RE: Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
ऐसे क्या देख रहे हो सन्नी इतना बोलकर शिखा दीदी अंदर आ गई और आते ही मेरे से चिपक गई,,वो इतनी ज़ोर से
आके मेरे गले लगी थी कि धक्के से मेन गेट से 2-3 कदम पीछे खिसक गया था,,शिखा दीदी ने गले लगते ही
मेरे लिप्स पर अपने लिप्स रखे और मुझे किस करना शुरू कर दिया और मैं तो वैसे ही सोनिया की वजह से गर्म होके
आया था घर से और अब शिखा दीदी को इस टाइट फिटिंग सूट मे देखकर मूड और भी खराब हो गया था लेकिन शिखा
दीदी को किस करते हुए मैं पीछे अलका आंटी की तरफ देख रहा था जो गेट से अंदर आके गेट बंद कर चुकी
थी और सामने से चलके मेरे और दीदी की तरफ आ रही थी,,,मैने उसको देखा तो जो गर्मी जो आग सोनिया और शिखा
दीदी ने लगाई थी मेरे जिस्म मे अलका आंटी ने उस आग मे अपने हुस्न का आयिल डालके उस आग को और भी ज़्यादा भड़का दिया था,,,,,
सही कहा है किसी ने,,,,जब औरत की उमर हो 16-17 (सोलह-सत्रा) तो वो बन जाती है जवान लंड के लिए ख़तरा ,,
और जब हो उसकी उमर 29-30 (उनतीस-तीस) तो वो बन जाती है एक दम मस्त चीज़
और जब हो उसकी उमर 45-50 (पेंतालीस-पचास) इतनी चुदक्कड हो जाती है नही बुझती है उसकी प्यास,,,,,फिर वो
प्यास चाहे उस औरत की हो या लंड घुसाने वाले मर्द की,,,,,
अभी अलका आंटी भी मुझे बहुत ज़्यादा चुदक्कड लग रही थी,और वही प्यास मुझे अलका आंटी मे नज़र आ रही थी,,,
वो आज इतनी ज़्यादा चुदासी लग रही थी कि गेट बंद करके जिस अंदाज़ से वो मुझे देख रही थी ऐसे लग रहा था
जैसे किस तो मुझे शिखा दीदी कर रही है लेकिन मेरे होंठों मे स्वाद आ रहा था अलका आंटी के होंठों का ,,,
अलका आंटी हम दोनो से दूर खड़ी होके अपने लोवर लिप्स को वापिस पलट कर अपने मुँह मे भरके दाँतों से
काट रही थी,,,
अभी अलका आंटी ने एक ब्लॅक कलर की साड़ी पहनी हुई थी,,वो गेट के पास खड़ी हुई थी और अपने लिप्स को अपने
मुँह मे भरके दाँतों से हल्के हल्के काट रही थी ,,उनकी आँखों मे एक नशा था एक मस्ती थी और उसी मस्ती
मे वो अपने बूब्स को अपने हाथों मे भरके दबा रही थी ,,उनके बूब्स ब्लाउस से आधे से भी ज़्यादा बाहर
निकले हुए थे लेकिन जब वो अपने बूब्स को अपने ही हाथों मे पकड़ कर दबा रही थी तो उनके बूब्स और भी
ज़्यादा बाहर निकलने को मचल रहे थे,,,,,,वो मस्ती मे मुझे देखती हुई अपने बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबा
रही थी तभी उन्होने अपने हाथ को अपने पेट की तरफ किया और पेट के आगे से साड़ी को साइड हटा दिया और मैं
उनका हल्का सा मोटा गौरे रंग का मखमली पेट देखकर मस्ती मे शिखा को जबरदस्त किस करने लगा,,शिखा
भी पहले से मुझे पागलो की तरह किस कर रही थी,,,
फिर अलका आंटी ने आगे बढ़ कर शिखा को पकड़ कर साइड कर दिया,,,,,चल पीछे हट बेटी पहले मुझे ज़रा चख
लेने दे इस सन्नी के होंठों का रस तू बाद मे चख लेना,,,,,आंटी ने शिखा को साइड किया और खुद मेरे से
चिपक गई,,
अरे रूको ना आंटी,,,,यहाँ नही उपर चलते है,,,अगर चुदाई का मज़ा लेना ही है तो अच्छी तरह उपर चलके लेते
है ना,,,,,मैने इतना बोला और शिखा जल्दी से उपर की तरफ चलने लगी जबकि अलका आंटी और मैं हाथों मे हाथ
डालके एक साथ उपर की तरफ जाने लगे,,,,मैं और अलका आंटी अभी पीछे थे कि शिखा एक रूम मे घुस गई और
जब तक मैं और अलका आंटी वहाँ पहुँचे तब तक वो अपनी कमीज़ उतार चुकी थी और सलवार खोलने मे लगी
हुई थी,,,,
उसको देखकर अलका आंटी हँसने लगी,,,लगता है इस लड़की की चूत मे कुछ ज़्यादा ही आग लगी हुई है,,,आंटी की
बात सुनके मैं भी हँसने लगा,,,,,हाँ आंटी जी मुझे भी ऐसा ही लगता है और आग तो मुझे भी लगी हुई है
कहो तो भुजा ले आग से आग को,,
अरे बेटा इसलिए तो यहाँ आई हूँ मैं ताकि आग से आग भुजा सकूँ,,,,,इतने दिन से चुदाई नही की आज तो सारी आग
भुजा लूँगी,,,,
पर आंटी जी अभी कल ही तो हम सबने मिलकर इतना मज़ा किया था ,,,,आप थी मैं था ,,करण शिखा और मेरी माँ
