RE: Raj sharma stories चूतो का मेला
अगले दिन जब मैं उठा तो पिताजी थे नहीं शायद घर चले गए थे, मैं भी पढाई के लिए निकल गया दोपहर हो गयी आज लगातार कक्षा लग रही थी , तो समय कैसे गुजर गया पता नहीं चला , आज मैं खाने का डिब्बा भी नहीं लाया था तो भूख लग रही थी मैंने सोचा की दो समोसे ही खा लू तो मैं जा ही रहा था की मुझे मंजू मिल गयी
वो- कहा जा रहे हो भागते हुए
मैं- बाहर रेहड़ी पे समोसा खाने
वो- मैं टिफ़िन लायी हूँ आजा मेरे साथ खा ले
मैं- ना, तू खाले मैं समोसा खा लूँगा
वो- इतने नखरे क्यों करता है तू, चल आजा आज राजमा चावल है मेरे डिब्बे में
राजमा चावल सुनते ही मैं खुश हो गया जल्दी ही एक खाली क्लासरूम में हम दोनों लंच कर रहे थे
मंजू- मेरी प्रैक्टिकल बना देगा तू
मैं- खुद बना ले न
वो- मुझे ड्राइंग इतनी अच्छी नहीं आती तो फिर नंबर कम मिलेंगे तू बना दे
मैं- ठीक है दे देना बना दूंगा
वो- कुछ उखड़ा सा लग रहा है
मैं- नहीं तो ऐसी कोई बात नहीं है
वो- मैं समझ सकती हूँ , कुछ तो चल रहा है तेरे मन में आजकल पहले की तरह खुश लगता नहीं तू
मैं- तू चूत जो नहीं देती इसलिए
वो- पहले कौन सा तू मेरे पीछे ही जी रहा था
मैं- तो फिर तुझे क्या पड़ी मेरी
वो- दोस्त ना है क्या तू मेरा
मैं- दोस्त हूँ तो चूत देती क्यों नहीं
वो- जब भी मौका मिलता है तो देती हूँ ना
मैं- आज देगी क्या
वो- जगह
मैं- छुट्टी के बाद ऊपर वाले बाथरूम में
मंजू- न तूने मुझे समझ क्या रखा है , मतलब मेरी तो कोई इज्जत है ही नहीं जहा देखो नाडा खोल दू , दोस्त ही समझ मुझे, रंडी मत बना
मैं- नाराज़ मत हो यार
वो- तू बात ही ऐसी करता है हर टाइम
मैं- चल मेरा हो गया , आज काफ़ी काम है अब घर पे ही मिलूँगा
मंजू- रुक तो सही दो मिनट
मैं- अब क्या हुआ
मंजू ने अपना बैग खोला और उसमे से नोटों की गड्डी निकालते हुए बोली- ले तुझे जरुरत थी ना
मैं- मेरा काम हो गया
वो- अब नखरे मत कर रख ले चुपचाप, तेरे लिए बाप की तिजोरी में हाथ साफ़ किया और तू एक्टिंग झाड रहा है चल रख ले चुपचाप से
क्या लड़की थी ये भी फिर मैं और वो अपनी अपनी क्लास के लिए निकल लिए पढाई के बोझ को आज से पहले मैंने कभी इतना नहीं समझा था ,ऊपर से आज मुझे बाथरूम और टीचर रूम की सफाई भी करनी थी तो मैंने सोचा की टीचर रूम को रहने देता हूँ बाथरूम साफ करके सीधा घर चलता हूँ ज्यादातर विद्यार्थी घर जा चुके थे, कुछ बचे खुचे लाइब्रेरी में पड़े थे कुछ कंप्यूटर लैब में , मैं जा ही रहा था की शान्ति मैडम से मुलाकात हो गयी
मैडम- तू तो मुझे भूल ही गया है
मैं- मैडम जी आजकल थोडा बिजी हूँ
वो- तो मैं तुझे रिलैक्स कर देती हूँ चल मेरे घर चलते है
मैं- वो बाथरूम की सफाई करनी है वर्ना सो का पत्ता कट हो जायेगा
मैडम- मुझसे ले लेना मैडम ने अपनी कातिल निगाहों से मुझे देखा तो मेरा भी मूड बन गया तो मैं और मैडम उनके घर आ गए दरवाजा बंद करते ही मैडम मुझसे लिपटने लगी तो मैंने भी उनको अपनी बाहों में भर लिया और उनकी गांड को सहलाने लगा
मैडम- क्यों, रे आजकल मेरी तरफ देखता भी नहीं
मैं- आप तो चाचा का लंड ले रही होंगी, और भी है कॉन्टेक्ट्स आपके
मैडम- पर तुझसे चुदने में ज्यादा मजा आता है
