RE: Chudai Story लौड़ा साला गरम गच्क्का
सिर्फ दो मिनिट ही शास्त्री से बेल की तरह चिपके रहने के बाद ही तनु की मानसिकता बदलने लगी !
उसने शास्त्री को धक्का देकर अपने से अलग किया और जल्दी जल्दी अपने कपडे
पहनने लगी !
शास्त्री चारपाई पर लेटा अभी भी किसी भेंसे की तरह हांफ रहा था !
उसका मोटा लौड़ा अब किसी मरे हुए मोटे चूहे की तरह उसके विशाल आंदों पर पड़ा था
और अभी भी हल्का हल्का पानी छोड़ रहा था !
तनु ने वितरसना से शास्त्री को उसके मूत्र और उसके वीर्य से भरे बिस्तर को देखा और झोंपड़े का
दरवाज़ा खोल कर तनु बाहर निकल गई !
शास्त्री किसी कुत्ते की तरह हांफता बिस्तर पर पड़ा रहा !
उसमे जेसे शक्ति ही नहीं रही थी !
वो बेजान सा तनु को जाते हुए देखता रहा !
अब उसे भी फिलहाल उसकी जरुरत नहीं थी उसके टट्टे पूरी तरह से खाली हो गए थे !
इधर कार के भीतर -
"तुम आये क्यूँ नहीं ?..." तनु ने जलती हुई निगाहों से मन को देखा !
पता नहीं ...गाड़ी का दरवाज़ा केसे लोक हो गया था ...खुला ही नहीं .....आई एम् .सोरी ...आई लव यु तनु ..." मन मिमिया रहा था !
"शटअप और ....यहाँ से चलो ..आज के बाद मुझसे दुबारा ये सब करने के लिए मत कहना ...मेरा मरना ही बाकी रहा था आज तो !
तनु का गुस्सा देख कर मन की कुछ भी बोलने की हिम्मत नहीं हुई !
उसने चुपचाप गाड़ी आगे बढ़ा दी ..!
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