RE: Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
तभी सोनिया भी जल्दी से भाभी एक पास आ गई ऑर पकोडे खाने लगी,,,,,चल; झूठी तूने पैसे कहाँ खर्च किए तूने तो
बोला था कि ये सूरज भाई की तरफ से ट्रीट है उन्होने तुझे पैसे दिए थे मूवीस के लिए,,,,,
तभी मैने सूरज की तरफ देखा तो उसने मुझे इशारा कर दिया,,मैं समझ गया कि सूरज ने कविता को पैसे दिए थे
ताकि वो शाम तक मूवीस देखती रहे ऑर यहाँ घर पर हम लोग आराम से मस्ती कर सके,,,
फिर सूरज भी सामने के सोफे पर बैठ गया ऑर हम सब लोग पकोडे खाने लगे,,,,भाभी कविता ऑर सोनिया अपनी ही बातों मे लगी हुई थी,,,,जबकि मैं ओर सूरज चुप चाप पकोडे खा रहे थे,,,
पकोडे ऑर कॉफ़ी ख़तम हो गई ओर मैं सोफे से उठ गया ,,,,,
ओके सूरज भाई अब मैं चलता हूँ ,,,,थोड़ा काम है मुझे घर पर,,,,
सूरज भी सोफे से उठ गया साथ ही मुझे देख कर भाभी भी सोफे से उठ गई,,,,
सूरज मेरे करीब आया ऑर बोलने लगा,,,,,,,थॅंक्स्क्स्क्स सन्नी भाई एक बार फिर ,,,,,अगर तुम ना होते तो आज मैं ऑर कामिनी इतना
खुश नही होते ,,,तुम्हारी वजह से ही आज ये खुशी मिली है हम पति पत्नी को,,,तुम्हारी वजह से हमारी बिखरती हुई
शादीशुदा ज़िंदगी फिर से सिमटने लगी है,,तुम ना होते तो आज भी हम लोग वैसे ही दुखी होते जैसे शादी के बाद से
थे लेकिन तुम्हारे आने से हम लोगो की ज़िंदगी मे खुशी वापिस पलट कर आई है,,,,,मैं जितना भी शुक्रिया अदा करू
तेरा वो कम है सन्नी,,,इतना बोलकर सूरज मेरे गले लग गया ऑर हलके आँसू भी आ गये उसकी आँखों मे
सोनिया ऑर कविता हम लोगो की तरफ देख रही थी तभी भाभी भी हम लोगो के पास आ गई ऑर सूरज ऑर मेरे गले लग गई,,
सूरज ठीक कह रहा है सन्नी आज तुम्हारी वजह से हम लोग इतना खुश है ऑर जो गिफ्ट तूने हम को दिया है उस से हम आगे की
ज़िंदगी भी खुश रह सकते है,,,,,हम कभी भी तेरा ये एहसान नही चुका सकते,,,भाभी की आँखें भी थोड़ा नम हो
गई,,
मैने सोनिया की तरफ देखा तो वो पहले तो गुस्से से देखती थी मुझको लेकिन अब उसकी आँखों मे गुस्सा तो था लेकिन चहरे
पर कुछ अजीब भाव थे जिसको मैं पहचान नही पा रहा था,,तभी वो सोफे से उठी ऑर बाहर की तरफ जाने लगी,,,वो किसी
से कुछ नही बोली ओर चुप चाप बाहर चली गई,,,कविता भी उसके पीछे पीछे चली गई,,,
मैने भी भाभी ऑर सूरज भाई से अलविदा ली ऑर बाहर की तरफ आ गया,,,वो लोग अभी भी नम आँखों से मुझे बाहर जाते हुए
देख रहे थे,,,,,
मैं बाहर गेट पर पहुँचा तो कविता ऑर सोनिया कुछ बात कर रही थी,,
कविता,,,,,क्या हुआ तुझे तू ऐसे उठकर क्यू चली आई एक दम से,,,,
सोनिया,,,,,,,कुछ नही मुझे देर हो रही थी,,,मुझे घर जाना था,,,,चल अब तू मुझे घर छोड़के आ जल्दी से,,,
