RE: Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
सौरी बाबा ग़लती हो गयी,,,,,मैने तुझे परेशानी मे बैठा देखा और तेरे पास आ गयी,,अब
दोबारा कभी ऐसी ग़लती नही होगी,,,,अब तो मुझे जाने दे ना,,,,उसको पता लग गया था
मेरा इरादा नेक नही है,,,,
अब ग़लती की है तूने तो सज़ा भी मिलेगी तुझे,,,,बिना सज़ा के नही जाने दूँगा मैं,और
अब तो वैसे भी हालत खराब हो गयी है मेरी,,,इतनी देर से तू साथ मे जो चिपकी हुई है
तभी कविता का ध्यान गया कि हम लोग एक ही कंबल मे थे,,पहले मैं परेशान था इसलिए
उसको परवाह नही थी इस बात की लेकिन अब मैं गर्म हो गया था तो उसको टेन्षन होने लगी
थी एक ही कंबल मे मेरे साथ,,,,
देख सन्नी बाद मे सज़ा दे देना अभी मुझे जाने दे,,,,कोई आ जाएगा ,,,प्लज़्ज़्ज़ सन्नी
लेकिन मैं कुछ नही बोला बस उसके लिप्स की तरफ बढ़ने लगा,,अभी मेरे लिप्स उसके लिप्स पर
टच ही हुए थे कि उसने पल भर मे मेरे लिप्स को अपने लिप्स मे जाकड़ लिया और किस करना
शुरू कर दिया,,,,यही बात मुझे अच्छी लगती थी कविता की,,,पहले मना करती रहती है
और फिर जल्दी ही हथियार भी डाल देती है,,,,
हम दोनो के लिप्स एक दूसरे के लिप्स मे जकड़े हुए थे और एक मीठी और लंबी किस होने लगी
थी हम दोनो मे,,,लेकिन मैं किस तक ही रुका नही रह सकता था,,मेरे हाथ उसकी टी-शर्ट
के अंदर चले गये मैने उसके बूब्स को मसलना शुरू कर दिया,,,हम लोगो के उपर जो
कंबल था वो भी नीचे गिर गया था,,,मेरे हाथ उसके बूब्स पर थे जबकि उसके हाथ भी
मेरी बनियान मे मेरी पीठ पर चले गये थे,,,,हम लोग पूरे मस्त हो चुके थे,,,
तभी हम लोगो को किसी का खांसने की आवाज़ आई,,,,और जैसे ही हम दोनो ने उस तरफ देखा
तो हम दोनो की गान्ड फॅट गयी,,,,
सोनिया हम लोगो के पास खड़ी हुई थी,,,मेरे हाथ अभी भी उसकी टी-शर्ट मे उसके बूब्स पर
थे जबकि उसके हाथ मेरी पीठ पर थे,,,हम दोनो के लिप्स भी एक दूसरे के थूक से
गीले हो चुके थे,,,,,हम दोनो का हाल बहुत बुरा था,,,ऐसा लग रहा था कि पैरो के
नीचे से ज़मीन निकल रही हो जैसे,,,,
तभी सोनिया बोली,,,,,अगर लैला-मजनू का प्यार ख़तम हो गया हो तो क्या आप वापिस रूम मे
चलेगी कविता जी,,,
सोनिया ने इतना बोला तो हम लोग एक दम से एक दूसरे से दूर हट गये,,,
मैं तो वू मैं वऊू मैं,,,,कविता से कोई बात ही नही हो रही थी,,,
क्या मैं वो मैं वो लगा रखा है,,,,सोनिया थोड़ा गुस्से मे,,,सीधी तरह बोल क्या बोलना
है,,,,
वो मैं तो बाथरूम जाने के लिए आई थी सोनिया,,,,इतना बोलकर उसने सर नीचे झुका लिया
बातरूम इस तरफ नही उस तरफ है,,सोनिया ने बाथरूम की तरफ इशारा करते हुए बोला
कविता जल्दी से भाग कर बाथरूम की तरफ चली गयी,,,,,
तभी सोनिया मुझे बोली,,,,,,,अब तू भी ये मत बोलना कि तू भी बाथरूम जाने के लिए आया
था,,,क्यूकी छत पर कोई बाथरूम नही है,,,मैने सुबह ही चेक किया था,,,इतना बोलकर
वो हँसने लगी,,,,
मेरी तो बोलती ही बंद हो गयी थी ,,,मानो जैसे मुझे साँप सूंघ गया हो,,,
तभी वो हँसती हुई मेरे करीब आई और ज़मीन पर गिरा उठा कंबल उठा कर वहाँ से
चली गयी,,,,
वो तो चली गयी लेकिन मैं अभी तक वहीं खड़ा हुआ था,,,मेरे से एक कदम भी आगे नही
बढ़ाया जा रहा था,,,मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मेरे पैर ज़मीन मे धँस रहे हो,,
मुझे समझ नही आ रहा था,,,,,ये सोनिया एक दम यहाँ कैसे आ गयी,,,,और सबसे बड़ी बात
ये मुझे और कविता को देखकर गुस्सा क्यूँ नही हुई,,मुझे टेन्षन होने लगी थी,,,
साला एग्ज़ॅम के बाद छुट्टियाँ मनाने और एंजाय करने के लिए गाँव आया था लेकिन जबसे आया था
