Porn Sex Kahani रंगीली बीवी की मस्तियाँ
12-21-2018, 10:49 PM,
#45
RE: Porn Sex Kahani रंगीली बीवी की मस्तियाँ
उन्होंने मेरे चहरे को उठाया,मेरे गीले बालो से अभी भी पानी की धार बह रही थी ,और मेरे चहरे में अभी भी नमी थी,वो मेरे आंखों में देखने का प्रयास करने लगे लेकिन मैं किसी नई दुल्हन की तरह शर्मा रही थी,उनसे नजर मिलने की हिम्मत मुझमे नही थी ,उनका मुझे यू देखना मुझे बहुत भा रहा है,लेकिन वो मीठा दर्द भी सहन से बाहर हो रहा था,मैं अपने चहरे को यू दूसरी ओर किया जैसे की मैं उन्हें इसे दिखना नही चाहती ,वो नाकाम कोसीसे थी और उनके होठ मेरे गालो में पड़े,
ये शराब का नशा था की मेरे प्यार का या उस हवस का लेकिन जिंदगी की पहली होठो की छुवन ने मुझे झकझोर कर रख दिया था,
उनके होठ मेरे गालो को भिगो रहे थे ,अब मिश्रा जी थोड़े तेज हो गए थे,वो मेरे गालो को चूस रहे थे,चाट रहे थे और मैं शर्म से बेहाल हो रही थी ,लेकिन उस आनंद को शब्दो में नही बंधा जा सकता,मैं जैसे एक जन्नत में थी ,शर्म का पर्दा कह रहा था की मैं उनसे अलग हो जाऊ ,लेकिन मेरे होठो से निकलने वाली हल्की सिसकारियां और मेरे होठो की मुस्कान कुछ और ही कहानी कह रही थी,
मैं उनकी बांहो में मचलने लगी,जैसे की मैं उनकी पकड़ से आजाद होना चाहती हु,लेकिन मिश्रा जी ने मेरे होठो तक अपने होठो को पहुचने का रास्ता खोज ही लिया,उनके होठ मेरे होठो से मील कुछ देर तक मैं उसे हटाने की कोसीसे करती रही लेकिन मेरे होठो में जैसे जैसे मिश्रा जी के लार का गीलापन चढ़ता गया मेरा विरोध कमजोर पड़ता गया,आखिर में हमारे होठ मिले,वो ऐसे मिले जैसे वो इसी के लिए बनाये गए हो,मिश्रा जी जैसे मेरे होठो को खाना चाहते थे और मैं भी इतनी उत्तेजित हो गई थी की मुझे नही पता चल रहा था की मैं क्या कर रही हु ,मेरी आंखे बंद थी और मैं इस खेल के पूरे नशे में थी ,हम कब बिस्तर में जा गिर गए हमे पता ही नही चला,मिश्रा जी मेरे ऊपर थे और मेरे होठो को चूसते हुए मेरे गीले उजोरो से खेल रहे थे और मेरे हाथ उनके बालो में थी मैं उसे अपने ओर जितनी ताकत से हो सके खिंच रही थी ,वो अपने हाथ को मेरे पूरे शरीर में चला रहे थे और उनका प्रिय स्थान मेरे वक्ष थे,वो मेरे टाइट ब्लाउज के अंदर अपने हाथो को घुसने की कोसीसे करने लगे और उन्होंने उसे सरका ही दिया,वो एक खिलाड़ी के तरह हर काम में माहिर थे,उनके हाथ कब मेरे पीठ में जाकर मेरे ब्लाउज़ और ब्रा के बटनों को खोल चुका था मझे पता ही नही चला,और चलता भी कैसे मझे कहा किसी का होशं था मैं तो बस उनके होठो के जरिये ही उनमे समाना चाहती थी,मुझे क्या पता था की उनमे सामने के असली रास्ते को तो मैंने अपनी साड़ी फिर पेटीकोट फिर पेंटी के अंदर छुपा रखा है,ऐसे मेरे योनि से धार की बरसात भी हो रही थी लेकिन फिकर किसे थी ,मैं बस उसी पल में सिमट गयी थी,जो हो रहा था उसी होने दे रही थी और उसका पूरा आनन्द ले रही थी.
