non veg story अंजानी राहें ( एक गहरी प्रेम कहानी )
12-27-2018, 01:52 AM,
#58
RE: non veg story अंजानी राहें ( एक गहरी प्र�...
सब बस चुप-चाप सैली की बात सुन रहे थे. अनु तो इस कहानी मे दूर-दूर तक कहीं था भी नही, लेकिन फिर भी जब वासू और रीति से सैली माफी माँग रही थी, तब उसके मन से यही आवाज़ आई..... "कमीनी किसी को नही बख़्शी, सब के साथ कुछ ना कुछ बुरा की है".


इधर सैली की आखरी लाइन सुन'ने के बाद गौरव फिर उसे खींच कर एक तमाचा मारा.... और सैली को आँखें दिखाते हुए पुच्छने लगा...... 


"तुम बुरी ही बनी रहती पर आत्महत्या करने की क्या ज़रूरत थी, इतनी कमजोर तो नही थी कभी तुम सैली. बदला लेने के लिए हम दोस्तों के बीच साजिश रच दी. टॉप ना कर पाई तो ना जाने क्या-क्या इल्ज़ाम लगा दी रीति पर... अब ऐसा क्या कर दी थी जो अचानक से तुम्हारे हिम्मत ने जबाव दे दिया".


गौरव की बात सुनकर सैली बिल्कुल मौन हो गयी. उसके पास ये शब्द नही थे कहने के लिए कि नशे मे किसी ने उसके साथ संबंध बनाए, और वो भी उसकी रज़ामंदी से. वो ये कह नही पा रही थी कि उसने इतने लोगों का दिल दुखा दिया था, की ज़रूरत जब पड़ी तो खुद को अकेली पाई... उसका पूरा हौसला टूट गया था.


सैली के मन के अंदर चल रहे कस-म-कस को नैन शायद भाँप गया, उसे लग गया हो ना हो नशे मे ज़रूर कुच्छ ग़लत हुआ है...


नैन... मैं बताता हूँ तुम सब को.... "सैली को ड्रग्स की आदत लग गयी है, जिसे वो चाह कर भी छोड़ नही पा रही थी, इसलिए उसने आत्महत्या करने की कोशिस की. अब ज़रा तुम सब बाहर जाओगे तो मैं अफीशियली काम पूरा कर दूं.... अमित इन सब को बाहर लेकर जाओ".


अमित समझ गया कि नैन सर उसे भी बाहर भेज रहे हैं, और इनको अकेले मे बात करनी है कुछ सैली से.... इसलिए सब के साथ वो खुद भी बाहर चला आया.


नैन.... सैली सच सच बताओ क्या हुआ था कल... देखो मुझ से छिपाना बेकार है, क्योंकि मैं जानता हूँ कल नशे की हालत मे ज़रूर कुछ ऐसा हुआ था, जो तुम्हे अंदर से तोड़ दिया.


सैली रोती हुई हां मे सिर हिलाई और तकिये के नीचे अपना सिर छिपा कर रोती हुई कहने लगी..... "मैं किस मुँह से गौरव के पास जाउन्गी.... मैने उन्ही को धोखा दिया जो मेरे अपने थे".


नैन.... क्या तुम जानती हो, डिस्को वाली रात को क्या हुआ था और तुम हॉस्पिटल कैसे पहुँची थी...


नैन की बात सुन कर सैली ने अपना सिर उपर उठा लिया.... उसे अब फिर से उसी बात की संका होने लगी, और उसके आँसू थे कि वो थमने का नाम नही ले रहे थे... सैली सिसकियाँ लेती पुच्छने लगी .... "क्या हुआ था उस रात"


नैन ने उसे डिस्को की रात वाली कहानी भी बता दी. सैली खुद मे काफ़ी गिरी हुई और शर्मिंदगी महसूस कर रही थी... उसने रोती बस इतना पुछि.... "मैने तुम्हारे साथ इतना कुच्छ किया फिर भी तुमने बार-बार मेरी मदद क्यों किए"


नैन.... सैली तुमने मेरे साथ ग़लत की, पर मैं गौरव के लिए खुश था. गौरव के लिए तुम्हारी आँखों मे सच्चा प्यार मैने उस रात ही देखा था जिस रात मैने अपनी झलक तुम्हे होटेल ताज मे दिखाई थी. मुझे देख कर तुम्हारे चेहरे के डर ने बता दिया था, कि तुम गौरव को किसी भी हाल मे खोना नही चाहती.

"खैर अब तो तुम ने उस बात की भी ग़लती मान ली, जिस बात से हम दोनो दोस्त अलग हुए..... पर तुम्हे अभी भी एक बात समझ मे नही आ रही ... जो मैं बार बार कहना चाह रहा हूँ".


सैली.... क्या ?


