RE: Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
घर आते आते शाम हो गयी थी,,,,और जैसे ही हम लोग घर पहुँचे तो हमने देखा कि घर
के सामने पोलीस की गाड़ियाँ खड़ी हुई थी,,,कुछ प्रेस रिपोर्टर भी थे वहाँ पर और
कुछ आस पास के लोग भी थे,,,,,
मैने अपनी कार रोकी और मैं भाग कर घर की तरफ गया,,मेरे पीछे पीछे बाकी लोग भी
आ गये,,,,तभी मैने देखा कि घर के अंदर खून ही खूब बिखरा हुआ था ज़मीन पर
माँ और बाकी सब लोग ये देख कर डर गये,,,,,
मैने अंदर जाने की कोशिश की तो एक पोलीस वाले ने मुझे रोक दिया और अंदर नही जाने
दिया,,,,,तभी मेरी नज़र पड़ी ख़ान भाई पर,,,,मैने उनको आवाज़ लगा दी तो उन्होने उस
पोलीस वाले को मुझे अंदर भेजने को बोला,,,,मैं भाग कर अंदर चला गया,,,,
ख़ान भाई ये सब क्या हुआ,,,कैसे हुआ,,,और ये खून किसका है,,,,मैं बहुत परेशान था
तभी ख़ान भाई बोले,,,मुझे माफ़ कर्दे सन्नी,,,,मैने तेरे घर की हिफ़ाज़त का वादा किया
था लेकिन मैं वो वादा निभा नही सका,,,,
क्या मतलब ख़ान भाई,,,,,क्या हुआ मेरे घर मे,,,,कुछ तो बताओ,,,,
तभी ख़ान भाई ने मुझे उनके साथ अंदर चलने को बोला,,,,मैं घर के अंदर गया तो
अंदर का नजारा देख कर दंग रह गया ,,घर का सारा समान उथल-पुथल पड़ा हुआ था, सारे
घर मे समान बिखरा हुआ था,,किचन मे बर्तन बिखरे पड़े थे,,,,हर रूम मे यही हाल
था,,,मैं भाग कर उपर गया और ख़ान भाई भी मेरे पीछे पीछे आ गये,,,,उपर के रूम्स
मे भी यही हाल था,,,,
ये सब कैसे हुआ और किसने किया,,,,मैने ये सवाल किया ही था ख़ान भाई से तभी ख़ान भाई
बोल पड़े,,,,,,मुझे माफ़ कर्दे सन्नी मैं अमित और उसके बाप के लोगो से तेरे घर की और
यहाँ के समान की हिफ़ाज़त नही कर सका,,,,,
मुझे बहुत गुस्सा आ रहा था अमित और उसके बाप पर,,,,और जो कुछ भी इन दिनो मेरे साथ
हो रहा था उस सब से भी मेरे दिल मे एक जनून था एक आग लगी हुई थी,,,,अगर अभी
अमित या उसका बाप मेरे सामने होते तो मैं पलक झपकने से पहले उन लोगो को गोली मार
देता,,
तभी मेरा ध्यान गया मेरी अलमारी पर जो ज़मीन पर गिरी हुई थी,,,उसके दरवाजे तोड़ दिए
गये थे और उसमे से सारे कपड़े और किताबें ज़मीन पर बिखरे हुए थे,,,,लेकिन मुझे कपड़ो
की या किताबों की टेन्षन नही थी मुझे तो टेन्षन थी अपने लॅपटॉप की जो मैं गाँव नही
लेके गया था साथ ,,, घर पर ही भूल गया था,,,उसी मे सारे सबूत थे अमित के खिलाफ
ख़ान भाई मेरी परेशानी समझ गये,,,,,,सन्नी ज़्यादा पारेशान मत हो,,,तेरा लॅपटॉप सुरक्षित
है करण के पास,,,,,,
ख़ान भाई ने इतना बोला तो मैं खुश हो गया लेकिन थोडा हैरान भी,,,,,लॅपटॉप करण के
पास कैसे गया,,,,
ख़ान भाई लॅपटॉप करण के पास लेकिन कैसे,,,,मैने ख़ान भाई से पूछ ही लिया
