RE: Chodan Kahani रिक्शेवाले सब कमीने
नीले चेकदार स्कर्ट और सफेद शर्ट में हाई स्कूल व इंटर की लड़कियाँ निकलने लगीं।
ऐसा लग रहा था जैसे पूरा भेड़ो का झुंड ही भागता चला आ रहा हो।
सारी लड़कियाँ अच्छे घरों की थी इसलिये गोरी, मोटी और चिकनी टांगें देख-देख कर सारे रिक्शावालों का लौड़ा फन्नाने लगा।
सब कि सब एक से एक कन्टास थी। अगर छाँटने को कहा जाय तो जो भी हाथ में आ जाय वही बेहतर।
"साली क्या खाती हैं ये सब........एक दम दूध मलाई की तरह चिकनी..."
"सब ताजा-ताजा जवान हुई मुर्गियाँ हैं......नरम गोस्त है अभी....पकड़ के दबोच लो तो खून फेंक दें......"
"गाँड़ देख सालियों की.....एकदम चर्बी से लद गई है.......जिसके हत्थे चढ़ेगीं छेदे बिना नहीं छोड़ेगा...."
तभी एक मस्त कुँवारी कच्ची लड़की एक के पास आकर बोली-
"भइया, मिश्रा कालोनी चलने का क्या लोगे?"
लड़की के आते ही दोनों की भावभंगिमायें ऐसी हो गई मानों दुनिया के सबसे शरीफ इंसान वही हो।
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