कविता,,,,,,,,तू मुझसे झूठ मत बोला कर,,मैं तेरी बेस्ट फ्रेंड हूँ तेरा झूठ पकड़ लेती हूँ एक मिनट मे,,,
सोनिया थोड़े गुस्से मे ,,,,,,,,,,,मैं झूठ नही बोल रही मुझे सच मे देर हो रही है ,,अब तू मुझे घर ड्रॉप करके
आएगी या मैं खुध चली जाउ,,,
इतनी देर मे मैं भी उनके पास पहुँच गया,,,
कविता,,,,मैं क्यू छोड़ने जाउ तेरे को,,ये सन्नी है ना तू इसके साथ चली जा,,,,,
सोनिया फिर गुस्से मे,,,,मुझे नही जाना किसी के साथ,,मैं तेरे साथ आई थी ऑर तेरे साथ ही जाउन्गी,,,,अगर तुझे नही जाना
तो बता दे मैं खुश चली जाती हूँ ऑटो रिक्शा पर,,,,
कविता,,,,,,तुझे हुआ क्या है ये तो बता,,जानती हूँ तू सन्नी से गुस्सा है लेकिन तूने अंदर देखा नही कि सन्नी की वजह
से भाई ऑर भाभी कितना खुश है,,,,कैसे आंटी को थॅंक्स्क्स्क्स बोलते बोलते वो लोग तक नही आरहे थे,,,उनकी आँखों मे
आँसू ने देखे तूने,,,,तुझे तो खुश होना चाहिए कि सन्नी की वजह से मेरे घर की सब खुशियाँ वापिस आ गई है,,आज
के दिन तो तू सन्नी से गुस्सा ख़तम कर सकती है,,,,,उसने तेरी बेस्ट फ्रेंड के घर मे खुशियों को वापिस बुला लिया है,,
अब कोई टेन्षन नही भाभी को,,,,
वो लोग बात कर रहे थे तभी मैने गेट खोला ऑर कविता को बाइ बोलके बाइक की तरफ चला गया,,,
तभी कविता ने मुझे आवाज़ दी,,,,,,एक मिनट रुक सन्नी अभी मत जा,,,
मैने बाइक स्टार्ट करली मगर वहाँ से गया नही,,,,
कविता,,,,,,,देख मैं जानती हूँ तेरी ऑर सन्नी की फाइ8 चल रही है किसी बात पर लेकिन अपनी बेस्ट फ्रेंड की वजह से तू एक दिन
के लिए उसको माफ़ नही कर सकती,,,आज भाभी ऑर भाभी कितने खुश है सन्नी की वजह से ऑर तू ऐसे गुस्से मे उठकर चली
आई तो वो लोग क्या सोच रहे होंगे,,,,क्या तू अपनी बेस्ट फ्रेंड के लिए इतना भी नही कर सकती,,,
सोनिया,,,,,क्या सच मे सारी प्रोबलम दूर हो गई है,,,,,भाभी की प्रोबलम भी,,लेकिन वो तो शोभा दीदी की वजह से दूर हुई थी
हम ने शोबा दीदी को बोला था भाभी की प्रोबलम के बारे मे,,,
कविता,,,,,हाँ शोबा दीदी को बोला था बट दीदी ने सन्नी को बता दिया था सब कुछ,,ऑर सन्नी के किसी दोस्त के फादर बहुत
अच्छे डॉक्टर थे ,,सन्नी ही भाभी को लेके गया था डॉक्टर के पास ,,ये बात भाभी ने खुद बताई थी मेरे को,,,इसलिए
सन्नी की वजह से ही भाभी की प्रोबलम दूर हुई ही ना कि शोबा दीदी की वजह से,,,
सोनिया,,,,,,,ऑर बाकी की प्रोब्लम्स ,,उनका क्या,,,,क्या वो भी दूर हो गई,,,,,मतलब तेरी प्रोब्ल्म्स,,,,
कविता ने सोनिया को चुप रहने का इशारा किया,,,,,,,,हाँ वो सब प्रोब्ल्म्स भी दूर हो गई है,,,,,सिर्फ़ ऑर सिर्फ़ सन्नी की वजह से
अब हमारे घर मे कोई प्रोबलम नही है,,,अब बस खुशियाँ ही खुशियाँ है घर मे,,,,