मिश्रा जी मेरे बूब्स तक अपनी पहुच सीधे बनाने में कामयाबी हासिल कर ही ली ,वो उसे मसल रहे थे ,और शायद उसे चूसने के लिए मेरे होठो से अपने होठो को अलग करने लगे ,लेकिन मेरा मन अभी नही भरा था मैं उनके सर बार बार खिंच लाती और वो बार बार मेरे निप्पलों को अपने मुह में भरने की कोसीस करते,आखिर जब वो इसमें सफल हुए तो मैं जैसे टूट गई,इतना आनन्द मेरे समझ और बर्दास्त के बाहर था ,मैं टूट गई मेरा शरीर अकड़ाने लगा था और जैसे मेरी योनि से एक तेज धार बही हो ,क्या हुआ था मुझे इसकी समझ नही थी पर जो भी हुआ था उसके बाद मैं पूरी तरह से थक चुकी थी,मैं किसी लाश की तरह गिर गई ,मेरे हाथ फैल गए और मिश्रा जी मेरे निप्पलों को चूसने में ही व्यस्त थे ,वो खिलाड़ी थे उन्हें पता तो चल चुका था की मेरे साथ अभी क्या हुआ है वो फिर से मेरे होठो को अपने होठो में लेकर चूसने लगे ,मेरी आंखों से खुसी के आंसू बह निकले थे,मेरे हाथ उनके सर पर चले गए और इस बार हम बिल्कुल आराम से एक दूसरे के होठो को चूस रहे थे,मैं एक कृतज्ञता के भाव से भर गई थी,जिसे की मिश्रा जी ने मुझे कोई अनमोल तोहफा दे दिया हो मैं उनके बालो को सहलाये जा रही थी,बड़े प्यार से उनके होठो को चूस रही थी ,वो भी बड़े शांत दिख रहे थे,शायद हवस अब प्यार में तबदील हो रहा था,मेरे बोब्स मेरे सीने में लटक रहे थे ,ब्रा को निकाल के फेक दिया गया था,लेकिन ब्लाउज भी उतरा हुआ था लेकिन निकला नही था,वो अभी मेरे कंधे से उतर कर मेरे हाथो के पास था वही थोड़ा सा मेरे उजोरो के नीचे सरक चुका था,वो मेरी साड़ी को हल्के से ऊपर सरकाने लगे,उनके हाथ मेरे जांघो पर चलने लगे ,मेरी आंखे इस बार खुली थी मैं उनके चहरे को एक बार प्यार से देखी और फिर उन्हें अपने ऊपर खिंच लीया मेरी आंखे फिर से बंद थी और मैं उसे बंद ही रखना चाहती थी,
मैं उनके होठो को छोड़ना ही नही चाहती थी,वो अलग होते तो उन्हें फिर से खिंच लेती,सांसे उखड़ रही थी लेकिन दम तो अभी बाकी था,उनके हाथ मेरे जांघो से होते हुए मेरे कूल्हों तक आ गए,मेरी पतली पेंटी से उनके हाथो का अहसास होते ही मेरे मुनिया ने फिर से एक धार छोड़ दी,मैंने इस उत्तेजना को पहले कभी महसूस नही कीया था ,वो गर्म सांसे वो सर्द हाथ ,वो कपकपी और यौवन की अजीब सी आग,जो जलती थी भड़कती थी और फिर एक धार सा योनि से छूट जाता और मैं फिर से निढल बिस्तर में पड़ जाती,लेकिन मिश्रा जी नही थकते थे वो मेरे बदन को रौंद देना चाहते थे और मैं भी उनके नीचे पीस जाना चाहती थी,मेरी साड़ी मेरे जांघो से ऊपर मेरे कमर पर थी ,मेरे वो गुप्त अंग जिसको मैंने सालो से छिपा रखा था वो बस एक पतले से पेंटी के अंदर कैद थे,उनके हाथ मेरे नितम्भो को मसलने में कोई भी कमी नही कर रहे थे,अब उन्होंने मेरी टांगे फैलाई जिन्हें मैंने सिकोड़े रखा था,मैं तो उनकी गुलाम बन गई थी,वो मेरी दो जांघो के बीच की एक छोटी सी सुराख को खोजने अपने हाथो की उंगलियों को वहां ले गए ,मेरे झरने दो बार बह चुके थे और इस एक छुवन से ही मेरी अंगड़ाई निकल गई ,वो फिर से रस बरसाने की तैयारी में थे,लेकिन वो झरे नही ,वो बह रहे थे,और मैं मचल रही थी,अपने उस पहले अहसास में मरी जा रही थी,उनकी उंगलियों ने मेरे सुराख को खोज ही लिया वो उसे छू कर बस सहला ही रहे थे कि …..