मैं उनकी गांड को मसलते हुए- तो ठीक है आज करते है मजा
मैडम मेरी बाहों से निकलते हुए- तुम बस दस मिनट बैठो मैं अभी नहा कर आती हूँ, फिर ....... मैडम ने मुझे आँख मारी और बाथरूम की तरफ बढ़ गयी मैं अपने लंड को सहलाते हुए सोफे पर बैठ गया और मैडम के आने का इंतज़ार करने लगा , पर इंतज़ार कौन करे मेरे मन में ख्याल आया की क्यों ना नहाते हुए ही मैडम को चोदा जाए तो मैंने अपने कपडे उतारे और नंगा चल दिया बाथरूम की तरफ , दरवाजे को हाथ लगा कर देखा तो वो बंद नहीं था हल्का सा ढुलका ते ही खुल गया और जो नजारा सामने मैंने देखा बस पानी में ही आग लग गयी लंड बुरी तरफ से फुफकारने लगा मेरा
शोवर के नीचे मैडम का नंगा बदन क्या खूब लग रहा था , उनकी पीठ मेरी तरफ थी तो उनकी फूली हुई गांड को देखते ही मेरा मन मचल गया मैं जल्दी से जाके उनसे लिपट लिया और मैडम के चूचो को दबाने लगा, मेरा लंड उनके मोटे चुतड पर रगड़ खाने लगा
मैडम- इंतज़ार नह्ही हुआ
मैं- अब आप जैसा माल साथ हो तो कौन इंतज़ार करेगा
मैडम अपने चुचे भिचवाते वाते हुए, ओह्ह्ह आराम से आराम से
मैं- अब आराम कैसा मैडम जी
मैं मैडम की छातियो को भींच रहा था मैडम ने मेरे लंड को अपनी जांघो में दबा लिया था पानी में भी मैं उनके गरम जिस्म की गर्मी को महसूस कर पा रहा था , अब मैं अपने हाथ को मैडम की चूत की तरफ ले गया और बिना बालो की चूत को सहलाने लगा मैडम की चूत किसी छुहारे जैसी थी मैडम की टाँगे अपने आप खुलती चली गयी और वो बेकाबू होने लगी मैंने अपनी दो उंगलिया मैडम की चूत में घुसेड दी और उनको अन्दर बहार करने लगा
मैडम ने अपने चेहरे को मेरी तरफ किया और मेरे होंठो से खुद के होंठो को जोड लिया मैडम की चूत से पुच पुच की आवाज आने लगी मैं उनको किस करते हुए तेजी से चूत में ऊँगली करने लगा इधर मेरा लंड उनकी गांड को फाड़ने को बेताब हो रहा था तो मैडम ने उसे अपनी मुट्ठी में भर लिया और अपने हाथ को उपर नीचे करने लगी मस्ती सी भर उठी थी उस बाथरूम में
मैंने अपनी उंगलिया चूत से बाहर निकाली और मैडम के मुह में दे दी मैडम उन उंगलियों को चाटने लगी मेरे बदन में इस हरकत ने उत्तेजना की हर हद को पार कर दिया मैंने मैडम को गोदी में उठाया और गीली को ही बेडरूम में ले आया
मैडम- अरे, पानी तो पोंछने दे
मैं – अब तो पानी निकालने का टाइम आया मैडम जी
और मैडम को बिस्तर पर पटक दिया और अपने चेहरे को मैडम की चूत पर रख दिया उफ्फ्फ्फ़ क्या मस्त गीली गीली सी महक आ रही थी उनकी चूत से दिल खुश हो गया मैं अपने दांतों से मैडम की चूत के दाने को काटने लगा तो मैडम बिस्तर पर अपनी टाँगे पटकने लगी तो मैंने मजबूती से उनकी जांघो को थाम लिया और रस से भरी उस कटोरी को चाटने लगा मैडम की सिस्कारिया बढ़ने लगी बिस्तर पर वो जल बिन मछली की तरह तड़पने लगी ऊपर से काम्ग्नी में जलता बदन
ओह्ह्ह्ह अप्नीईईई जीभ अन्दर घुसा दो , आःह्ह आः , शाबाश ऐसे ही चूसो आआआआआआअह आः काटो मत मैडम की चुतड ऊपर को उठने लगे थे मेरी जीभ जितना मैं ले जा सकता था उनकी चूत की अन्दर के हिस्से पर रगड़ खा रही थी चूत का खट्टा पानी मेरे पुरे चेहरे पर लगा हुआ था ......