जिस दिन तू यहाँ से गया था मैं शाम को तेरे घर आया थे देखने के लिए कि सब कुछ
ठीक तो है,,,,जब मैं तेरे घर के बाहर था तो करण भी आ गया था तुझे मिलने,,,
शायद तूने करण को बताया नही होगा कि तू गाँव जा रहा है,,,,
मैं करण के साथ तेरे घर मे आ गया और देखने लगा कि कुछ गड़बड़ तो नही है,,,और जब
हम लोग पूरा घर देखते हुए तेरे कमरे मे पहुँचे तो करण को तेरा कॉलेज बॅग दिख गया
और उसमे तेरा लॅपटॉप भी था,,,,सो करण उसको अपने साथ ले गया,,,,
लेकिन आपके पास तो घर की चाबी नही थी,,आप अंदर कैसे आए,,,,
तभी ख़ान भाई हँसने लगे,,,,सन्नी भूल मत मैं पोलीस वाला हूँ,,,,
ख़ान भाई थोड़ा हँसे तो कुछ पल के लिए मेरी टेन्षन थोड़ी कम हो गयी,,,लेकिन तभी ख़ान
'भाई ने कुछ बोला और मेरी टेन्षन फिर से बढ़ गयी,,,,
लॅपटॉप तो सुरक्षित हो गया है सन्नी लेकिन अभी हम लोग सुरक्षित नही,,,,तेरे घर मे 2-2
पोलीस वालो का खून हुआ है कल रात को,,,ये वहीं पोलीस वाले है जिनको मैने तेरे घर
की निगरानी के लिए यहाँ रखा हुआ था,,,,,कल रात तेरे घर मे कुछ लोग घुस आए थे और
उन्होने पोलीस वालो का क़त्ल कर दिया और तेरे घर की भी ऐसी हालत करदी,,,,,अब तेरे
घर मे पोलीस वाले क्या कर रहे थे ये बात मैं मीडीया से और अपने डिपार्टमेंट से तो
छुपा सकता हूँ लेकिन अमित और उसके बाप से नही,,पहले तो उनको शक़ था लेकिन अब उनको
यकीन हो गया होगा कि तुम पोलीस से मिल गये हो,,,लेकिन अगर उनको शक ना भी हुआ हो तो
भी तुम लोगो का यहाँ रहना ठीक नही है,,,,तुम लोगो को कहीं और रहना होगा,,,,,
वो सब तो ठीक है लेकिन मैं अपने घर वालो को क्या कहूँगा,,,और हम लोग रहेंगे कहाँ
अब,,,,,अभी तो गाँव से वापिस आये है और दोबारा गाँव वापिस नही जा सकते,,,,
रहने की टेन्षन तुम मत लो सन्नी,,,,गंगा नगर मे मेरा एक घर है,,,जिसके बारे मे मेरे
अलावा कोई नही जानता,,,,यहाँ से कोई 2 अवर की ड्राइव है,,तुम चाहो तो वहाँ रह सकते हो
जब तक पंगा सॉल्व नही हो जाता,,,,
वो तो ठीक है ख़ान भाई लेकिन अब घर वालो को क्या बोलूं मैं,,,,कुछ समझ नही आ रहा
जो सच है सन्नी वो बता दो अपने घर वालो को,,,कुछ मत छुपाना उनसे,,,आख़िर घर वालो
के अलावा कोई और इतना करीब नही होता ,,,,,
ख़ान भाई सही बोल रहे थे ,,,उनको बताना ही होगा सब कुछ तभी वो लोग ख़ान भाई के
घर रहने को मानेगे,,,,,,
मैं ख़ान भाई के साथ घर से बाहर निकल आया ,,,,,माँ ने ख़ान भाई को मेरे साथ देखा
तो पहचान लिया,,,क्यूकी वो पहला भी मेरे घर आ चुके थे,,,,,
हम लोग जब घर वालो के पास गये तो सब लोग बहुत परेशान थे,,,,,सबका रंग उड़ा हुआ
था,,,,,फिर मैने सबको सच बता दिया,,,,अमित के बारे मे,,,,अमित के बाप के बारे मे
फिर उन सीडीज़ के बारे मे,,,,,