दरवाजे में जोरो की दस्तक हुई ,ऐसे जैसे की कोई उसे तोड़ ही देना चाहता है,मिश्रा जी घबरा गए थे वो जल्दी से उठे और अपने कपड़े ठीक करने लगे ,
“कौन है????”
मिश्रा जी की आवाज में एक अजीब सा गुस्सा और नाराजगी थी,
“सर मैं हु जल्दी खोलिए “
ये उनका पर्सनल इन्फॉर्मर था,साथ ही उनका पर्सनल ड्राइवर अरुण कुमार ,
“क्या हो गया “
वो वही से चिल्लाए 
“सर इमरजेंसी है….”
जब अरुण ने कहा तो सच में इमरजेंसी होगी,वो उठकर तेजी से दरवाजे की तरफ बड़े मैं भी जल्दी से उठाकर बाथरूम में घुस गई ,मेरी सांसे अभी भी तेज थी मैंने उसे सम्हाला और अपने कपड़े ठीक किये ,ब्रा तो फेक दिया गया था और उसे ढूंढने की मैंने जहमत भी नही की मैं साड़ी ठीक कर हल्के से बालो को सवार कर बाहर निकली ,बाहर मिश्रा जी एक सोफे में सर पकड़े बैठे थे,उनकी निगाह मुझपर गई ,अरुण की निगाह मुझपर गई ,मेरी निगाह मिश्रा जी पर थी ,मैं अपने नजरो से ही उन्हें पूछ लिया की क्या हो गया …
“नेहा और जूही का किडनैप हो गया है,उन्हें पता चल गया की वो इस मिशन में इन्वॉल्व थी “
मैं पत्थर की मूर्ति की तरह जम गई थी,
“किसने किया ये “
मैं रोना तो चाहती थी पर मेरे आंखों से आंसू गायब थे ,चहरा जड़वत हो गया था,
“काजल मैंने तुमसे कुछ बाते छुपाई है …………”
वो मेरी नजरो से नजर भी नही मिला पा रहे थे और मेरा दिल जोरो से धड़क रहा था ……
चटाक एक जोरदार थप्पड़ मैंने मिश्रा जी के गालो पर लगाया ,लेकिन वो हिले भी नही,
“आप जानते थे की वो हमे आसानी से ट्रेस कर सकता है और फिर भी अपने हमे शेर के लिए किसी बकरी की तरह इस्तमाल किया ,आप तो बड़ी समाज सेवा की बात करते थे लेकिन आपने हमारा इस्तमाल अपने निजी स्वार्थ के लिए किया,मुझे आपसे ऐसी उम्मीद नही थी मिश्रा जी ,मैं आपसे प्यार करती हु और अपने …”
“काजल मैं भी तुमसे प्यार करता हु ,लेकिन रोबर्टो ने जो मेरे साथ किया वो मैं नही भूल सकता,हा मैंने तुम्हारा इस्तमाल किया लेकिन क्या मैंने कोई भी जबरदस्ती तुम्हारे साथ की तुम लोग खुद ही इस मिशन का हिस्सा बने ,”
“हा हम खुद ही इसका हिस्सा बने थे लेकिन आपको हमें रोबर्टो के बारे में बताना चाहिए था,हमे तो हमेशा लगता था की हमने सभी माफिया को खत्म कर दिया है लेकिन आपने ना सिर्फ हमसे बल्कि पुलिस से भी ये बात छुपा कर रखी की असली माफिया तो रोबर्टो है,”
“मैंने तुमलोगो की सुरक्षा का हमेशा ही ध्यान रखा है काजल,मेरे आदमी मिशन के पूरा होने के बाद भी तुमपर नजर रखे थे,लेकिन ना जाने ये कैसे हो गया,वो तुमलोगो से बदला लेने के लिए बेताब है ,वो ना जाने क्या करेगा,.....तुम इससे दूर रहो अपने घर चले जाओ मैं नेहा और जूही को बचने की पूरी कोसिस करूँगा ,”
मेरे चहरे में एक व्यंग भरी मुस्कान आ गई ,
“अच्छा क्या करेंगे आप ???जानते हो कहा लेकर गए ???”
