RE: Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
ना कुछ खाने को दिल कर रहा था ना कुछ पीने को,,,,नाश्ता भी नही किया था मैने ,,टेन्षन
से दिमाग़ फटा जा रहा था इसलिए ध्यान को दूसरी तरफ करने के लिए बुक लेके उपर भुआ के
ड्रॉयिंग रूम मे चला गया ऑर सोफे पर बैठकर स्टडी करने लगा क्यूकी कल एग्ज़ॅम था वो भी
लास्ट एग्ज़ॅम उसके बाद कुछ दिन की छुट्टियाँ थी,,,,वाउ हॉलिडेज़,,
छुट्टियों के बारे मे सोच कर दिल थोड़ा खुश हो गया था ,,क्यूकी वैसे भी मेरे जैसे नालयक
लड़के को कॉलेज जाने का दिल ही नही करता कभी,,,,मैं छुट्टियों के बारे मे सोच कर खुश हो
गया ऑर स्टडी करने लगा,,,मैने रात टेन्षन मे ही सही लेकिन काफ़ी ध्यान दिया था स्टडी पर ऑर
अब भी स्टडी पर ही ध्यान दे रहा था क्यूकी सोनिया बोलकर गयी थी मुझे स्टडी करने के लिए,,,,
तभी बाहर बेल बजी ,,,अब कॉन आ गया,,,,यही सोचकर मैं नीचे चला गया ,,,घर का मेन डोर
भी लॉक किया हुआ था मैने ऑर बाहर का गेट भी लॉक था,,,मैने डोर को खोला ऑर बाहर गेट
पर चला गया,,,,,
जैसे ही गेट खोला तो सामने सोनिया खड़ी हुई थी,,,मैने उसको देखकर गेट फिर से थोड़ा सा बंद
कर दिया ताकि वो अंदर नही आए,,,,,वो मेरी इस हरकत से हँसने लगी,,,,
हेलो सन्नी,,,,,,,उसने हेलो बोला वो भी हंसते हुए,,,,,
तू यहाँ क्या कर रही है,,,मैने थोड़ा हैरान होते हुए बोला,,,,,तुझे बोला था ना कविता के
घर रहने को ,,,,,,,,जब तक मोम डॅड नही आते तुमको वहीं रहना है,,,,
अरे ना हाई ना हेलो ,,सीधा फाइट शुरू करदी तूने,,,पहले गेट तो खोल फिर बताती हों मैं क्या
कर रही हूँ यहाँ,,,,
नही मुझे गेट नही खोलना ऑर ना तुझे अंदर आने देना है,,,,,
वो फिर से हँसने लगी,,,,डर मत मुझसे सन्नी मैं अंदर नही आउन्गी,,,,,,,
मैने दिल ही दिल मे सोचा कि डर ऑर मुझे वो भी तेरे से,,,,पागल लड़की डरना तो तुझे चाहिए वो'
भी मेरे से,,,,,
मैं अंदर नही आउन्गी लेकिन इसको तो आने दे सन्नी,,,,सोनिया ने थोड़ा पीछे हट-ते हुए बोला,,,,
तभी सोनिया के पीछे से चलते हुए कविता आगे आ गयी,,,,,
हेलो सन्नी,,,,,कविता ने शरमाते हुए हेलो बोला,,,,
हेलो कविता ,,,,तुम यहाँ क्यूँ आई हो इसके साथ,,,,
अरे वाह मुझे ना हाई ना हेलो ऑर उसको एक ही बार मे हेलो का जवाब भी दे दिया,,,चलो कोई बात
नही,,,,चल अब साइड हो इसको तो अंदर आने दे,,सोनिया ने फिर से हंसते हुए बोला तो कविता भी हँसने
लगी,,,
मैने गेट खोला तो कविता अंदर की तरफ आ गयी,,,लेकिन जैसे ही सोनिया ने एक कदम आगे की तरफ
बढ़ाया तो मैं गेट के सामने खड़ा हो गया,,,,
मेरी इस हरकत से सोनिया फिर से हँसने लगी,,,,,ऑर मुझे उसपे हैरत होने लगी,,,,
मुझे अंदर नही आना सन्नी मैं तो बस कविता को यहाँ छोड़ने आई हूँ,,,कल हम लोगो का
लास्ट एग्ज़ॅम है ऑर मैं कोई रिस्क नही लेना चाहती ,,,,कहीं तू सारा दिन गेम खेलता रहा ऑर स्टडी
नही की तो मुझे नुकसान हो जाएगा ,,,मेरे हाथों मेरी अक्तिवा निकल जाएगी,,,इसलिए नुकसान से
बचने के लिए ऑर तेरी एग्ज़ॅम मे हेल्प करने के लिए मैं कविता को यहाँ छोड़ कर जा रही हूँ,,
