Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
12-21-2018, 03:13 PM,
RE: Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
मैने ये बात थोड़ी शरारती अंदाज मे बोली ताकि उसको तंग कर सकूँ ,,,,,


लेकिन तभी सोनिया मेरे पास आई और मुझे कस कर थप्पड़ मारा मेरे मुँह पर,,,,मैने इस
बात का अंदाज़ा भी नही लगाया था कि वो ऐसा करेगी मैं तो बस उसको हल्का गुस्सा दिला रहा
था क्यूकी मैं उसकी बेस्ट फ्रेंड को प्यार करने लगा हूँ और साथ मे किसी और औरत की ऐसे
तारीफ कर रहा हूँ तो उसको गुस्सा तो आएगा ही,,,,लेकिन मैने उस से थप्पड़ की उम्मीद नही
की थी,,,,

शरम आनी चाहिए तुझे सन्नी,,सीमा मामी के बारे मे ऐसे बोलते हुए,,,और कविता को प्यार
करते हो तो तुमको ऐसी हरकत ही नही करनी चाहिए किसी को भी ऐसे गंदी नज़र से नही
देखना चाहिए,,,क्या होगा अगर कविता भी किसी को ऐसे देखना शुरू कर्दे,,,क्या तुमको 
अच्छा लगेगा,,,,

मुझे समझ नही आई कि उसको सीमा मामी के नाम पर इतना गुस्सा क्यूँ आ गया,,शायद कविता की
वजह से क्यूकी वो इसकी अच्छी दोस्त जो थी,,,लेकिन मैने तो मज़ाक मे बोला था फिर इसने इतनी
ज़ोर से थप्पड़ क्यूँ मारा मुझे,,,,

तभी मैं कुछ बोलने ही लगा कि उसने एक और थप्पड़ मारा मुझे,,,,,तुझे कोई हक़ नही 
सन्नी किसी को इतनी गंदी नज़र से देखने का,,,खास कर सीमा मामी को तो बिल्कुल भी नही
वो तुम्हारी मामी है,,,,,,


मैं समझ नही पाया कि ये मामी के नाम पर इतना गुस्सा क्यूँ हो गयी,,,जब भी मैं मामी की
तरफ देखता तो ये गुस्से से मुझे घूर्ने क्यूँ लग जाती थी,,,

सोनिया मैं तो मज़ाक मे बोल रहा था,,,मेरा कोई गंदा इरादा नही मैं बस,,,,,मैं अभी 
बोलने ही लगा था कि तभी उसने फिर से हाथ उठाया लेकिन मैने उसके हाथ पकड़ लिया क्यूकी
मुझे हल्का गुस्सा आ गया था उसपे,,,,

मैने उसका हाथ पकड़ा और उसकी कलाई को हल्के से मोड़ दिया जिस से वो घूम गयी और मेरा
हाथ उसकी पीठ पर आ गया,,,उसकी कलाई मूडी हुई थी और उसकी पीठ पर लगी हुई थी उसका
पेट सामने की दीवार पर लग गया था और उसकी पीठ मेरी तरफ हो गयी थी,,,मैं उसके पीछे
खड़ा हो गया और उसकी कलाई को फिर से हल्का सा मोड़ दिया जिस से उसको दर्द हुआ,,,,


अहह सन्नी हाथ छोड़ मेरा मुझे दर्द हो रहा है,,,,,,अह्ह्ह्ह सन्नी छोड़ ना

अच्छा तुझे दर्द हो रहा है ,,अभी जो कस्स कस्स के मुझे थप्पड़ मारे तूने तब दर्द नही
हुआ तेरे हाथों मे,,,

मैने तो इसलिए मारा कि तू प्यार कविता को करता है लेकिन गंदी नज़र रखता है दूसरी
औरतों पर,,तुझे शरम आनी चाहिए,,,,,,