नैन.... उस घटिया डिस्को मे तुम कैसे पहुँची. एक दिन का नशा मिला था, थोड़ी देर की तलब रहती एक दो दिन तुम्हे, फिर भी किसने तुम्हे नशे का समान मुहैया कराया... और कल जिसके साथ थी वो किसके जगह पर आया था और कौन उसे जानता है.... तुम अब भी गौर नही करना चाहती इन सब बातों पर....


नैन की बातें सुन कर सैली का चेहरा बिल्कुल लाल हो गया. उसे समझ मे आने लगा उसके शर्मिंदगी का कारण कौन है, कौन आस्तीन का साँप है जो उसके साथ खेल-खेल रहा है.... सैली बिल्कुल गुस्से मे........ जितनी ज़िल्लत उसके दिल मे महसूस हो रही थी, अब सब वो इंदु के लिए गुस्सा बन कर फुट रहा था.....

"नेनू वो कहाँ मिलेगी, मैं आज हे उसका खून कर के फाँसी चढ़ जाउन्गी. ये सारा किया धरा उसी कामिनी का है. सही कहा तुमने, उस घटिया डिस्को मे उसी के साथ गयी मैं, उसका वो बूटिक सेंटर, और फिर वहाँ वो कमीना साब. वैसे भी मुझे अब जीने की कोई खास ख्वाइश नही बची, पर मरने से पहले उसे सॉफ कर दूं"


नैन..... शांत हो जाओ. तुम कुच्छ नही कर सकती अभी. पता चला उसे मारने गयी और फिर कोई नया कांड कर आई. वैसे दूसरे तुम से मज़े लो, तो फिर मुझ मे क्या बुराई है....


सैली नैन की बात सुन कर गुस्से से फुफ्कार मारने लगी..... आँखें गुस्से मे बिल्कुल लाल, और पास पड़ा कैंची उठा कर सीधा उसके हाथ मे घुसा दी. ये सब इतना छनिक था कि नैन संभाल नही पाया.


नैन..... मेरा ही खून बहा दो तुम. सुनो सैली तुम्हारे इस गुस्से की वजह से तुमने सब को रुलाया है. तुम्हे इस गुस्से को काबू करना होगा और साथ मे अभी तुम्हारी स्थिति नही कुछ भी करने की. तुम नशे की गुलाम हो गयी हो, पहले अपने नशे से इज़ाद पाओ.


सैली, नैन के इशारों को समझ गयी, लेकिन उसका यही कहना था ... "मुझे तबतक चैन नही मिलेगा जबतक मैं बदला ना ले लूँ"


नैन ने अमित को बुला कर रिपोर्ट फाइल दे दिया.... रिपोर्ट फाइल देख कर अमित मुस्कुराने लगा....


नैन.... क्या देख रहे हो अमित


अमित.... कुछ नही सर, पहली बार आप को किसी का फेवर करते देख रहा हूँ..


नैन.... अमित हम ईमानदारी से लोगों की सेवा करते है, तो थोड़े अपने फ्रेंड्स & फॅमिली के लिए पक्ष-पात कर ही लिया तो क्या बुरा किया. क्राइम नही की थी इसलिए इसे कन्सिडर किया जा सकता है.


अमित के जाने के बाद डिसचार्ज की सारी फॉरमॅलिटीस पूरी हुई. सब लोग वहीं से सीधा नैन के फ्लॅट पहुँचे. सब बस सैली से बात करने मे लगे थे, और नैन को अपने पुराने दिनो की याद आ गयी.


सारी घटनाओ मे सैली ने सब कुछ कर के तो माफी माँग लिया, पर नैन पर लगाए इल्ज़ाम की घटना से लेकर अब तक के बीच का जो दर्द मिला था उसे उसका क्या. सैली तो फिर गैर थी लेकिन गौरव, वो तो दोस्त था.... दोनो एक साथ कई साल गुज़रे थे.....


महॉल गुम-गीन था... नैन किचन मे गया, फ्रिड्ज से एक वाइन की बोतल निकाली और जल्दी-जल्दी दो पॅक मार लिया. बैठा बस पुराने दिनो को याद कर रहा था...


"क्या मैं अंदर आ सकता हूँ".... गौरव ने बड़े धीमी और संकोच भारी आवाज़ मे पुछा. नैन ने हाथ के इशारों से उसे बुलाया.... गौरव भी उसके पास बस चुप-चाप बैठ गया.


नैन.... कैसे हो गौरव


गौरव..... ठीक ही हूँ.. तू कैसा है


नैन..... बिल्कुल मस्त, बिंदास जी रहा हूँ...


फिर से खामोसी, एक और पॅक नैन ने बनाया, गौरव भी पास पड़ा एक ग्लास उठा लिया और नैन के आगे बढ़ा दिया.... नैन ने उसमे एक पॅक डाल दिया.... दोनो एक सांस मे पीकर ग्लास नीचे रख दिए.