भी तो थी साथ मे,,,कितना मज़ा किया था कल भूल गई,,,
नही बेटा कुछ नही भूली,,,लेकिन करण के पापा को बाहर गये कितने महीने हो गये है जबकि तुम लोगो को चुदाई
करते हुए अभी कुछ ही टाइम हुआ है,,,अब तो जब तक 3-4 महीने दिल भरके चुदाई नही करती तब तक नही आग
भुजने वाली मेरी चूत की,,,
सही बोला आंटी जी,,,वैसे भी आप जैसी खूबसूरत औरत को दिन मे 2-3 बार तो चुदाई करवानी ही चाहिए,,,और
सच बोलू तो अगर मैं आपका पति होता तो रोज आपकी चुदाई करता,,,मुझे तो गुस्सा आता है अंकल पर जो आप जैसी
मस्त औरत को छोड़कर दूर चला गया है,,,मैं तो कभी आपसे दूर नही जाता,,,,
हयी मैं मर जावा सन्नी,,,,काश तू ही मेरा पति होता तो मैं भी तेरे को दूर नही जाने देती,,,इतना चुदवाती
तेरे से कि चूत को फाड़ कर रख देती,,,और गान्ड मे तो इतना लंड घुसाती की गान्ड का भोसड़ा बन जाता,,,अलका
आंटी ऐसे बात कर रही थी इसका मतलब था वो आज फुल मस्ती के मूड मे थी,,शिखा भी अपनी माँ की बातों
से मस्त होके नगी होके बेड पर लेट गई थी और चूत पर उंगली करते हुए एक हाथ से अपने बूब्स को मसल्ने
लगी थी,,,,,
अब जल्दी आ जाओ ना आप लोग भी ,देखो मेरी चूत से अमृत रस भी बहने लगा है,,,,,शिखा ने अपनी चूत मे
उंगली घुसा दी और चूत के पानी से गिल्ली हो चुकी उंगली को मेरी और अलका आंटी की तरफ करके दिखाने लगी थी,,
इतनी भी क्यूँ बैसब्रि हो रही हो बेटी ,,थोड़ा आराम से,,,अगर मज़ा लेना ही है तो जल्दबाज़ी क्या करनी,,,अलका ने
अपने ब्लाउस को खोलते हुए ये बात बोली और फिर ब्लाउस को उतार कर साइड मे रख दिया,,
जल्दबाज़ी है मुझे माँ,,,उधर करण की शादी हो गई है हर रात वो सुहागरात मना रहा है और हम दोनो
नकली लंड से काम चला रही है,,,,शिखा थोड़ी चिड़ते हुए बोली,,,
तभी मैने अलका आंटी को अपनी बाहों मे पकड़ा और उनके बूब्स को मसल्ते हुए बोला,,,चलो आंटी इसकी चूत
की आग भुजा ही देते है कितनी तड़प रही है बेचारी,,,इतना बोलकर मैं आंटी के साथ बेड के पास चला गया,,
बेड के पास जाके आंटी मेरी टी-शर्ट उतारने लगी,,,,हां बेटा आग तो भुजानी ही पड़ेगी और इसकी बात भी सही है
करण तो रोज सुहागरात मना रहा है और हम दोनो को नकली लंड से काम चलाना पड़ता है वो भी छुप-छुप
कर,,या रात को हम दोनो साथ सोती है तब,,,,लेकिन तब भी बहुत ध्यान देना पड़ता है,,,,यहाँ हम डरती
रहती है और वहाँ करण रितिका के साथ सुहागरात मनाता रहता है,,,,
मेरी टी-शर्ट उतर चुकी थी और मैं खुद अपने हाथों से अपनी पॅंट को उतार रहा था,,,,वैसे आंटी आप लोगो ने
उसकी सुहागरात का बेड बहुत अच्छा सजाया था,,,मैं तो तभी मस्त हो गया था दिल किया उस बेड पर जाके मैं भी
थोड़ी मस्ती करलूँ,,
तभी शिखा बोल पड़ी,,,,कोई बात नही सन्नी,,,ऐसा ही बेड हम फिर से सज़ा देंगी तेरे लिए और मैं उसी बेड पर
तेरे साथ सुहागरात भी मनाउन्गी तू फ़िक्र मत कर,,,,बस आज इस चूत की प्यास भुजा दे,,,,
मेरी पॅंट निकल चुकी थी और मैं अपने हाथों से अलका आंटी के बूब्स को मसल रहा था और आंटी खुद अपने
अपनी साड़ी को निकाल कर पेटिकोट को खोल रही थी,,,,और पल भर मे पेटिकोट नीचे गिर गया और हम दोनो नंगे
हो गये,,,,शिखा तो पहले से नंगी थी बेड पर,,,,
हां बेटा सही कहा इसने,,,,एक दिन तेरी भी सुहागरात की बेड सज़ा दूँगी मैं ,,,,,,और तेरी सुहागरात की दुल्हन
होगी ये शिखा,,,,पूरी रात मस्ती करना इसके साथ,,,,
ये अकेली क्यूँ आंटी जी,,,,,,अब भी साथ रहना आंटी जी,,,एक रात मे 2-2 दुल्हन से सुहागरात मनाउन्गा मैं,,,
मैने ये बात आंटी के बूब्स दबाते हुए बोली,,,और फिर हम लोग बेड पर शिखा के पास चले गये,,,और फिर
शुरू हुआ चुदाई का खेल जो रात तक चलता रहा,,,
मैने 3-4 अवर्स मे 2 बार चुदाई की थी और एक बार पानी निकाला था शिखा के मुँह मे और एक बार अलका आंटी
के मुँह मे,,,अलका आंटी और शिखा भी 2 बार झड़ी थी और मैने उनकी छूट का पानी पिया था,,फिर हम लोग
वहाँ से अपने अपने घर की तरफ चल पड़े,,,,
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