मैडम मेरे सर को अपनी टांगो में जकड़े हुए अपने मस्त बोबो को मसलते हुए चूत चुसाईं का पूरा लुत्फ़ ले रही थी
“ओह , ओह बेटे अब रहा नहीं जाता अब बस जल्दी से अपने औजार को अन्दर डाल और शांत कर मुझे ”
मैंने मैडम की चूत पर अपने लंड के अगले हिस्से को घिसना चालू किया तो वो बेताब होने लगा उस छेद में घुसने के लिए मैडम की रस से भरी गीली चूत की चिपचिपाहट में लिपटते हुए मेरा सुपाडा मैडम की चूत की दीवारों को चूमते हुए अन्दर को सरकने लगा , मैं सरकते हुए मैडम के ऊपर छाने लगा जल्दी ही मैडम की कातिल गोलईया मेरे सीने के नीचे दबी हुई थी मेरा पूरा लंड उनकी चूत में धंस चूका था ,मैंने मैडम के गोरे गोरे गालो को खाना शुरू किया तो मैडम सिसकने लगी
मेरी जांघे उनकी जांघो से रगड़ खाने लगी मैडम धीरे से बोली- अब करो ना
तो मैं भी शुरू हो गया लंड को खीचता फिर अन्दर डालता फिर खेचता फिर डालता मेरे हर धक्के पर उनकी छातिया बुरी तरह से हिल रही थी, चूत को एक बार जो लंड का स्वाद मिला तो फिर बात बनती चली गयी
उफ्फ्फ मैडम आज कुछ ज्यादा ही उछल रही थी मैडम की दोनों टाँगे विपरीत दिशाओ में फैली हुई थी और मैं अपने लंड को पूरा जोर लगा ते हुए उनकी चूत मार रहा था मैडम ने अपनी टांगो को मेरी कमर पर लपेट लिया और अपने चेहरे को ऊपर करके मुझे किस करने लगी , उनकी चमकती आँखों में जो प्यास थी उसे बस एक जवान मर्द ही समझ सकता था बेड का गद्दा बुरी तरह से हिल रहा था
“ओह,यस यस वैरी गुड ” मैडम बडबडा रही थी चुदते चुदते ही मैडम ने पास में पड़े तकिये को अपने कुलहो के नीचे ले लिया जिस से उनके चुतड और ऊपर को उठ गए और चुदाई में ज्यादा मजा आने लगा था मुझे खुद ऐसे लग रहा था की जैसे आज पहली बार चूत मार रहा हूँ, तो अजीब सी फीलिंग आ रही थी पर तभी मैंने मैडम की चूत से अपने लंड को बाहर खीच लिया मैडम सवालिया नजरो से मेरी और देखने लगी चूत के पानी से सना हुआ मेरा लंड हवा में झूलने लगा ,
मैडम उठी और झट से मेरे लौड़े को अपने मुह में भर लिया और अपनी चूत के पानी को चखने लगी उफ्फ्फ शांति मैडम तो आज कामुकता की हर हद को तोड़ देने वाली थी मैडम झुक कर मेरे लंड को पी रही थी तो मैंने उनके चूतडो पर हाथ फिरना शुरू किया , मैडम अब थी भी जबर माल मैं अपनी ऊँगली से उनकी गांड के छेद को सहलाने लगा तो वो अपने चूतडो को खोलने बंद करने लगी, मैडम मेरी लौलिपोप को अपने होंठो में दबा दबा के चूस रही थी ऐसे लग रहा था की जैसे सारे रस को आज ही निचोड़ डालेगी