क्यूकी मेरे से तो तूने हेल्प लेनी नही है,,,अब कविता की हेल्प लेना ऑर आराम से ध्यान लगा कर
स्टडी करना,,,,ओके अब मैं चली हूँ कविता,,,,,
इतना बोलकर सोनिया ने मुझे बाइ बोला,,,,
ओके बयी सन्नी,,,ओके बाइ कविता,,,,मैं तुझे शाम को लेने आउन्गी,,,,अच्छी तरह से हेल्प करवा देना
इसकी,,,,अगर नही माने तो 1-2 लगा भी देना ,,,इतना बोलकर सोनिया हँसने लगी ऑर साथ मे कविता भी
फिर सोनिया ने अक्तिवा स्टार्ट की ऑर वहाँ से चली गयी ऑर जाते टाइम एक दम से रुक गयी ऑर मुझे हँसके
देखने लगी ऑर बोली,,,,,,,,,,,,,,,,,,,कविता याद से मुझे कॉल कर देना अगर काम बन गया तो,,,
ओके कर दूँगी,,,,कविता ने भी उसकी बात का जवाब दिया,,,,
मैने सोचा ये कोन्से काम की बात कर रही है,,,,मुझे कुछ समझ नही आया उसकी बात का,,
सोनिया के जाने के बाद मैने गेट बंद किया तो तब तक कविता घर के अंदर चली गयी थी,,,मैने
दिल ही दिल मे सोचा कि सोनिया को कितनी टेन्षन है मेरे एग्ज़ॅम को लेके या फिर अपनी आक्टिव को लेके
इसलिए कविता को मेरी हेल्प करने के लिए यहाँ छोड़ गयी,,
लेकिन एक पंगा भी हो गया था,,,सोनिया जिस तरह से मुझे देख कर गयी थी ऑर खुश हो रही थी उस से
मुझे अजीब बेचैनी होने लगी थी,,,कविता ऑर सोनिया जब गेट पे थी तो मुझे समझ नही आ रहा
था मैं किसकी तरफ देखु ऑर किसकी तरफ नही देखु,,,,दोनो की दोनो बहुत खूबसूरत ऑर मासूम
चेहरे वाली थी,,,,
खैर,,,,मैं गेट बंद करके घर के अंदर आया ऑर अंदर आके मेन डोर को भी बंद कर दिया ऑर
कविता को देखने लगा ,,,लेकिन वो नज़र नही आ रही थी,,,तभी मुझे किचन से बर्तनो की आवाज़
आई ऑर मैं किचन मे चला गया,,,,
मैने किचन मे जाके देखा कि कविता गॅस के पास खड़ी हुई थी,,,,मुझे किचन मे आते देखकर
वो शरमा रही थी,,,,वैसे मैं भी थोड़ा शरमा तो रहा था क्यूकी हम दोनो घर पर अकेले
थे इसलिए हम दोनो को ही थोड़ा सा डर लग रहा था ऑर शरम भी आ रही थी एक दूसरे के पास
जाने मे,,,,,
तुम किचन मे क्या कर रही हो,,,,,मैने कविता के पास जाते हुआ पूछा,,,
स्टडी करने से पहले नाश्ता नही करना क्या,,,,मुझे पता है तूने अभी तक नाश्ता नही किया होगा
इसलिए घर से सॅंडविच बना कर लेके आई हूँ तेरे लिए,,,,ऑर अब कॉफी बना रही हूँ,,,कविता
ने सारी बात शरमाते हुए बोली,,,,उसका सर नीचे की तरफ झुका हुआ था लेकिन एक साइड से भी मुझे
उसका हंसता हुआ शरमाता हुआ चेहरा नज़र आ रहा था,,,,
तुझे कैसे पता मैने अभी तक नाश्ता नही किया होगा,,,,,मैने कविता के बिल्कुल पास जाके अपने
दोनो हाथ उसके दोनो तरफ के शोल्डर पर रखते हुए ये बात बोली,,,,
वो एक दम से सिहर गयी मेरी इस हरकत से,,,उसका दिल तेज़ी से धड़कने लगा,,,,लेकिन फिर भी उसने
खुद को संभालते हुए मेरी तरफ देखा,,,,उसकी आँखों मे मेरे लिए प्यार था ऑर उसके लिप्स पर
हल्की मुस्कुराहट ऑर फेस पर हल्की शरम थी,,,,उसके गाल शरम से लाल हो गये थे,,,
मुझे तो ये भी पता है सन्नी कि तूने रात को डिन्नर भी नही किया ,,,उसने थोड़ी चिंता से ये
बात बोली जैसे मेरे डिन्नर नही करने से उसको मेरी चिंता हो गयी थी,,,बोल नही किया था ना रात
को डिन्नर तूने,,,,
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