सोनिया ऑर कविता गले लग गई ऑर बहुत ज़्यादा खुश हो गई,,,,,,मेरी समझ मे कुछ नही आया कि वो दोनो क्या बात कर रही थी,,,
कुछ कुछ तो मैं समझ गया लेकिन अभी बहुत कुछ समझना बाकी था,,,,,
चल अब मेरी खातिर तू सन्नी को एक दिन के लिए माफ़ कर्दे ओर उसके साथ घर चली जा,,,,
लेकिन कविता,,,,,,,,,
लिकिन वेकीन कुछ नही ,,अपनी बेस्ट फ्रेंड के लिए इतना भी नही कर सकती ,,,,ऑर अपने भाई के लिए जिसने तेरी बेस्ट फ्रेंड की इतनी
हेल्प की उसके घर मे खुशियों को वापिस लेके आया,,,,,,
ठीक है मेरी माँ अब ज़्यादा इमोशनल मत करो,,,इतना बोलकर दोनो हँसने लगी ऑर गले लग्के बाइ बोलने लगी,,,कविता ऑर
सोनिया दोनो बाहर आ गई जहाँ मैं बाइक स्टार्ट करके खड़ा हुआ था,,,,
ओके बाइ कविता इतना बोलकर सोनिया बाइक पर बैठ गई ,,,
बाइ सोनिया,,,,,बाइ सन्नी,,,,
मैने भी बाइ बोला ऑर बाइक आगे बढ़ा दी,,,,सोनिया ने मुझे नही पकड़ा हुआ था उसने बाइक को पकड़ा हुआ था,,,मैं
समझ गया कि कविता की वजह से ये सोनिया मेरी बाइक पर बैठ तो गई है लेकिन इसका गुस्सा अभी तक शांत नही हुआ है
इसलिए कविता की गली से बाहर निकलते ही मैने बाइक साइड पर रोक दिया,,,,,,
चल उतार,,,ओर खुद चली जा घर,,,,,मइए सोनिया को बाइक से उतरने को बोला,,,,,
क्या हुआ सन्नी,,,,,
कुछ नही,,मुझे लगा कि तूने भी कविता के घर से थोड़ी दूर आके बोल देना है कि मुझे तेरे साथ घर नही जाना
मुझे बाइक से उतार दो इसलिए तेरे बोलने से पहले ही मैने खुद बाइक रोक दिया,,,,,,चल उतर अब खुद चली जा घर
लेकिन सन्नी ,,,वो मेरे पास,,,वो,,
वो वो क्या,,,कविता के घर तो बड़ी गुस्से से बोल रही थी मुझे नही जाना इसके साथ मैं खुद चली जाउन्गी ,,तो अब
क्या हुआ,,,,,
सन्नी मेरे पास पैसे नही है,,मैं कैसे घर जाउन्गी,,,,,,
तो फिर फालतू का नखरा क्यूँ कर रही थी उसके घर ,,,,सीधी तरह बैठ नही सकती थी आके,,,,,
सॉरी सन्नी ,,लेकिन मेरी क्या ग़लती है सारी ग़लती तो तेरी है,,,,,
चल चल बस कर ,,,ज़्यादा मत बोल ,,मैं जानता हूँ मेरी ग़लती है ऑर मैं हूँ भी ग़लत इंसान,,,अब खुश,,,,इतना
बोलकर मैं बाइक आगे बढ़ा दी,,,,ना वो कुछ बोली ऑर ना मैं खुश बोला,,,,,
फिर आगे चलके ऑटो स्टॅंड आ गया मैने बाइक फिर रोक दी,,,,,,ऑर ऑटो वाले से पूछा,,,,,
भैया ------ नगर चलोगे क्या,,,,
हां साहिब ज़रूर चलेंगे,,,,,कितनी सवारी है,,,,,
एक सवारी है,,इतना बोलकर मैने सोनिया को बाइक से उतरने को बोला ऑर वो उतर गई,,,,,जा जाके ऑटो मे बैठ जा,,,,,,
वो उदास होके मुझे देख रही थी मानो बोल रही थी कि उसके पास पैसे नही है,,,,,तभी मैं अपने पर्स से पैसे निकाले
ऑर ऑटो वाले को दे दिए,,,,,
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