मिश्रा जी चुप थे 
“मैं ढूंढ लूंगा काजल ,मैं पूरी ताकत लगा दूंगा,तुम आज ही यहां से निकलो “
“मैं कही नही जा रही हु मिश्रा जी ,अपने सिर्फ मुझे धोका नही दिया है बल्कि मेरी दोस्त को भी मुसिबित में डाला है,मैं आपसे जितना प्यार करती हु उससे कही ज्यादा मैं नेहा से प्यार करती हु,मैं उसे ढूंढूंगी …”
वो मुझे आश्चर्य से देखने लगे 
“बात फैला दो की वो 2 नही 3 लडकिया थे और तीसरी अभी भी आपके साथ है,इसी शहर में वो मुझे पकड़ने को सभी कुछ करेंगे और मैं उनके पकड़ में भी आ जाऊंगी ,आप मेरे पीछे उनतक पहुच सकते है “
‘तुम सोच नही सकती काजल की वो इतना खतरनाक है ,अगर तुम उसके हाथ लग गई तो ….ना जाने वो तुम्हारे साथ क्या करेगा ,”
“मुझे इसकी चिंता नही है “
मिश्रा जी ने कुछ देर मुझे देखा और फिर 
“ठीक है ,तुम्हारे शरीर में एक डिवाइस लगा देते है जिससे तुम्हे हम ट्रेक कर सकेंगे “मिश्रा जी इतना कहते हुए वहां से निकल गए ….
मुझे अब भी आश्चर्य हो रहा था की मिश्रा जी ने मुझे रोका क्यो नही ,वो इतनी जल्दी मान जाएंगे मुझे पता नही था,
‘ह्म्म्म उन्हें मुझसे ज्यादा फिक्र उस रोबर्टो को पकड़ने की है ,अपनी बीवी को तो नही बचा पाया अब उसका कारोबार तबाह करेगा ,वो भी हमे बली का बकरा बनके ‘मैंने मन में सोचा और मिश्रा जी के लिए मेरे मन में एक घृणा के भाव आ गए ,मैं सोचती रही सोचती रही मैं कुछ भी डिसाइड नही कर पा रही थी की आखिर करना क्या है…..
मेरे बालो में एक छोटा सा डिवाइस फिट के दिया गया था,मैं सामान्य तौर से ही जीवन जी रही थी,मुझे मेरे आसपास पुलिस वाले दिख जाते जो की सादे कपड़ो में थे ,मुझे मिश्रा पर गुस्सा आ रहा था ,ये पोलिस वाले चहरे से पहचान में आ रहे थे ,कोई भी इन्हें दूर से पहचान सकता था,रोबर्टो इतना बड़ा माफिया इतना चुतिया तो नही होगा की वो कदकाठी और बालो की स्टाइल से इतना पहचान ना सके की ये ट्रेंड लोग है,5 दिन बीत चुके थे और मेरे अंदर एक आग सी फैल रही थी मुझे नेहा से मिलना था पता नही उसका क्या हाल किया गया होगा ,मुझे इस बात की कोई भी फिकर नही थी की पकड़े जाने पर मेरे साथ क्या होगा ,आखिर वो दिन आया मैं हमेशा की तरह ही कॉलेज के लिए निकली दो दिनों से अपने आस पास उन पुलिस वालो को नही पाकर मैं सतर्क रहती थी ,बाकी सभी गायब थे,आखिर ये गए कहा ,तभी एक गाड़ी आकर रुकी और मुझे उसके अंदर खिंच लिया गया,अंदर जाते ही मुझे एक इंजेक्शन लगा दिया गया और मैं बेहोश हो गई ……….