एक के बाद एक टेन्षन ही मिल रही थी मुझे,,,,एंजाय का तो कोई अता पता ही नही था,,,और
अब जब थोड़ा एंजाय करने ही लगा था फिर से टेन्षन ने आके पकड़ लिया था और इस बार
टेन्षन सोनिया के रूप मे आई थी,,,,
मैं बड़ी मुश्किल से सीडियाँ उतरता हुआ अपने रूम तक गया और जाके लेट गया,,,टेन्षन के
मारे पूरी रात नींद नही आई,,,इसलिए सुबह जल्दी ही फ्रेश होके तैयार हो गया था,,,लेकिन
तैयार होके रूम से बाहर नही निकला ,,,क्यूकी मैं सोनिया के सामने नही जाना चाहता था,,
फिर भी जब देखा कि बाहर सब लोगो जमा हो गये है और अपने रीति रिवाज करने लगे है
रेखा और मनोहर के लिए तो मुझे बाहर जाना ही पड़ा,,,,लेकिन मैं चोरों की तरह छुपता
हुआ रूम से बाहर निकल रहा था ताकि सोनिया मुझे नही देख ले,,,,मेरा इरादा छुप्ते हुए
आँगन से चलके हवेली के बाहर जाने का था,,,लेकिन इतने लोगो के बीच च्छुपते हुए हवेली
से बाहर जाना आसान नही था,,इसलिए मैं हवेली की दीवारो की तरफ देखता हुआ सबसे
अंजान बनता हुआ बाहर की तरफ जा रहा था,,,
मैं इधर उधर देख रहा था तभी किसी की आवाज़ सुनाई दी,,,,किसको तलाश रहे हो
सन्नी,,,,,,मैने आवाज़ का पीछा किया तो देखा ये तो सीमा थी,,,,,जो मेरे करीब आ रही
थी,,,
इस से पहले सीमा को कोई जवाब देता एक और आवाज़ कानो मे पड़ी,,,,,और किसको तलाश करना
है इसने,,,,अपनी गर्लफ्रेंड को तलाश कर रहा होगा,,,,इतना बोलते हुए सोनिया भी सीमा मामी के
पीछे पीछे आ गयी,,,,
सीमा की टेन्षन नही थी मुझे लेकिन सोनिया को देख कर मेरी सिट्टी-पिटी गुल्ल हो गयी थी
कविता अपने रूम मे है सन्नी,,,सोनिया ने इतना बोला और हँसने लगी साथ मे सीमा मामी भी
सीमा जब हंस रही थी तो बहुत क्यूट लग रही थी मेरा ध्यान उसकी मुस्कान पर टिक गया,,कितनी
क्यूट लग रही थी सीमा मामी हँसती हुई,,,,
मैं सीमा की तरफ देख रहा था तभी सोनिया मुझे गुस्से से घुरने लगी,,,,
नही नही मैं मैं किसी को तलाश नही कर रह था मैं तो हवेली को अच्छी तरह देख
रहा था,,,कितनी खूबसूरत हवेली है,,,,मैने सोनिया से नज़रे घुमा ली और सीमा मामी को
जवाब देने लगा,,,
अच्छा तू हवेली देख रहा था ,,मुझे लगा शायद कविता को तलाश रहा है तू,,,,सीमा ने
इतना बोला और फिर सीमा और सोनिया हँसने लगी,,,,
फिर मैं कुछ बोलता इस से पहले किसी ने पीछे से मेरा हाथ पकड़ लिया,,,,ये माँ थी
अच्छा हुआ तू तैयार हो गया सन्नी,,,चल मेरे साथ मुझे कुछ काम है तेरे से,,,,माँ ने इतना
बोला और मुझे अपने साथ लेके जाने लगी,,,,
मैने शूकर मनाया कि माँ आ गयी और बचा लिया मुझे सोनिया और सीमा मामी से,,
मैं माँ के साथ चलके हवेली से बाहर जाने लगा तभी सोनिया फिर से बोली,,,,ले सन्नी
आ गयी तेरी गर्लफ्रेंड,,,,,,मैने पीछे मूड के देखा तो कविता अपने रूम से बाहर आ रही
थी,,
सोनिया ने ये बात थोड़ी ज़ोर से बोली थी तो आँगन मे बैठे हुए हर एक शक्स का ध्यान
कविता की तरफ चला गया और वो जल्दी से वापिस अपने रूम मे भाग गयी,,
माँ मेरा हाथ पकड़ कर चल रही थी लेकिन सोनिया की बात सुनके और कविता को वापिस उसके
रूम मे भाग कर जाते देख माँ भी हँसने लगी,,,लेकिन माँ रुकी नही और मुझे हवेली के
बाहर ले गयी,,,,,
माँ सोनिया कुछ भी बोलती रहती है,,,पागल है वो तो,,,,आप उसकी बात पे यकीन नही
करना,,,,मैं माँ को यकीन दिलाने की कोशिश कर रहा था,,,,,
हाँ हाँ मैं जानती हूँ बेटा ,,,तुझे भी और सोनिया को भी,,,,और खांसकार कविता को भी,
मैं तेरी माँ हूँ मुझे सफाई देने की ज़रूरत नही तुझे,,,
माँ मुझे यकीन दिला रही थी कि उनको मेरी बात पर यकीन है लेकिन फिर भी वो हंस
रही थी,,,,
तभी ..............
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