा दिया ऑर खुद मेरे उपर आ गई जब मैं
बेड पर लेट गया तो भाभी ने फिर से मेरे हाथ बाँधने की कोशिस की,,,,
अरे भाभी आँखों पर पट्टी तो ठीक है लेकिन ये हाथ क्यू बाँध रही हो,,इनको तो खुले रहने दो,,,,
नही सन्नी हाथ भी बाँधने ज़रूरी है क्यूकी इसका भी एक अलग ही मज़ा है ऑर वैसे भी अब मैं काफ़ी कुछ
सीख चुकी हूँ तेरे ऑर शोभा से अब मैं सब ठीक से कर लूँगी,,,
लेकिन भाभी पहली बार भी ठीक से नही हुआ था आपसे तो अब कैसे होगा ,,पहले भी आपको मेरे हाथ खोलने
पड़े थे,,,,
ठीक है अगर इस बार भी मेरे से सही से नही हुआ तो मैं तेरे हाथ खोल दूँगी लेकिन अभी तो बाँधने दे
फिर मैं कुछ नही बोला ऑर आराम से लेट गया भाभी ने मेरे हाथ फिर से बाँध दिए ऑर एक पल के लिए मेरे
से दूर हट गई ऑर वापिस मेरे करीब होके मुझे किस करने लगी ऑर किस करते हुए मेरे उपर लेट गई,,,
भाभी अब फिर से नंगी हो गई थी उन्होने टवल निकाल दिया था ,,उनका नंगा जिस्म मेरे नंगे जिस्म पर
महसूस करके मैं फिर से मस्त हो गया था लंड तो पहले से ओकात मे आ गया था जब हाथ भाभी की आयिल
वाली चिकनी गान्ड पर रखा था लेकिन अब तो लंड मे हल्का दर्द होने लगा था मैं बस जल्दी से अपने लंड
को भाभी की गान्ड मे घुसा देना चाहता था,,,
लेकिन भाभी को कोई जल्दी नही थी जबकि मुझे डर लग रहा था कहीं खेल ख़तम होने से पहले कविता नही
आ जाए कॉलेज से,,,,
भाभी मेरे उपर लेट कर मुझे किस करते हुए मेरे जिस्म पर हाथ फेरने लगी,,,,मैं भी भाभी को पूरी
मस्ती से किस का रेस्पॉन्स देने लगा ,,,,,
हाई कितना मज़ा आता है तेरे साथ ऐसे नंगे होके लेटने मे सन्नी ,,जी करता है सारा दिन तेरे साथ ऐसे ही बेड
पर लेटी रहूं ऑर तेरे जिस्म से खेलती रहूं,,,तेरे मूसल लंड को चूत मे लेके बेड पर सोती रहूं सारा दिन,,,
जो दिल करता है करो भाभी ऑर जितना टाइम मेरे साथ सोना है आराम से सोती रहो मुझे कोई प्राब्लम नही है,,
तुझे नही है लेकिन मुझे तो है ना,,,,कभी भी कोई भी आ सकता है ,,
कों आ सकता है भाभी,,,,,कविता अभी कॉलेज मे होगी ऑर सूरज भाई ऑफीस मे,,,अपनी सास ऑर ससुर तो बाहर सिटी
मे है तो फिर कॉन आ सकता है,,,,
उनमे से तो कोई नही आ सकता बट कोई ऑर भी तो आ सकता है ना,,,जैसे कोई पड़ोसी या कोई ऑर,,,
अरे भाभी पड़ोसी घर के अंदर तो नही आएगा ना ऑर वो कॉन्सा रोज रोज आएगा,,,रोज रोज का डर तो घरवालो का
होता है,,,,,
हाँ सन्नी ठीक कहा तूने ,,,,काश कुछ ऐसा हाल हो जाए इस मुश्किल का कि हम दोनो जब दिल करे तब मस्ती कर
सके किसी घर वाले के आने का भी डर नही हो,,,काश किसी तरह से ये मसला हल हो जाए तो हम दोनो जब दिल
करे तब मस्ती कर सकते है वो भी बिना किसी डर के,,,,लेकिन इतनी किस्मत कहाँ इतनी जल्दी ऑर इतनी आसानी से ये मसला हल होने वाला कहाँ,,,,
मैने दिल ही दिल मे सोचा कि भाभी आप कविता को इस खेल मे शामिल कर लो फिर सब ठीक हो जाएगा क्यूकी वही
है जो कॉलेज से जल्दी आ जाती है सूरज भाई तो रात को ही आता है,,अगर कविता खेल मे शामिल हो गई तो हम सूरज
भाई के आने तक तो मस्ती कर ही सकते है ऑर वो भी सारा दिन,,बिना किसी डर के,,,,
हाँ भाभी ये मुश्किल इतनी जल्दी ऑर आसानी से हल होने वाली कहाँ है,,,ओर वैसे भी इस मुश्किल को आपको ही हल करना होगा ,,मैं इसमे कोई हेल्प नही कर सकता आपकी,,,,
जानती हूँ सन्नी लेकिन मुझे समझ नही आता कैसे हल होगी ये मुश्किल ,,,,
चलो छोड़ो भाभी जब हल होगी तब होगी अभी तो हम लोग मस्ती करते है अब भला क्यू फालतू की टेन्षन लेके
टाइम वेस्ट करना,,,,मैने अभी इतना बोला ही था कि भाभी फिर से मेरे लिप्स पर किस करने लगी ऑर अब भाभी
ने मेरे लंड को भी हाथ मे ले लिया था जो पूरी ओकात मे आ गया था,,,
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