गौरव बगल मूड कर नैन के गले लगते..... "माफ़ कर दे यार लड़की की बातों ने अकल पर परदा डाल दिया था.... मैं समझ नही पाया क्या सच है और क्या झूट"


नैन..... जानते हो क्रेज़ी बॉय सबसे ज़्यादा दर्द क्या देता है, जिसपर सबसे ज़्यादा भरोसा हो वही सबसे पहले भरोसा तोड़ दे. किसी की बातें उतनी बुरी नही लगती जितनी अपनो की लगती है. इसलिए अब मेरे परिवार के अलावा कोई मेरा अपना नही. सारा जहाँ मेरा दोस्त है, और अब किसी की बातें चुभती नही.


गौरव...... सॉरी यार अब ग़लती तो इंसान से ही हो जाती है ना...


नैन चिल्लाते हुए..... भाई माना था तुझे मैने, दर्द नही होता दोस्त, किसी की बात का दर्द नही होता. ग़लती हो गयी थी मुझ से जो मैने तुझे भाई माना... यदि ना माना होता तो चुभती नही बात. मेरे करेक्टर को उछाला गया था.... रही बात माफी की तो मेरे दिल मे बीती बातों के लिए कोई जगह नही.


नैन के चिल्लाते ही सारे लोग किचन मे जमा हो गये... हॉस्पिटल की बातों से सैली को लगा था नैन के दिल मे बीती बातों के लिए कोई गम नही, लेकिन यहाँ जब उसकी बातें सुनी तो उसे अहसास हुआ कि उस दिन की की हुई बातें नैन को आज तक चुभ रही है.


अनु..... जब से देल्ही वापस आया हूँ मैं तो दर्शक हो गया हूँ... सब आपस की गिले सीकवे कहे पड़े हो, मुझे भी कोई समझा दो क्या हो रहा है, थोड़ा मैं भी सिचुयेशन एंजाय कर लूँ..


अनु की बातें सुन कर वासू उसे आँखे दिखाती शांत होने के लिए कही... रीति की नज़र जब वाइन और ग्लास पर गयी तो गुस्से मे कहने लगी....


"आप ये सब क्या पी रहे हैं. होश मे तो बारे प्यार से बात कर रहे थे इन लोगों से, और दो पॅक पीते ही अंदर का जानवर बाहर आ गया"


गौरव...... भाभी दो पॅक नही चार पॅक पिया नेनू ने....


वासू..... हूऊ रीति चार पॅक पिया नेनू ने, वैसे गौरव कितना अच्छा है देख तुझे भाभी बुला रहा है.


रीति.... थॅंक यू देवर जी. इस नेनू की तो खबर मैं लेती हूँ. क्यों मिस्टर. ये सब क्या है और पी कर क्या नौटंकी कर रहे हो. बेचारे देवर जी कितना रो रहे हैं... उनके आँसू नही दिख रहे. एक तो सैली ने रुलाने मे इसे कोई कसर नही छोड़ी, उपर से आप भी...


नेनू मुँह लटकाता हुआ.... सॉरी, वो बीती बातें याद आ गयी तो मैं थोड़ा सा पी लिया.... पर मैं भी क्या करूँ ... इन दोनो की वजह से मुझे वो जगह छोड़नी पड़ी थी... इतनी आसानी से भुला दूं बात.


गौरव..... तो क्या बदला लेगा अब हम सब से...


नेनू.... जा भूल गया मैं सारी बात. पर तुझे उसके बदले मे तुम दोनो को एक काम करना होगा.


सैली और गौरव दोनो एक साथ पुच्छे .... "क्या"


नैन.... सैली को नशा मुक्ति केंद्र रोज ले जाना और वापस लाना तुम्हारा काम होगा... खैर ये तो तुम कर ही लेते. लेकिन उस से भी मुश्किल होगा इसे नशे की चीज़ों से दूर रखना.... चाहे कितना भी रोए गिडगिडाये तुम इसकी एक नही सुनोगे...


गौरव.... ह्म ! मैं वादा करता हूँ ऐसा ही होगा...


नैन..... और तुम सैली... यदि तुम्हे अपने साथ हुए हर बात का बदला लेना है तो तुम्हे पक्के इरादे के साथ पहले नशा छोड़ना होगा.... जिस दिन मुझे यकीन हो गया तुम नशा छोड़ चुकी हो मेरा वादा है मैं तुम्हे उस से बदला लेने का पूरा मौका दूँगा.... तबतक दोनो साथ रहो और गौरव तुम्हे मदद करेगा नशा से मुक्ति दिलाने मे.


अनु.... नशा से मुक्ति दिलाने के लिए दोनो साथ रहेंगे.... ये सज़ा है या मज़ा है... नेनू भैया की जय हो.
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