मैं अपनी ऊँगली उनकी गांड में घुसाने की कोशिस करने लगा पर मैडम चालाक़ थी वो अपने गांड को सिकोड़ लेती थी तो मैं कर नहीं पा रहा था , इधर मुझे लगने लगा था की कही मैडम के मुह में ना झड जाऊ तो मैंने उन्हें अपने लंड के ऊपर से हटा दिया और मैडम को बिस्तर पर घोड़ी बना दिया , मैडम की फूली हुई गांड मेरी आँखों के सामने थी , मैंने चूत पर थोडा सा थूक लगाया और अपने लंड को फिर से मैडम की अँधेरी गुफा की गहराइयों में उतार दिया , मैडम ने अपने चुतड पीछे को सरका लिए और हिला हिला कर चुदने लगी मैडम के गदराये चूतडो पर चपत लगाते हुए उनकी चुदाई जारी थी
उफ्फ्फ ये शांति मैडम भी ना कितनी गरम औरत थी उनकी चूत से झरता काम रस जांघो तक को भिगोने लगा था मैंने उनके दोनों बोबो को पकड़ लिया था पपीते से उनके बोबे मेरी मुट्ठी में मचल रहे थे मैडम ने अब अपने सर को ऊँचा कर लिया जिस से चुतड नीचे को हो गए और चूत थोडा सा कस सी गयी लंड पर तो चोदने में और भी ज्यादा मजा आने लगा था पुच पुच पुच पुच की आवाज चूत में से आ रही थी , तभी मैडम बोली-:”लिटा के कर मेरा होने ही वाला है ”
तो मैं मैडम के ऊपर आ गया हमारे होंठ फिर से एक दुसरे से मिल गए थे मैडम ने अपनी बाहे मेरी पीठ पर कस दी और आँखे मूँद ली , मैं तेज तेज धक्के लगाने लगा जितना हो सके मैडम में सामने की कोशिश करने लगा और फिर मस्ती इतनी चढ़ी की पूरा बदन कांपने सा लगा और मेरे लंड से रस निकल कर मैडम की योनी में गिरने लगा मैं और मैडम एक दुसरे के सुख को प्राप्त हो गए थे , चूत मारके बहुत आराम मिला मुझे झड़ने के बाद भी काफ़ी देर तक मैं मैडम के ऊपर ही लेटा रहा
मैडम- अब उठ भी जाओ ऊपर से
मैं साइड में लेट गया मेरा लंड अभी भी खड़ा था तो मैडम बोली- ये अब क्यों खड़ा है
मैं उनकी जांघ को सहलाते हुए आपकी गांड में जाने का मन है इसका
मैडम- तो डाल दो, तुम्हे क्या किसी ने रोका है
मैं- तो हो जाओ तैयार
मैडम- एक मिनट रुको मैं अभी आई
मैडम अपनी गांड को मटकाते हुए रसोई की तरफ चली गयी मेरा लंड चूत के पानी से सना हुआ था तो मैंने उसको चादर से साफ़ किया थोड़ी देर में मैडम आ गयी एक कटोरी लेके
मैं- क्या है इसमें
वो- शहद है , इसे लगा के मेरी गांड मारना
उफ्फ्फ बुढ़ापे में मैडम जी के नखरे
मैंने मैडम को चौपाया बन ने को कहा पर वो बोली की ना गांड मरवाने का असली मजा तो लेट कर है तुम मेरी पीठ पर चढ़ कर अपने लंड को पेलो,
मैडम बिस्तर पर औंधी लेट गयी मैं कटोरी के सहद को मैडम की गांड के छेद पर मलने लगा शौक भी अजीब चीज होते है मैडम की गांड में मैंने अपनी शहद से भीगी ऊँगली को सरकाया तो मैडम अपने चूतडो को टाइट करने लगी तो मैं चूतडो पर थप्पड़ मारने लगा , मैडम की गोरी गांड पल भर में ही लाल हो गयी
मैडम- इसको अन्दर तक शहद से अच्छे से भर दो फिर देखना कितना मजा आयेगा तुम्हे मेरी गांड लेने में
मैं- हां