दूसरी औरत कॉन,,वो सीमा,,,,,तुझे इस बात का गुस्सा है कि मैं सीमा मामी की तरफ 
देखता हूँ या इस बात का कि मैं तुझे भी उसी नज़र से देखता हूँ,,,

मैने इतना बोला तो वो चुप कर गयी,,,,लेकिन जल्दी ही बोलने लगी,,,,नही सन्नी ऐसी कोई
बात नही है मैं तो बस ,,,,,वो बोलने लगी तो मैने उसकी कलाई को हल्के से मोड़ दिया
और उसको हल्का दर्द हुआ,,,,,,

आहह सन्नी मत कर हर्ट होता है मुझे,,,,,,


तभी मैं अपने फेस को उसके करीब ले गया उसके शोल्डर के पास और उसके कान मे बोलने
लगा,,,,,हर्ट तो मुझे भी होता है जब तू अजीब नज़रो से मुझे देखती है,,,और अब जब
तुझे मेरे और कविता के बारे मे पता चल गया है तो तुझे अच्छा नही लग रहा शायद तू खुश
नही कि मैं कविता से प्यार करने लगा हूँ,,,,

मैं उसके बिल्कुल साथ मे चिपका हुआ था मेरे लंड जो हल्का हार्ड हो गया था उसकी गान्ड पर
लगने लगा था,,,,मेरी साँसे भी उसके शोल्डर और कान के पास गर्दन पर लगने लगी थी 
जो साँसे बहुत गर्म हो गयी थी कुछ ही पल मे,,,,इन सब बातों ने उसको भी थोड़ा गर्म कर
दिया,,उसकी हार्टबीट तेज हो गयी,,साँसे उखाड़ने लगी,,,,,,

न्हीई सुन्नयी म्मैईन्न तूओ भ्हुत्त ख़्ुशह हूंन त्तीररी औरर्र क्काव्वीितता की बाररी
मी जान कार,,और्र भाल्ला कय्या ख़्हूषीि किी बात हूज्गी क्कीी मीर्रा भाइी औरर्र
मेररी द्दूससट्त् प्ययार कार्रनी लाग्गी हाइी ईकक द्दूऊसरी सी,,,,,तभी मैने फिर से 
उसकी कलाई मोड़ दी,,,,अहह मॅट काररर नाअ हहूउर्रतत्त हहोतटा हाई ससुउन्नयी,,,

तभी मैं फिर से उसके कान मे बोला बड़ी हल्की आवाज़ मे,,,मुझे नही लगता तू खुश है,
कल रात भी मैने तेरी आँखें देखी थी जब तूने मुझे और कविता को देख लिया था 
सीडियों पर,,,तेरी आँखों मे गुस्सा तो ज़रूर था लेकिन एक बेचैनी भी थी,,तुझे शायद
अच्छा नही लग रहा था मेरा यूँ कविता के साथ होना ,,और अभ भी तू सीमा मामी का बहाना
करके मुझपे नकली गुस्सा कर रही है ,,गुस्सा तो तुझे इस बात पर है कि मैं कविता के
साथ जुड़ गया हूँ जबकि तेरे साथ जुड़ना चाहता हूँ,,,,

इतना बोलते हुए मेरा हाथ उसकी कलाई को हल्के हल्के मोड़ रहा था जबकि दूसरा हाथ उसकी
कमर से होता हुआ उसके पेट और दीवार के बीच चला गया था और मैने उसके पेट को हल्के
से सहलाना शुरू कर दिया था,,,,,ऐसा करते ही उसने अपने पेट को दीवार से ज़ोर से दबा
दिया ताकि मेरा हाथ उसके पेट पर हिल-जुल ना सके ,,,,उसके ऐसा करते ही मैने उसके
पेट से अपने हाथ को आगे की तरफ खिसकाना शुरू कर दिया और उसके पेट पर हाथ को
फिराते हुए उसकी कमर की दूसरी तरफ ले गया,,,,,