डॅड बहुत परेशान थे,,,,,,,वो थोड़ा गुस्से मे बोले,,,,,,तुझे इस सब पंगे मे पड़ने की
क्या ज़रूरत थी,,,,देख तेरी वजह से क्या हो गया,,,अब हम लोगो को भी ख़तरा है,तेरी
बेहन को तेरी माँ को तेरी भुआ को,,,सबको ख़तरा है,,,,तूने ऐसा क्यूँ किया सन्नी,,क्या
ज़रूरत थी बता ज़रा,,,,,
डॅड किसी ना किसी को तो ये कदम उठाना ही था,,,,और जब करण की बेहन शिखा के साथ
भी उन लोगो ने ऐसी घटिया हरकत की तो मेरे से रहा नही गया,,,,और उन्ही लोगो की वजह
से कॉलेज की 2 लड़कियों ने ख़ुदकुशी भी की थी,,,,,एक तो ख़ान भाई की बेहन थी,,जो
जंग मैने शुरू की है उसमे ख़ान भाई भी मेरे साथ है,,,,और भला मैं ये जंग क्यूँ
नही लड़ता,,,क्या मैं ऐसे ही बुत बना तमाशा देखता रहता और इंतजार करता किसी और
लड़की के बेबस होके ख़ुदकुशी करने का,,,,अगर उन लड़कियों की जगह शोभा दीदी या सोनिया
होती तो क्या तब भी आप मेरे से इस सब से दूर रहने को बोलते,,,,,
प्ल्ज़्ज़ डॅड आप लोग चले जाओ यहाँ से,,,,बड़ी मुश्किल से मुझे इतना प्यार करने वाला ये
परिवार मिला है मैं किसी भी कीमत पर अपने परिवार को हर्ट नही होने दे सकता,,
प्लज़्ज़्ज़ डॅड मान जाइए मेरी बात,,,,,
मेरी बात सुनके डॅड चुप हो गये,,,,लेकिन वो थोड़े परेशान भी थे,.,,,,लेकिन बेटा अगर
तुझे कुछ हो गया तो,,,,तू जानता है कि वो लोग बहुत ख़तरनाक है,,,जब उन लोगो ने 2-2
पोलीस वालो को मार दिया तो हम क्या चीज़ है,,,तुम क्या चीज़ हो उन लोगो के सामने,,,
डॅड मैं अपनी हिफ़ाज़त कर सकता हूँ और आप लोगो की भी,,,,लेकिन फिर भी मैं कोई ज़्यादा
जोखम नही लेना चाहता ,,,इसलिए प्ल्ज़्ज़ आप लोग गंगा नगर चले जाए,,,,जहाँ ख़ान भाई
का घर है,,,आप लोगो को कुछ दिन वहीं रहना होगा जब तक मैं सब कुछ ठीक नही
कर देता
सब लोग मेरी बात मान गये लेकिन तभी सोनिया बोल पड़ी,,,,,मुझे नही जाना कहीं,,,2-3 दिन
मे कॉलेज शुरू होने वाला है,,,,मुझे नही जाना इतनी दूर,,,मैं कविता के साथ रह
लूँगी,,,
लेकिन बेटी तुम समझ क्यूँ नही रही सन्नी क्या कह रहा है,,,यहाँ रहना ख़तरे से खाली
नही,,,तुम भी चलो हम लोगो के साथ प्ल्ज़्ज़ ज़िद्द नही करो,,,,,
नही माँ मुझे नही जाना,,,,आप लोग जाओ,,,मैं अपनी रक्षा कर सकती हूँ,,,
माँ सोनिया को बहुत समझा रही थी लेकिन वो जाने को तैयार ही नही हो रही थी,,,,
माँ आप लोग जाओ,,मैं सोनिया को संभाल लूँगा,,,आज से ये मेरी ज़िम्मेदारी है,,,मैने
इतनी बात बोली तो माँ और डॅड मेरी बात समझ गये,,,,
तभी मैने उन लोगो को ख़ान भाई के साथ जाने को बोला और वो लोग चले गये ख़ान भाई के
साथ लेकिन सोनिया नही गयी,,,,वो कविता के साथ जाना चाहती थी,,,,,
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