मैं अपनी ऊँगली को शान्ति की गांड में अन्दर बाहर करने लगा तो मैडम को भी मस्ती चढ़ने लगी , तभी मेरी नजर घडी पर पड़ी तो पाया की शाम के साढ़े पांच हो रहे थे, गाँव पहूँच ने में लेट हो जाना था पर अब गांड तो मारनी थी ही तो बिना देर किये मैंने अपने लंड को मैडम के भूरे भूरे छेद पर रगड़ना चालू किया मैडम ने अपने हाथो से अपनी गांड को फैला लिया और मुझे अन्दर डालने को बोली तो मैंने भी वक़्त की नजाकत को समझते हुए कार्यवाही शुरू कर दी , थोडा सा लंड अन्दर को जाते ही मैडम की गांड का छेद चौड़ा होने लगा तो मैडम को दर्द होने लगा मैं अहिस्ता आहिस्ता से लंड को सरकने लगा तो मैडम बोली- घुसा दे अन्दर एक झटके में इस दर्द का भी अपना मजा है , फाड़ दे मेरी गांड को मैडम के मुह से ऐसी बाते सुनके मुझे भी जोश आ गया
और मैंने एक तेज झटका मारा और मेरा लंड उनकी गांड की चूले हिलाते हुए आधे से ज्यदा अन्दर को घुस गया मैडम जैसे चीख ही पड़ी पर क्या फरक पड़ना था हमारे सिवा कोई था भी तो नही वहा पर
मैडम- आह रे , जड़ तक डाल दे, इस निगोड़ी गांड ने बहुत परेशान किया है मुझे आज फाड़ दे इसको
मेरे अगले धक्के के साथ मेरा पूरा लंड मैडम की टाइट गांड में जा चूका था मेरे अंडकोष उनके चूतडो को छू रहे थे मैडम मेरे बोझ के तले दबी थी , मैडम गया पूरा
मैं- हां
मैडम- तो अब कोई रहम मत करना
मैं- बिलकुल नहीं करूँगा
मैंने लंड को बाहर की और खीचा और फिर से गांड में डाल दिया मैडम के बालो से पसीना बह रहा था पर गांड मरवाने का चाव भी था उनको मैडम की गांड मारते हुए बार बार मेरी निघाहे घडी की तरफ जा रही थी तो अगले कुछ मिनट तक बस मैं तेज तेज धक्के मारता रहा , मैडम की हालात बुरी तरह से पस्त हो गयी थी करीब 15 मिनट तक गांड मारने के बाद मैं वही झड़ गया
मैडम को दो बार चोदने के बाद मैं अपनी खटारा साइकिल को घसीट ते हुए गाँव की तरफ जा रहा था मौसम के ठण्ड सी हो रही थी , आसमान में बादल गरजने से लगे थे सावन शुरू होने का संकेत था , मुझे लगने लगा था की कही बारिश शुरू हो गयी तो भीग ना जाऊ , तो मैं तेजी से पैडल मारने लगा गाँव पहूँचने तक हलकी हलकी बूंदे पड़नी शुरू हो गयी थी अब इतनी गर्मी में ये बारिश सुकून सा लेकर आई थी मैं घर पंहूँचा तो भीग सा गया था मैं ऊपर जा ही रहा था की मैंने देखा की पिताजी और ताऊ जी कुछ बाते कर रहे थे तो मैंने दिवार पे अपने कान लगा दिए और बात सुन ने लगा
और जो बात मैंने सुनी उसे सुनके तो मेरे होश ही उड़ गए, दरअसल गाँव में सरपंची के चुनाव घोषित हो गए थे और इस बार हमारा परिवार चुनाव में उतर रहा था , अब घरवाले भी ना बैठे बिठाये मुसीबत मौल लेना तो कोई इनसे सीखे , मुझे और बात सुन नि थी पर मैं गीला था तो मम्मी ने मुझे कपडे चेंज करने को कहा तो मज़बूरी में ऊपर आना पड़ा चाची मेरे कमरे में ही बैठी थी , मैं उन्हें देखते ही खुश हो गया
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