जब मुझे होश आया तो मैंने खुद को एक बड़े से कमरे में पाया ,एक साधारण सा कमरा था,वहां कुछ लोग मुझे खड़े दिखे ,मैं हल्के से अपनी आंखे खोली ,कुछ आवाजे मुझे सुनाई दे रही थी ,किसी के जूतों की आवाज ,
“इसे ड्रग्स दे दिया तुमने “
“जी सर “
“और तलाशी ली “
“जी सर एक जीपीएस डिवाइस इसके बालो में लगा हुआ था ,उस वही फेक दिया हमने “
“साला मिश्रा अपने को बहुत बड़ा तीस मार खान समझता है,इस लड़की के बालो में फंसा कर जीपीएस डिवाइस लगाया था,सोचा होगा की सिक्योरिटी हटा देता हु जैसे ही किडनैप करेंगे तो उसे पता चल ही जाएगा ,हमे चुतिया समझ के रखा है,चलो लड़की को लेकर चलो रोबर्टो सर के पास “
वो लोग मुझे उठाकर ले जाने लगे मैं अब भी अपनी आंखे बन्द ही रखी थी ,हल्के से आंखे खोल कर मैं उस जगह को देखने की कोसीस कर रही थी वो एक जंगल था,सच में वो एक जंगल था,या कोई बगीचे जैसी जगह ,कोई फार्म हाउस होगा कहा लेकर आ गए थे ये लोग मुझे ,उन्होंने मुझे उस रूम से निकल कर एक बंगले जैसे जगह में ले जा रहे थे ,वहां अच्छी सजावट थी जमीन पर कालीन बिछे थे ,और शायद कुछ लोग भी थे लेकिन आवाज नही कर रहे थे,
“काजल “
मुझे पहली आवाज सुनाई दी ,इस आवाज को मैं अच्छे से पहचानती थी इसी के कारण तो मैं यहां आयी थी ,वो नेहा की आवाज थी ,
मैं उसे सुनकर भी अपनी आंखे नही खोली मुझे दो लोगो ने पकड़ रखा था,उनमे से एक बड़ा कमीना सा था ,थोड़ी ही दूरी लाने तक ना जाने कितने बार वो मेरे बड़े बड़े बूब्स से खेल चुका था ,कभी उसे दबाता तो कभी सहलाता,लेकिन मैं तो बेहोश थी ना…..
“इस पर पानी डालो और उठाओ इसे “
एक विदेशी आवाज मेरे कानो में पड़ी,और मेरे मुह में दो चार ग्लास पानी के पड़े मैंने जगाने की एक्टिंग की और चारो तरफ देखा मुझे जूही और नेहा दिखाई दिए वो बिल्कुल ठीक ही दिख रही थी बस उनकी आंखे लाल सी थी ,थोड़ी बन्द सी जैसे बहुत नशे में बैठी हो ,शायद ड्रग्स का कमाल था,कुछ लोग और वहां खड़े थे जो बॉडीगार्ड टाइप लग रहे थे,नेहा और जूही रोबर्टो के आजु बाजू में एक सोफे पर बैठे थे जैसे की वो उनकी दसिया हो ,इतने दिनों के मन के ऊहापोह में मैंने एक बात निश्चित कर ली थी वो था मिश्रा से बदला लेना.और नेहा और जूही को बचाना और इस माफिया की मा बहन एक करना,
इन सब काम को करने के लिए मुझे अपने मन को पहले से तैयार रखना था,और मैं इतने दिनों से यही कर रही थी ,मेरी नजर जैसे ही रोबर्टो पर पड़ी मैं घबराने की जगह बस मुस्कुरा दी ,जिसे देख कर वहां उपस्थित सभी लोग दंग हो गए ,
“आप ही रोबर्टो हो आपके बारे में बहुत बताया है उस मादरचोद मिश्रा ने मुझे ,कैसी है मेरी जान “
मैं नेहा की तरफ बढ़ी ,नेहा खड़ी हो गई थी ,मैं कुछ ही दूर चल कर ही गिरने को हुई मुझे अब समझ आया की मेरे अंदर कितनी सुस्ती है ,मैं इतनी कैसे थक गई हु ,मेरे जीभ भी बोलते समय थोड़े लड़खड़ा रहे थे….
नेहा खड़ी हो कर मुझे सम्हालती है ,
“तुझे भी इन्होंने ड्रग्स दे दिया ,शैतान कही के इस लड़की की क्या गलती है,जो करना है हमारे साथ करो इसे छोड़ दो ये बहुत मासूम है प्लीज् …”
नेहा के आंसू निकल गए वो रो ही पड़ी ,
“मासूम है????यानी कली फूल नही बनी है ,सर ये तो आपके लिए अच्छा तोहफा है मिश्रा का ,इन रंडियों के तो छेद में कुछ भी डालो सलियो को फर्क नही पड़ता,इसे भेजकर अच्छा किया मिश्रा ने “
एक आदमी ने कहा और बाकी हँसने लगे,
“वो तो है .बहुत सुंदर है ये इसे हम अपनी पर्सनल मिस्ट्रेस बनाएंगे “रोबर्टो की आवाज से नेहा की आंखे और भी पनिया गई ,उसने मुझे जमीन में बिठा दिया और खुद भी मेरे साथ बैठ गई,मुझमे इतनी ताकत तो थी मैं कुछ बोल सकती असल में मेरे शरीर में ये ड्रग्स पहली बार गया था और मुझे कोई सेक्सुअल फीलिंग भी नही थी इसलिए मैं इतनी सुस्त हो गई थी,जो नेहा की समझ में आ रहा था ,
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