मेरा हाथ उसके पेट और दीवार के बीच मे फँसा हुआ था और जब मैं अपने हाथ को उसके 
पेट से दूसरी तरफ लेके जा रहा था तो पेट के साथ साथ मेरा हाथ दीवार पर भी रगड़
ख़ाता हुआ आगे की तरफ जा रहा था,,,दीवार से रगड़ खाने की वजह से मेरे हाथ की स्किन
छिल्ने लगी थी और मुझे दर्द का हल्का एहसास हो रहा था लेकिन उसके पेट पर हाथ 
फिराते हुए मुझे जो उसके पेट का मखमली एहसास हो रहा था उसने दीवार से रगड़ खाने
से स्किन छिल्ने के एहसास को पूरी तरह ख़तम कर दिया था,,,


उसके मुँह से हल्की हल्की आह आह की आवाज़ निकल रही थी ,,,,जो हल्की मस्ती भी थी और 
हल्का दर्द भी था जो कलाई मुड़ने से उसको हो रहा था,,,,,अहह नही सन्नी ऐसी कूवई
बात नाहि तुऊउ गगाल्लत्त सम्माझ राहहा हाइी,,,


मैं कुछ ग़लत नही समझ रहा,,,तू जानती है मैं तुझे लाइक करता हूँ और तेरे करीब
आना चाहता हूँ लेकिन अब मैं कविता के करीब होने लगा तो तुझे गुस्सा आने लगा,,तू
इस बात को मान क्यूँ नही लेती इतना बोलकर मैने उसकी गर्दन पर हल्की किस करदी

आहह न्ह्ही सुउन्नयी ऐसा मात्त क्कार्र त्तुउ काववीितता ससी प्ययारर कार्रत्ता हहाई और्र
म्मायन्न इश्स ब्बात्त ससी बभ्हुत्त् क्क्ुशह हूओंन्न ,,तूऊ क्क्कययूउ मीररी साटतह एआईसीई
हहार्रकककट्ट क्काररकी क्काव्वीितता क्की प्ययार क्कूव ररुसवव्वा कारर राहहा हाई
वऊू बहीी तुउज़्झहही बभ्हुत्त् प्पययारर क्कर्ततीी हहाइईइ,,,प्लज़्ज़्ज़्ज़ उसक्की पपयारर क्कू
हहूउर्रत्त माट्त्ट कारर मीररी साटतह एआसा क्कार्रक्की,,


मैं उसके प्यार को हर्ट नही कर रहा,,,हर्ट तो तू कर रही है मुझे भी और खुद को भी
मैं कविता को बहुत प्यार करता हूँ इस बात से मुझे कोई इनकार नही लेकिन उसी तरह मैं
तुझे भी बहुत प्यार करता हूँ ,,,और इस बात पर मुझे कोई शिकायत नही खुद से,,


नहिी सुउन्न्णी यईी गाल्लत्त हाइईइ तटूउ म्मूउज़्झहही प्पययारर न्नाहहीी काररताा त्तुउ बास्स
ग्गान्न्द्दि हार्र्क्कात्ती क्काररत्ता हाई मीररी सातह जो तटूउ अब्भीी बहीी क्कार्र र्राहा
हाइी ऊउरर वाईससी बहीी तूऊ मुउज़्झहही प्पाययर्र न्नाहहीी कारर साकत्टा और्र ना हिी कुकच्छ
औरर्र कारर साककत्ता हाइईइ कययुउककीी तूऊ म्मेररा बभ्ाइी हाइी ,,हुउंम दूननू का
रीशहतता हॅम दून्नू क्कूव ये सब्ब क्काररनी क्कीी ईज़्ज़ाज़्ज़ट्ट न्ह्ही द्दीत्ता


तो इसमे मेरी क्या ग़लती जो तू मेरी बेहन है,,मैं बस तुझे बहुत प्यार करता हूँ उतना ही
प्यार जितना मैं कविता से करता हूँ,,लेकिन तुम इस बात से पता नही क्यूँ मुकर रही हो

याद है उस दिन जब मैने तुझे थप्पड़ मारा था और तेरे मुँह से खूंन् निकल आया था, तू
गुस्सा होने की जगह हंस रही थी प्यार से मुझे देख रही थी,,,तो क्या वो सब झूठ था


नही सुउन्न्णी म्मैईन्न तूओ ईईस्सल्लीययए कखुुशह टहीी कययुउककीी तूऊ म्मूुझहही क्कव्वीितता
सीसी ग्घारर बभीज्ज राहहा था तटूुझहे दार्र तहा क्कीी तूऊ अक्कील्लई मी म्मीरीए
ससी क्कू गाल्लत्त हारकाट नाहहीी कर्रे म्मीररी क्कू हहूरत्त ना कररी ,,म्मूउजझी
रुसववा नाहहीी काररीए,,,लीक्किंन म्मैईन जानने सी माना कार रही त्तीी तो टुऊनी
म्मूुझहहे मारा था,,तूऊ तूओ बास्स म्मूउज़्झहही ख्हुउद्द सी डूउरर कारर राहा था वू
बहिि मीररीई भ्हालायी की लीईई,,,,तूऊ मुउजझी हहूरर्ट न्ंही कारता और्र ना कभिइ
हूर्र्ट कर स्साककत्ता हाइी तूऊ बस मीररी कररी कर सककत्ता है,,,तूऊ तू किसी और्र कू
बहीी म्मूुझहही हुउर्र्ट नाहहीी कर्रनी दीतता और्र जो मुउज़्झहही हुउरत्त काररता हाीइ तूऊ
उसकी जान ल्लेन्नई की क़ोस्शिसश करता है,,भूल गया उस डिन जब उन लड़क्कू को तुन्नी
मररा था मीररीई वज्जहह से,,,,उन्नकीी जान बहिि जा सकक्त्ती त्िी थी,,,

हाँ हाँ मुझे सब याद है,,,,अगर पोलीस नही आती तो शायद मैं उनकी जान ले भी लेता
,,मैं उसकी जान ले लूँगा जो तुझे हर्ट करेगा,,,,जानता हूँ मैं तेरी बहुत केर करता 
हूँ बहुत ख्याल रखता हूँ तेरा कभी तुझे हर्ट नही कर सकता लेकिन यही तो प्यार है
मेरा,,,,मैं तुझे बहुत प्यार करता हूँ सोनिया,,,तेरा ख्याल रखना,,तुझे हर्ट नही करना
तेरे साथ हँसना खेलना,,,मस्ती करना,,,अगर ये सब प्यार है तो प्यार ही सही,,,हाँ सोनिया
मुझे तेरे से बहुत प्यार है,,,बहुत प्यार है ,,तू मेरी बेहन है तो इसमे मेरी क्या ग़लती
,,,,और मैं जानता हूँ प्यार तू भी मुझे बहुत करती है लेकिन तू डरती है ,,इस भाई
बेहन के रिश्ते से इसी रिश्ते ने तुझे बाँध कर रखा हुआ है वरना कबकि तू मेरी 
बाहों मे आ जाती,,,


नही सुउन्नयी ऐसा मात्त बोल प्लज़्ज़्ज़ मायन्न तुउज़्झहही प्पययारर ंहिी कर्र्त्ती त्तुउ बास्स
मीर्रा ब्भ्हाई हाइईइ,,,


अच्छा अगर ऐसी बात है तो मेरी आँखों मे आँखें डालके ये बात बोल तो मैं यकीन कर 
लूँगा तेरा,,,,इतना बोलकर मैने उसको पकड़ा और अपनी तरफ घुमा दिया,,,

देख मेरी आँखों मे और बोल तुझे मेरे से प्यार नही,,,,उसने अपने चेहरे को नीचे झुका 
लिया और ज़मीन की तरफ देखने लगी,,,
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RE: Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही - by sexstories - 12-21-2018, 03:13 PM

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